Sunday, May 10, 2020

विख्यात दार्शनिक प्रो. चॉम्स्की बोले- ट्रम्प हजारों लोगों की मौतों के जिम्मेदार, ऐसा करके वे राष्ट्रपति चुनाव में फायदा उठाना चाहते हैं May 10, 2020 at 07:27PM

जाने माने दार्शनिक प्रो. नोआम चोमस्की ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हजारों अमेरिकियों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कोरोना महामारी का अपनी चुनावी संभावनाओं के लिए इस्तेमाल किया। देश के अमीर कॉर्पोरेट की मदद के लिएसंक्रामक बीमारी की स्वास्थ्य सुविधाओं और शोध के फंडिंग में कटौती की। प्रो. चॉम्स्की ने गार्जियन न्यूज वेबसाइट से इंटरव्यू में यह बातें कही। उन्होंनेकहा कि ट्रम्प औसत अमेरिकियों की पीठ में छुरा भोंक रहे हैं और देश का रक्षक बनने का दिखावा भी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ट्रम्प अपने कार्यकाल में हर साल फंड में कटौतीकरते हैं। अब वे ऐसा कुछ ज्यादा ही कर रहे हैं। उनकी योजना है यह कटौती जारी रखी जाए, जिससे जनता की स्थिति जितना संभव हो दयनीय बनाया जा सके। हालांकि, वे अपने प्राइमरी चुनाव के उम्मीदवारों की संपत्ति, कॉर्पोरेट शक्ति और उनका लाभ बढ़ाना चाहते हैं।

‘राष्ट्रपति ने अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभाई’

प्रो. चॉमस्की ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभाई। उन्होंने राज्यों के गवर्नर को कोरोना से लड़ने की जिम्मेदारी लेने के लिए मजबूर किया। यह उनकी ज्यादा लोगों को मरवाने और अपनी चुनावी राजनीति सुधारने की रणनीति है। ट्रम्प के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की फंडिंग रोकने से यमन और अफ्रीकी महाद्वीप पर मौतें बढ़ेंगी।

कौन हैं प्रो चॉमस्की?

प्रो चॉमस्की एक अमेरिकी दार्शनिक और भाषा विज्ञानी हैं। वे इतिहासकार, सामाजिक समालोचक और राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर भी जाने जाते हैं। प्रो चॉमस्की को आधुनिक भाषा विज्ञान का पिता भी कहा जाता है। इसके साथ ही काग्निटिव साइंस के क्षेत्र में भी काम किया है। प्रो. चॉमस्की 100 से ज्यादा किताबें भी लिख चुके हैं।



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अमेरिका के भाषा विज्ञानी और दार्शनिक नोआम चॉमस्की ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभाई। उन्होंने महामारी का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया।

Iran missile strikes own ship, kills 1 sailor, hurts others May 10, 2020 at 07:07PM

Tesla China sold 3,635 Model 3 vehicles in April, down 64% vs March May 10, 2020 at 06:06PM

लड़ाकू जहाज ने फ्रेंडली फायर में गलती से दूसरे शिप को निशाना बनाया, 20 से ज्यादा नाविकों की मौत May 10, 2020 at 06:19PM

ईरान का लड़ाकू जहाज जमरान ने फ्रेंडली फायर में गलती सेदूसरे नेवी शिप कोनार्क को निशाना बना लिया। जानकारी के मुताबिक,इस घटना में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। कोनार्क पर 30 से 40 क्रू मेंबर्स थे, जो हाल ही में ईरान की नौसेना में शामिल हुए थे।

आईआरजीसी ने इसे मानवीय भूल बताया

न्यूज एजेंसी अनाडोलु के मुताबिक, हादसे में जहाजके कमांडर की भी मौत हो गई।ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने इस घटना को मानवीय भूल माना है। हालांकि ईरानी सेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

सूत्रों के अनुसार, ईरानी नौसेना अगले कुछ घंटों मेंआधिकारिक बयान जारी कर सकती है।स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि युद्धपोत जमरान नए एंटी शिप मिसाइल का परीक्षण कर रहा था, जिसकी चपेट में लॉजिस्टिक शिप कोनार्क आ गया।

घायल नाविकों को अस्पताल ले जाया गया

रिपोर्टों के मुताबिक, आईआरजीसीद्वारा संचालित, जमरान से समय से पहले ही मिसाइल दागी गई थी। उस दौरान कोणार्क लक्ष्य से दूर नहीं गया था। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में घायल नाविकों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा जा रहा है।

जनवरी में भी आईआरजीसी ने गलती से तेहरान के पास यूक्रेन के एक यात्री विमान को मार गिराया था। इस घटना में विमान में सवार सभी 176 लोगों की मौत हो गई थी।



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यह घटना फारस की खाड़ी के पास हुई। कोनार्क शिप पर 30 से 40 नाविक सवार थे।

Mike Pence not in quarantine: Spokesman May 10, 2020 at 05:29PM

Vice President Mike Pence is not in quarantine and plans to be at the White House on Monday, a spokesman said on Sunday, despite media reports that Pence was self-isolating after a staffer tested positive for the novel coronavirus.

US adds 776 coronavirus deaths in 24 hours May 10, 2020 at 04:36PM

The United States recorded 776 coronavirus deaths in the past 24 hours, bringing the total to 79,522, according to the real-time tally by Johns Hopkins University at 8:30 pm Sunday

Global cases top 4 million; Wuhan sees first Covid case in over a month May 10, 2020 at 04:26PM

WHO withheld virus info after China pressure: Report May 10, 2020 at 04:16PM

अब तक 41.80 लाख संक्रमित और 2.83 लाख मौतें: लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने के बाद जर्मनी में मामले बढ़े May 10, 2020 at 04:44PM

दुनिया में संक्रमितों की संख्या 41 लाख 80 हजार 137 हो गई है। 2 लाख 83 हजार 852 की मौत हुई है। इसी दौरान 14 लाख 90 लाख हजार 590 स्वस्थ भी हुए हैं। लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील देने के बाद जर्मनी में संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं। रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के मुताबिक, जर्मनी में संक्रमण का रीप्रोडक्शन रेट फिलहाल 1 से बढ़कर 1.3 हो गई है यानी एक संक्रमित व्यक्ति ज्यादा लोगों को बीमार कर सकता है।

कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश

देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 13,67,638 80,787 2,56,336
स्पेन 2,64,663 26,621 1,76,439
ब्रिटेन 2,19,183 31,855 उपलब्ध नहीं
इटली 2,19,070 30,560 1,05,186
रूस 2,09,688 1,915 34,306
फ्रांस 1,76,970 26,380 56,038
जर्मनी 1,71,879 7,569 1,44,400
ब्राजील 1,62,699 11,123 64,957
तुर्की 1,38,657 3,786 92,691
ईरान 1,07,603 6,640 86,143

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जर्मनी: संक्रमण काआंकड़ाबढ़ा
जर्मनी में लॉकडाउन में ढील देने के महज एक दिन बाद ही संक्रमण के मामले बढ़ते दिखे। लॉकडाउन हटाने की मांग को लेकर शनिवार को हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था। इससे पहले, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने बुधवार को 16 राज्यों के नेताओं से बातचीत करने के बाद लॉकडाउन में छूट की घोषणा की थी। यहां एक लाख 71 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि 7569 की मौत हो चुकी है।

अमेरिका: उपराष्ट्रपति क्वारैंटाइन नहीं होंगे
अमेरिकी उपराष्ट्रपति के कार्यलाय ने रविवार को कहा कि वे 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन नहीं होंगे। शुक्रवार को उनकीप्रवक्ता कोरोना पॉजिटिव मिलीथी। इसके बाद पेंस की भी जांच की गई थी, लेकिन उनका टेस्ट निगेटिव आया। अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। यहां 13 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं, जबकि 80 हजार 787 लोगों की मौत हो चुकी है।

ब्रिटेन: 31 हजार से ज्यादा मौतें
ब्रिटेन में अब तक 31 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। यहां अब तक दो लाख 19 हजार 183 लोग संक्रमित हैं। यह दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा प्रभानित देश है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने लॉकडाउन 1 जून तक बढ़ा दिया है। हालांकि, इस दौरान ज्यादा कड़े नियम नहीं रहेंगे। पीएम ने अब ‘स्टे होम’ की जगह ‘स्टे अलर्ट’ नारा दिया है। उन्होंने कहा कि पब्लिक प्लेस 1 जुलाई से खोले जा सकेंगे।

ब्राजील: 1.6 लाख संक्रमित

ब्राजील में मामले बढ़कर 1 लाख 62 हजार 699 हो गए हैं। मरने वालों का आंकड़ा 11 हजार के पार पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 24 घंटे में 6760 नए मामले सामने आए हैं और 496 लोगों की मौत हुई है।शनिवार को यहां 10 हजार 611 नए मामले सामने आए थे और 730 लोगों की मौत हुई थी। यहां अब तक 61 हजार से ज्यादामरीज ठीक हो चुके हैं। शनिवार को ब्राजील की संसद ने कोरोना से मरने वाले मरीजों की याद में तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी।



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जर्मनी में लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद जिम में एक्सरसाइज करता युवक। यहां अब तक 1.71 लाख से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं।

हे भगवान! ये बच्चा पार्टी फिर झगड़ने लगी; घर-घर की यही कहानी, एक्सपर्ट्स ने कहा- बेहतर रिश्ते गढ़ने का ये सही वक्त है May 10, 2020 at 02:31PM

महीनाें की साेशल डिस्टेंसिंग के बाद परिजन की तरह बच्चे भी हताश-परेशान हाे गए हैं। किसी घर में बच्चे इस बात के लिए लड़ पड़ते हैं कि फलां कुर्सी पर काैन बैठेगा, तो कहीं मनपसंद टीवी सीरियल देखने के लिए झगड़ा होता है। पसंदीदा खाने के लिए ताे युद्ध हाे जाता है। यह घर-घर की कहानी है।

लाॅकडाउन में बच्चाें के ये झगड़े परिजन के सब्र का इम्तेहान हैं, लेकिन ये झगड़ाें का समाधान करने के मौकेभी हाे सकते हैं। सिबलिंग रिलेशनशिप एक्सपर्ट और बाेस्टन की नाॅर्दइस्टर्न यूनिवर्सिटी के एप्लाइड साइकाेलाॅजी की प्राे. लाॅरी क्रैमर बताती हैं, ‘8 साल से छाेटे बच्चाें में मुश्किल, भावनाभरी बातचीत करने का काैशल नहीं हाेता। इसलिए उनका मार्गदर्शन करें। इसके लिए यह सटीक समय है।’

एरिजाेना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्राे. किम्बर्ले अपडेग्राफ कहते हैं, ‘जब दाे भाई झगड़ते हैं या एक-दूसरे काे नुकसान पहुंचाते हैं, ताे हम दखल देकर समाधान पेश कर देते हैं औरउनके तर्क-कुतर्क काे बंद करवा देते हैं, लेकिन इससे उनकी खुद हल ढूंढ़ने के लिए मंथन करने की क्षमता पर असर पड़ता है। वे परिजन पर निर्भर रहने लगते हैं।’ वे कहते हैं, ‘हमारा अंतिम लक्ष्य उन्हें झगड़ाें का खुद समाधान निकालने के लिए प्राेत्साहित करना हाेना चाहिए।’


विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चाें की लड़ाई पारिवारिक कायदाें और नैतिक मूल्य से परिचित करवाने का भी अवसर है। जैसे आप उन्हें बगैर दखल दिए सुनने का महत्व बता सकते हैं। डाॅ. अपडेग्राफ कहते हैं, एक-दूसरे काे नुकसान पहुंचाते समय बच्चे अक्सर हमारा ध्यान खींचते हैं, लेकिन जब वे अच्छे से खेल रहे हाेते हैं ताे हम नजरअंदाज कर देते हैं। बेहतर यह है कि ऐसे व्यवहाराें का आभार प्रकट करें जाे आप अक्सर देखना चाहते हैं। जैसे एक-दूसरे से बांटकर खाना, साथ खेलना आदि।

ये समाधान भी मदद करेंगे

  • पूरे दिन में कुछ पल ऐसे निकाल सकते हैं जब भाई या बहन किसी गतिविधि में एक-दूसरे की मदद करें। इससे वे एक-दूसरे काे देखकर सीख सकते हैं।
  • बच्चाें की भावनाओंके अनुरूप उन्हें नए-नए शब्द सिखा सकते हैं।
  • मध्यस्थता तकनीक भी अपना सकते हैं। आप मध्यस्थ के रूप में पूरी बातचीत काे नियंत्रण में लेते हैं, लेकिन समाधान पर बच्चे खुद ही पहुंचते हैं।


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एप्लाइड साइकाेलाॅजी की प्राे. लाॅरी क्रैमर बताती हैं, ‘8 साल से छाेटे बच्चाें में मुश्किल, भावनाभरी बातचीत करने का काैशल नहीं हाेता। इसलिए उनका मार्गदर्शन करें। (प्रतीकात्मक फोटो)

कोरोना संकट के बीच अमेरिका में मैदान पर खेल की वापसी, ताइवान में बेसबॉल देखने स्टेडियम पहुंचे फैंस  May 10, 2020 at 02:26PM

लंबे समय से कोरोना महामारी झेल रहा खेल जगत अब इससे उबरता हुआ दिख रहा है। जहां कुछ देशों में खेल के इवेंट दोबारा शुरू हो गए हैं, तो वहीं कुछ जगह फैंस भी खेल देखने स्टेडियम में पहुंच रहे हैं। कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में भी खेल की वापसी हो गई है। वहां शनिवार रात अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप (यूएफसी) 249 के मुकाबले हुए।

यह अमेरिका में करीब दो महीने बाद हुआ खेल का पहला इवेंट था। अमेरिका के 31 साल के मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट जस्टिन गेजे चैंपियन बने। शनिवार को 11 फाइट हुईं। सभी में फैंस की एंट्री बैन थी। सिर्फ फाइटर, उनके कोच, यूएफसी से जुड़े कर्मचारी, ब्रॉडकास्ट क्रू और कुछ जर्नलिस्ट थे। अमेरिका में 13 लाख से ज्यादा संक्रमित हैं।

900 फैंस ने स्टेडियम में बैठकर बेसबॉल मैच देखा

ताइवान के रोग नियंत्रण केंद्र ने एक स्टेडियम में 1000 फैंस को मैच देखने की अनुमति दे दी है। न्यू ताइपे सिटी के जिनजुआंग स्टेडियम में करीब 900 फैंस घरेलू टीम फुबोन गार्डियंस और यूनीलाॅयंस का मैच देखने पहुंचे।

ताइवान में फैंस भी स्टेडियम पहुंचने लगे हैं।


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अमेरिका के 31 साल के मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट जस्टिन गेजे चैंपियन बने।

न्यूयॉर्क में रहस्यमय बीमारी से 3 बच्चों की मौत, अमेरिका के 7 राज्यों में ऐसे 100 मामले सामने आए May 10, 2020 at 02:26PM

अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहस्यमय बीमारी से तीन बच्चों की मौत हो गई है। यहां इस बीमारी के 73 मामले आए हैं। 7 राज्यों में अब तक 100 ऐसे मामले आ चुके हैं। इस बीमारी वाले बच्चों की उम्र 2 से 15 साल है। गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि रहस्यमय बीमारी वाले ज्यादातर बच्चों में सांस संबंधी लक्षण नहीं दिखे हैं। जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें भी नहीं दिखाई दिए।

बीमारी का कारण जानने के लिए न्यूयॉर्क जीनोम सेंटर और रॉकफेलर यूनिवर्सिटी मिलकर रिसर्च कर रहे हैं। अब तक माता-पिता, हेल्थ एक्सपर्टयह सोचकर राहत महसूस कर रहे थे कि कोरोना से बच्चों की मौतें ज्यादा नहीं हुई हैं। अब उन्हें ज्यादा सतर्क रहना होगा। जिस समय क्यूमो मीडिया को नई बीमारी से मौतों की जानकारी दे रहे थे, उसी समय न्यूयॉर्क में कोरोना से 10 बच्चों की जान जाने की खबर आई। स्वास्थ्य विभाग जांच कर रहा है कि इन बच्चों की मौत रहस्यमय बीमारी से तो नहीं हुई।

दुनिया: ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड में भी 50 केस
यूरोपीय देशों में ब्रिटेन, फ्रांस, स्विटजरलैंड और इटली में भी इस रहस्यमय बीमारी के करीब 50 मामले आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ की वैज्ञानिक डॉ. मारिया वैन केरखोवे ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों में इस बीमारी के लक्षण बचपन में होने वाली बीमारी कावासाकी के लक्षणों जैसी है। जैसे हाथ-पैर में सूजन, शरीर में धब्बे आदि। ऐसे ही लक्षण अमेरिकी में भी देखे गए हैं।

लक्षण: त्वचा, धमनियों में सूजन, लंबे समय तक बुखार और पेट-सीने में दर्द
डॉक्टरों के मुताबिक इस रहस्यमय बीमारी में त्वचा और धमनियां सूज जाती हैं। आंखों में जलन होती है। शरीर पर धब्बे बनते हैं। त्वचा का रंग बदलने लगता है। लंबे समय तक बुखार, पेट-सीने में गंभीर दर्द होता है। लो ब्लड प्रेशर की परेशानी होती है।

इलाज: स्टेरॉयड, एस्पिरिन की खुराक दे रहे, वेंटिलेटर की भी जरूरत पड़ रही
डॉक्टर फिलहाल मरीजों को स्टेरॉयड, इंट्रावेनस इम्युनोग्लोबुलिन और एस्पिरिन दवाएं दे रहे हैं। एंटीबायोटिक्स भी दी जा रही हैं। कुछ मरीजों को सपोर्टिव ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ रही है। ज्यादा गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रख रहे हैं।

अनुमान: बच्चे इसलिए चपेट में, क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी नहीं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों पर इस रहस्यमय बीमारी का असर इसलिए ज्यादा हो सकता है क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं हुई है। अब डॉक्टर जैनेटिक टेस्ट पर जोर दे रहे हैं। इससे नए खुलासे होंगे।



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तस्वीर न्यूयॉर्क के एक अस्पताल की है। रहस्यमयी बीमारी के खतरे को देखते हुए यहां बच्चों की जांच बढ़ा दी गई है।

B'desh records highest COVID-19 cases in single day; tally rises to 14,657 May 10, 2020 at 01:37AM

Bangladesh has reported 14 more deaths due to coronavirus and registered a record 887 COVID-19 cases in the last 24 hours, bringing the total number of infections to 14,657, officials said on Sunday.

भारत-नेपाल के लोगों ने माउंट एवरेस्ट पर झूठे दावों को लेकर चीन को ट्रोल किया; कहा- यह नेपालियों का गौरव, फेक न्यूज फैलाना बंद करो May 10, 2020 at 12:04AM

चीन की सरकारी मीडिया सीजीटीएन ने माउंट एवरेस्ट को तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का हिस्सा बताया। दरअसल, टीवी चैनल ने अपने आधिकारिक ट्विटर से 2 मई को माउंट एवरेस्ट की कुछ तस्वीरें ट्वीट कीं। साथ ही लिखा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट चोमोलुंगमा पर सूर्य की रोशनी का शानदार नजारा। इसे माउंट एवरेस्ट भी कहा जाता है।

इसके बाद भारत और नेपाल के लोगों ने चीन को ट्रोल करना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया पर #BackOffChina ट्रेंड करने लगा। नेपाल के एक यूजर ने ट्वीट किया- माउंट एवरेस्ट नेपाल में स्थित है न कि चीन में। फर्जी खबरें फैलाना बंद करो।

एक यूजर ने लिखा- यह हमारा माउंट एवरेस्ट है। हम आपको इसे अपना बताने नहीं देंगे। नेपाल सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

ट्विटर यूजर्स ने कहा- यह हमारा है और हमेशा नेपालियों का गौरव रहेगा। कुछ यूजर्स ने चीनी राष्ट्रपति शि जिनपिंग का मेमे भी साझा किया और नेपाल सरकार को टैग भी किया।

काठमांडू के एक यूजर ने कहा, ‘‘डियर सीजीटीएनऑफिशियल माउंट एवरेस्ट नेपाल में है। चीन के तिब्बत में नहीं। इसलिए फेक न्यूज फैलाना बंद को।’’

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एक यूजर ने #FreeTibet के साथ लिखा- चीन को ऐसी धारणाओं को छेड़ना चाहिए।

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1960 में माउंट एवरेस्ट को दो भागों में बांटा गया था

विशेषज्ञों के मुताबिक, नेपाल और चीन ने 1960 में सीमा विवाद के समाधान को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अनुसार यह फैसला लिया गया था कि माउंट एवरेस्ट को दो भागों में बांटा जाएगा। इसका दक्षिणी भाग नेपाल और उत्तरी भाग तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का होगा। इस पर चीन अपना दावा करता है।



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चीन की सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन ने माउंट एवरेस्ट का स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत का हिस्सा बताया।

UK expected to stick to lockdown as Johnson outlines future May 09, 2020 at 11:26PM

Following a week of mixed messages that started with Johnson indicating that there will be changes to the lockdown beginning Monday, the government has sought to douse speculation that they will amount to much. That's because the UK, which has recorded the most coronavirus-related deaths in Europe at 31,662, is still seeing a relatively high number of infections.

पत्रकार और लेखक 13 मांओं की आपबीती; वे कहती हैं- मां बनने के बाद आपकी दुनिया एक छोटे शहर जैसी हो जाती है May 09, 2020 at 11:13PM

वॉशिंगटन. अमेरिका के 28वें राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने 9 मई 1914 को पहली बार देश मेंनेशनल मदर-डेपर छुट्टी की घोषणा की थी। इस दौरान वुड्रो ने कहा था किअवकाश ने देश की माओं के प्रति प्यार और सम्मान दिखाने का मौका दिया। खास बात है कि1908 में मदर्स डे का विचार देने वाली एना जार्विस के अपने बच्चे नहीं थे। उन्होंने इसकी शुरुआतमां के बलिदानों का सम्मान करने के लिए की थी। पहली बार आधिकारिक तौर पर मदर्स डे ग्राफ्टन स्थित चर्च में मनाया गया था।

हालांकि पुराने वक्त से तुलना की जाए तो आधुनिक दौर में मां की भूमिका में भी कई बदलाव आए हैं। आज 112 साल बाद 20वीं सदी की महिलाएं काफीबदल गई हैं। इस मदर-डे पर ऐसी ही 13 महिलाएं जो पेशे से पत्रकार, साहित्यकार और लेखकहैं।उन्होंने प्रेग्नेंसी या मां बनने के बादअपने अंदर आए इन बदलावों के बारे में चर्चा की। वे अपनेसंकल्प, आशंका, गर्व, महत्वाकांक्षा, फोकस, सहानुभूति, चिंता, स्वभाव, गुस्सा और खुशी आदिके बारे में बता रही हैं किउनकी जिंदगी पहले से अब कितनी बदल चुकी है। पढ़ें, इन महिलाओं की कहानी, उन्हीं की जुबानी...

  • जरूरी चीजों को हां कहना - केसी विल्सन

मैं हमेशा हां कहने वाली हूं। मुझे इस बात पर गर्व है कि, मैं हां कहने वाली जगह से आती हूं। मैंने अपने पूरे जीवन में केवल हां कहा है। मेरे लिए न कहना कठिन है, यह मेरे स्वभाव में नहीं है। मुझे लोगों को दुखी करना बुरा लगता है।

मेरे दो छोटे बेटे हुए और अचानक से मैं काम, मेरी देस्ती जैसी अपनी पसंद की चीजें नहीं कर पा रही थी। यह साफ हो गया कि, मुझे तय करना होगा कि, क्या जरूरी है। इसका मतलब वही चीजें करना जो मुझे खुशी देती हैं। मैंने मातृत्व से मिलने वाले पुरस्कार से परे हटकर सोचा।

एक धीमी आवाज जिसे हम हमेशा से जानते हैं, वह बच्चों के आने से बढ़ जाती है। यह हमारी मौत की आवाज है। हमें हमारी जरूरी चीजों को हां कहने के लिए न कहना होगा।

  • हारने से डरने लगी- निकोल हैना जोन्स

मेरा जन्म ऐसे परिवार में हुआ जहां पिता शराबी थे, बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे और न ही परिवार के संपर्क। लेकिन एक चीज हमेशा से थी आत्मविश्वास। मैं बहुत लोगों पर भरोसा नहीं करती, लेकिन अपने आप पर मेरा पूरा यकीन है। मैं अपने जीवन में कई चीजों से डरी हूं, लेकिन इसमें हार शामिल नहीं हैं। बेटी होने के बाद यह बदलाव आया है। अपने बचपन के कारण मैंने काफी समय यह सोचने में निकाला है किपैरेंट के तौर पर क्या नहीं करूंगी। मैंने अपने बच्चे के लिए ऐसा घर बनाने का फैसला कर लिया था, जैसा मैंने अपने लिए सोचा था।

मैंने अपने जीवन में आत्मविश्वास पर जैसा कंट्रोल बनाया था, वो संभालना मुश्किल लग रहा था। क्योंकि मैं अब एक और इंसान को बड़ा कर रही हूं, जो मुझे और गलतियों को देख रहा है। अब मुझे अपने माता-पिता से भी हमदर्दी होने लगी है। मुझे डर है किजिंदगी के सबसे बड़े इस काम में मैं फेल हो जाऊंगी। इसलिए जब मेरी बेटी बहुत छोटी थी, मैंने उसके लिए जर्नल लिखना शुरू किए। उसे बताया कि, मैं उसे कितना प्यार करती हूं, वो मेरे लिए क्या है, उसने कैसे मेरा जीवन बदल दिया

मुझे उम्मीद है किजब वो बड़ी हो जाएगी तो यह जर्नल उसे मेरी गलतियों के लिए माफ करने में मदद करेंगे। एक बच्चे के तौर पर मुझे नहीं लगता था कि उम्मीद जरूरी है, लेकिन अब मुझे लगता है किएक यही चीज मेरे पास बची है।

  • हर चीज परफेक्ट हो जरूरी नहीं- मीगन ओ कॉनल

जब मेरा पहला बच्चा हुआ तो मेरा मुख्य चिंता का कारण था किसबसे बेहतर क्या होगा। इस बात से मतलब नहीं था किबेहतर मेरे बच्चे, समाज, परिवार या खुद में से किसके लिए है। प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग से लेकर सोने के इंतजाम तक मुझे सब कुछ परफेक्ट चाहिए था। मुझे अगर पीडियाट्रीशियन, योगा टीचर या किसी की भी हामी मिल जाती थी तो मुझे पता लग जाता था किमैं असफल नहीं हुई हूं।

मैंने अपने लिए बेहतर देखने की ताकत खो दी थी। मुझे नहीं पता था किमुझे क्या चाहिए। मैं अपने तय किए मानकों पर काम न करने पर खुद को प्रताड़ित करने लगी। बच्चे के जन्म के बाद जब मैं पहली थैरेपी के लिए गई तो मैंने अपने बारे में सोचना शुरू किया। मैंने पता लगाने की कोशिश की किमुझे क्या चाहिए, क्या जरूरी है और मैं इसकी मांग कैसे करूं। साथ ही इसका सामना कैसे करूं। मैंने अपने मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना और बातचीत करना सीखा। क्योंकि इसके अलावा मेरा परिवार नहीं चल पाता।

कई लोग बच्चा होने के पहले ही इसे सुलझा लेते हैं या इसे सुलझाने के लिए पैरेंट बनने की जरूरत नहीं है, लेकिन मेरे लिए मदरहु़ड में इसे जरूरी कर दिया। चार साल बाद जब मेरा दूसरे बच्चा हुआ तो मैं थैरेपिस्ट के पास गई। उसने मुझे कठिन लेकिन विकल्प चुनने में मदद की।

  • अपने बचपन को नए नजरिए से देखा- जैनिफर वीनर

संडे की सुबह थी, मैंने अपनी बेटी को हिब्रु स्कूल से लिया और पूछा क्या वह भूखी है? जब उसनेबताया किउसे भूख लगी है तो मैंने उसे मॉल चलने के लिए कहा। उसने जवाब दिया किक्या जाना जरूरी है। मैंने उससे यहकहते हुए रुक गई किक्या तुम्हें पता है कि मैं कितनी खुश होती, अगर मेरी मां मुझे शॉपिंग के लिए ले जाती। मेरी मां को शॉपिंग से नफरत थी और उनके चार बच्चे थे। हमारे कपड़े थोक में लिए जाते थे।

जब मेरी बच्चियां हुईं तो मैंने सोचा यह मौका है, उन्हें सबकुछ देने का जो मुझे चाहिए था। मैं उन्हें दुनिया देना चाहती हूं। मेरी बेटियां कपड़े नहीं चाहतीं, वे मॉल नहीं जाना चाहतीं। जबकि यह सब मुझे बहुत पसंद था। मां बनने के बाद मैंने जाना कि कम उम्र की औरत की खुशी का कोई सांचा नहीं होता। उन्हें क्या पसंद है यह पता करना मेरी जिम्मेदारी है।

  • अब मैं वर्तमान में रह सकती हूं- जे कर्टनी सुलिवन

मैंने कई बार वर्तमान में रहने की कला को सीखने की कोशिश की, लेकिन असफल रही। लेकिन जब मेरा बेटा हुआ तो बिना कोशिश किए ही मैं वर्तमान में रहने लगी। सालों पहले एक नॉवेल पर रिसर्च के दौरान मैं अलग रहकर ध्यान कर रहीं नन से मिली। उनके किसी बड़े उद्देश्य के लिए लगातार चल रहे साधारण कामों ने मेरे बेटे के शुरुआती दिनों की याद दिलाई। जहां कोई भी बाहरी चिंता या शिकायत नहीं पहुंच सकती।

अचानक मुझे पैसों, दोस्तों और देश के बारे में चिंता होने लगी, जैसे दुनिया मुझे वापस बुला रही है। मेरा बेटा करीब 3 साल और बेटी 18 महीनों की है। दोनों के बीच दिन कुश्ती की तरह गुजरता है। लेकिन, मैं अब भी वर्तमान में रह सकती हूं, जब अपने फोन को एक तरफ रखकर बच्चों के साथ होती हूं।

  • अपने शरीर के लिए नई प्रशंसा खोजी- कार्ला ब्रूस एडिंग्स

मैंने शायद ही कभी अपने शरीर को पसंद किया हो। मुझे हमेशा इसमें कोई कमी नजर आती थी। करीब पांच साल पहले जब मैंगर्भवती हुई तो सब बदल गया। जन्म देना नर्क का आभास कराता है और यह तब तक नामुमकिन लगता है, जब तक आप इसे कर नहीं लेते। इस अनुभव ने मुझे अपनी शक्ति का सम्मान दिया है। मैं उस जीत को कभी नहीं भूल सकती, जब मैंने अपने बच्चे कोअपने हाथों में उठाया।

  • पहले से ज्यादा जल्दी मदद स्वीकार कर लेती हूं- नताशिया डियोन

प्रेग्नेंट होने से पहले किसी से मदद मांगना बुरा लगता था। लेकिन मातृत्वमुझे सिखा रहा है। इस भूमिका में छोटा महसूस होता है, लेकिन ठीक है। मैं किसी की मदद कर सकती हूं और मदद मांग भी सकती हूं। किसी समझदार और भरोसेमंद व्यक्ति के साथ अपना बोझ साझा करना चतुराई है। मां होने का मतलब अकेले होना नहीं है। मातृत्व मददगारों हाथों की एक कम्युनिटी है, जहां कई बार हमें ही पहुंचना पड़ता है। मदद मांगना कमजोर दिखने की निशानी नहीं है। यह एकाकी अनोखी बहादुरी है, जो केवल विनम्रता और समर्पण से आ सकता है।

  • मैंने अपने एंबिशन पर फिर फोकस किया- एंबर टेंब्लिन

दूसरी महिलाओं की तरह मनोरंजन जगत में मुझे भी अपनी उम्मीदों को संभालने की सलाह दी गई। एक्ट्रेस के तौर पर मेरा करियर 10 साल की उम्र में शुरू हुआ और करीब दो दशक तक चला। लेकिन मां बनने के बाद करियर के साथ मेरे रिश्ते बदल गए। जब मैं अपनी बेटी के भविष्य के बारे में सोचती हूं तो मुझे लगता है किइसे भी अपनी उम्मीदों को संभालने के लिए कहा जाएगा। यह बात न केवल मुझे डरा देती थी, बल्कि मुझे गुस्सा आता था।

एंटरटेनमेंट बिजनेस में मेरे जैसी महिलाओं के लिए बाधाएं हैं। जब मैंइसमें से मुश्किल से निकलतीअपनी बेटी के बारे में सोचा तो अपना दृष्टिकोण बदलना पड़ा। मैंने खुद को यह कहना बंद कर दिया कियही एक रास्ता है। खुद को अपने बच्चे में देखकर मैंने एक आर्टिस्ट, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और राइटर के तौर पर बिना माफी मांगे लड़ना सीखा है।

  • मातृत्व में एक लय मिली- लिन स्टीगर स्ट्रांग

मैं अभी डरी हुईं हूं, जो आधी रात में जागकर महामारी ज्ञान पढ़ती है। मेरे बच्चे हालांकि हर समय घर में हैं, जैसे वे छोटे बच्चे होने के बाद से नहीं थे। उन्हें अभी भी हमेशा की तरह खाना चाहिए। जीवन की अधिकांश कठिन चीजों की तरहपैरेंट के तौर पर यह मेरी पसंदीदा है। पैरेंट बनने के बाद जो मेरे लिए बदला वह थी जानकारी, जो बताती है कि जीवन की अनिश्चितताओं के बीच, पैरेंटिंग जिद से भरी है।

  • हर मिलने वाले में एक बच्चा नजर आता है- जोआना गोडार्ड

बच्चे होने से पहले, मैं सब कुछ पर्सनली ले लेती थी। मुझे दुख होता था किये लोग मुझसे इतना रूखा व्यवहार क्यों करते हैं। उन्हें मुझ में क्या नहीं पसंद, मुझमें क्या गलत है। लेकिन अब मेरे बच्चे हैं और मैं जान गईं हूं किज्यादातर लोगों के मूड का आपसे कोई लेना देना नहीं है। बच्चे गड़बड़ करते हैं, क्योंकि या तो उन्हें भूख लगी है, वे थक गए हैं या बोर हो रहे हैं। वे ऐसा आपके कारण नहीं करते।

यही बात बड़ों पर भी लागू होती है। लोग अपनी परेशान दुनिया में डूबे हुए हैं। वे या तो भूखे हैं या डरे हुए हैं। इस वजह से वे ऐसा करते हैं। अब जब मैंसड़क पर होती हूं तो लोगों का चेहरा देखती हूं और सोचती हूं कितनी उलझी हुई जिंदगी जी रहे हैं। यह देखकर आप अजनबियों और उनके मूड से प्यार करेंगे। आखिरकार हर कोई किसी न किसी का बच्चा है।

  • अब मैं कम बेचैन रहती हूं- रॉबिन टनी

मैं हमेशा से बहुत घबराती थी। मुझे याद है मैं हर चीज को खराब कर सकती थी। लेकिन 2015 में जब में प्रेग्नेंट हुई तो मैंने जीवन में पहली बार शांति महसूस की। मुझे नहीं पता इसका कोई और भी कारण था क्या। अब भी परेशानी है, लेकिन अधिकांश वक्त मैं ठीक हूं। मैं अब मानिसक तौर पर विकसित हुई हूं। मेरे अंदर कुछ आया है और मुझे पता है कि इसका कारण मेरे बच्चे हैं।

  • मैं फ्रैंड्ली हो गई हूं- जैंसी डन

मैं लोगों से बचती थी, लेकिन जब मैं प्रेग्नेंट हुई तो अजनबियों ने मुझसे बात करने लगे। बेटी होने के बाद ऐसे मौके बढ़ गए और मैं इनकी आदीहो गई। मुझे सभी से बात करना पसंद आने लगा और क्यों न करती,जब कोई मुझसे यह कहे कि आपकी बेटी क्यूट है। मुझे अनगिनत परिवारों के व्यवहार से मुझे अच्छा लगा। जब आपका बच्चा हो जाता है तो आपकी दुनिया एक छोटा शहर हो जाती है।

जल्द ही मुझे इन बातचीत की जरूरत पड़ने लगी और मैं खुद ही पहल करने लगी। अब मेरी दोस्ती इतनी बढ़ गई है किमेरे पति शिकायत करते हैं कि हम उस स्टोर नहीं जाएंगे, क्योंकि तुम वहां क्लर्क से बहुत देर तक बात करती हो।

  • ठहराव आ गया- डानी मैक्लैन

करीब 20 साल तक मुझे जहां भी जाना था मैं गई। लेकिन अब मेरी एक बेटी है। हम हमारे होमटाउन में रहते हैं, जो उसका होमटाउन है। वे चार वर्षों से मेरे साथ है और मेरी 20-30 उम्र वाली बेचैनी खत्म हो गई है। मैं जहां भी रही वे जगह मुझे बहुत प्यारी है। लेकिन जो आजादी पहले मुक्तहुआ करती थी, अब अस्थिरता की तरह महसूस होती है कि मैं एक पैरेंट हूं।



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मदर्स डे का पता प्राचीन यूनान और रोम से भी जाना जा सकता है। यहां मां देवी रिया और सिबल के सम्मान में त्यौहार मनाया जाता था।

Russian coronavirus cases above 200,000 May 09, 2020 at 09:51PM

The Russian authorities said on Sunday they had recorded 11,012 new cases of the coronavirus in the last 24 hours, bringing the nationwide tally to 209,688.

Pakistan reports record 1,991 new coronavirus cases, tally crosses 29,000 May 09, 2020 at 09:34PM

Despite a surge in the number of Covid-19 infections, the first phase of the easing of the lockdown began on Saturday. The government announced removing restrictions by allowing more businesses to open and operate from dawn to 5pm. The ministry of national health services said that 21 new deaths have been reported in the last 24 hours, taking the total number of fatalities to 639.

Fearing retaliation after Handwara terror attack, Pakistan Air Force jets increased patrols May 09, 2020 at 09:05PM

Top government sources told ANI that at the time of the incident, Pakistan was already carrying out an aerial exercise about which India also had information. "Soon after the death of the Colonel, the Pakistani Air Force increased its patrols involving its mix of fighter aircraft including the F-16s and the JF-17 which were being constantly monitored by our surveillance platforms," they said.

Sweden admits failure to protect elderly in care homes May 09, 2020 at 09:01PM

Her coronavirus test came back negative two days after her death, but Branngard, who claims she died of neglect, says the nursing home staff lacked protective gear and were spreading the virus around the home. Sweden, whose softer approach to the coronavirus has garnered international attention, admits it has failed to adequately protect the elderly, with around half of Covid-19 deaths occurring among nursing home residents.

कला और तस्वीरों में गर्भवती महिलाओं के 500 साल, 29 साल पहले एक्ट्रेस डेमी मूर की प्रेग्नेंट तस्वीर ने किया था हैरान May 08, 2020 at 02:34AM

रोजलिन सुलकस. 1991 में वैनिटी फेयर के कवर फोटो पर एक्ट्रेस डेमी मूर की प्रेग्नेंसी को दिखाती तस्वीर ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। उस वक्त इस तस्वीर को संस्कृति में बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा था। इस फोटो को एनी लीबोवित्ज ने कवर फोटो के लिए खींचा था। पोर्ट्रेइंग प्रेग्नेंसी की क्यूरेटर केरन हर्न के मुताबिक, यह वो मौका था,जब गर्भावस्था की तस्वीरें आम हो गईं थीं।

केरन के मुताबिक यहां, तक कि 20 साल पहले भी महिलाएं तंबू जैसे कपड़े पहनती थीं। प्रेग्नेंसी के साथ परेशानी यह है कियह सेक्सुअली एक्टिव महिला को दर्शाती है और पूरे इतिहास में यह एक बड़ी समस्या रही है।'26 अप्रैल को लंदन के फाउंडलिंग म्यूजियम में पोर्ट्रेइंग प्रेग्नेंसी प्रदर्शनी चल रही थी। शो 15वीं शताब्दी के चित्र द विजिटेशन के साथ शुरू हुआ। इसमें बीते 500 सालों की कला को दिखाया गया, जिसमें चित्र, कपड़े और कई अन्य चीजें शामिल थीं।

तस्वीरों और पेंटिंग्स के जरिए देखें 500 साल में प्रेग्नेंसी के दौरान पहनावे में क्या बदलावआए-

द विजिटेशन
विजिटेशन के 17वीं शताब्दी के प्रदर्शन को सिलाई के जरिए दिखाया गया था। इसे कांच-धातुओं के मोती और लिनन पर सिल्क से तैयार किया गया था। हर्न के मुताबिक, यह शायद किसी हुनरमंद ने बनाया होगा, जिसमें उस समय की महिला की हेडड्रेस नजर आ रही है।
सेसिली हेरॉन
1526 में जर्मन पेंटर हान्स होलबीन द्वितीय पहली बार इंग्लैंड आए थे। हान्स डच दार्शनिक इरेस्मस का लैटर अपने दोस्त सर थॉमस मोर के लिए लेकर आए थे। मोर ने हान्स से अपने परिवार के कई चित्र बनवाए, जिसमें से यह उनकी सबसे छोटी बेटी सेसिली का है। हर्न ने बताया कि तस्वीर में सेसिली उस वक्त की सांभ्रांत महिला की पोशाक में हैं। उनके हाथ पेट पर नजर आ रहे हैं। हर्न के मुताबिक, उस वक्त की महिलाएं गर्भावस्था के दौरान तय कपड़े नहीं पहनती थीं। वे अपने कपड़ों को प्रेग्नेंसी के हिसाब से पहन लेती थीं।
प्रेग्नेंसी स्टे
17वीं शताब्दी में महिलाएं अपने शरीर को शेप में रखने के लिए स्टे पहनती थीं। यह देखने में कोर्सेट की तरह लगते थे। इन्हें 1665-75 के करीब स्टमेकर के साथ मिलाकर पहना जाता था। हर्न्स बताती हैं कि स्टमेकर स्टे के अंदर पहना जाता था, जो प्रेग्नेंसी बढ़ने पर ढीला किया जा सकता था।
एलिजन लैपर (8 महीने)
11.5 फीट की इस मार्बल की मूर्ति एलिजन लैपर को मार्क क्विन ने तैयार किया था। मिस लैपर, जो बिना हाथ और छोटे-छोटे पैरों के साथ जन्मी थीं। इस मूर्ति से खासा विवाद हुआ था।
लेडी मैकबेथ के रूप में सारा सिडन्स का पोर्ट्रेट
18वीं शताब्दी की एक्ट्रेसेज के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान भी काम करना मुश्किल नहीं था। सारा सिडन्स अपने समय की मशहूर अदाकारा थीं। यह तस्वीर 1814 में जीएच हार्लो ने सारा के 1812 में रिटायरमेंट के बाद बनाई थी। इस तस्वीर में वे लेडी मैकबेथ की तरह नजर आ रही हैं। लेडी मैकबेथ, सारा का काफी फेमस रोल था। हर्न बताती हैं कि थियेटर मैनेजर चाहते थे कि सिडन ज्यादा से ज्यादा परफॉर्म करें और वे इसे खुशी से करती भी थीं।
प्रेग्नेंट सेल्फ पोर्ट्रेट
यह तस्वीर 1984 में मैंचेस्टर, इंग्लैंड की कलाकार गिसलेन हॉवर्ड ने तैयार की थी। हर्न ने बताया कि यह दर्शाता है कि प्रेग्नेंट होना कैसा लगता है और यह पुरुष कलाकारों के समझ से काफी अलग है।
अननोन लेडी इन रेड
हर्न ने बताया कि यह चित्र मार्कस घिराएर्त्स ने 1620 में बनाया था। मार्कस कम उम्र में अपने पिता के साथ इंग्लैंड आ गए थे। 1590 के करीब वे दरबार के मुख्य चित्रकार बन गए थे। केरन के मुताबिक, मार्कस 25 साल तक महिलाओं की पेंटिंग बनाते रहे और समय के साथ उनकी कला निखरती गई।
इलेक्ट्रा
जैनी सेविल को महिलाओं के निडर प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। हर्न ने बताया कि सेविल प्रेग्नेंसी जैसे सब्जेक्ट में दिलचस्पी ले रहीं थीं। उन्होंने 2012 में इस पेंटिंग को बनाना शुरू किया और बीते साल इसे खत्म किया।


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500 years of pregnant women in art and photographs