Sunday, October 18, 2020

मरियम नवाज के पति गिरफ्तार, पुलिस ने उन्हें दरवाजा तोड़कर होटल के कमरे से उठाया October 18, 2020 at 07:32PM

पाकिस्तान में विपक्ष पर सरकार सख्त हो गई है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज के पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। मरियम ने रविवार को सरकार विरोधी रैली में भाषण दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद यह कार्रवाई हुई। मरियम ने सोमवार को ट्वीट किया- हम कराची में होटल के जिस कमरे में ठहरे थे पुलिस ने उसका दरवाजा तोड़ दिया। कैप्टन सफदर अवान को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मरियम नवाज सरकार में सेना के दखल के खिलाफ खुलकर बोल रही हैं। वे रविवार को कराची में 11 पार्टियों के गठबंधन पब्लिक डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की रैली में शामिल हुईं थी। भाषण में उन्होंने सरकार की आलोचना की थी। बीते दिनों सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने वाले कई नेताओं पर कानूनी कार्रवाई हुई है।

एक दिन पहले मरियम के पति के खिलाफ एफआईआर हुई थी

रविवार को मरियम, उनके पति और उनकी पार्टी के 200 कार्यकर्ताओं पर सरकारी प्रतिनिधियों ने कराची के ब्रिगेड पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। उन पर जिन्ना की मजार की पवित्रता भंग करने का आरोप लगाया गया। हो सकता है अवान की गिरफ्तारी इसी एफआईआर की वजह से हुई हो। हालांकि, इसके बारे में स्पष्ट तौर पर नहीं बताया गया है।

कैप्टन सफदर ने ‘वोट को इज्जत दो’ के नारे लगाए थे

मरियम के पति रिटायर्ड कैप्टन सफदर अवान ने मजार से लौटने के बाद ‘वोट को इज्जत दो’ के नारे लगाए थे। उन्होंने लोगों से अपने साथ आने की अपील की थी। इस पर कुछ सरकारी अफसरों ने नाराजगी जाहिर की थी। साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर फवाद चौधरी ने भी मरियम और सफदर की आलोचना की थी। उन्होंने दोनों से इसके लिए माफी मांगने की मांग की थी।

कराची से पहले गुजरांवाला में हुई थी रैली

कराची से पहले पीडीएम की रैली गुजरांवाला में हुई थी। शुक्रवार को विपक्षी गठबंधन की रैली में कई फौजी जनरलों और आर्मी चीफ पर आरोप लगाए गए थे। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी निंदा की। इस पर विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो ने सफाई दी। कहा, ‘‘इमरान को विपक्ष पर आरोप लगाने का कोई हक नहीं है। वे सिलेक्टेड पीएम हैं और उनकी वजह से फौज पर आरोप लग रहे हैं। इमरान ने ही विपक्ष को फौज का नाम लेने के लिए मजबूर किया है।’’



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मरियम नवाज के पति सफदर अवान (दाएं सफेद कुर्ते में) पाकिस्तानी सेना में कैप्टन रह चुके हैं। पुलिस ने उन्हें रविवार की रात गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी की वजह भी नहीं बताई।

'Imran Khan has 'lost' Karachi after PDM jalsa' October 18, 2020 at 06:31PM

Global virus cases surpass the 40 million milestone October 18, 2020 at 06:20PM

New cases are growing at over 150,000 a day in Europe, as many countries including Italy, Netherlands, Germany, Austria, Poland, Ukraine, Cyprus, and the Czech Republic have reported record daily increases in the number of coronavirus infections. Europe currently accounts for over 17% of the global cases and nearly 22% of the deaths related to the virus worldwide.

राष्ट्रपति ट्रम्प के बेटे ने कहा- जो बाइडेन भारत के लिए अच्छे नहीं, हमें चीन से होने वाले खतरे को समझना होगा October 18, 2020 at 06:23PM

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इंडियन-अमेरिकन वोटर्स को पाले में करने की पूरी कोशिश हो रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बेटे ट्रम्प जूनियर ने रविवार को एक बार फिर से डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट जो बाइडेन पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- हमें चीन से होने वाले खतरे को समझना होगा। इसे इंडियन अमेरिकन से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। बाइडेन चीन से मिले हैं, ऐसे में वह भारत के लिए अच्छे नहीं हो सकते। उन्होंने अपनी किताब ‘लिबरल प्रिविलेज’ का सक्सेस सेलिब्रेट करने के एक कार्यक्रम में यह बात कही।

42 साल के डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर अपने पिता डोनाल्ड ट्रम्प के री-इलेक्शन कैंपेन की अगुवाई कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही उनकी किताब पब्लिश हुई है। इसमें किताब में बाइडेन के रिश्वत लेने में शामिल होने की बातें लिखी हैं। खास तौर पर बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन को लेकर कई दावे किए गए हैं।

‘बाइडेन के बेटे को चीन ने दिए करोड़ों रुपए’

जूनियर ट्रम्प ने कहा- जब आप चुनावी रेस में हमारे विरोधियों को देखेंगे तो आप समझ जाएंगे। बाइडेन के बेटे हंटर को चीन ने 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रु.) दिए। उन्होंने पैसे इसलिए दिए कि वे एक बड़े बिजनेसमैन हैं। या फिर वे जान गए कि बाइडेन को खरीदा जा सकता है, जिससे वे चीन पर नरम रवैया दिखा सकें। उन्होंने हाल ही में बाइडेन के भ्रष्टाचार में शामिल होने से जुड़ी न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट का भी जिक्र किया। इस रिपोर्ट को फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने बैन कर दिया था।

भारतीय अमेरिकियों की तारीफ की

जूनियर ट्रम्प ने भारतीय- अमेरिकियों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा- मैं इंडियन कम्युनिटी को काफी अच्छे से समझता हूं। ये लोग मेहनती हैं, अपने परिवार और शिक्षा पर ध्यान देते हैं। इंडियन-अमेरिकन कम्युनिटी देख रही है कि बीते छह महीने से डेमोक्रेट्स क्या कर रहे हैं और क्या नहीं। मेरे पिता की रैलियां अमेरिका में बड़ी होती हैं। हालांकि, अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी रैली, उनकी अब तक की सबसे बड़ी रैली है। पहले कोई भी ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं हुआ जिसने मेरे पिता की तरह किसी भारतीय प्रधानमंत्री को इतना सम्मान दिया हो।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को एक बार फिर से डेमोक्रेटिक कैंडिडेट जो बाइडेन पर चीन से मिले होने का आरोप लगाया।- फाइल फोटो

Online campaign in support of Harris after Senator mispronounces her name October 18, 2020 at 06:06PM

The mispronunciation outraged Harris’ supporters and her spokesperson Sabrina Singh said, “I’ll keep it simple: If you can pronounce ‘former’ Senator David Perdue, you can pronounce ‘future’ vice-president Kamala Harris.” A spokesperson of Perdue said the senator mispronounced the name and he did not mean anything by it.

'Not afraid': France rallies after beheading of teacher October 18, 2020 at 05:36PM

Demonstrators on the Place de la Republique held aloft posters declaring: "No to totalitarianism of thought", and "I am a teacher" in memory of murdered colleague Samuel Paty.

More than 250,000 coronavirus deaths in Europe October 18, 2020 at 06:00PM

European nations have ratcheted up restrictions on daily life to tackle soaring infections, with a 44 percent increase in cases this week.Nighttime curfews on millions came into force in France this weekend and Switzerland required all its citizens to wear masks in indoor public places.

French court tries Russian for cyberfraud October 18, 2020 at 05:17PM

Prosecutors say Alexander Vinnik sent emails to his targets masquerading as invoices, whose attached document, when opened, activated malware that shut down the computer and encrypted its contents.

चीन ने तीन शहरों में अपनी इमरजेंसी वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत दी, इजराइल में पाबंदियों में राहत; दुनिया में 4 करोड़ संक्रमित October 18, 2020 at 05:08PM

दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 4 करोड़ से ज्यादा हो गया है। इनमें अब तक 3 करोड़ 1 लाख 11 हजार 748 मरीज रिकवर हो चुके हैं। वहीं, संक्रमण से अब तक 11.18 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं।

चीन ने अपने इमरजेंसी कोरोना वैक्सीन को अपने तीन शहरों में इस्तेमाल की इजाजत दी है। इनके नाम यिवू, निंगबो और शेओक्सिंग हैं। ये सभी शहर जेझियांग राज्य में हैं। पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा। इसके बाद आम लोगों के बीच वैक्सीनेशन ड्राइव चलाया जाएगा।

चीन में 11 वैक्सीन तैयार की जा रही हैं। ये सभी ट्रायल के अलग-अलग स्टेज में हैं। इनमें से कुछ को इमरजेंसी में इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। बाकी को मंजूरी मिलने का इंतजार है। अब तक चीन में 85 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं और 4634 मौतें हुई हैं।

इजराइल ने संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद पाबंदियों में राहत देगा। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को इसका ऐलान किया। अब लोगों को एक किलोमीटर के दायरे में आ-जा सकेंगे। रेस्टोरेंट से डिलेवरी के अलावा टेक-आउट की सुविधा मिलेगी। बीच पर जाने की इजाजत होगी।

हालांकि, प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन करें। उम्मीद है कि हमें अर्थव्यवस्था को पटरी में लाने में मदद मिलेगी। अगर ऐसा लगेगा कि संक्रमण के मामले कम नहीं हो रहे तो पाबंदियां फिर से सख्त कर दी जाएंगी।

इन 10 देशों में कोरोना का असर सबसे ज्यादा

देश

संक्रमित मौतें ठीक हुए
अमेरिका 83,87,799 2,24,730 54,57,684
भारत 75,47,759 1,14,629 66,58,937
ब्राजील 52,24,821 1,53,730 46,35,315
रूस 13,99,334 24,187 10,70,576
स्पेन 9,82,723 33,775 उपलब्ध नहीं
अर्जेंटीना 9,79,119 26,107 7,91,174
कोलंबिया 9,52,371 28,803 8,47,467
फ्रांस 8,97,034 33,477 1,04,696
पेरू 8,65,549 33,702 7,74,356
मैक्सिको 8,47,108 86,059 6,15,680

रूस: मॉस्को में मौतों का आंकड़ा 6 हजार के पार
रूस की राजधानी मॉस्को में बीते 24 घंटे में 50 संक्रमितों की मौत हुई है। इसके साथ ही यहां पर मौतों का आंकड़ा 6 हजार के पार हो गया है। बीते तीन दिन से यहां पर हर दिन 50 से ज्यादा मौतें हो रही हैं। शुक्रवार को 54 और शनिवार को 52 संक्रमितों की जान गई थी। रूस में रविवार को 15 हजार 99 मामले सामने आए, इनमें से 4610 सिर्फ मॉस्को में मिले। देश में अब तक 13 लाख 99 हजार 334 संक्रमित मिले हैं और 24 हजार 187 मौतें हुई हैं।

रूस की राजधानी मॉस्को के एक अस्पताल में एक व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन लगाती हेल्थ एक्स्टपर्ट। -फाइल

ब्रिटेन: 24 घंटे में 16 हजार से ज्यादा मामले
ब्रिटेन में बीते 24 घंटे में 16 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। इसके साथ ही देश में संक्रमितों का आंकड़ा 7 लाख 22 हजार 409 हो गया है। यहां अब तक 43 हजार 646 मौतें हुई हैं। सरकार के साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप के मुताबिक, अगले साल के पहले चार महीनों में देश को वैक्सीन मिल सकता है। इस बीच ब्रिटेन के मैनचेस्टर में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां पर मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अस्पताल में बेड की कमी हो गई है।

ब्रिटेन की राजधानी लंदन के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विदेश से लौटे एक व्यक्ति से पूछताछ करती कर्मचारी।-फाइल

नेपाल: सरकार नहीं उठाएगी संक्रमितों के इलाज का खर्च
नेपाल सरकार ने कहा है कि वह कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज का खर्च नहीं उठाएगी। होम आइसोलेशन में संक्रमण से मरने वालों का शव दफनाने की भी इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि, फ्रंटलाइन वर्कर्स, विकलांग, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की टेस्टिंग और उनका इलाज फ्री में होगा। यह फैसला प्रधानमंत्री केपी शर्मा ने इस हफ्ते पहले ही ले लिया था। हालांकि, रविवार को सार्वजनिक तौर पर इसका ऐलान किया गया। यह आदेश रविवार से देश में लागू हो गया।

नेपाल की राजधानी काठमांडू में नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को कोरोनावायरस के बारे में जागरूक करता युवाओं का एक ग्रुप। -फाइल


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चीन की राजधानी बीजिंग में साइनोवैक बायोटेक फार्मा के लैब में वैक्सीन तैयार करने में जुटी एक रिसर्चर।- फाइल फोटो

एक से 12 साल तक के लाइलाज बीमार बच्चों का जीवन खत्म कर सकेंगे डॉक्टर; डच सरकार ने बनाया कानून October 18, 2020 at 05:07PM

(मारिया क्रेमर, क्लेयर मोसेस) नीदरलैंड्स की डच सरकार ने डॉक्टरों को लाइलाज या गंभीर रूप से बीमार बच्चों का जीवन खत्म करने की अनुमति दे दी है। अब डॉक्टर अपने तरीके से ऐसे बीमार बच्चों का जीवन खत्म कर सकेंगे। हालांकि, इसके लिए उन्हें बच्चों के माता-पिता की इजाजत लेनी होगी। दूसरी ओर इस निर्णय से चिकित्सा क्षेत्र में मौत दिए जाने को लेकर बहस छिड़ गई है।

कुछ संगठनों का कहना है कि यदि उन बच्चों को दवाओं के जरिए जिंदा रखा जा सकता है तो उन्हें इस प्रकार की मौत क्यों दी जानी चाहिए। हालांकि ज्यादातर विशेषज्ञ और कानून निर्माता इस नए कानून से सहमत हैं। दरअसल, नीदरलैंड्स में एक साल तक के लाइलाज बीमारी से ग्रसित बच्चों को मौत देने की अनुमति है।

इसे लेकर डच स्वास्थ्य मंत्री ह्यूगो डी जॉन्ग ने बीमार बच्चों को मौत दिए जाने वाले कानून में विस्तार का प्रस्ताव रखा। ताकि 12 साल तक के बच्चों को नए कानून में शामिल किया जा सके। उन्होंने मंगलवार को संसद में कहा- ‘कुछ बच्चे बहुत बीमार होते हैं। उनमें किसी तरह से सुधार की उम्मीद नहीं होती है। वे अनावश्यक रूप से पीड़ित होते हैं। हर साल ऐसे लगभग 5 से 10 बच्चे प्रभावित होते हैं।

यदि कोई बच्चा ‘असहनीय और निराशाजनक पीड़ा’ का सामना कर रहा है तो उसका जीवन समाप्त किया जा सकता है। इससे चिकित्सा क्षेत्र की सहायता हो सकती है।’ फिलहाल यह कानून पास हो गया। नए कानून को लेकर विशेषज्ञ बताते हैं- ‘नीदरलैंड्स सरकार चिकित्सा सहायता से ऐसे लोगों को मौत देने की पक्ष में रही है, जिनके ठीक होने की संभावना बिल्कुल न हो।’

3 यूरोपीय देशों में है प्रावधान: लक्जमबर्ग, बेल्जियम और स्विटजरलैंड चिकित्सक-सहायता प्राप्त मृत्यु की अनुमति देते हैं। हालांकि कानून हर देश में अलग होते हैं। बेल्जियम एक डॉक्टर की मदद से बच्चों को मरने की अनुमति देता है। लेकिन लक्जमबर्ग में यह कानून असाध्य बीमार वयस्कों तक सीमित है।

अमेरिका जैसे बड़े देशों के लिए समस्या बन सकता है नया कानून
अमेरिका के न्यूयॉर्क लैंगॉन मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर आर्थर काप्लान बताते हैं- ‘यह नया कानून नीदरलैंड्स जैसे छोटे देशों के लिए ठीक है। इस कानून से अमेरिका जैसे बड़े देशों के ऊपर दबाव बढ़ेगा। खासतौर से उन वयस्क लोगों के संबंध में जो गंभीर रूप से बीमार हैं, लेकिन अपनी सहमति देने में असमर्थ हैं।

मुझे संदेह है कि अमेरिका या दूसरे बड़े देश नीदरलैंड्स के इस कानून को फॉलो करेंगे। डच नागरिकों की तुलना में अमेरिकी अपने मेडिकल सिस्टम पर कम भरोसा करते हैं। अमेरिका बड़ा देश है। ऐसे देशों में सभी के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधा नहीं है। इस स्थिति में बड़े देशों में यह कानून समस्या बन जाएगा।’



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Doctors will be able to end the life of incurable sick children from one to 12 years; Dutch government made law

विदेश नीति के मामले में फेल रहे ट्रम्प, उन्होंने सहयोगी देशों के नेताओं का अपमान किया; बाइडेन जीते तो उन्हें गलतियां सुधारनी होंगी October 18, 2020 at 05:07PM

इसी महीने की बात है। पेंटागन को बताए बिना डोनाल्ड ट्रम्प के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर ने ऐलान किया कि अगले साल की शुरुआत में अमेरिका अफगानिस्तान से अपने 2500 सैनिक वापस बुला लेगा। पहले यह संख्या 4500 तय की गई थी। कुछ घंटे बाद ट्रम्प का बयान सामने आया। कहा- क्रिसमस तक सभी सैनिकों को वापस बुलाने की योजना है। इन बातों से चेयरमैन ऑफ ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ जनरल मार्क मिली हैरान थे। उन्होंने कहा- हम अपनी योजना के हिसाब से फैसला करेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि इस तरह की बातें ट्विटर के जरिए नहीं बताई जातीं।

ये कैसी एडमिनिस्ट्रेशन है...
ट्रम्प प्रशासन का यह रवैया चौंकाने वाला है। क्योंकि आर्मी अफसर कई बार कह चुके हैं कि फ्रंट लाइन पर तैनात सैनिकों को अचानक हटाना उनकी जान जोखिम में डाल सकता है। तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता पर भी इसका असर हो सकता है। लेकिन, सिर्फ चार घंटे बाद ही दुनिया यह जान चुकी थी कि ट्रम्प प्रशासन ऐसे ही काम करता है। ट्रम्प के समर्थक भी जानते हैं कि डिप्लोमैटिक लेवल पर कई बार वो इसी तरह से परेशान वाली बातें करते हैं। क्या वे नहीं जानते कि अफगानिस्तान में कितनी जानें गंवाने के बाद कुछ हासिल नहीं हुआ। कितना बजट खर्च हुआ।

ट्रम्प का वादा
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने पहले भाषण में कहा था- आज से अमेरिका फर्स्ट की नीति अपनाई जाएगी। लेकिन, अब यह साफ हो रहा है कि अमेरिकी लीडरशिप में गिरावट आ रही है और अमेरिकी ब्रांड कमजोर हो रहा है। कई मुद्दे गिनाए जा सकते हैं, जिन पर कुछ नहीं हुआ। प्रशांत महासागर को लेकर कोई डील नहीं हो सकी। पेरिस क्लाइमेट चेंज समझौते से अमेरिका हट गया। ईरान से न्यूक्लियर डील नहीं हो सकी। डब्ल्यूएचओ और यूनेस्को से विवाद चल रहे हैं।

असल मुद्दों का क्या हुआ
मिडल ईस्ट से अमेरिकी सैनिकों की वापसी, ईरान से न्यूक्लियर डील या चीन से ट्रेड वॉर। ये मसले सुलझाए जाएंगे या हम वेनेजुएला और क्यूबा के पीछे पड़े रहेंगे। मिडल ईस्ट में अमन बहाली की बात करें तो इससे इजराइल फायदे में रहेगा। अमेरिका तो सिर्फ मध्यस्थ की भूमिका में है। हॉन्गकॉन्ग में चीन मर्जी चला रहा है। ताइवान और साउथ चाइना सी में टकराव के हालात हैं। ईरान पर प्रतिबंध का तो मित्र राष्ट्र ही विरोध कर रहे हैं। राष्ट्रपति किम जोंग उन से मिलते हैं। वो इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल बनाने में जुटा रहा है। परेड में इन्हें दुनिया के सामने पेश करता है।

हजारों सैनिक दूसरे देशों में तैनात
ट्रम्प कई बार वादा करते हैं कि सैनिकों को देश वापस लाया जाएगा। वे इसके लिए आदेश देने की बात करते हैं। लेकिन, सच्चाई ये है कि हजारों अमेरिकी सैनिक दूसरे देशों जैसे इराक, अफगानिस्तान और सीरिया में तैनात है। कई चुनौतियां हैं। चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है। रूस आग भड़काने की कोशिश कर रहा है। मिडल ईस्ट में तनाव है। लेकिन, लगता है जैसे ट्रम्प जानकर भी अंजान बने हुए हैं। यही उनकी डिप्लोमैसी है। लेकिन, मसले से बद से बदतर होते जा रहे हैं। कार्यकाल के शुरुआती दौर में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पीएम पर ओबामा के साथ की गई इमीग्रेशन डील रद्द करने का दबाव बनाया। पूर्व एनएसए जॉन बोल्टन का आरोप है कि ट्रम्प ने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से कहा था कि वो अमेरिका से ज्यादा सोयाबीन और गेंहूं खरीदें।

गलत भाषा का इस्तेमाल
सीएनएन के कार्ल बेर्नस्टेन कहते हैं- ट्रम्प ने ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को मूर्ख कहा था। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो को उन्होंने कमजोर और बेईमान करार दिया। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के बारे में भी गलत बातें कीं। आपको ये देखना होगा कि ये सभी अमेरिका के सहयोगी देश हैं। किम जोंग उन की वे तारीफ करते हैं, लेकिन उनसे दो मीटिंग करने के बाद हमें क्या हासिल हुआ। शी जिनपिंग की पहले तारीफ की। महामारी के बाद सुर एकदम अलग हो गए।

तानाशाहों के ज्यादा करीब
फिलिपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेरेत ने ड्रग माफिया के खात्मे के नाम पर हजारों लोगों को कत्ल करवा दिया। ट्रम्प उनकी तारीफ करते हैं। तुर्की के तानाशाह बन चुके एर्डोगन को वे अपना दोस्त बताते हैं। सऊदी अरब के प्रिंस सलमान को पत्रकार खगोशी के मामले में बचाते हैं और बाद में उनका अपमान करते हैं। पुतिन से उनकी बातचीत के बारे में अब तक ज्यादा पता नहीं लग सका। कुछ किताबें आईं। कई दावे हुए और इस चुनावी दौर में उनकी चर्चा हो रही है।

बाइडेन जीते तो क्या होगा
अगर इस चुनाव में जो बाइडेन जीते तो इसके क्या मायने होंगे। रूस चुनाव में दखल देने की कोशिश कर रहा है। चीन भी पैसे और सेना की ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है। यूरोप आज भी डिफेंस पर बहुत कम खर्च करता है। मिडल ईस्ट में कई आधार पर बंटवारा है। नॉर्थ कोरिया और ईरान न्यूक्लियर हथियार पाने की कोशिशों में लगे हैं। ट्रम्प ने भले ही कुछ लोगों का अपमान किया हो। लेकिन, बाइडेन और अमेरिका के पास अब भी मौका और ताकत है। बाइडेन पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे जीते तो पेरिस जलवायु समझौते का फिर हिस्सा बनेंगे। लेकिन, ट्रम्प जीते तो वही चलता रहेगा जो पिछले चार साल में हमने देखा है।



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Donald Trump Administration foreign policy; Here's New York Times (NYT) Opinion On US Election 2020

Car bombing in western Afghanistan kills 13, wounds 120 October 18, 2020 at 01:06AM

16 killed after landslide hits bus in Gilgit-Baltistan October 18, 2020 at 12:15AM

Wars and peace: Israeli ties with the Arab world October 18, 2020 at 12:10AM

The United Arab Emirates and Bahrain became the third and fourth Arab states to agree to normalise ties with Israel, following Egypt's peace deal with Israel in 1979 and a 1994 pact with Jordan.

Iran says UN arms embargo on Tehran has been lifted October 17, 2020 at 11:01PM

Tehran, which could now purchase weapons from Russia, China and elsewhere, has hailed the development as a diplomatic victory over its arch enemy the United States, which had tried to maintain an indefinite freeze on arms sales.

Australia's Covid hotspot partially eases lockdown October 17, 2020 at 11:21PM

Australia's state of Victoria, the epicentre of the country's coronavirus outbreak, will see more freedom of movement as of Monday after months-long restrictions, but retailers and restaurants must wait longer, making some of the owners unhappy.

ताइवान पर हमले की साजिश रच रहा चीन; समुद्री सीमा में डीएफ-17 सुपरसोनिक मिसाइलें तैनात कीं, सैनिकों की संख्या भी बढ़ाई October 17, 2020 at 10:38PM

चीन की सेना ताइवान पर हमला करने की योजना बना रही है। इसने ताइवान से सटे दक्षिण पूर्वी तट पर नौसैनिकों की तादाद बढ़ानी शुरू कर दी है। चीन इस इलाके से एक दशक से भी ज्यादा समय से तैनात पुरानी डीएफ-11 और डीएफ-15 मिसाइलों को हटा रहा है। इनकी जगह आधुनिक सुपरसोनिक डीएफ-17 मिसाइलों को तैनात कर रहा है। ये मिसाइलें ज्यादा दूरी तक वार कर सकती है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रक्षा विशेषज्ञों के हवाले से जारी रिपोर्ट में इसका दावा किया है।

सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों से चीन की तैयारियों का पता चला है। चीन ने ग्वांगडों और फुजियान के रॉकेट फोर्स बेस और मरीन कॉर्प्स पर सुविधाएं बढ़ा दी है। इन दोनों बेस पर पर्याप्त हथियारों की तैनाती कर दी गई है। कनाडा के कांन्वा डिफेंस रिव्यू ने अपने पास ऐसे सैटेलाइट फोटो होने की बात कही है।

ताइवान का समर्थन करने पर अमेरिका से चीन नाराज
अमेरिका ने बीते कुछ समय से ताइवान का खुलकर समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सीनियर ऑफिसर कीथ क्रैच सितंबर में ताइवान के दौरे पर पहुंचे थे। हर संभव मदद का भरोसा दिलाया था। दो दिन पहले एक अमेरिकी जंगी पोत ताइवान की खाड़ी में गश्त करते नजर आया था। इसपर चीन ने नाराजगी जाहिर की थी। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंगलवार को गुआंगडोंग प्रांत के मिलिट्री बेस के दौरे पर पहुंचे थे। उन्होंने सैनिकों को आदेश दिया कि वे युद्ध के लिए हाई अलर्ट लेवल की तैयारियां बनाए रखें। अपने दिल-दिमाग को भी उसके लिए तैयार करें।

ताइवान को अपना हिस्सा बताता है चीन
ताइवान पर कभी भी चीन की रूलिंग पार्टी का कंट्रोल नहीं रहा। हालांकि, चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान को हमला करने की धमकी देती रही है। चीन के विरोध के कारण ही चीन वर्ल्ड हेल्थ असेंबली का हिस्सा नहीं बन पाया था। चीन की शर्त थी कि असेंबली में जाने के लिए ताइवान को वन चाइना पॉलिसी को मानना होगा, लेकिन ताइवान ने शर्त ठुकरा दी थी। ताइवान में जबसे डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में आई है तबसे चीन के साथ संबंध ज्यादा खराब हुए हैं।



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चीन ने गुआंगडोंग राज्य के मिलिट्री बेस पर डीएफ -17 मिसाइलों को तैनात की है। इस बेस पर बीते एक दशक से दूसरी मिसाइलें तैनात थीं। -फाइल फोटो

Ardern credits virus response for election win October 17, 2020 at 10:05PM

A day after winning a second term in a landside victory, New Zealand Prime Minister Jacinda Ardern said Sunday she sees the election result as an endorsement of her government's efforts to stamp out the coronavirus and reboot the economy.

बाइडेन और कमला ने नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं, बाइडेन ने कहा- बुराई पर अच्छाई की जीत हो October 17, 2020 at 09:40PM

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिंदू वोटर्स को लुभाने की कोशिश जारी है। डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंशियल और वाइस प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट ने शनिवार को हिंदुओं को नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट जो बाइडेन ने ट्वीट किया, ‘‘हिंदुओं का त्योहार नवरात्रि शुरू हो गया है। अमेरिका और दुनिया में इस त्योहार को मना रहे लोगों को मैं और मेरी पत्नी (जिल बाइडेन) बधाई देते हैं। एक बार फिर से बुराई पर अच्छाई की जीत हो। सभी को नए मौके मिलें और नई शुरुआत हो।’’

कमला हैरिस ने ट्वीट किया, ‘‘मैं और मेरे पति (डगलस एमहोफ) नवरात्रि मना रहे हिंदू अमेरिकन दोस्तों और भाइयों को बधाई देते हैं। उम्मीद है कि यह त्योहार हम सब को अपनी कम्युनिटी को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा। हम एक ऐसा अमेरिका बना सकेंगे, जिसमें सभी एक समान हों।’’

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अमेरिका में करीब 20 लाख हिंदू

अमेरिका में करीब 20 लाख हिंदू रहते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में इनकी भागीदारी दोनों प्रमुख पार्टियों रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक के लिए अहम है। दोनों पार्टियां हिंदू वोटर्स को रिझाने में जुटी हैं। अमेरिकन इंडियन लोगों को अपने पाले में करने की कोशिश पहले भी की जाती रही है। अमेरिका में हिंदू धर्म के लोगों की संख्या कुल आबादी का एक फीसदी है। यह देश का चौथा सबसे बड़ा धर्म है।

ट्रम्प भी हिंदू वोटर्स को लुभाने की कोशिश में

हिंदुओं को लुभाने की कोशिश में मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रम्प भी पीछे नहीं है। उन्होंने 14 अगस्त को ही ‘हिंदू वॉइसेज फॉर ट्रम्प’ कैंपेन का ऐलान किया था। प्रचार अभियान को लॉन्च करने के बाद ट्रम्प कैंपेन ने कहा था, ‘‘हम अमेरिका के विकास में लाखों हिंदुओं की ओर से दिए गए योगदान का सम्मान करते हैं। अमेरिका में हिंदू और जैन धर्म समेत दूसरे धर्म के लोगों पर अक्सर हमले होते हैं। इसे खत्म करने की मांग लोग लंबे समय से करते रहे हैं।’’

चुनाव प्रचार में हिंदी गीतों का सहारा ले रहे बाइडेन

बाइडेन भारतीय अमेरिकियों को पाले में करने के लिए बॉलीवुड गानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके कैंपेन ने लगान फिल्म के ‘चले चलो’ गाने की तर्ज पर म्युजिकल वीडियो जारी किया है। इसमें बाइडेन को वोट देने की अपील की गई है। इसे सिंगर तितली ने गाया है। इसे अजय भुटोरिया ने प्रोड्यूस किया है। भुटोरिया ने कहा, ‘‘यह गीत मैंने और मेरी पत्नी ने लिखा है। ‘हमने अमेरिका का नेता कैसा हो, जो बाइडेन जैसा हो’ गीत वाला एक दूसरा वीडियो भी तैयार किया है। हम अपने कैंपेन के जरिए 10.3 लाख भारतीय-अमेरिकी वोटर्स तक पहुंचना चाहते हैं।’’



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फोटो इस साल 12 अगस्त की है। डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट जो बाइडेन (बाएं) ने कमला हैरिस (दाएं) को वाइस प्रेसिडेंट कैंडिडेट घोषित किया था। -फाइल फोटो

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