Saturday, June 13, 2020

साओ पाउलो शहर के कब्रिस्तान में जगह नहीं, तीन साल पुरानी कब्रें खोदकर वहां दफनाए जा रहे शव June 13, 2020 at 07:59PM

संक्रमण और मौतों के मामले में ब्राजील दूसरे स्थान पर है। यहां अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। मरने वालों की संख्या भी अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा हो गई है। हालात ये हैं कि अप्रैल में कोरोनावायरस को मामूली फ्लू बताने वाले राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो की सरकार अब आंकड़े छिपा रही है। साओ पाउलो के कब्रिस्तान में नए शव दफनाने के लिए जगह नहीं है। लिहाजा, पुरानी कब्रें खोदकर वहां नई लाशें दफन की जा रही हैं।
बता दें कि ब्राजील में संक्रमितों की संख्या 8 लाख 50 हजार 514 हो चुकी है। मौतों का आंकड़ा 42 हजार 270 हो गया है।

पुरानी कब्रों से अवशेष निकाले जा रहे
साओ पाउलो के म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने एक बयान में बताया है कि नई लाशों को दफनाने के लिए जगह की कमी है। इसलिए पुरानी कब्रों को फिर से खोदा जा रहा है। बयान में कहा गया है- जो कब्रें तीन या इससे ज्यादा साल पुरानी हैं। उन्हें फिर खोदा जा रहा है। इनसे मिले अवशेषों को नंबर लिखे बैग्स में रखा जा रहा है। 15 दिन में ये अवशेष किसी दूसरे कब्रिस्तान को दिए जाएंगे। वहां इन्हें कब्र में डाल दिया जाएगा।

साओ पाउलो शहर के कब्रिस्तान में तीन या इससे ज्यादा साल पुरानी कब्रों को फिर खोदा जा रहा है।

दो महीने के आंकड़े ही नहीं
‘फॉक्स न्यूज’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विला फॉर्मोसा कब्रिस्तान में अप्रैल में 1654 लोगों को दफनाया गया। यह संख्या मार्च के मुकाबले 500 ज्यादा थी। मई और जून में मौतें बेतहाशा बढ़ीं। लेकिन, इसका आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा। साओ पाउलो के अस्पतालों में बिस्तरों की कमी 70 फीसदी हो गई। लेकिन, यहां के मेयर ब्रूनो कोवास इसे मुश्किल को तवज्जो ही नहीं दे रहे।

कब्रिस्तान के स्टाफ का कहना है कि अप्रैल में ही कब्र कम पड़ने लगी थीं। इसलिए पुरानी कब्रों को खोदने का फैसला लेना पड़ा।

काम बहुत ज्यादा बढ़ गया
विला फॉर्मोसा में कब्रें खोदने वाले एडनील्सन कोस्टा कहते हैं, “महामारी में काम बहुत बढ़ गया है। मुझे आने वाले वक्त से डर लगता है। मॉल्स और स्टोर फिर खुले तो खतरा बढ़ गया। संक्रमण कम नहीं हुआ, बल्कि बढ़ गया। लेकिन, लोग इस बात को समझने तैयार नहीं हैं। हमारे देश में हालात बहुत खतरनाक होते जा रहे हैं। मैं हैरान हूं। कुछ लोग अब भी कह रहे हैं कि कोविड-19 हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। यहां कब्रें कम पड़ गई हैं।”



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पुरानी कब्रों से जो अवशेष मिल रहे हैं। उन्हें नंबर लिखे बैग्स में रखा जा रहा है। 15 दिन में ये बैग्स किसी दूसरे शहर के कब्रिस्तान को सौंपे जाएंगे। वहां, इन्हें कब्र में डाला जाएगा।

अटलांटा में गिरफ्तारी के दौरान अफसर ने गोली मारी, पुलिस चीफ का इस्तीफा; सड़कों पर उतरे लोग June 13, 2020 at 07:31PM

अमेरिका के अटलांटा में पुलिस की कार्रवाई मेंअश्वेत के मारे जाने का दूसरा मामला सामने आया है। अटलांटा के जॉर्जिया में गिरफ्तारी के दौरान 27 साल के रेशर्ड ब्रूक्स को अफसर ने गोली मार दी। बाद में अस्पताल मेंउसकी मौत हो गई। घटना के बाद अटलांटा की पुलिस चीफ ने इस्तीफा दे दिया है। घटना को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं।


जॉर्जिया ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के मुताबिक, घटना 12 जून की है। रेशर्ड ब्रूक्स पार्किंग में कार में सो रहा था। पुलिस अफसरों को वह नशे में लगा। पूछताछ के दौरान उसकी पुलिस सेझड़प हो गई। ब्रूक्स एक अफसर की टेजर (छोटी गन) छीनकर भागा। दूसरे अफसर ने उसका पीछा किया। इतने में ब्रूक्स पलटा और उसने अफसर पर टेजर तान दी। तभी अफसर ने उस पर गोली चला दी। अटलांटा की मेयर कीशा लांस बॉटम्स ने बताया कि घटना के चलते पुलिस चीफ एरिका शील्ड्स ने इस्तीफा दे दिया है।

अटलांटा में शनिवार को सड़कों पर उतरे लोग पुलिस और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए

25 मई को फ्लॉयड की मौत हो गई थी
मिनेपोलिस में 25 मई को जॉर्जफ्लॉयड (40) को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक पुलिस अफसर ने उसे सड़क पर दबोचा और अपने घुटने से उसकी गर्दन को करीब 9 मिनट तक दबाए रखा। थोड़ी देर में उसकी हरकत बंद हो जाती है। उसे अस्पताल में ले जाया जाता है। वहां डॉक्टर कहते हैं कि उसकी मौत हो चुकी है। फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ी थी। वह गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिस वाले ने घुटना नहीं हटाया।

अटलांटा में शनिवार कोअश्वेत रेशर्ड ब्रूक्स की हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया गया।

फ्लॉयड के समर्थन में दुनियाभर में विरोध
फ्लॉयड की मौत के बाद इस घटना का जोरदार विरोध हुआ।अकेले अमेरिका में ही 140 शहरों में प्रदर्शन हुए। सरकार को 40 शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा।ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जापान, डेनमार्क, नीदरलैंड्स, फिनलैंड और दक्षिण अफ्रीका में भीहजारों लोग विरोध जताने सड़कों पर उतरे।



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अमेरिका में पिछले 26 जून से चल रहा अश्वेत प्रदर्शन शनिवार को तेज हो गया। अटलांटा में 27 साल के अश्वेत रेशर्ड ब्रूक्स को पुलिस अफसर ने गोली मार दी। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया।

US embassy in Seoul displays Black Lives Matter banner in support of anti-racism protests June 13, 2020 at 06:44PM

"The US Embassy stands in solidarity with fellow Americans grieving and peacefully protesting to demand positive change. Our #BlackLivesMatter banner shows our support for the fight against racial injustice and police brutality as we strive to be a more inclusive & just society," the embassy tweeted on Saturday, along with the picture of the banner in black and white.

किम जोंग की बहन ने दक्षिण कोरिया से कहा- सीमा पार से सरकार विरोधी बलून भेजना बंद करे नहीं तो सैन्य कार्रवाई करेंगे June 13, 2020 at 06:16PM

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग ने दक्षिण कोरिया पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी है। किम यो ने दक्षिण कोरिया से सटी सीमा सेसरकार विरोधी पर्चे भेजे जाने पर शनिवार को नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शनकारी ये पर्चे बलून में भरकर भेज रहे हैं। किम यो ने कहा कि अगर दक्षिण कोरिया अपने प्रदर्शनकारियों को ऐसा करने से नहीं रोकता है तो मेरी सेना कार्रवाई करेगी।

किम योने कहा कि मैंने सु्प्रीम लीडर, मेरी पार्टी और सरकार से मुझे मिले अधिकारों का इस्तेमाल किया है औरसेना को कार्रवाई करने को कहाहै।अब अगली कार्रवाई पर फैसला सेना प्रमुख लेंगे। यह दक्षिण कोरिया को काफी महंगा पड़ेगा।

एक हफ्ते में पांच लाख गुब्बारे छोड़े गए

7 जूनसे लेकर अब तक उत्तर कोरिया में 5 लाख बलून छोड़े गए हैं। इनमें किम जोंग उन की ओर से दी जाने वाली परमाणु हमले की आलोचना करने वाले पर्चे होते हैं। इसके अलावा,इनमें उत्तर कोरिया में हो रहेमानवाधिकार उल्लंघन पर सवाल उठाए जाते हैं।उत्तर कोरिया ने इस पर कई बार आपत्ति जताई है। वहीं, दक्षिण कोरिया का दावा है कि वह पर्चे भेजने वाले प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है।

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच बढ़ा तनाव
पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है। उत्तर कोरिया ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया से सभी तरह का संपर्क बंद करने का ऐलान किया था। उत्तर कोरिया ने कहा था, 'हम दक्षिण कोरिया से जुड़ी हॉटलाइन समेत सभी कम्युनिकेशन लाइनें बंद कर रहे हैं। वो अब हमारा दुश्मन देश है। दक्षिण कोरिया हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने वालों को नहीं रोक पाया।'



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दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन (बाएं) और किम जोंग की बहन किम यो जोंग (दाएं) की यह फोटो 10 फरवरी की है। दोनों सियोल के ब्लू हाउस में एक कार्यक्रम शामिल हुए थे।

China reports 57 new virus cases, highest daily count since April June 13, 2020 at 05:15PM

China reported 57 new cases of the coronavirus on Sunday, the highest daily figure since April, as concerns grow about a resurgence of the disease. The domestic outbreak in China had been brought largely under control through strict lockdowns. 36 of the new cases were domestic infections in the capital.

Death toll in China's oil tanker explosion rises to 18 June 13, 2020 at 05:41PM

सऊदी अरब में तेजी से बढ़ रहे मामले, इस साल रद्द हो सकती है हज यात्रा; दुनिया में अब तक 78.59 लाख संक्रमित June 13, 2020 at 04:45PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 4 लाख 32 हजार 168 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, संक्रमितों का आंकड़ा 78 लाख 59 हजार 593 हो गया है। अब तक 40 लाख 35 हजार 448 लोग ठीक हो चुके हैं। सऊदी अरब से एक अहम खबर आ रही है। यहां एक लाख 23 हजार से ज्यादा मामले हो चुके हैं। मरने वालों का आंकड़ा भी 932 हो गया है। संक्रमण तेजी से फैल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी सरकार इस साल हज यात्रा पर रोक लगा सकती है।

सऊदी अरब : हज यात्रा रद्द हो सकती है
सऊदी अरब में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शनिवार रात तक यहां एक लाख 23 हजार से ज्यादा मामले सामने आए। 932 लोगों की मौत हुई। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सऊदी सरकार इस साल हज यात्रा रद्द करने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि इस हफ्ते आखिरी फैसला लिया जा सकता है। हर साल करीब 20 लाख मुस्लिम हज के लिए यहां आते हैं। सऊदी प्रशासन ने मार्च में ही लोगों से अपील की थी कि वो इस साल हज यात्रा की योजना न बनाएं।

बीजिंग : अलर्ट पर प्रशासन
तीन दिन में 57 नए और स्थानीय मामले सामने आने के बाद चीन की राजधानी बीजिंग में एक बार फिर सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं। 3 होलसेल मार्केट पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। इनसे संबंधित 10 हजार लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं। मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूरी कर दिया गया है। अफसरों ने आधिकारिक तौर पर इसे संक्रमण की दूसरी लहर तो नहीं कहा, लेकिन ये संकेत जरूर दिए कि खतरा बढ़ रहा है।

बीजिंग में संक्रमण की दूसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। तीन दिन में 57 लोग संक्रमित पाए गए हैं। फोटो शनिवार की है। बीजिंग की मशहूर होहाई लेक के किनारे एक बाजार में टहलते लोग।

मिस्र : फिर बढ़े मामले
24 घंटे के दौरान यहां 1677 नए मामले सामने आए। इसी दौरान 62 लोगों की मौत हुई। कुल मामले 42 हजार 980 हो गए हैं। अब तक 1484 लोगों की मौत हुई है। सरकार ने शनिवार रात जारी बयान में कहा- देश के कुछ हिस्सों में नए क्लस्टर सामने आए हैं। इन पर नजर रखी जा रही है। जल्द ही सख्त प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं।

इजिप्ट के काहिरा में शनिवार को मास्क पहनकर जाते लोग। 24 घंटे के दौरान यहां 1677 नए मामले सामने आए। इसी दौरान 62 लोगों की मौत हुई। अब सरकार कुछ नई बंदिशें लगाने पर विचार कर रही है। एक हफ्ते पहले ही कुछ पाबंदियां हटाई गईं थीं।

इजराइल : फिर लगेंगे प्रतिबंध
इजराइल में काफी हद तक संक्रमण पर काबू पा लिया था। पिछले हफ्ते यहां स्कूल, कारोबार, बार और होटल भी खुल गए थे। इसके बाद मामले बढ़ने लगे। अब सरकार ने कहा है कि 177 स्कूल फिर बंद किए जा सकते हैं। बीते एक हफ्त में यहां 493 स्टूडेंट्स और टीचर पॉजिटिव पाए गए हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, जुलाई का महीना संक्रमण के लिहाज से काफी अहम रह सकता है।

शुक्रवार को इजराइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक के एक जू में मौजूद लोग। इजराइल सरकार 177 स्कूलों को फिर बंद करने पर विचार कर रही है। इन स्कूलों के 493 स्टूडेंट्स और टीचर्स संक्रमित पाए गए हैं।

ब्राजील: 42 हजार से ज्यादा मौतें
ब्राजील में संक्रमितों की संख्या 8 लाख 50 हजार 514 हो गई है। वहीं, मौतों का आंकड़ा 42 हजार 270 हो गया है। 24 घंटों 21,704 नए मामले सामने आए। इसी दौरान 892 मरीजों की मौत हो गई। संक्रमितों के लिहाज से अमेरिका के बाद ब्राजील दूसरे स्थान पर है। वहीं, मौतों के मामले में भी वो दूसरे पायदान पर है।

नेपाल: सरकार पर नाकामी का आरोप
नेपाल में सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा भड़क रहा है। कोरोनावायरस के संक्रमण को काबू में न कर पाने पर लोगों ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। शनिवार को पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने वालों में 7 विदेशी हैं। नेपाल में अब तक संक्रमण के 5335 मामले सामने आ चुके हैं और 18 लोगों की मौत हो चुकी है।

नेपाल में तीन दिन से लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। इनका आरोप है कि सरकार महामारी को काबू करने में नाकाम साबित हुई है। राजधानी काठमांडू में रविवार को एक बड़ी रैली निकाली जा सकती है।


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सऊदी अरब के एक मेडिकल सेंटर में दवाईयों का स्टाफ चेक करता स्टाफ। यहां संक्रमण की रफ्तार तेज हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार इस साल हज यात्रा पर रोक लगा सकती है।

ट्रम्प मेक अमेरिका ग्रेट अगेन के नारे के साथ इस साल चुनाव जीतना चाहते हैं, जिनपिंग चीन की इमेज सुधारने की कोशिश में हैं June 13, 2020 at 02:26PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सामने अमेरिका में बढ़ते कोरोना के मामलों को रोकने, अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद भड़के प्रदर्शनों से निपटने और इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रणनीति तय करने की चुनौती है। वहीं, वुहान से निकलकर दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस की वजह से राष्ट्रपति शीजिनपिंग के सामने चीन की इमेज सुधारने की चुनौती है।

ट्रम्प अपने घर में ही मुश्किलों से जूझ रहे
ट्रम्प के लिए 2020 का अब तक का वक्त कई बड़ी घटनाओं से भरा रहा है। इस साल अमेरिका ने आईएसआईएस का सफाया किया। सीरिया में रूस के दखल को रोका। ईरान को बैकफुट पर कर दिया। बहरहाल, ट्रम्प अपने ही घर में अमेरिका फर्स्ट की पॉलिसी पर अमल नहीं करा सके। अब कोरोना और जॉर्ज फ्लॉयड केस की वजह से ट्रम्प के लिए चुनाव जीतने की राह आसान नहीं है।

ट्रम्प पहले कोरोना को महामारी मानने को तैयार नहीं थे
जनवरी में ट्रम्प ने कोरोना को महामारी मानने से ही इनकार कर दिया था। कोविड-19 को मामूली वायरस बताया था। तब वे मास्क पहनने का विरोध कर रहे थे। कीटनाशक दवाई से इंजेक्शन बनाने जैसी बातें कर रहे थे। इस वजह से पूरी दुनिया में उनका मजाक उड़ा था।

फिर ट्रम्प ने स्ट्रैटजी बदली
राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी स्ट्रैटजी में अब बदलाव किया है। अमेरिका में आक्रामक सोच रखने वाले समूहों का सपोर्ट बनाए रखने के लिए ट्रम्प MAGA यानी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन को ही अपने इलेक्शन कैम्पेन का नारा बना रहे हैं। वे अमेरिका को इंटरनेशनल लेवल पर मिली कामयाबी का मुद्दा उठा रहे हैं। वे चाइना कार्ड खेल रहे हैं। उनका कहना है कि चीन उन्हें हराने की साजिश रच रहा है।

ट्रम्प की पहली रैली 19 जून
ट्रम्प ओकलाहोमा में 19 जून को अपनी पहली रैली करेंगे। यह ट्रम्प का गढ़ माना जाता है। ट्रम्प ने जेसन मिलर को अपने कैम्पेन का चीफ एडवाइजर बनाया है। मिलर डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन और उनके बेटे हन्टर बिडेन के चीन के साथ रिश्तों को उजागर करने वालों में शामिल रहे हैं।

ट्रम्प के लिए हालात मुश्किल हैं। सितंबर तक भी कोरोना खत्म नहीं होगा। 3 नवंबर से इलेक्शन प्रोसेस शुरू होगी। उनके सामने खतरा यह है कि उनके विरोधी ज्यादा ताकतवर तरीके से वोटिंग कर सकते हैं।

दुनिया का नेता बनने की जिनपिंग की ख्वाहिश पर ब्रेक लगा
67 साल के हो रहे जिनपिंग माओ जेडोंग और चाउ एन लाई के बाद सबसे असरदार नेता माने जाते हैं। चीन की पॉलिसी का पहला हिस्सा साम्राज्यवाद था। दूसरा- मैन्यूफैक्चरिंग और तीसरा- ग्लोबल मार्केट पर कब्जा करना। इसकी जिम्मेदारी अब जिनपिंग पर है। कोरोना ने चीन की इमेज खराब की, लेकिन जिनपिंग अब इसे सुधारना चाहते हैं।

दुनिया के सामने चीन अच्छा बन रहा
चीन का भारत के साथ सीमा विवाद है, लेकिन वह भारतीय बाजार में सालाना 80 हजार करोड़ रुपए का सामान बेचता है। जब वह सीमा पर तनाव पैदा करता है तो भारत में उसके विरोध के सुर उठते हैं। नेपाल और पाकिस्तान को उकसाने में उसकी भूमिका पर भी सवाल उठते हैं, लेकिन वह दुनिया के सामने अच्छा बने रहना चाहता है।

यूरोप के देश सामानों के लिए अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर चीन पर निर्भर हैं। कोरोना को नहीं रोक पाने में चीन की नाकामी के बाद यूरोप में भी उसके प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। जर्मनी और फ्रांस भी इस मोेर्चे पर चीन के खिलाफ और अमेरिका के साथ खड़े हैं।

ट्रेड वॉर से लेकर वर्ल्ड डिप्लोमेसी में चीन का अमेरिका से टकराव है। इस वजह से चीन ने दो साल में 165 तरह की मैन्यूफैक्चरिंग में 70 करोड़ डॉलर का बिजनेस खोया है।

जिनपिंग की नई नीति कैसी होगी?
सीरिया विवाद में चीनका रवैया नर्म करने में कामयाब रहा। इससे दुनिया में उसकी तारीफ हुई। हो सकता है कि अब चीन भारत के साथ सीमा विवाद कम कर दे और पाकिस्तान के आतंकी एजेंडे का यूएन में समर्थन करना रोक दे।

यूरोप और भारत के बाजार में हुए नुकसान की भरपाई के लिए चीन अब अफ्रीकी देशों पर फोकस कर सकता है। जॉन हॉपकिंस स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक, पिछले 5 साल में चीन ने अफ्रीकी देशों के साथ बिजनेस 120 अरब डॉलर से बढ़ाकर 185 अरब डॉलर कर दिया है।



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यह फोटो पिछले साल की है। जापान में हुई जी20 समिट-2019 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कुछ इस अंदाज में मिले थे।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के 3 सर्वे में डोनाल्ड ट्रम्प पिछड़े, सिर्फ 13 राज्यों में आगे, विरोधी जो बिडेन 25 में भारी June 13, 2020 at 02:20PM

अमेरिका मेंराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल को लेकर शंका-कुशंकाएं चल रही हैं। नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों के दौरान ट्रम्प के दोबारा जीत हासिल कर दूसरी बार राष्ट्रपति बनने का सपना टूट सकता है। इसकी वजह यह है कि तीन बड़े सर्वे में उन्हें दौड़ में विरोधी उम्मीदवार जो बिडेन से पिछड़ते हुए दिखाया गया है।

इनमें कहा गया है कि ट्रम्प की जीत की संभावनाएं पिछले 4 महीने में कभी भी बेहतर नहीं दिखीं। महाभियोग के मुकदमे से बरी होने के बाद उनकी रेटिंग 3 साल के उच्च स्तर पर जरूर पहुंची थी, लेकिन कोरोना संकट और जॉर्ज फ्लॉयड के मामले से निपटने के उनके तरीके ने मिस्टर ट्रम्प के राजनीतिक शेयरों को जमीन पर ला पटका।

बिडेन सहानुभूति हासिल करने के मामले में भी ट्रम्प से आगे निकल गए

कोरोना से 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत, 3 करोड़ लोगों की नौकरियों का नुकसान और नस्लवाद को लेकर प्रदर्शन के दौरान उनके रवैये ने विरोधी उम्मीदवार और बराक ओबामा के पसंदीदा उप-राष्ट्रपति रहे जो बिडेन को बढ़त दिला दी है। यहां तक कि बिडेन सहानुभूति हासिल करने के मामले में भी ट्रम्प से आगे निकल गए हैं। इसने दोनों के बीच बड़ा अंतर पैदा कर दिया है।

बिडेन की बढ़त का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि राष्ट्रपति पद के लिए पसंद के मामले में फरवरी में वे ट्रम्प से मामूली आगे थे। फिर ये अंतर 5% का रहा, उसके बाद 12% और जून आते-आते बिडेन की बढ़त 14% की हो गई है।

दोनों उम्मीदवारों के पास तैयारी के लिए काफी वक्त

राष्ट्रीय स्तर पर देखें, तो मौजूदा वक्त में चुनाव होने की स्थिति में बिडेन अमेरिका के 50 राज्यों में से 25 में सीधे-सीधे बढ़त ले चुके हैं, जबकि ट्रम्प सिर्फ 13 राज्यों में स्पष्ट जीत हासिल करते दिख रहे हैं। 8 राज्यों में दोनों उम्मीदवारों के मामला 50-50 है, जबकि 4 राज्यों में फिलहाल अनिश्चितता की स्थिति है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव नवंबर में होने हैं, ऐसे में दोनों उम्मीदवारों के पास अपनी तैयारी के लिए काफी वक्त है।

वोटों का संभावित पैटर्न...
इस मॉडल से समझिए कि कैसे बदल सकते हैं चुनावी समीकरण

द इकोनॉमिस्ट ने देशभर में सर्वे, राजनीतिक स्थिति, आर्थिक तथ्य और अन्य घटनाओं को देखते हुए वोटर्स की सोच, वोट शेयर और मतदाताओं के रवैये में बदलाव को समझने की कोशिश की है। इसमें अमेरिका के 50 राज्यों से जुड़े इन तथ्यों से यह समझने की कोशिश की गई है कि कौनसे राज्य के मतदाता कैसा व्यवहार कर सकते हैं। इसके मुताबिक, एक जैसी सोच वालों के साथ जाने की संभावना ज्यादा है। जैसे ट्रम्प अगर मिनेसोटा में जीत जाते हैं, तो उनकी विस्कोंसिन में भी जीतने की संभावना बढ़ जाएगी।

वॉशिंगटन पोस्ट का सर्वे...
ज्यादातर महिलाएं बिडेन के साथ, वहीं कॉलेज छात्र ट्रम्प के पक्ष में

वॉशिंगटन पोस्ट-एनबीसी सर्वे में भी ट्रम्प पिछड़ते दिख रहे हैं। इसमें बिडेन को 50%, जबकि ट्रम्प को 42% वोट मिले हैं। महिलाएं बिडेन के पक्ष में ज्यादा हैं, वहीं ट्रम्प को कॉलेज जाने वाले युवाओं का साथ ज्यादा मिला है। चौंकाने वाली बात यह है कि 80% अमेरिकियों ने माना कि कोरोना और नस्लवाद के मामले में हालात नियंत्रण से बाहर हो गए हैं। दूसरी बड़ी बात यह है कि जिन राज्यों में ट्रम्प आगे थे, वहां भी बिडेन ने बढ़त बना ली है। ऐसे राज्यों में बिडेन को 50% जबकि ट्रम्प को सिर्फ 42% वोट मिल रहे हैं।

सीएनएन का सर्वे...
बिडेन-55%, ट्रम्प-41% वोट, ट्रम्प ने सर्वे वापस लेने को कहा

सीएनएन के सर्वे में भी ट्रम्प को बिडेन से पिछड़ते हुए बताया गया है। 2020 के चुनाव में बिडेन करीब 14% वोटों से आगे दिख रहे हैं। उन्हें 55% वोटर्स ने समर्थन दिया है, जबकि ट्रम्प को सिर्फ 41% ने। सर्वे में ट्रम्प को कोरोना वायरस और अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत के बाद भड़के नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन से काफी नुकसान हुआ है। डोनाल्ड ट्रम्प ने इस सर्वे को गलत बताते हुए सीएनएन से इस सर्वे को वापस लेने को कहा है, लेकिन सीएनएन ने साफ कर दिया है कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा।

2016 में जहां ट्रम्प आसानी से जीते थे, वहां इस बार चुनौती

ट्रम्प के लिए उन राज्यों में ज्यादा चुनौती होगी, जहां से वे 2016 में आसानी से जीते थे। इनमें जॉर्जिया, टेक्सास, ओहिओ और लोवा भी हैं। लेकिन इस बार यहां बिडेन आगे हैं। ट्रम्प के दबदबे वाले फ्लोरिडा और एरिजोना तक में बिडेन मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। जॉर्जिया को तो इस बार चुनावी युद्ध का सबसे बड़ा मैदान माना जा रहा है क्योंकि यहां के 32% से ज्यादा मतदाता अमेरिकी-अफ्रीकी मूल के अश्वेत हैं।

इनके अलावा हिस्पैनिक 31.2% हैं, इनमें अश्वेत भी हैं। नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन के दौरान बिडेन इनकी सहानुभूति हासिल करने में कामयाब रहे हैं। जॉर्जिया में तीन दिन पहले ही प्राइमरी चुनाव में वोटिंग मशीन खराब होने, गायब होने और उनसे छेड़छाड़ का मामला गरमाया था।



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मौजूदा वक्त में चुनाव होने की स्थिति में बिडेन अमेरिका के 50 राज्यों में से 25 में सीधे-सीधे बढ़त ले चुके हैं, जबकि ट्रम्प सिर्फ 13 राज्यों में स्पष्ट जीत हासिल करते दिख रहे हैं। (फाइल)

स्पेन के गांव बने टूरिज्म हब, सीजन के पहले ही 15 हजार में से आधे कंट्रीहाउस बुक; पिछली बार से 25 फीसदी ज्यादा June 13, 2020 at 02:17PM

कोरोना संक्रमण काल में गर्मी की छुटि्टयां बिताने के लिए स्पेन के लोगों ने अनोखा तरीका ढूंढ़ निकाला है। इस बार लोगों ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने का मन बनाया है। स्पेन में पिछले कुछ सालों में दोस्तों और परिवारों के साथ वीकेंड या छुट्टियां बिताने के लिए ‘कंट्री हाउस’ काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।

देशभर में ऐसे 15 हजार से ज्यादा ग्रामीण घर हैं और यह हर तरह से पारंपरिक स्पैनिश छुट्टियां बिताने की जगह बन चुके हैं। इन गर्मियों में भी स्पैनिश लोग रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट की भीड़ से बचने, कोरोना से सुरक्षा और आर्थिक कारणों से भी छुट्टियां बिताने के लिए ऐसे ही कंट्री हाउस की बुकिंग करवा रहे हैं।

कंट्री हाउस की 7 हजार से ज्यादा बुकिंग अभी से ही हो गई

स्थिति यह है कि जुलाई में शुरू होने वाले सीजन के लिए कंट्री हाउस की 7 हजार से ज्यादा बुकिंग अभी से ही हो गई है जोकि पिछले साल की अपेक्षा 25% ज्यादा है। दुनियाभर में कोरोनावायरस के खतरे की वजह से पर्यटन उद्योग ठप पड़ा है, वहीं स्पेन में सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने कुछ सावधानी के साथ ग्रामीण पर्यटन को फिर से शुरू करने को हरी झंडी दे दी है।

हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री यानी आतिथ्य उद्योग स्पेन के प्रमुख सेक्टर्स में एक है। 2019 में इस इंडस्ट्री ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए लगातार 7 वें साल 8.37 करोड़ पर्यटकों का रिकॉर्ड बनाया था। हालांकि, इस साल ऐसा संभव होता नजर नहीं आ रहा, लेकिन इसका समाधान ग्रामीण पर्यटन के रूप में नजर आ रहा है।

लोग अपनी छुट्टियों के लिए पसंदीदा फार्म हाउस ढूंढ़ सकते हैं

यहां ऐसे कई प्लेटफार्म हैं, जहां पर लोग अपनी छुट्टियों के लिए पसंदीदा फार्म हाउस ढूंढ़ सकते हैं और बुक कर सकते हैं। एक ऐसी ही वेबसाइट पर 29 अप्रैल से 5 मई के बीच सप्ताहभर में ही आगामी जुलाई और अगस्त के लिए 7 हजार से ज्यादा बुकिंग हो गई हैं।

कंपनी के प्रवक्ता मिरयम तेजादा का कहना है कि लोगों को अब ग्रामीण पर्यटन के रूप में सुरक्षित और सस्ता तरीका मिल गया है। इससे वे अपने देश को और बेहतर तरीके से जान सकेंगे।

फ्रांस, इटली, ब्रिटेन समेत यूरोप के कई देशों ने सीमाएं खोलीं

कोरोना से डरे यूरोप के कई देशों ने कारोबारी, शैक्षणिक, यातायात और पर्यटन गतिविधियां रोक दी थीं। सीमाएं भी सील कर दी थीं। अब फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, नीदरलैंड, फिनलैंड और ग्रीस ने सीमाएं खोल दी हैं जबकि सबसे ज्यादा मौतों के मामले में छठे स्थान पर रहने वाला स्पेन 1 जुलाई से दुनियाभर के पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे खोल रहा है।



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जुलाई में शुरू होने वाले सीजन के लिए कंट्री हाउस की 7 हजार से ज्यादा बुकिंग अभी से ही हो गई है जोकि पिछले साल की अपेक्षा 25% ज्यादा है।

Former Pakistan PM Yusuf Raza Gilani tests positive for Covid-19, over 6,000 new cases reported June 13, 2020 at 02:21AM

Gilani, 67, tested positive after attending a hearing of the National Accountability Bureau (NAB) in a corruption case. "Thank you Imran Khan's govt and National Accountability Bureau! You have successfully put my father's life in danger. His COVID-19 result came positive," Kasim said.

पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने कहा- ऐसे मुश्किल वक्त में भगवद्गीता से ताकत और शांति मिलेगी, यह हमें भगवान श्रीकृृष्ण ने सिखाया है June 13, 2020 at 02:31AM

अमेरिका की पहली हिंदू सांसद तुलसी गबार्ड ने शनिवार को कहाकि इस मुश्किलवक्त में भगवद्गीता से ताकत और शांति मिलेगी। सांसद गबार्ड हिंदू स्टूडेंट्स काउंसिल की ओर से आयोजित वर्चुअल कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में कोई भी विश्वास के साथ यह नहीं कह सकता है कि कल क्या होगा? इन हालात में हम भक्ति, योग और कर्म योग के अभ्यास से ताकत और शांति प्राप्त कर सकते हैं। यह हमें भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता में सिखाया है।

हिंदू स्टूडेंट काउंसिल की ओर से 7 जून को पहली बार वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था।इसमेंदुनिया के कई विश्वविद्यालयों के छात्र जुड़े हैं।

फेसबुक और यूट्यूब के जरिए हजारों लोग जुड़े
तुलसी गबार्ड के कार्यक्रम में फेसबुक और यूट्यूब के जरिए हजारों लोग जुड़े। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, भारत और ऑस्ट्रेलिया के सैकड़ों ग्रेजुएटस्टूडेंट्स ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सांसद गबार्ड ने कहा कि आप जब अपने जीवन के बारे में सोचते हैं तो खुद से एक सवाल कीजिए कि मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है? यह एक बहुत अहम सवाल है। अगर आपको पता चल जाता है कि आपका उद्देश्य भगवान और उसके बच्चों की सेवा करना है तो कर्म योग की प्रैक्टिस कीजिए। तब ही आप एक सफल जीवन जी सकते हैं।

अमेरिका में अश्वेत की मौत के बाद हो रहे विरोध-प्रदर्शन

सांसद गबार्ड का यह बयान ऐसे समय आया है, जब अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद से विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। 25 मई को अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर में पुलिस ने जॉर्ज फ्लॉयड को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस दौरान उसकीगर्दन को पुलिस अधिकारी ने करीब 9 मिनट तक घुटने से दबाए रखा था। इसके बाद फ्लॉयड की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से अमेरिका में बड़े पैमाने पर हिसंक प्रदर्शन शुरू हो गए थे।



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तुलसी गबार्ड डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता हैं। वह हवाई राज्य से सांसद हैं। पहली बार चुने जाने पर उन्होंने भगवद्गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली थी।

Covid-19: Queen's official birthday marked with new, smaller ceremony June 13, 2020 at 01:28AM

The monarch, who turned 94 in April, was honoured on the grounds of Windsor Castle - where she is self-isolating with 99-year-old husband Prince Philip - with a small number of Welsh Guardsmen and military musicians. They gathered, observing the two-metre social distancing norms in place to curb the spread of the deadly virus, to mark the event with a royal salute for the monarch, followed by military drills and then a march on the castle grounds.

Four killed, over 50 injured in oil tanker explosion in China June 13, 2020 at 02:07AM

Four people were killed and over 50 others injured when an oil tanker exploded on an expressway in East China's Zhejiang province on Saturday.

नेपाली संसद में संशोधन विधेयक बहुमत से पारित, भारतीय क्षेत्र पर दावेदारी के लिए पेश बिल का सभी सांसदों ने समर्थन किया June 13, 2020 at 01:36AM

नेपाल की संसद में कुछ भारतीय क्षेत्रों को अपना हिस्सा बताने की कोशिश तेज हो गई है। नेपाली संसद में देश के नए नक्शे को मंजूरी दिलाने के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। विधेयक नेपाल की न्याय मंत्री डॉ शिवमाया तुम्बाड ने पेश किया।नेपाली संसद के अध्यक्ष ने इस पर वोटिंग कराईसभी सांसदों ने ध्वनिमत से इसका समर्थन किया। एक भी सांसद ने इस संशोधन के खिलाफ वोटिंग नहीं की।

नए नक्शे में भारतके कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया है। इसे पिछले महीने नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने जारी कियाथा। भारत ने इस पर आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था- यह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है।

संविधान संशोधन के लिए दो-तिहाई वोट की जरूरत
नेपाल की सरकार को संविधान में संशोधन के लिए दो-तिहाई वोट की जरूरत है। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को निचले सदन से प्रस्ताव पास कराने के लिए 10 सीटों की जरूरत है। इसलिए सरकार को दूसरी पार्टियों को भी मनाना पड़ रहा है। विपक्षी पार्टियों को भी सरकार ने मना लिया है। ऐसे मेंमाना जा रहा है कि यह बिल दोनों सदनों से पास हो जाएगा। नेपाल में आमतौर पर संविधान संशोधन बिल पास होने में एक महीने का समय लग जाता है। हालांकि, इस बार इसे 10 दिनों में पारित कराने की कोशिश है।

18 मई को नेपाल ने जारी किया था नया नक्शा

भारत नेलिपुलेख से धारचूलातक सड़क बनाई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने8 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया था, इसके बाद ही नेपाल की सरकार ने विरोध जताते हुए 18 मई को नया नक्शाजारी किया था। इसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने क्षेत्र में बताया। 22 मई को संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव भी दिया था। भारत ने नेपाल के सभी दावों को खारिज किया है।हाल ही में भारत के सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा था कि नेपाल ने ऐसा किसी और (चीन) के कहने पर किया।

कब से और क्यों है विवाद?
नेपाल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच 1816 में एंग्लो-नेपाल युद्ध के बाद सुगौली समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इसमें काली नदी को भारत और नेपाल की पश्चिमी सीमा के तौर पर दर्शाया गया है। इसी के आधार पर नेपाल लिपुलेख और अन्य तीन क्षेत्र अपने अधिकार क्षेत्र में होने का दावा करता है। हालांकि,दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। दोनों देशों के पास अपने-अपने नक्शे हैं।



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Nepal India Map Issue Update | Nepal Parliament Special Session To Discuss And Vote On New Map Which Covers Indian Territory

मसूड़ों में संक्रमण बन सकता है कोरोना का कारण, एक्सपर्ट्स की सलाह- समय पर डेंटल केयर न मिलने से बिगड़ सकती है सेहत June 13, 2020 at 12:37AM

जैन ई ब्रॉडी. कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में कई स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इसमें डेंटल केयर भी शामिल है। दूसरे डेंटिस्ट की तरह ही न्यूयॉर्क के डॉक्टर एडवर्ड ली और रिचर्ड ली अपने आम मरीजों की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। ये डॉक्टर्स अपने परिवार के साथ-साथ 13 लोगों के स्टाफ को भी संभालते हैं।

डॉक्टर एडवर्ड के मुताबिक, हर स्तर पर डेंटल केयर अर्जेंट होती है। जिन परेशानियों को हम रोकते हैं, वो बाद में बढ़ जाती हैं। अगर मरीज दर्द में है तो इसका मतलब है कि देर पहले ही हो चुकी है। हमने स्टाफ के दो सदस्यों को छोड़कर सभी को घरजाने के लिए कहा है। बाकियों को अनएम्पलॉयमेंट इंश्योरेंस के भरोसे छोड़ दिया है।'डेंटिस्ट के साथ कुछ मुद्दों पर तो फोन पर बात की जा सकती है, लेकिन डेंटल केयर के लिए टेलीहेल्थ अच्छा ऑप्शन नहीं है।

  • डॉक्टर्स ने क्लीनिक में बढ़ाए सुरक्षा के इंतजाम

बाकी दूसरे डेंटिस्ट की तरह डॉक्टर ली ने भी अपने क्लीनिक में सुरक्षा के इंतजाम बढ़ा दिए हैं। वे यह प्रैक्टिस अनिश्चितकाल के लिए चलाएंगे। ली कहते हैं किकोविड 19 जल्दी कहीं नहीं जा रहा है। यह उपाय हमें और मरीजों को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे। हमें इस तरह से बिहेव करना होगा कि यह वायरस हमेशा रहेगा।

डॉक्टर ली बताते हैं कि हमने पहले भी पीपीई और ऑफिस को साफ रखने के लिए काफी काम किया है, लेकिन अब हमने इसे और सुरक्षित बनाने के लिए सुधार किए हैं।हर पेशेंट के बाद ट्रीटमेंट रूम की सतह को ऐसे कैमिकल से साफ किया जाता है, जो एक मिनट के अंदर वायरस को खत्म कर देता है। साथ ही उपकरणों को साफ करने के लिए ऑटोक्लेव का उपयोग किया जा रहा है। इसमें यह पहले उपकरण से पूरी हवा और लिक्विड बाहर खींच लेता है और बाद में हीट और प्रेशर से इसे साफ करता है।

  • डेंटल प्रक्रिया में आती हैं की सारी चुनौतियां

20 मई को सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने डेंटिस्ट के लिए गाइडलाइंस जारी की थीं। इसमें कोविड 19 के मरीज और दूसरे लोगों के इलाज का भी जिक्र था। इस तरह की रणनीति बहुत जरूरी हैं, क्योंकि कोई टेस्ट 100 फीसदी सही रिजल्ट नहीं दे रहा है। कई गलत नेगेटिव रिजल्ट्स भी गलत आए हैं। डेंटल प्रक्रिया में हवा और पानी के प्रेशर के कारण की चुनौतियां आती हैं। यह प्रेशर मरीज के वायरस को ट्रीटमेंट रूम में फैला सकता है।

डॉक्टर ली यह जानते हैं कि, लोग एयरोसोल्स को लेकर चिंतित हैं, इसलिए उन्होंने ऑफिस में HEPA फिल्टरेशन लगाया है। यह हवा को साफ और चलाए रखता है। डेंटिस्ट इन एयरोसोल्स को रोकने के लिए खास डिवाइस की मदद ले रहे हैं। डॉक्टर ली भी अपने परिवार और कर्मियों को सुरक्षित रखने के उपाय कर रहे हैं। उनके सभी कर्मचारी पूरे दिन मास्क और ग्लव्ज पहनते हैं और इन्हें साफ कर ऑफिस में ही छोड़कर जाते हैं।

  • लॉकडाउन के कारण कई मरीजों की डेंटल हेल्थ बिगड़ी

इसके साथ ही डेंटिस्ट और दूसरे लोग इलाज में हुई देरी को लेकर चिंतित हैं। कई लोगों का इलाज बीच में अटक गया, तो कुछ का शुरू ही नहीं हो पाया। जनवरी में आए एक मरीज को कैविटी थी जो एक आसान फिलिंग से ठीक हो सकती थी, लेकिन देरी होने के कारण एक बड़ा हिस्सा सड़ गया। अब मरीज के इलाज में कई परेशानी आएंगी। कुछ मरीजों के दांत निकाले गए थे और वे इंप्लांट के लिए तैयार थे। लॉकडाउन के कारण कई लोगों की सर्जरी बीच में अटक गई थी।

इलाज में हुई यह देरी पीरियोडॉन्टल बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए ज्यादा गंभीर है। यह बीमारी 20 से 64 साल के मरीजों को होती है। मसूड़ों में संक्रमण से शरीर में सूजन आ जाती हैं, जिससे ह्रदय रोग और डायबिटीज की बीमारी हो सकती है। खास बात है कि यह दोनों बीमारी कोरोनावायरस के जोखिम को बढ़ा देती हैं। केवल सूजन भी कोविड 19 का कारण बन सकती है।

  • समय ही सबकुछ है

डॉक्टर ली के मुताबिक, युवा मरीजों के लिए समय ही सबकुछ है। अगर ट्रीटमेंट टालागया तो गहन इलाज की भी जरूरत पड़ सकती है। कई बच्चे इलाज की उम्र को पार कर सकते हैं और उन्हें बड़े होकरइलाज की जरूरत होगी।



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Infections in the gums may become the cause of covid 19, according to experts - not getting timely dental care can worsen the situation

Pakistan may see job losses of up to 18.5 million due to Covid June 13, 2020 at 12:39AM

France has millions of unsold face masks after virus crisis June 13, 2020 at 12:27AM

In this chaotic time, find strength & peace in Bhagavad Gita: Tulsi Gabbard to students June 12, 2020 at 09:44PM

Attack blamed on Taliban kills seven Afghan police June 13, 2020 at 12:48AM

Seven police officers were killed when their checkpoint was attacked in central Afghanistan, officials said on Saturday, blaming the Taliban for the assault.

China sentences Australian to death for drug trafficking June 13, 2020 at 12:17AM

An Australian national has been sentenced to death in China for drug trafficking, in a ruling that could further inflame tensions between Beijing and Canberra.

Trump postpones rally scheduled for 'Juneteenth' holiday June 13, 2020 at 12:10AM

Donald Trump has postponed a controversial rally scheduled for the same day as a holiday commemorating the end of slavery in the US, following fierce criticism, he announced Friday.​

दुनिया में 50 हजार से ज्यादा संक्रमितों की हालत गंभीर, अमेरिका के बाद भारत में ऐसे मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा June 13, 2020 at 12:30AM

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक और बुरी खबर है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश हो गया है, जहां सबसे ज्यादा संख्या में कोरोना के गंभीर मरीज हैं। मतलब ऐसे मरीज जो वेंटिलेटर या फिर ऑक्सीजन सपोर्ट के सहारे हैं।

अमेरिका में ऐसे मरीजों की संख्या 16 हजार 827 है, जबकि भारत में 8 हजार 944 मरीजों की हालत गंभीर है। ये आंकड़े worldometers.info के मुताबिक हैं। शुक्रवार सुबह तक इस मामले में ब्राजील दूसरे नंबर पर था, जहां अब 8 हजार 318 मरीजों की हालत गंभीर है। 10 दिन पहले यानी 3 जून को इस मामले में भारत 7वें नंबर पर था।

रूस का सबसे बेहतर रिकवरी रेट
तीन लाख से अधिक संक्रमितों वाले देशों की सूची में रूस का रिकवरी रेट सबसे अच्छा है। संक्रमितों की संख्या के आधार पर यहां ठीक होने वालों की संख्या ज्यादा है। यहां का रिकवरी रेट 51.97% है। भारत इस मामले में दूसरे नंबर पर है। यहां का रिकवरी रेट 49.34% है।

इंग्लैंड ने ठीक हुए मरीजों की संख्या जारी करना ही बंद कर दिया
इंग्लैंड में शुरुआत से ही कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम रही है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2 मई तक इंग्लैंड में 32.9% कोरोना मरीजों की मौत हुई थी। आईसीयू में 20.7% मरीज थे। आईसीयू से डिस्चार्ज होकर जनरल वार्ड में शिफ्ट होने वाले मरीजों की संख्या 44.1% थी और पूरी तरह से सही होकर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या 2.3% थी। इसके बाद से इंग्लैंड ने कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या जारी करना बंद कर दिया।

ब्राजील में हर दिन सबसे ज्यादा मौतें हो रहीं
दुनिया में अब हर रोज सबसे ज्यादा मौतें ब्राजील में हो रही हैं। यहां एक दिन पहले ही 1261 लोगों की मौत हुई थी। दूसरे नंबर पर अमेरिका है। यहां रोज 1000 लोगों की जान जा रही है। भारत इस मामले में चौथे नंबर पर है। जहां अब हर रोज 350 से ज्यादा लोग दम तोड़ रहे हैं। पाकिस्तान भी सबसे ज्यादा मौतों वाले दस देशों की सूची में शामिल हो गया है। यहां अब हर रोज 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है।



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One killed, 12 injured in bomb blast in market in Pakistan June 12, 2020 at 11:43PM

भारतीय मूल की अनमोल नारंग यूएस मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएट होने वाली पहली सिख महिला, सेकंड लेफ्टिनेंट का पद संभालेंगी June 12, 2020 at 11:25PM

सेकेंड लेफ्टिनेंट अनमोल नारंग अमेरिकी मिलिट्री एकेडमी से ग्रेजुएट होने वाली पहली सिख होंगी। उन्होंने वेस्ट प्वॉइंट मिलिट्री एकेडमी से न्यूक्लियर इंजीनियरिंग में चार साल की डिग्री पूरी की है। नारंग एयर डिफेंस सिस्टम के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मौजूदगी में शनिवार को उनकी ग्रेजुएशन सेरेमनी होगी।
ग्रेजुएशन के बाद ओक्लोहोमा के फोर्ट सिल में उन्हें बेसिक ऑफिसर लीडरशिप कोर्स (बीओएलसी) पूरा करना होगा। इसके बाद वे अमेरिकी एयरफोर्स ज्वॉइन करेंगी। नारंग की पहली पोस्टिंग जनवरी 2021 में जापान के ओकीनावा में होगी। यहां अमेरिकी एयरबेस है।

नारंग ने उपलब्धि पर खुशी जाहिर की
नारंग ने अमेरिकी एनजीओ सिख कोलिशन से कहा- मैं वेस्ट प्वॉइंट एकेडमी से ग्रेजुएशन पूरा करके काफी उत्साहित और खुश हूं। सपना पूरा होने पर सम्मानित महसूस कर रही हूं। जॉर्जिया के सिख समुदाय ने आगे बढ़ने में मदद की। मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। यह मेरे लिए काफी मायने रखता है। इस लक्ष्य को हासिल कर मैं दूसरे अमेरिकी सिखों को रास्ता दिखा रही हूं कि वे किसी भी क्षेत्र में कॅरियर बना सकते हैं।

कौन हैं नारंग?
नारंग जॉर्जिया के सिख परिवार में जन्मीं। उनकी शुरुआती पढ़ाई यहीं हुई। उनका परिवार दो पीढ़ियों से यहां रह रहा है। उनके नाना भारतीय सेना में थे,लिहाजा वे बचपन से ही आर्मी में कॅरियर बनाना चाहती थीं। जब वे हाईस्कूल में पढ़ती थीं तो उनका परिवार हवाई में पर्ल हॉर्बर नेशनल मेमोरियल देखने गया था। इसके बाद से ही उन्होंने वेस्ट प्वॉइंट मिलिट्री एकेडमी में अप्लाई करने की तैयारी शुरू कर दी थी।



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भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक अनमोल नारंग के दादा भारतीय सेना में थे, लिहाजा वे बचपन से ही आर्मी में कॅरियर बनाना चाहती थीं।

Hundreds protest in Nepal against govt's coronavirus response June 12, 2020 at 10:37PM

Police officials said an estimated 1,000 people had gathered on a major thoroughfare in Kathmandu for the third day, where seven foreign nationals were arrested.