Friday, May 8, 2020

सरकार ने टूटने नहीं दी फूड सप्लाई चेन, स्वास्थ्यकर्मियों को पर्याप्त सुविधा, सुरक्षा और बैकअप दिया; कोरोना फैलाने की साजिश रचने पर जेल भेजने का कानून बनाया May 08, 2020 at 08:30PM

कोरोनावायरस से लड़ने के लिए भारत में इस समय लॉकडाउन का तीसरा फेज चल रहा है। जिस चायना से कोरोनावायरस पूरी दुनिया में फैला, वहां के कई शहर अब लॉकडाउन से मुक्त होकर सामान्य हो गए हैं। चीन के फुजीयन प्रांत के जियामीन शहर में रहने वाले डॉ. सोहन सिंह यादव मूल रूप से भारत के यूपी के ललितपुर जिले के हैं। वह चीन की जियामीन यूनिवर्सिटी में सॉफ्टवेयर स्कूल में लेक्चरर हैं। जानिए चीन के जियामीन शहर में लॉकडाउन की कहानी डॉ. सोहन की जुबानी...

ये फोटो जियामीन शहर केजियांयु रोड की है। आमदिनों में इस रोड से हजारों वाहन प्रति सेकेंड निकलते हैं, लेकिन लॉकडाउन के दौरान यहां पूरी तरह सन्नाटा रहा।

डा. सोहन बताते हैं- "चीन में लॉकडाउन 23 जनवरी को शुरू हुआ था। मैं उस समय इंडोनेशिया में था। 29 जनवरी को में जकार्ता से डायरेक्ट फ्लाइट लेकर जियामीन पहुंचा। वहां एयरपोर्ट पर पूरा फिल्मी सीन था। स्वास्थ्य कर्मी पीपीई पहनकर स्क्रीनिंग कर रहे थे। वहां से करीब तीन घंटे के बाद जब निकला तो जिस एरिया में रहता हूं, वहां के लोकल स्क्योरिटी ब्यूरो में रिपोर्ट करना पड़ा था। उन लोगों ने भी मोबाइल नंबर से मुझे ट्रैक कर बुलाया और दोबारा स्क्रीनिंग की।"

यह जियामीन शहर का चेंग गोंग ब्रिज हैं। लॉकडाउन के दौरान पहला मौका था जब वाहनों का शोर यहां सुनाई नहीं दे रहा था।

"जियामिन में 18 मार्च तक लॉकडाउन रहा। मैं 45 दिन में सिर्फ 6 बार घर से निकला। वह भी खाने-पीने की चीजें खरीदने। किसी को बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। जिन जियांयु रोड पर हजारों वाहन प्रति सेकेंड निकलते थे, वहां टोटल सूनसान था। चेंग गोंग ब्रिज पर पहला मौका था, जब वहां रफ्तार का शोर नहीं सन्नाटा पसरा था। मैज्जिओ बीच पर लोगों की चहल-पहल नहीं, सिर्फ लहरों का संगीत सुनाई दे रहा था। डेक्स्यू रोड से रौनक गायब थी, यहां लजीज व्यंजनों की महक की जगह सिर्फ सिक्योरिटी फोर्सेस का पहरा था।"

"चीन सरकार ने एलान कर दिया था कि कोई बाहर नहीं जाएगा तो कोई भी बाहर निकला भी नहीं। कोई बाहर निकला तो सिक्योरिटी फोर्स उसे टोकते और वापस भेजते थे। बिल्डिंग से निकलने पर सिक्योरिटी गार्ड भी टोकाता था। सोसाइटी में आने-जाने से पहले थर्मल स्कैनिंग होती थी।"

"भारत से ऐसी रिपोर्टें आई, जिसमें पता लगा कि लोग तफरी लेने निकल रहे हैं। लेकिन, चीन में लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया गया। कोई भी बिना काम के घर से नहीं निकला। ऐसी रिपोर्ट मीडिया में आई कि कुछ लोग जानबूझ कर लिफ्ट के बटनों में थूक लगा रहे हैं। इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने कानून पास कर दिया था कि कोई भी जानबूझकर कोरोना फैलाएगा उसके लिए जेल भेजा जाएगा। इसके बाद ऐसी घटना नहीं हुई।"

जियामीन शहर के इस इलाके में रोज सैकड़ों लोग सैरसपाटे के लिए आते थे, लेकिन लॉकडाउन में यहां सिर्फ खामोशी थी।

चीन इस महामारी से इन तीन फैसलों के बल पर लड़ा

  • स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा: सभी स्वास्थ्य कर्मियों के पास पीपीई किट और मास्क आदि थे। मेडिकल शिफ्ट तय की थी। शिफ्ट खत्म होते ही दूसरी शिफ्ट तैयार होती थी। बैकअप भी तैयार था, ताकि अगर कोई डॉक्टर, नर्स या अन्य स्वास्थ्य कर्मी बीमार हो तो उनकी जगह दूसरा व्यक्ति काम संभाल ले।
  • फूड सप्लाई की चेन नहीं टूटने दी: फूड सप्लाई चेन सरकार ने संभाल ली थी। सरकार ने खुद सप्लाई की या अपनी देखरेख में प्राइवेट सप्लायर से कराई। सप्लाई बराबर हुई। सप्लाई चेन सरकार ने टूटने नहीं दी। दूध-फल-सब्जी-मीट सब मांग की अनुरूप सप्लाई हुआ। किसी को इसकी दिक्कत नहीं हुई।
  • सरल भाषा में बनाए नियम, सोशल मीडिया की निगरानी की: लोगों की सुरक्षा के लिए सरल भाषा में नियम बनाए। उन्हें बदला नहीं गया। जो बदलाव आए भी वह लोगों को अच्छी तरीके से समझाए गए। सरकारी न्यूज एजेंसियां पूरी तरह एक्टिव रहीं। वॉलिंटियर की फौज तैयार की। ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो। सोशल मीडिया पर पूरी निगरानी की, अफवाह फैलाने वाले को जेल भेजा गया। लोगों ने बात मानी और कोई निकला नहीं।

लोगों ने सरकार का साथ दिया, इसलिए राहत मिली
"लोगों ने सरकार के बनाए नियमों का बखूबी पालन किया। अब स्कूल-कॉलेज खुल गए। मेट्रो चालू हो गई है। शॉपिंग मॉल खुल गए हैं। मास्क पहनना अभी भी जरूरी है। हालांकि, एहतियातन अभी भी सरकार ने 1 से 5 तक के स्कूल, जिम, सिनेमाघर बंद ही रखे हैं।"

शाकाहार अपना रहे चायनीज
"चायनीज कम्युनिटी अब शाकाहार की ओर बढ़ रहा है। सरकार भी लोगों को योग और शाकाहार अपनाने के लिए कह रही है। सरकार लोगों को बता रही है कि योग और शाकाहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।"



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ये फोटो चीन के फुजीयन प्रांत के जियामीन शहर की मेट्रो रेल की है। इसमें महरून कलर की टीशर्ट में मास्क लगाए जो शख्स हैं, वे उत्तरप्रदेश के ललितपुर शहर के मूल निवासी डॉ. सोहन सिंह यादव हैं। वह वहां जियामीन यूनिवर्सिटी के सॉफ्टवेयर स्कूल में लेक्चरर हैं। उन्होंने बताया कि 45 दिन के सख्त लॉकडाउन के बाद अब जियामीन में जनजीवन सामान्य हो रहा है। मेट्रो व अन्य जरूरी संसाधन चालू कर दिए गए हैं।

अमेरिका में बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां जा रहीं, बेरोजगारी दर 14.7% पहुंची; एच1-बी जैसे वर्क वीजा पर अस्थाई प्रतिबंध लगाने पर विचार May 08, 2020 at 06:41PM

अमेरिकी सरकार एच1-बी जैसे वर्क वीजा पर अस्थाई प्रतिबंधलगाने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,अमेरिका में बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां जाने का खतरा
है। इसके चलते सरकार यह फैसला ले सकती है। अमेरिका सेज्यादा एच1-बी वीजा हासिल करने वाले भारतीय आईटीप्रोफेशनल्स और छात्र ही हैं।


अमेरिकी सरकार ने हाल ही में कोरोनावायरस के चलते एच-1बीवीजाधारकों और ग्रीनकार्ड आवेदकों को 60 दिन की छूट दी है।हालांकि, यह छूट सिर्फ उन लोगों को दी गई है, जिन्हें दस्तावेजों
को जमा करने के चलते नोटिस दिया गया है।


रिपोर्ट में क्या कहा गया?
शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘राष्ट्रपतिडोनाल्ड ट्रम्प के इमिग्रेशन एडवाइजर एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डरलाने की योजना बना रहे हैं। उम्मीद है कि यह इसी महीने आजाएगा। इसमें वर्क वीजा पर अस्थायी प्रतिबंध लगाने की बात होसकती है। माना जा रहा है कि ऑर्डर की वीजा कैटेगरी मेंएच1-बी (स्किल्ड वर्कर्स) और एच-2बी (माइग्रेंट वर्कर्स) कोशामिल किया जा सकता है।’’


अमेरिका को बेरोजगारों की चिंता
कोरोना महामारी के चलते बीते 2 महीने में अमेरिका में 3.3करोड़ लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी है। इससे देश कीअर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) और विश्व बैंक ने भी अमेरिका की ग्रोथ रेटनिगेटिव आंकी है। व्हाइट हाउस के अफसरों के मुताबिक, वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही में देश की ग्रोथ 15-20% निगेटिव मेंरहने की आशंका है।


सांसदों ने भी ट्रम्प से वीजा सस्पेंड करने की बात कही
सीनेट के 4 सांसदों चक ग्रेसली, टॉम कॉटन, टेड क्रूज और जोशहॉल ने शुक्रवार को ट्रम्प को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने लेबरडिपार्टमेंट की रिपोर्ट दी। इसमें बताया गया कि कोरोना ने अप्रैल
में 2 करोड़ नौकरियां खत्म कर दीं। इसके चलते बेरोजगारी दर14.7% हो गई। लिहाजा विदेशों से आने वाले वर्करों का वीजाकम से कम एक साल के लिए सस्पेंड कर देना चाहिए। अमेरिकी
नागरिकों के लिए नौकरियों की कमी हो गई है, सीमित रोजगारमें अतिरिक्त विदेशी कर्मचारियों को नहीं स्वीकार करना चाहिए।

सांसदों ने इन वीजा को सस्पेंड करने की मांग की

  • एच-1बी वीजाः विशेष काम के कर्मचारियों को दिया जाने वालावीजा
  • एच-2बी वीजाः नॉन-एग्रीकल्चरल कामों के लिए सीजनल वर्करोंको दिया जाने वाला वीजा
  • ओटीपी वीजाः ग्रेजुएशन के बाद स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप के लिएदिया जाने वाला वीजा
  • ईबी-5 वीजाः विदेश के अमीर लोगों इंवेस्टमेंट के बदले दियाजाने वाला वीजा

पिछले साल ओटीपी वीजा वालों में 40% भारतीय
ओटीपी वीजा के सस्पेंड होने से भारतीय छात्रों में पर असरपड़ेगा। हर साल भारत से कई स्टूडेंट फॉरेन स्टूडेंट वीजा परग्रेजुएशन के लिए अमेरिका जाते हैं। ग्रेजुएशन होने के बादअमेरिका उनके वीजा में विस्तार करता है। इसे ओटीपी वीजाकहते हैं। इसके तहत विदेशी छात्र एक से तीन साल तकअमेरिका इंटर्नशिप कर सकते हैं। 2019 में अमेरिका में विदेशके दो लाख 23 हजार स्टूडेंट ऐसे थे, जिन्हें ग्रेजुएशन के बादओटीपी वीजा मिला था, इसमें करीब 40% भारतीय थे।


क्या है एच1-बी वीजा?
एच1-बी नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियांविदेशी कामगारों (खासकर भारत और चीन के आईटीप्रोफेशनल्स) को अपने यहां काम करने बुलाती हैं। इस समयकरीब 50 हजार अप्रवासी कामगार एच1-बी वीजा पर अमेरिका मेंकाम कर रहे हैं। नियम के अनुसार, अगर किसी एच-1बीवीजाधारक की कंपनी ने उसके साथ कांट्रैक्ट खत्म कर लिया है
तो वीजा स्टेटस बनाए रखने के लिए उसे 60 दिनों के अंदर नईकंपनी में जॉब तलाशना होगा।



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A large number of people are losing jobs in the US, with the unemployment rate reaching 14.7%; Consideration of temporary ban on work visas like H1-B

भारत की वेदर रिपोर्ट में गिलगित, बाल्टिस्तान शामिल करने से पाकिस्तान चिढ़ा, यूएन के प्रस्ताव का उल्लंघन बताया May 08, 2020 at 06:27PM

भारत के वेदर बुलेटिन में पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) केमुजफ्फराबाद औरगिलगित, बाल्टिस्तानकेशामिल किए जाने सेपाकिस्तान चिढ़ गया है। उसने इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, 'पिछले साल भारत की ओर से जारी किए गए तथाकथित राजनीतिक नक्शे की तरह ही यह कदम भी पूरी तरह से अवैध है। यह वास्तविकता के परे है। साथ ही यूएनएससी के प्रस्तावों का उल्लंघन है। पाकिस्तान इस कदम को खारिज करता है।'पाकिस्तान ने अब इसे भारत का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करार दिया।

पाकिस्तान ने अपने बयान में कश्मीर का भी जिक्र किया
पाकिस्तान ने अपने बयान में कश्मीर का भी जिक्र किया। कहा, ' एकतरफा और गैरकानूनी कदमों से भारत जम्मू-कश्मीर के 'विवादित' स्टेटस को बदल नहीं सकता है। कश्मीर की यही पहचान वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र के सामने भी है। पाकिस्तान भारत से अपील करता है कि वह निराधार दावों से बचें और दुनिया को गुमराह न करे।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार सेअपने वेदर बुलेटिन में पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और गिलगित, बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के इलाकों को शामिल किया। आईएमडी का यह कदम भारत के इस स्टैंड के मद्देनजर अहम है कि पीओके भारत का हिस्सा है। यह कदम तब उठाया गया है, जब पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने गिलगित और बाल्टिस्तान में इसी हफ्ते चुनाव की घोषणा की है। भारत सरकार ने इस फैसले पर कड़ा विरोध जाहिर किया है।

पीओके के शहर उत्तर-पश्चिम डिवीजन में आते हैं
आईएमडी के मुताबिक, पीओके के ये शहर आईएमडी की उत्तर-पश्चिम डिवीजन के तहत आते हैं। आईएमडी की उत्तर-पश्चिम डिवीजन में 9 सबडिवीजन हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली-चंडीगढ़-हरियाणा, पंजाब, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी राजस्थान शामिल हैं।

गिलगित-बाल्टिस्तान को खाली करे पाकिस्तान- भारत
भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराए जाने के आदेश का कड़ा विरोध किया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलावा गिलगित-बाल्टिस्तान भी भारत का अभिन्न हिस्सा है। लिहाजा, पाकिस्तान इसे फौरन खाली कर दे। उसका यहां कब्जा गैरकानूनी है।



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आईएमडी का यह कदम भारत के इस स्टैंड के मद्देनजर अहम है कि पीओके भारत का हिस्सा है।

US reversal prevents UN vote on pandemic truce May 08, 2020 at 05:53PM

The United States stunned other members of the UN Security Council by preventing a vote on a resolution for a ceasefire in various conflicts around the world to help troubled nations better fight the coronavirus pandemic, diplomats said. Washington's reversal came a day after it agreed to the text, negotiators said under cover of anonymity.

Kim Jong Un sends Putin letter on WWII anniversary and for virus fight May 08, 2020 at 05:58PM

The report by Pyongyang's official Korean Central News Agency on Saturday came a day after it reported Kim sent a personal message to Chinese President Xi Jinping to praise what he described as China's success in getting its Covid-19 epidemic under control.

Coronavirus threat forces Russia to curb WWII celebrations May 08, 2020 at 06:12PM

President Vladimir Putin will give a 20-minute speech at a war memorial beside the Kremlin walls, an unprecedented move, instead of presiding over a traditional parade featuring thousands of troops and military equipment.

40.12 लाख संक्रमित: अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेन्स की प्रेस सेकरेट्री संक्रमित, कुवैत ने 3 हफ्ते के लिए कर्फ्यू लगाया May 08, 2020 at 05:15PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 40 लाख 12 हजार 837 लोग संक्रमित हैं। दो लाख 76 हजार 216 की मौत हो चुकी है, जबकि 13 लाख 85 हजार 141 ठीक हो चुके हैं। अमेरिका वायरस सेसबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां 13 लाख 21 हजार 785 लोग संक्रमित हुए हैं,78,615 मौतें हुई हैं और 2 लाख 23 हजार 603 लोग ठीक हुए हैं। शुक्रवार को उप राष्ट्रपति माइक पेन्स की प्रेस सेकरेट्री केटी मिलर भी पॉजिटिव पाईं गईं।

मिलर व्हाइट हाउस की दूसरी बड़ी अधिकारी हैं जो संक्रमित मिली हैं। हालांकि, वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प या पेन्स के संपर्क में नहीं आई थी। ऐहतियात बरतते हुए व्हाइट हाउस में संक्रमण को लेकर सर्तकता बढ़ा दी गई है।

कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश

देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 13,21,785 78,615 2,23,603
स्पेन 2,60,117 26,299 1,68,269
इटली 2,17,185 30,201 99,023
ब्रिटेन 2,11,364 31,241 उपलब्ध नहीं
रूस 1,87,259 1,723 26,608
फ्रांस 1,74,791 25,987 55,027
जर्मनी 1,69,430 7,392 1,41,700
ब्राजील 1,35,773 9,190 55,350
तुर्की 1,33,721 3,641 82,984
ईरान 1,03,135 6,486 82,744

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अमेरिका ने चीनी पत्रकारों की वीजा अवधि घटाई

शुक्रवार को अमेरिका ने चीनी पत्रकारों की वीजा अवधि घटा दी। अब वे सिर्फ तीन महीने के लिए ही अमेरिका का वीजा ले सकेंगे।अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने बताया किचीनी पत्रकारों के वीजा के लिए समय सीमा बदल दी गई है। फिलहाल विदेशी मीडिया के प्रतिनिधियों के लिए कोई अवधि नहीं थी। हालांकि नए दिशानिर्देशों में चीन के पत्रकार तीन महीने से ज्यादा समय तक अमेरिका में नहीं ठहर सकेंगे।

कुवैत ने तीन हफ्ते के लिए कर्फ्यू लगाया

कुवैत ने संक्रमण रोकने के लिए शुक्रवार कोदेश भर में तीन हफ्ते के लिए कर्फ्यू लगा दिया। सरकार के प्रवक्ता तारेक अल-मेजरेम ने बताया कि कर्फ्यू रविवार शाम 4 बजे से शुरू होगा और 30 मई तक लागू रहेगा।गाड़ियों के इस्तेमाल पर पाबंदी रहेगी। हालांकि लोग शाम 4.30 बजे से 6.30 बजे के बीच अपने घर के आसपास कसरत करने जा सकेंगे। कुवैत में अब तक 7 हजार 208 पॉजिटिव मिले और 47 मौतें हुई हैं।

मॉस्को में 1 हजार10 संक्रमितों की मौत
रूस की राजधानी मॉस्को में पिछले 24 घंटों में 54 लोगों की मौत हुई हैं। इसके बाद यहां मृतकों की संख्या बढ़कर 1010 हो गई है।मॉस्कोरूस में संक्रमणकेंद्र जैसा बन गया है। मॉस्को के रिस्पांस सेंटर ने बताया किशहरमें न्यूमोनिया और अन्य बीमारियों समेत कोरोना से ग्रसित 54 लोगों की जान गई। रूस में 1 लाख 87 हजार 859 संक्रमित मिले हैं और 1 हजार 723 लोगों की मौत हुई है।



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अमेरिका के बॉस्टन स्थित एक ग्रॉसरी स्टोर पर मास्कर लगाकार इंतजार करता ग्राहक। यहां संक्रमण ज्यादा बढ़ गया है। शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति की प्रेस सेकरेट्री केटी मिलर भी पॉजिटिव पाईं गईं।

Trump reaches out to world leaders on coronavirus, global economy May 08, 2020 at 04:45PM

Child in New York dies and rare syndrome tied to virus is suspected May 08, 2020 at 04:43PM

Germany draws parallel between war and outbreak May 08, 2020 at 04:07PM

Italy becomes 3rd nation to record 30,000+ virus deaths May 08, 2020 at 03:47PM

संक्रमण से बचने गांवों की ओर लौट रहे लोग; युवा बोले- आर्थिक संकट, हिंसा और नशे से छुटकारा चाहते हैं May 08, 2020 at 02:43PM

कोरोना संकट के बीच दूसरे राज्यों और देशों में फंसे लोगों के अपने घर और देश लौटने का सिलसिला जारी है। कभी कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित रहेइटली में भी लोग अब गांवों की तरफ लौट रहे हैं। उनका कहना है कि इससे भविष्य में किसी भी महामारी या संक्रमण से निपटने में मदद मिलेगी।

इनमें एक बड़ा तबका युवाओं का भी है। ज्यादातर युवाओं का कहना है कि वे शहरों में भाग-दौड़ भरी जिंदगी, हिंसा-आतंकवाद और नशे जैसी चीजों सेछुटकारा चाहते हैं। दूसरा, अब गांवों में भी शहरों जैसी ज्यादातर सुविधाएं मौजूद हैं और इंटरनेट की वजह से ऑफिस के कई काम आसान हो गए हैं। ऐसे मेंउन पर शहरों में पड़ने वाला आर्थिक दबाव भी कम होगा।

ग्रामीण इलाकों में पर्यटन बढ़ाने पर विचार

इटली का संस्कृति मंत्रालय भी ग्रामीण इलाकों में पर्यटन, उद्योग और सुविधाएं बढ़ाने पर विचार कर रहा है। गांवों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ने सेसामाजिक-आर्थिक संगठन सरकार से ऐसी नीतियां बनाने की मांग कर रहे हैं, जिससे सूने हो चुके गांवों को आबाद किया जा सके।

यह साहसिक और व्यावहारिक फैसले का वक्त

मिलान में कई इकोफ्रेंडली इमारतें बना चुके मशहूर आर्किटेक्ट स्टीफानो बोइरी कहते हैं, "यह साहसिक और व्यावहारिक फैसले लेने का वक्त हैं। अब शहरोंको संक्रमण बम बनने से रोकना जरूरी है।" वहीं समाजशास्त्री, मानव विज्ञानी कहते हैं कि महामारी ने लोगों के जीने का तरीका बदल दिया है। उन्हें पहाड़ीऔर ग्रामीण इलाकों में खाली पड़े गांवों में बसने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

5800 से ज्यादा गांवों में 5 हजार से भी कम आबादी
आर्किटेक्ट स्टीफानो बाइरी के मुताबिक, इटली में कम से कम 5800 गांव ऐसे हैं, जिनकी आबादी 5 हजार से भी कम है। इनके अलावा करीब 2300 गांवऐसे हैं, जिन्हें पूरी तरह त्याग दिया गया है, यानी वहां कोई भी नहीं रहता। ऐसे में इन गांवों को गोद लेकर आबादी बसाई जा सकती है। यहां वर्क फ्रॉमहोम, इंटरनेट सुविधाएं, टैक्स में छूट, परिवहन में सुधार से शहरों का बोझ भी कम होगा।



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इटली का सेलिया उन 5800 गांवों में से एक हैं, जिनकी आबादी 5 हजार से भी कम है।

बच्चे का तनाव सदमा न बन जाए, इसके लिए उनसे बात करें; वीडियो चैट, फोन या चिट्ठी के जरिए दोस्तों और परिवार से जोड़े रखें May 08, 2020 at 02:42PM

लॉकडाउन का असर बच्चों की मानसिक स्थिति पर भी पड़ सकता है। बच्चे इन दिनों कई ऐसी प्रतिक्रियाएं दे सकते हैं, जिनकी माता-पिता उम्मीद नहीं करते। विशेषज्ञों का मानना है कि परिजन को समझना चाहिए कि ऐसी प्रतिक्रिया सामान्य है। हमें बच्चों को इस तनाव से उबारने में उनकी मदद करनीचाहिए, अन्यथा यह सदमे में बदल सकता है।

बच्चे का व्यवहार सामान्य से हटकर हो, तो समझ जाएं कि वह बर्दाश्त की सीमा से बाहर आ गया है। इसे इस नजरिये से देखें कि यह इस मुश्किल समयमें क्यों बदला। यह संकेत है कि वह भीतर ही भीतर संघर्ष कर रहा है। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में साइकोलॉजिस्ट जॉय गैब्रिएल कहते हैं, ‘आप सुनिश्चित नहींहैं तो उसकी काउंसिलिंग करवाएं।’

विपत्ति का प्रभाव समझें
जो बच्चा पहले भी हिंसा या फिर नजरअंदाज किए जाने वाले अनुभवों से गुजर चुका है, वह इस स्थिति में अलग-थलग महसूस करेगा। डॉ बर्क हैरिस कहतेहैं तनाव का बच्चे के मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य और व्यवहार पर प्रभाव पड़ता है। उसे इस तरह ढालने की जरूरत है कि वह जरूरतों का आकलन करे।तनावपूर्ण स्थितियों का विकास के अवसरों में तब्दील करे।

तनाव घटाने के उपाय ढूंढ़ें
यह सोचें कि हम बच्चे की किस तरह मदद कर सकते हैं। डॉ. बर्क हैरिस अनुशंसा करते हैं कि बच्चे को तनाव के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए उससे बातकर सकते हैं। बच्चे को दोस्तों और परिवार से जोड़कर कर रखें। वीडियो चैट, फोन कॉल या चिट्ठी लिखकर यह किया जा सकता है। एकरूप रूटीन से बचेंऔर बच्चे से कुछ क्रिएटिव काम करवाएं।



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विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को इस तनाव से उबारने में उनकी मदद करनी चाहिए, अन्यथा यह सदमे में बदल सकता है।  -प्रतीकात्मक

फेसबुक और गूगल जैसी टेक कंपनियों के दफ्तर जुलाई में खुलेंगे, कर्मचारी साल के अंत तक कर सकेंगे वर्क फ्रॉम होम May 08, 2020 at 02:38PM

कोरोनामहामारी के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई। कई बड़ी कंपनियों को अपने दफ्तर बंद कर कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देनी पड़ी। अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनियां फेसबुक और गूगल ने भी महामारी के शुरुआती दौर में ही अपने ज्यादातर कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा। अब जबकि लॉकडाउन में ढील जा रही है तो कंपनियों के दफ्तर भी खुलने शुरू हो गए हैं। गूगल और फेसबुक भी जुलाई में अपने दफ्तर खोल रही है। हालांकि, इन दोनों कंपनियों ने कहा है कि उनके जो कर्मचारी अभी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं, उन्हें इस साल के अंत तक यह सुविधा मिलती रहेगी।

गूगल ने पहले कहा था कि उसकी वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी 1 जून तक लागू रहेगी, लेकिन इसने अब इसमें सात महीने का इजाफा करने का फैसला किया है। वहीं, फेसबुक ने कहा है कि इसके दफ्तर 6 जुलाई को खुल जाएंगे लेकिन कर्मचारी दिसंबर के आखिर तक वर्क फ्रॉम होम करते रहेंगे।

गूगल के सीईओ पिचाई ने कहा- कर्मचारी जुलाई से दफ्तर आ पाएंगे

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि जिन कर्मचारियों को दफ्तर आने की जरूरत है, वे जुलाई से ऐसा कर पाएंगे। इसके लिए गूगल के दुनियाभर में मौजूद दफ्तरों में सुरक्षा मानकों में इजाफा किया जा रहा है, ताकि कर्मचारी संक्रमण से बचे रहें।पिचाई ने आगे कहा कि ज्यादातरकर्मचारी जो घर से काम जारी रख सकते हैं वे इस साल के अंत तक ऐसा कर पाएंगे। फेसबुक का रुख भी गूगल की लाइन पर ही है।

फेसबुक ने कहा-कर्मचारीसाल के अंत तक वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं

फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, 'जो कर्मचारी दफ्तर से दूर अपना काम जारी रख सकते हैं, वे साल के अंत तक वर्क फ्रॉम होम की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति में लगातार बदलाव हो रहा है। कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य काम पर लौटने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला करने में जुटे हैं। हमें उनका सहयोग करना है।'

फेसबुक ने कर्मचारियों को 75 हजार रुपए का बोनस भी दिया था
फेसबुक उन शुरुआती कंपनियों में शामिल रही है, जिसने महामारी को देखते हुए कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी थी। फेसबुक ने घर से काम करने वाले कर्मचारियों को घर में वर्क स्टेशन तैयार करने और बच्चों की देखभाल के लिए 1 हजार डॉलर (करीब 75 हजार रुपए) का बोनस भी दिया था। इधर, इन्फोसिस और एचसीएल जैसी भारतीय कंपनियों ने भी कहा है कि संकट का दौर समाप्त होने के बावजूद वे वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देना जारी रखेंगी।



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अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनियां फेसबुक और गूगल ने भी महामारी के शुरुआती दौर में ही अपने ज्यादातर कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा था।

अमेरिकियों की नौकरी बचाने के लिए सांसदों ने एच-1बी वीजा और विदेशी स्टूडेंट्स के इंटर्नशिप के वीजा सस्पेंड करने की मांग की May 08, 2020 at 02:33PM

अमेरिका मे उच्च सदन सीनेट के चार सांसदों ने डोनाल्ड ट्रम्प पर एच-1बी वीजा और विदेशी स्टूडेंट्स के इंटर्नशिप के लिए वीजा सस्पेंड करने का दबाव डाला है। उन्होंने अमेरिकी नागरिकों की नौकरी बचाने के लिए यह सुझाव दिए हैं। ट्रम्प अगर यह कदम उठाते हैं तो भारतीयों पर इसका बुरा असर पड़ेगा।अमेरिका में ग्रेट डिप्रेशन के बाद इतनी बेरोजगारी कभी नहीं आई है।

सांसदों ने शुक्रवार को ट्रम्प को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने लेबर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट दी। इसमें बताया गया है कि कोरोना महामारी ने अप्रैल में दो करोड़नौकरियां नष्ट कर दी हैं। इसके चलते 14.7% बेरोजगारी आगई है।

उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले वर्करों के वीजा कम से कम एक साल के लिए सस्पेंड कर देना चाहिए। अमेरिका के खुद के नागरिकों के लिए नौकरियोंकी कमी हो गई है, सीमित रोजगार में अतिरिक्त विदेशी कर्मचारियों को नहीं स्वीकार करना चाहिए। वीजा सस्पेंशन की मांग करने वालों में चक ग्रेसली, टॉमकॉटन, टेड क्रूज और जोश हॉले शामिल हैं।

सांसदों ने इन वीजा को सस्पेंड करने की मांग की

  • एच-1बी वीजाः विशेष काम के कर्मचारियों को दिया जाने वाला वीजा
  • एच-2बी वीजाः नॉन-एग्रीकल्चरल कामों के लिए सीजनल वर्करों को दिया जाने वाला वीजा
  • ओटीपी वीजाः ग्रेजुएशन के बाद स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप के लिए दिया जाने वाला वीजा
  • ईबी-5 वीजाः विदेश के अमीर लोगों इंवेस्टमेंट के बदले दिया जाने वाला वीजा

वीजा के संस्पेंशन से भारत पर असर पड़ेगा
एच-2बी वीजा को छोड़कर अन्य सभी वीजा के संस्पेशन से भारतीयों पर असर पड़ेगा। एच-2बी वीजा खासतौर पर मैक्सिको के प्रवासी मजदूरों के काम आताहै। अमेरिका में हर साल 10 कर्मचारी विदेशों से आते हैं। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि बेरोजगारी की दर इतनी ज्यादा है कि इन कर्मचारियों को वीजा देनेका कोई कारण नहीं है।

पिछले साल ओटीपी वीजा वालों में 40% भारतीय

ओटीपी वीजा के सस्पेंड होने से भारतीय छात्रों में पर असर पड़ेगा। हर साल भारत से कई स्टूडेंट फॉरेन स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका ग्रेजुएशन के लिए जाते हैं।ग्रेजुएशन होने के बाद अमेरिका उनके वीजा में विस्तार करता है। इसे ही ओटीपी वीजा कहते हैं। इसके तहत विदेशी छात्र एक से तीन साल तक अमेरिकाइंटर्नशिप कर सकते हैं। 2019 में अमेरिका में विदेश के दो लाख 23 हजार स्टूडेंट ऐसे थे, जिन्हें ग्रेजुएशन के बाद ओटीपी वीजा मिला था, इसमें 40प्रतिशत लगभग भारतीय थे।



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ओटीपी वीजा के सस्पेंड होने से भारतीय छात्रों में पर असर पड़ेगा। हर साल भारत से कई स्टूडेंट फॉरेन स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका ग्रेजुएशन के लिए जाते हैं। -फाइल फोटो

'Nepal total coronavirus infections reach 102' May 08, 2020 at 04:34AM

Virus could kill 190,000 Africans and 'smolder' in continent May 08, 2020 at 04:01AM

An estimated 190,000 people in Africa could die of Covid-19 in the first year of the pandemic and the disease could “smolder” across the continent for years, the World Health Organisation has warned.

बिडेन पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली टारा रेड ने कहा- राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी छोड़ दें May 08, 2020 at 01:49AM

जो बिडेन पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली टारा रेड ने बिडेन से राष्ट्रपति पद कीउम्मीदवारी छोड़ने को कहा है। टारा का कहना है कि ऐसे चरित्र वालों कोराष्ट्रपति पद के लिए दावा नहीं पेश करना चाहिए। पॉलीग्राफी टेस्ट (झूठ पकड़ने वाले टेस्ट) कराने के सवाल पर टारा ने कहा, 'मैंइसके लिए तैयार हूं, लेकिन पहले बिडेन का टेस्ट कराना चाहिए।'
दरअसल, गुरुवार को एक क्लिप रिलीज की गई। इसमें पत्रकारमेगन केली से टारा रेड कहती हैं, 'जो बिडेन, प्लीज आगे बढ़ें और जवाबदेही तय करें। आपको संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति पद के लिए इस तरह काकैरेक्टर लेकर आगे नहीं बढ़ना चाहिए।' बिडेन के कैंप के डिप्टी मैनेजर ने बयान जारी कर इन आरोपों को गलत बताया है।

टारा ने कहा- बिडेन ने 27 साल पहले यौन शोषण किया
टारा रेड ने मार्च में आरोप लगाया था कि 27 साल पहले बिडेन ने उनका यौन शोषण किया था। टारा ने कहाथा कि 1993 में वो सीनेट ऑफिस में काम करती थीं। इस दौरान कैपिटल हिल ऑफिस के बेसमेंट में बिडेन ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। उन्होंने तब शिकायत भी दर्ज कराई थी। यह आरोप बिडेन के राष्ट्रपति पद के प्रचार अभियान में सबसे बड़ा झटका है। हालांकि, बिडेन ने आरोप से इनकार किया है।

इंटरव्यू में टारा ने यौन शोषण के सबूत भी दिखाए
इंटरव्यू में टारा रेड ने यौन शोषण के सबूत भी दिखाए हैं। उन्होंने 1996 का कोर्ट का एक डिक्लेरेशन दिखाया है। टारा ने कहा कि उन्होंने अपने पूर्व पति को इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने सैन लुईस ऑबिस्पो ट्रिब्यून की एक कटिंग दिखाई। हालांकि, इसमें बिडेन पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। रेड के तब के पति थियोडर ड्रोनेन ने कोर्ट डिक्लेरेशन में लिखा था कि रेड ने उन्हें बिडेन के कार्यालय में एक परेशानी के बारे में बताया था। यह परेशानी यौन शोषण से जुड़ी हुई थी।

37 प्रतिशत अमेरिकन आरोपों को सही मानते हैं
मॉनमाउथयूनिवर्सिटी का एक सर्वे बुधवार को सामने आया। इसमें 37 प्रतिशत अमेरिकन टारा रेड के आरोपों को सही मानते हैं। 32 प्रतिशत लोगों का कहना कि शायद आरोप सही नहीं हैं। वहीं, 31 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो किसी का पक्ष नहीं लेते।

इस सर्वे में सामने आया है कि राष्ट्रपति पद के लिए बिडेन को 50 प्रतिशत लोगों का समर्थन है। मार्च में यह 48 प्रतिशत था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को 41 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है, जो मार्च में 45 प्रतिशत था। कोरोना महामारी के चलते ट्रम्प की पब्लिसिटी में यह गिरावट आई है।



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अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन ने 1998 और 2008 में भी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी पेश की थी। हालांकि, दोनों ही बार उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया था। फाइल फोटो

Saudi Arabia coronavirus cases exceed 35,000 May 08, 2020 at 03:23AM

चुनावों में रूस के दखल के मामले में ट्रम्प के पूर्व सहयोगी माइकल फ्लिन के खिलाफ केस वापस लिया गया May 08, 2020 at 01:35AM

अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने व्हाइट हाउस के पूर्व नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर (एनएसए) माइकल फ्लिन के खिलाफ केस वापस ले लिया है।डिपार्टमेंट ने कहा कि 2016 में अमेरिकी चुनावों में रूसी दखल के मामले में फ्लिन पर आरोप साबित नहीं हुए हैं। कोई भी जायज आधार नहीं है, जिसकी वजह से केस को आगे बढ़ाया जाए। साथ ही इसी मामले में दिसंबर 2017 में एफबीआई से झूठ बोलने का आरोप भी साबित नहीं हो पाया है।

यह फैसला ट्रम्प के सहयोगी माने जाने वाले एटार्नी जनरल बिल बार के नेतृत्व में लिया गया है। इस फैसले ने बार के पूर्ववर्ती जनरल और एफबीआई के 18 महीने केकाम को उलट कर रख दिया है।

चुनावों के ठीक पहले ट्रम्प को मजबूती मिली
इस फैसले ने चुनाव के ठीक पहले ट्रम्प को मजबूती दी है। ट्रम्प लगातार कहते रहे हैं कि यह जांच एक राजनीतिक प्रोपेगेंडा है। ट्रम्प ने गुरुवार को कहा, ‘‘उसे (माइकल फ्लिन) ओबामा प्रशासन ने इसलिए टार्गेट किया था, ताकि राष्ट्रपति को नीचे गिराया जा सके। मुझे उम्मीद है कि ये लोग एक बड़ी कीमत चुकाएंगे, क्योंकि वे बेईमान लोग हैं। वे शरीर का मैल हैं।’’

पूर्व अधिकारियों ने फैसले पर नाराजगी जताई
बार ने सीबीसी न्यूज से बातचीत में कहा, ‘‘हमारी ड्यूटी है कि हम अब इस केस को वापस लें। फ्लिन के खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ है। उन पर केस आगे चलाने का कोई आधार नहीं है।’’ जांच से जुड़े वर्तमान और पूर्व अधिकारियों ने बार के इस फैसले पर नाराजगी जताई है। उन्होंने बार पर ट्रम्प का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के डेमोक्रेटिक चेयरमैन जेरी नडलर ने कहा, ‘‘जनरल फ्लिन के खिलाफ भारी सुबूत हैं। उन्हें जांचकर्ताओं से झूठ बोलने का भी दोषी पाया गया है। न्याय विभाग अबराजनीतिक और भ्रष्ट हो गया है। वह बस ट्रम्प की गद्दी बचाए रखना चाहता है।’’

राबर्ट मुलर की जांच को बनाया गया था केस का आधार
अमेरिकी चुनावों में रूस के दखल के मामले में विशेष वकील रार्बट मुलर ने 22 महीने तक जांच की थी। उनकी रिपोर्ट को ही आधार बनाकर माइकल फ्लिन के खिलाफ केस शरू किया गया था। आरोप है कि दिसंबर 2016 में फ्लिन ने वॉशिगंटन में रूस के दूत सेर्गेई किसाक से गुप्त बातचीत की थी।एफबीआई की ओर से टैप किए गए कई फोन काल में फ्लिन कथित तौर पर रूस के साथ पॉलिटिकल डील कर रहे हैं। मुलर की रिपोर्ट में ट्रम्प के कैंपेन से जुड़े फ्लिन समेत छह लोग इस काम में शामिल थे।

फ्लिन के रूस में कई संपर्क थे। पिछले साल मास्को में रूसी मीडिया ‘आरटी’ के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्होंने हजारों डॉलर का भुगतान किया था। इस कार्यक्रम में वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बगल में बैठे थे।



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माइकल थॉमस फ्लिन अमेरिकी सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हुए थे। वह ट्रम्प के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे।

Iranians urged to take coronavirus 'seriously' as cases stay high May 08, 2020 at 01:11AM

Since reporting its first cases in mid-February, the Islamic republic has struggled to contain the spread of the virus that causes the Covid-19 disease. Health ministry spokesman Kianoush Jahanpour said 55 new virus fatalities in the past 24 hours took the overall death toll in the health crisis to 6,541.

Tesla idles China plant, suspending vehicle output worldwide May 08, 2020 at 01:26AM

Tesla Inc. suspended production at its plant on the outskirts of Shanghai, according to people familiar with the matter, bringing to a halt all of the company’s vehicle manufacturing globally.

ट्रम्प ने रूसी हस्ताक्षेप की खबर पर पुलित्जर पाने वाले अखबरों से पुरस्कार लौटाने को कहा, पत्रकारों को चोर बताया May 07, 2020 at 11:09PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन अखबारों कोपुलित्जर पुरस्कार लौटा देना चाहिए, जिन्होंने अमेरिकी चुनावों में रूस के हस्तक्षेप की कवरेज की थी। उन्होंने सारी खबरों कोगलत बताते हुए पत्रकारों को चोर कहा है।

व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में ट्रम्प ने रिपोर्टरों से कहा, ‘‘वे पत्रकार नहीं हैं। वे चोर हैं। वे सभी पत्रकार जिनको पुलित्जर पुरस्कार मिला है, उन्हें पुरस्कार लौटाने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए, क्योंकि वे सभी गलत थे। आपने आज देखा, और दस्तावेज सामने आ रहे हैं, जिनसे पता चलता है कि चुनावों में रूस के साथ कोई मिलीभगत नहीं थी।’’उन्होंने यह बात तब कही जब न्याय मंत्रालय ने उनके पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल माइकल फ्लिन (रिटायर्ड) के केस को खत्म करने की घोषणा की है। फ्लिन पर रूसी हस्तक्षेप के मामले में ही जांच चल रही थी।

कहा-सही लोगों को मिलना चाहिए पुलित्जर

ट्रम्प ने आगे कहा, ‘‘पुलित्जर पुरस्कार जरूर लौटा देने चाहिए, क्योंकि आपको पता है ये गलत काम पर दिए गए हैं। वे सभी गलत खबरें थीं। इसलिए ये पुरस्कार तुरंत पुलित्जर कमेटी को लौटा देने चाहिए। ये वापस नहीं होंगे तो यह पुलित्जर पुरस्कारों का अपमान होगा। पुलित्जर पुरस्कार उन लोगों को मिलना चाहिए जिन्होंने सही खबर दी थी और मैं आपको उन नामों की भी लंबी सूची दे सकता हूं, और आपको पता होगा कि मैं किसकी बात कर रहा हूं।’’

ट्रम्प ने फ्लिन को बेकसूर बताया
ट्रम्प ने कहा, ‘‘माइकल फ्लिन बेकसूर थे। वेबहुत सज्जन हैं, ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें इसलिए निशाना बताया ताकि राष्ट्रपति को नीचे गिराया जा सके। जो उन्होंने किया वह शर्म की बात है और मुझे लगता है कि उन्हें इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। हमारे देश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।उन्होंने कहा कि ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन में शामिल लोग पकड़े गए हैं। वे बहुत बेईमान लोग हैं। यह काम उनकी बेईमानी से ज्यादा देशद्रोह का है। यह निश्चित रूप से देशद्रोह है।’’

वॉशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स को मिला था पुरस्कार
अमेरिका में 2016 में हुए राष्ट्रपति पद के चुनावों में रूस के हस्तक्षेप का खुलासा करने पर वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकारों को 2018 में पुलित्जर पुरस्कार दिया गया था।



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डोनाल्ड ट्रम्प 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। उन पर रूस की मदद से चुनाव जीतने का आरोप है।

Green hydrogen's time has come, say advocates eying post-pandemic world May 08, 2020 at 12:10AM

Hydrogen has long been touted as a clean alternative to fossil fuels. Now, as major economies prepare green investments to kickstart growth, advocates spy a golden chance to drag the niche energy into the mainstream of a post-pandemic world.

Turkey and Italy say shells hit near their Libyan embassies May 07, 2020 at 10:50PM

Pak anti-terror court seizes Afghan Taliban ex-chief's properties for auction May 07, 2020 at 10:58PM