Friday, October 9, 2020

पाकिस्तान सरकार ने चुपचाप टिकटॉक को बैन किया, कुछ लोग खुश तो कुछ ने विरोध किया October 09, 2020 at 08:18PM

पाकिस्तान ने चीन के सोशल मीडिया ऐप टिकटॉक को गुपचुप तरीके से बैन कर दिया है। आरोप है कि इस ऐप के जरिए अश्लीलता फैल रही थी और इसकी वजह से रेप और बच्चों के यौन शोषण की घटनाएं बढ़ रहीं थीं। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री इमरान खान के एक सलाहकार ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री भी टिकटॉक जैसे ऐप के इस्तेमाल पर रोक लगाना चाहते हैं। भारत में इसे कुछ महीनों पहले बैन किया जा चुका है। खास बात ये है कि पाकिस्तान सरकार ने टिकटॉक को बैन किए जाने की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की। माना जा रहा है कि ऐसा चीन की नाराजगी से बचने के लिए किया गया।

सरकार चुप
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में पाकिस्तान सरकार के एक अफसर ने माना कि टिकटॉक पर बैन लगा दिया गया है। इस अफसर ने कहा- देश के कई हिस्सों से मांग उठ रही थी कि टिकटॉक के जरिए अश्लीलता फैलाई जा रही है और यह पाकिस्तान जैसे इस्लामिक देश में सहन नहीं की जा सकती। हमने कई बार और पिछले दिनों लगातार टिकटॉक से बातचीत की। उनसे कहा गया कि वे ऐप से आपत्तिजनक कंटेंट हटा दें। लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया। लिहाजा, हमें यह कदम उठाना पड़ा।

कुछ खुश तो कुछ नाराज
टिकटॉक को पाकिस्तान में बैन किए जाने का मिलाजुला रिएक्शन सामने आया। कुछ लोगों ने इस पर खुशी जाहिर की तो कुछ दुखी या नाराज नजर आए। एक यूजर हसन बिलाल ने ट्विटर पर कहा- मैं खुश हूं कि पाकिस्तान सरकार ने आखिरकार एक सही कदम उठाया। एक अन्य यूजर ने लिखा- ऊपर वाले का शुक्रिया। आखिरकार हमें एक वायरस से आजादी मिल गई। एक यूजर ने लिखा- मैं जन्नत मिर्जा के लिए दुखी हूं। उन्होंने हाल ही में 10 मिलियन फॉलोअर्स बनाए थे।

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देश का नुकसान
द ट्रिब्यून के जर्नलिस्ट जरार खुरो ने बैन का विरोध किया। उन्होंने लिखा- बैन जरूर कीजिए। लेकिन, हमें यह बात भी जेहन में रखनी होगी कि इस ऐप के जरिए कई लोगों को कमाई हो रही थी। दूसरी बात- आप पाकिस्तान में इन्वेस्टमेंट की बात करते हैं। और फिर एक पॉपुलर ऐप को बैन कर देते हैं। इससे तो इन्वेस्टर्स को हौसला नहीं बढ़ सकता। एक और बात यह है कि कोई किसी पर इस बात के लिए दबाव तो नहीं डाल रहा था कि आप टिकटॉक ही देखें।

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फोटो पाकिस्तान की टिकटॉक स्टार जन्नत मिर्जा की है। इस सोशल मीडिया ऐप पर जन्नत के 10 मिलियन फॉलोअर हैं। खास बात ये है कि जन्नत पाकिस्तान नहीं बल्कि जापान में रहती हैं। उनके ज्यादातर टिकटॉक वीडियो बॉलीवुड के गानों पर होते हैं। (फाइल)

Jacob Zuma summoned to appear before commission in November October 09, 2020 at 08:07PM

15 अक्टूबर को होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट रद्द, ट्रम्प ने वर्चुअल डिबेट से इनकार कर दिया था October 09, 2020 at 04:55PM

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के पहले होने वाली तीन प्रेसिडेंशियल डिबेट्स में से दूसरी को रद्द कर दिया गया। शनिवार को कमीशन ऑफ डिबेट (सीपीडी) ने इसकी पुष्टि की। दूसरी डिबेट 15 अक्टूबर को मियामी में होनी थी। तीसरी और आखिरी बहस 22 अक्टूबर को होनी है। इस पर फिलहाल फैसला नहीं हो पाया है। पहली डिबेट 29 सितंबर को हो चुकी है। पिछले शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। तीन दिन वे मैरीलैंड के मिलिट्री हॉस्पिटल में रहे। सोमवार को व्हाइट हाउस लौटे और खुद को फिट बताया।

टकराव टालने की कोशिश
सीपीडी ने दूसरी डिबेट वर्चुअली कराने का प्रस्ताव दिया था। ट्रम्प ने इसका साफ तौर पर विरोध करते हुए कहा था- यह सिर्फ वक्त की बर्बादी होगी। दूसरी तरफ, डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा था- पहले इस बात की पुष्टि होनी चाहिए कि ट्रम्प कोरोना निगेटिव हो गए हैं। टकराव को देखते हुए सीपीडी ने डिबेट ही कैंसिल कर दी।

सीपीडी ने क्या कहा
सीपीडी ही प्रेसिडेंशियल और वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट ऑर्गनाइज करती है। मुद्दे और जगह भी यही तय करती है। लेकिन, ट्रम्प और बाइडेन के बीच टकराव को देखते हुए उसने दूसरी बहस को रद्द करने का फैसला किया। सीपीडी ने एक बयान में कहा- अब यह तय हो गया है कि 15 अक्टूबर को मियामी में होने वाली दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट नहीं होगी। हमारी कोशिश है कि 22 अक्टूबर को होने वाली तीसरी और आखिरी बहस की पूरी तैयारियां की जाएं।

ट्रम्प बनाम बाइडेन : बहस में दिक्कत क्या थी
सोमवार को हॉस्पिटल से लौटने के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने साफ कर दिया था कि वे दूसरी डिबेट के लिए बिल्कुल तैयार हैं। लेकिन, जब सीपीडी ने बाइडेन की मांग पर इसे वर्चुअल कराने का प्रस्ताव रखा तो ट्रम्प ने इसे वक्त की बर्बादी करार दिया। ट्रम्प के बाद बाइडेन का बयान आया। उन्होंने कहा- मैं नहीं जानता कि आखिर हमारे राष्ट्रपति क्या चाहते हैं। उनका दिमाग तो हर सेकंड बदल जाता है। वे बेहद गैरजिम्मेदाराना बर्ताव करते हैं। मैं सिर्फ सीपीडी की बात मानूंगा।

जीत का भरोसा
बाइडेन ने शुक्रवार रात मीडिया से बातचीत की। कहा- डेमोक्रेट्स बड़ी आसानी से बड़ी जीत दर्ज करेंगे। पॉजिटिव पाए जाने के बाद ट्रम्प के व्यवहार में मैंने बहुत बदलाव महसूस किया है। वे जितने दिन अब राष्ट्रपति पद पर रहेंगे, उतने दिन वे ऐसा ही गैरजिम्मेदाराना बर्ताव करते रहेंगे।



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फोटो 29 सितंबर को हुई पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट की है। इसमें ट्रम्प और बाइडेन आमने-सामने थे। दूसरी बहस 15 अक्टूबर को मियामी में होनी थी। इसे रद्द कर दिया गया है। तीसरी और आखिरी डिबेट 22 अक्टूबर को होनी है। इस पर फैसला नहीं हुआ है।

Taiwan's leader hopes for reduced tensions with China October 09, 2020 at 06:44PM

Armenia, Azerbaijan agree on ceasefire in Nagorno-Karabakh October 09, 2020 at 04:19PM

The latest outburst of fighting between Azerbaijani and Armenian forces began September 27 and left hundreds of people dead in the biggest escalation of the decades-old conflict over Nagorno-Karabakh since a separatist war there ended in 1994. The region lies in Azerbaijan but has been under the control of ethnic Armenian forces backed by Armenia.

कमला हैरिस जानती हैं चुनाव जीतने का हुनर, उन्होंने ट्रम्प को कठघरे में खड़ा कर दिया; बाइडेन के साथ उनका तालमेल भी बेहतर October 09, 2020 at 03:47PM

थोड़ा पीछे जाकर देखते हैं। फरवरी में ऐसा लग रहा था जैसे प्रेसिडेंट इलेक्शन 2020 सिर्फ विचारधारा के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। दो बिल्कुल अलग विचारधाराओं के बीच। प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प खुद को लोकप्रिय और ताकतवर नेता मानते हैं। वे इससे जुड़े मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। दूसरी तरफ डेमोक्रेट्स हैं। वे हेल्थ केयर और न्यू ग्रीन डील जैसे मुद्दे भी लेकर आए। कुल मिलाकर एक तरफ राजनीति थी और दूसरी तरफ संस्कृति। इन दोनों के मेल पर चुनाव जाता दिख रहा था।

बदल गई तस्वीर
लेकिन, अब तस्वीर बिल्कुल बदली हुई नजर आ रही है। अब लग रहा है कि जैसे यह चुनाव अमेरिकी इतिहास का पहला ऐसा चुनाव है जहां विचारधारा की कोई जगह नहीं बची। सिर्फ दो मुद्दे नजर आ रहे हैं और दोनों को करंट अफेयर्स कहा जाएगा। पहला- ट्रम्प से कैसे छुटकारा पाया जाए। दूसरा- कोरोनावायरस को कैसे हराया जाए। ये बदलाव तीन स्तर पर आया। पहला- डेमोक्रेट्स के प्राइमरी वोटर्स ने ट्रम्प को हराने का फैसला किया। दूसरा- महामारी से कैसे निपटा जाए। तीसरा- जो बाइडेन और कमला हैरिस की रणनीति।

डिबेट में कमला हैरिस शानदार रहीं
बाइडेन और कमला हैरिस ने बहुत प्रोफेशनल तरीके से कैम्पेन चलाया। उन्होंने मीडिया को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। बल्कि, उस बड़े वर्ग पर फोकस किया जो परेशान हो चुका है। मिडिल क्लास लोगों तक पहुंच बनाई। फ्लोरिडा में रिटायर लोगों से मिले। और हर उस जगह तक पहुंचे, जहां लोग अपनी बात कहना चाहते थे। डेमोक्रेट्स की क्या रणनीति है? इसे आप उनके डिबेट परफार्मेंस में देख सकते हैं। लोग सवाल कर रहे हैं कि वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट में कौन जीता? लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि किसने इलेक्शन स्ट्रैटेजी के हिसाब से परफॉर्म किया। यहां कमला हैरिस साफ तौर पर आगे नजर आईं। रिपब्लिकन पार्टी और माइक पेन्स के पास कोई रणनीति ही नहीं थी।

हैरिस ने कमजोरियां दूर कर लीं
पिछले साल हैरिस ने डेमोक्रेट्स की डिबेट में हिस्सा लिया। कुछ लोगों ने उनकी काबिलियत पर सवाल उठाए। बतौर वकील उनके रिकॉर्ड का जिक्र किया गया। लेकिन, इसके बाद उन्होंने काफी मेहनत की। और ये फर्क अब साफ नजर आता है। पिछले साल उन्हें सीनेट का सबसे लिबरल मेंबर कहा गया था। उन्होंने न्यू ग्रीन डील का समर्थन किया। मेडिकेयर फॉर ऑल के साथ खड़ी नजर आईं। लेकिन, बुधवार को डिबेट में वे अलग दिखीं। कोविड-19 के मुद्दे पर उन्होंने ट्रम्प को कठघरे में खड़ा कर दिया। गर्भपात को महिला का अधिकार बताया। सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति पर तर्क दिए। ओबामा केयर बिल का समर्थन किया।

नस्लवाद पर बहुत सावधानी से बोलीं
नस्लवाद और न्याय की बात हुई तो उन्होंने इसे सिस्टम का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया और बताया कि बतौर वकील वे इसे कैसे देखती हैं। विवादित बातों से वे बचती नजर आईं। इकोनॉमी से लेकर ग्रीन डील और फ्री कम्युनिटी कॉलेज पर भी बोलीं। रिपब्लिकन अकसर बाइडेन को कमजोर उम्मीदवार बताते हुए तंज कसते हैं। हैरिस ने इसका भी जवाब दिया। उन्होंने इशारों-इशारों में ये भी साफ कर दिया कि चुनाव जीतने के बाद उनका झुकाव वामपंथियों की तरफ होगा। बाइडेन और कमला हैरिस की जोड़ी दिखा रही है कि वे नए सिरे से शुरुआत करने में सक्षम हैं।



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Kamala Harris VP Debate | Democratic Vice-Presidential Nominee Senator Kamala Harris Knows Very Well How To Win US Chunav

अमेरिकी चुनाव खर्च 54 हजार करोड़ रुपए पार, 24 दिन में 34 हजार करोड़ और बहेंगे, खर्च में डेमोक्रेटिक आगे October 09, 2020 at 03:06PM

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की आखिरी वोटिंग 3 नवंबर को होनी है। अब तक सियासी दल 54 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। यह 2016 में खर्च हुई राशि 50 हजार करोड़ से ज्यादा है। ऐसे में अनुमान है कि इस चुनाव में खर्च 88 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।

चुनावी खर्च की निगरानी करने वाली संस्था सेंट्रल फॉर रेस्पॉन्सिव पॉलिटिक्स (सीपीआर) की सीईओ शीला क्रुमोलज ने बताया कि 2018 के मिड टर्म्स चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ फंडिंग देखी थी और 2020 में ऐसी फंडिंग की तो हमने कभी कल्पना नहीं की थी। चुनावों में इतनी ज्यादा फंडिंग ने हमारी उम्मीदों को कुचल दिया है।

यह अमेरिकी इतिहास का सबसे महंगा चुनाव हो चुका है और फाइनल वोटिंग में करीब 1 महीने का वक्त बचा है। क्या यह भविष्य के चुनावों का न्यू नॉर्मल है। कोरोना वायरस की वजह से वोटर्स और दानदाताओं से नहीं मिल पा रहे हैं। सीआरपी ने नोटिस किया है कि डिजिटल ऐड के जरिए लोग वोटर्स तक पहुंच रहे हैं और वोटर को खर्च करने के लिए उत्साहित कर रहे हैं।

वहीं वेस्लियन मीडिया प्रोजेक्ट की स्टडी बताती है कि डिजिटल माध्यम से खर्च करने के मामले में बाइडेन की टीम ट्रम्प से आगे है। बाइडेन ने सितंबर में टीवी विज्ञापनों के जरिए 686 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। वहीं ट्रम्प ने 299 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

टीम बाइडेन ने फेसबुक और गूगल विज्ञापनों पर 234 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि ट्रम्प ने 167 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसकी वजह यह है कि ट्रम्प अप्रैल से चुनावी कैंपेन में सक्रिय हैं और अगस्त से कैंपेन शुरू किया है। ओवरऑल खर्च में डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों का हिस्सा 54% और ट्रम्प की रिपब्लिकन का 39% है।

ट्रम्प इलेक्शन कैंपेन व दूसरी डिबेट में भी ले सकेंगे हिस्सा

ट्रम्प के डॉक्टर सीन कोनले ने कहा कि ट्रम्प शनिवार से सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे। हालांकि अमेरिकी गाइडलाइंस के मुताबिक संक्रमित शख्स की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उसे 10 दिन आइसोलेशन में रहना पड़ता है। अभी तक ट्रम्प की निगेटिव रिपोर्ट के बारे में कोई सूचना नहीं आई है।

2016 की तुलना में 8% बढ़ गई है छोटे दानदाताओं की संख्या

  • महिलाएं 2020 के इस चुनाव में 12.4 हजार करोड़ रुपए दान कर चुकी हैं। 2016 में महिलाओं ने 9.5 हजार करोड़ रुपए का चंदा दिया था।
  • 200 डॉलर (करीब 14, 600 रु.) से कम राशि दान करने वाले लोग दानदाताओं की संख्या 2016 की तुलना में 8% बढ़कर 22% पहुंच गई है।
  • छोटे डोनर ने बाइडेन को 472 करोड़ रुपए की राशि दी है, वहीं ट्रम्प को इस समूह से महज 122 करोड़ रुपए का चंदा मिला है।
  • बड़ी कंपनियों के 15 सीआईओ ने ट्रम्प को 19 करोड़ रुपए का चंदा दिया है और बाइडेन को 30 कंपनियों के सीईओ ने महज 4 करोड़ रुपए दिए हैं।


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US election spending crosses 54 thousand crores, 34 thousand crores will flow in 24 days

चुनाव अभियान में फिर जुटेंगे ट्रम्प; क्या है उन्हें सिर्फ नौ दिन में ठीक करने वाली रीजेनेरन की थैरेपी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी? October 09, 2020 at 02:28PM

कोविड-19 महामारी को दुनियाभर में नौ से ज्यादा महीने हो गए हैं। इसने किसी को नहीं छोड़ा। दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प को भी नहीं। दस लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इतना होने के बाद भी डोनाल्ड ट्रम्प सिर्फ नौ दिन के ट्रीटमेंट में ठीक हो गए हैं।

अब कहा जा रहा है कि वे शनिवार को कैलिफोर्निया में चुनावी रैली को संबोधित कर सकते हैं। जो ट्रम्प शुरू से कोविड-19 को महत्व नहीं दे रहे थे, उन्होंने ही सबसे कम वक्त में उसे हरा दिया। 74 वर्षीय ट्रम्प के खिलाफ उनकी उम्र ही नहीं बल्कि ब्लडप्रेशर, मोटापा और अन्य बीमारियां भी थी, जो कोविड-19 को गंभीर बना सकती थी।

पिछले सोमवार को प्रेसिडेंट के ब्लड सैम्पल लिए गए। उसमें प्रोटेक्टिव एंटीबॉडी मिले हैं। फार्मा कंपनी के मुताबिक, वह रीजेनेरन की एंटीबॉडी थैरेपी का असर था। ट्रम्प ने भी बुधवार को वीडियो में दावा किया कि रीजेनेरन फार्मा की एक्सपेरिमेंटल थैरेपी से ही वे ठीक हुए हैं। अब दवा कंपनी ने फेडरल रेगुलेटर्स से इमरजेंसी यूज के लिए एंटीबॉडी ट्रीटमेंट को अनुमति देने की अपील की है।

क्या है रीजेनेरन और उसकी दवा?

  • सभी जानते हैं कि कोविड-19 मरीजों को ठीक करने के लिए नए-नए एक्सपेरिमेंट्स चल ही रहे हैं। शरीर में वायरस काउंट और रिकवरी टाइम कम करने की कोशिश भी हो रही है। अमेरिकी दवा कंपनी रीजेनेरन का ट्रीटमेंट भी इस समय प्रयोग के दौर में है।
  • रीजेनेरन ने दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का कॉम्बिनेशन REGN-COV2 बनाया है ताकि SARS-CoV-2 (वायरस जिसकी वजह से कोविड-19 होता है) की इंफैक्ट करने की क्षमता को वह ब्लॉक कर सकें।
  • REGN-COV2 को विकसित करने के लिए वैज्ञानिकों ने हजारों ह्यूमन एंटीबॉडी का इवेल्यूशन किया है। कंपनी ने एक चूहे को मनुष्यों जैसा इम्युन सिस्टम विकसित करने के लिए जेनेटिकली मोडिफाई किया। फिर उससे ह्यूमन एंटीबॉडी ली। जो लोग कोविड-19 से उबर चुके हैं, उनके शरीर से भी एंटीबॉडी ली।

किस तरह काम करती है यह दवा?

  • इस थैरेपी में दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडी REGN10933 और REGN10987 का इस्तेमाल किया गया है जो SARS-COV-2 वायरस को इनएक्टिव करते हैं। इससे उसके शरीर में फैलने की क्षमता रुक जाती है और रिएक्शन टाइम कम हो जाता है।
  • फिलहाल यह दवा शुरुआती ट्रायल के फेज में है। इसे उन इन्फेक्टेड व्यक्तियों में वायरल लोड कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जो घर पर इलाज करा रहे हैं। अमेरिका में 275 मरीजों पर इसका इस्तेमाल किया गया है। अगले हफ्ते और 1,300 मरीजों पर इसका इस्तेमाल होगा। यूके में भी मिडिल से मिड-स्केल क्लिनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं।
  • मोनोक्लोनल एंटीबॉडी शरीर में किसी पर्टिकुलर सेल से जुड़ते हैं। यह शरीर में इंफेक्शन को फैलने से रोकते हैं। एक्सपर्ट्स को लग रहा है कि जेनेटिकली विकसित एंटीबॉडी कोविड-19 इंफेक्शन को शरीर से लड़कर भगाने में मददगार है।

क्या इससे पहले भी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया गया है?

  • हां। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का इस्तेमाल पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले कुछ कैंसर के खिलाफ भी इसका इस्तेमाल किया गया है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को बोन मैरो के प्लाज्मा सेल्स से निकाला जाता है।
  • इसे खास तौर पर वायरस को टारगेट करने और शरीर की नेचुरल एंटीबॉडी को कॉपी करने के लिए विकसित किया गया है। एंटीबॉडी ट्रीटमेंट्स इससे पहले रैबीज, हेपेटाइटिस बी में भी किए गए हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजे सामने नहीं आए हैं।

वैक्सीन के आने से पहले क्या एंटीबॉडी ट्रीटमेंट कारगर है?

  • वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह के एंटीबॉडी ट्रीटमेंट वैक्सीन की उपलब्धता और सेफ्टी के अंतर को दूर कर सकते हैं। इन्हें बनाना आसान है। इसकी इफेक्टिवनेस भी अच्छी है। यह उन ग्रुप्स में भी अच्छे नतीजे दे सकता है जिन पर वैक्सीन अच्छी नहीं होती। यह मॉर्टेलिटी रेट को ऊपर जाने से रोक सकते हैं।
  • इससे पहले जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी कॉन्वलेसेंट प्लाज्मा (एंटीबॉडी-रीच ट्रीटमेंट) पर काम किया है ताकि कोविड-19 इंफेक्शन को रोका जा सके और रिकवरी टाइम को कम किया जा सके।

क्या इसके किसी तरह के खतरे भी हैं?

  • एंटीबॉडी ट्रीटमेंट की दवाएं और थैरेपी शरीर के इम्युन रिस्पॉन्स को मजबूत करते हैं, लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं है कि एंटीबॉडी ट्रीटमेंट से कोई साइड-इफेक्ट नहीं होता।
  • प्लाज्मा थैरेपी की ही तरह, एंटीबॉडी ट्रीटमेंट या दवाएं भी कोविड-19 से जूझ रहे प्रत्येक मरीज के लिए सही नहीं है। एलर्जी, टॉक्सिसिटी, चक्कर आना या अन्य साइड-इफेक्ट का खतरा कायम रहता है।


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Donald Trump; Regeneron Coronavirus Antibody Treatment | What Is Regeneron Antibody Drug COVID? All You Need To Know

Iran's Rouhani says new US sanctions cannot break 'resistance' October 09, 2020 at 04:09AM

कोरोनावायरस संक्रमण पिछले साल ही दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका था, लेकिन वह पहला देश था जिसने इसकी रिपोर्ट की October 09, 2020 at 05:26AM

कोरोनावायरस को लेकर चीन की दुनियाभर में नकारात्मक छवि बन गई है। वह लगातार यह साबित करने में जुटा है कि वायरस के लिए उसका देश जिम्मेदार नहीं है। अब कोरोना को लेकर चीन ने शुक्रवार को नया दावा किया। कहा कि पिछले साल ही संक्रमण दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका था, लेकिन वह पहला देश था जिसने इसकी रिपोर्ट की और इसके खिलाफ कार्रवाई की थी।

चीन ने इस रिपोर्ट को भी खारिज किया कि महामारी चीन के वुहान शहर के मीट मार्केट में चमगादड़ या पैंगोलिन से फैला है। साथ ही अमेरिकी के उन आरोपों से भी इनकार किया कि कोरोना वुहान के बायो-लैब से पैदा हुआ है।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि कोरोनावायरस एक नए तरह का वायरस है, क्योंकि रिपोर्ट सामने आने के बाद इसे लेकर ज्यादा से ज्यादा तथ्य सामने आए हैं। विदेश मंत्रालय का यह जवाब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की टिप्पणी के बाद आया है। क्वाड देशों की बैठक के लिए टोक्यो गए पोम्पियो ने मंगलवार को चीन के कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) पर वायरस को लेकर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि चीन ने महामारी संकट को बदतर बना दिया है।

जांच टीम की लिस्ट चीन कौ सौंपी गई है

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि डब्ल्यूएचओ कोरोना की उत्पत्ति की जांच के लिए एक टीम भेजने वाली है। हॉन्गकॉन्ग की साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने गुरुवार को बताया कि डब्ल्यूएचओ ने बीजिंग को मंगलवार को चीन जाने वाले ग्लोबल एक्सपर्ट्स की एक लिस्ट सौंपी है। सोमवार को डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक माइक रेयान ने कार्यकारी बोर्ड की विशेष बैठक में कहा था कि चीन जाने वाले एक्सपर्ट्स की एक लिस्ट वहां के अधिकारियों को सौंपी गई है। वे फैसला करेंगे कि टीम में कौन रहेगा और वे कब वहां जाएंगे।

न्यूज पेपर के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ इसकी मंजूरी का इंतजार कर रहा है। मई में डब्ल्यूएचओ की सालाना बैठक में संगठन की निर्णय लेने वाली संस्था ने वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए सभी के सहमति से एक प्रस्ताव पारित किया। चीन ने भी इसका समर्थन किया था। डब्ल्यूएचओ के निर्णय लेने वाली संस्था की अध्यक्षता इस बार भारत ने किया।

डब्ल्यूएचओ की दो-सदस्यीय टीम अगस्त में चीन गई थी

अगस्त में डब्ल्यूएचओ की दो-सदस्यीय टीम ने चीन का दौरा किया था। उन्होंने वहां कोरोना के सोर्स का पता लगाने के लिए जमीनी कार्य पूरा किया था। पिछले साल दिसंबर में कोरोना का पहला मामला वुहान में सामने आया था। हुआ ने पोम्पियो के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि चीनी वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने 19 जनवरी को कोरोना के व्यक्ति-से-व्यक्ति में संक्रमण की पहचान की थी। काफी रिसर्च और जांच के बाद, चीन ने वुहान को जल्द से जल्द बाहरी दुनिया से बाहर रखा और कई सख्त कदम उठाए थे।

वुहान में 23 जनवरी को लॉकडाउन लगा

23 जनवरी को चीन में वुहान में लॉकडाउन लगाया गया था। उस समय चीन के बाहर केवल 9 केस थे। वहीं, अमेरिका में केवल 1 केस मिला था। अमेरिका ने 2 फरवरी को चीनी नागरिकों के लिए अपना बॉर्डर बंद कर दिया था। उस समय वहां करीब 12 केस थे। लेकिन, अब अमेरिका दुनिया का सबसे संक्रमित देश है। वहां 78 लाख से ज्यादा केस मिल चुके हैं, जबकि 2 लाख 17 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।



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कोरोनावायरस का पहला मामला 31 दिसंबर को चीन के वुहान शहर में सामने आया था। -फाइल फोटो

Nepal's Covid-19 cases cross 100,000-mark October 09, 2020 at 02:44AM

During a virtual press meet, spokesperson for the Ministry of Health and Population, Jageshwar Gautam, said that 2,059 new cases of coronavirus were detected, pushing the national tally to 100,676.

Kyrgyz president declares state of emergency amid protests October 09, 2020 at 02:32AM

The embattled president of Kyrgyzstan ordered a state of emergency Friday in the capital in a bid to end the political turmoil sparked by a disputed parliamentary election.

Kyrgyz president accepts PM's resignation October 08, 2020 at 09:39PM

US military blindsided by Trump's new Afghan troop withdrawal October 08, 2020 at 09:07PM

The US military was blindsided Thursday by President Donald Trump's assertion that all US troops will be out of Afghanistan by the end of the year, with US officials saying they are not aware of such a plan and have gotten no actual order to accelerate the more gradual pullout they've been executing.