Saturday, April 25, 2020

Thousands demonstrate against Israeli coalition deal April 25, 2020 at 07:16PM

The protesters on Saturday oppose having Netanyahu as prime minister as long as he is a criminal suspect. The protesters say the unity government agreement, which gives Netanyahu influence over the appointment of judges and legal officials, “crushes democracy” and is meant to rescue Netanyahu from his legal troubles.

Beijing bans 'uncivilised' behaviour to improve public hygiene April 25, 2020 at 06:40PM

Beijing has banned "uncivilised" behaviour such as not covering the mouth and nose when coughing or sneezing, the city government said Sunday, in a new set of regulations to improve public hygiene amid the coronavirus outbreak.

French PM Edouard Philippe to present strategy on ending virus lockdown April 25, 2020 at 05:09PM

French Prime Minister Edouard Philippe will on Tuesday present the national strategy for emerging from the coronavirus lockdown, his office said. His announcement at the National Assembly will be followed by a debate and a vote. An app for tracing contacts of confirmed cases is also due to be unveiled Tuesday

As coronavirus crisis ravages Pakistan, military trumps Imran Khan April 25, 2020 at 05:06PM

Pakistan Prime Minister Imran Khan has been trumped by the country's powerful military yet again, this time over his government's inadequate steps and its poor response in curbing the coronavirus outbreak in the country, even as cases soared over 12,500.

अब तक 2 लाख मौतें: अमेरिका में 24 घंटे में 2494 लोगों ने दम तोड़ा, कुल आंकड़ा 54 हजार से ज्यादा April 25, 2020 at 05:01PM

दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 29 लाख 20 हजार 954 लोग संक्रमित हैं। दो लाख तीन हजार 272 की मौत हो चुकी है, जबकि आठ लाख 36 हजार 811 ठीक हुए हैं। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में 24 घंटे में 2494 लोगों की जान जा चुकी है। देश में मौतों का कुल आंकड़ा 54 हजार 256 हो गया है। वहीं यहां नौ लाख 60 हजार 651 संक्रमित हैं।

कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश

देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 9 लाख60 हजार 651 54 हजार 256 1 लाख 18 हजार 162
स्पेन 2 लाख 23 हजार 759 22 हजार 902 95 हजार 708
इटली 1 लाख 95 हजार 351 26 हजार 384 63 हजार 120
फ्रांस 1 लाख 61 हजार 488 22 हजार 614 44 हजार 594
जर्मनी 1 लाख 56 हजार 513 5 हजार 877 1 लाख 9 हजार 800
ब्रिटेन 1 लाख 48 हजार 377 20 हजार 319 उपलब्ध नहीं
तुर्की 1 लाख 7 हजार 773 2 हजार 706 25 हजार 582
ईरान 89 हजार 328 5 हजार 650 68 हजार 193
चीन

82 हजार 827

4 हजार 632 77 हजार 346
रूस 74 हजार 588 681 6 हजार 250

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अमेरिका: ट्रम्प ने प्रेस ब्रीफिंग बंद की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना को लेकर व्हाइट हाउस में होने वाले डेली प्रेंस ब्रीफिंग को बंद कर दिया है। उन्हें ट्वीट किया- प्रेंस ब्रीफिंग का कोई मतलब नहीं है। इसकी कोई उद्देश्य नहीं रह जाता, जब पक्षपाती मीडिया शत्रुतापूर्ण सवालों के अलावा कूछ नहीं पूछता और फिर सच्चाई या तथ्यों की सही रिपोर्टिंग नहीं करता। उन्हें उससे रेटिंग्स मिलती हैं और अमेरिकी नागरिकों को फेक न्यूज के अलावा कूछ नहीं मिलता। इसमें समय देना बेकार है। प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ट्रम्प कई बार पत्रकारों से उलझते भी नजर आए हैं। उन्होंने शुक्रवार को किसी सवाल का जवाब नहीं दिया था और वहां से बाहर चले गए थे।

ब्रिटेन: पीएम जॉनसन सोमवार से ऑफिस लौटने को तैयार
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कोरोना से ठीक होने के बाद सोमवार से अपना कामकाज फिर से संभाल लेंगे। वे लंदन के सेंट थॉमस अस्पला में करीब दो हफ्ते तक भर्ती रहे थे। उनकी गैरमौजूदगी में विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब उनका कार्यभार संभाल रहे थे। स्काई न्यूज के मुताबिक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डॉक्टरों की सलाह पर सोमवार के रोजाना होने वाली डाउनिंग स्ट्रीट समाचार सम्मेलन की मेजबानी कर सकते हैं।

लॉकडाउन के दौरान लंदन के हाइडा पार्क में घूमते लोग। ब्रिटेन में अब तक 20 हजार से ज्यादा जान जा चुकी है।

कनाडा: 45 हजार संक्रमित
कनाडा में 24 घंटे में 100 लोगों की मौत हुई है। यहां संक्रमितों की संख्या बढ़कर 45 हजार 300 हो गई है। सरकार ने शनिवार को जारी किए आंकड़ों में बताया कि कनाडा में अब तक 2465 मौत हो गई है। ओंटारियो (800) और क्यूबेक (1440) सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। शनिवार को कनाडा के न्यू ब्रंसविक प्रांत ने बताया कि वे प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाना शुरू कर रहा है, जिसके बाद यह पहला प्रांत है जो फिर से खुलेगा।

अल्जीरिया: 3256 संक्रमित
अल्जीरिया में शनिवार को 129 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 3256 हो गई है। इसी बीच, कोरोना से चार नई मौतें सामने आई हैं। यहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 419 हो गई है। ‘डिटेक्शन और फॉलो-अप कमीशन’ के प्रमुख जिमल फोरर ने यह जानकारी दी। अल्जीरिया में पहला मामला 25 फरवरी को सामने आया था। इसके प्रसार को रोकने के लिए अल्जीरिया प्रशासन ने 29 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन किया है।



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अमेरिका के न्यूयॉर्क में टाइम्स स्कॉएर से गुजरते लोग। राज्य में अब तक 21 हजार से ज्यादा जान जा चुकी है।

अमेरिका में किराएदारों को जबरदस्ती बाहर निकाल रहे, किराया न चुका पाने से बढ़ रहा है बेघर होने का खतरा April 25, 2020 at 03:02PM

एलाना सैमुअल्स.कोरोना वायरस-कोविड-19 का भयानक प्रकोप झेल रहे अमेरिका में किराए के मकानों में रहने वाले लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। मकान मालिक उन्हें घर से बाहर निकाल रहे हैं। कई राज्यों और शहरों में मकान खाली कराने पर रोक है, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। हाउसिंग वकीलों ने बताया कि देशभर में ऐसे मामलों की बाढ़ आ गई है। जिन लोगों ने किराया नहींं चुकाया है, मकान मालिक उन्हें जबरदस्ती बाहर कर देते हैं।

दूसरे सप्ताह तक केवल 69% किराएदारों ने किराया चुकाया था
राष्ट्रीय मल्टी फेमिली हाउसिंग कौंसिल के अनुसार, अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक केवल 69% किराएदारों ने किराया चुकाया था। मार्च में यह आंकड़ा 81% था। अटलांटा लायर्स फाउंडेशन होम प्रोजेक्ट के डायरेक्टर कोल थेलर कहते हैं, लैंडलॉर्ड का धैर्य जवाब दे रहा है। फाउंडेशन कम आय के लोगों को कानूनी सहायता देता है। थेलर से एक सप्ताह में तीन-चार लोग इस संबंध में मदद के लिए संपर्क करते हैं। आर्थिक गतिविधियां बंद होने से लोगों की आय प्रभावित हुई है। किराएदार और मकान मालिकों को भी इस स्थिति का सामना करना पड़ा है। फिर कानूनों को लेकर भ्रम की स्थिति है।

मकान मालिक किराएदारों को मकान खाली करने के नोटिस दे सकते हैं

कोलंबिया लॉकॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर एमिली बेनफेर के अनुसार, 41 राज्यों में मकान मालिक किराएदारों को मकान खाली करने के नोटिस दे सकते हैं। जिन किराएदारों को नोटिस मिलते हैं, उनमें से कुछ मकान खाली कर देते हैं जबकि खाली कराने पर रोक लगी है। संसद के एक सदन- कांग्रेस द्वारा पास केयर्स एक्ट में 120 दिन तक मकान खाली कराने पर रोक है। यह केवल उन मकानों पर लागू होता है जो सरकारी गारंटी के कर्ज पर लिए गए हैं। अर्बन इंस्टीट्यूट के अनुसार इस तरह की आवासीय संपत्तियां सिर्फ चार में से एक हैं।

20 राज्यों ने मकान खाली कराने के खिलाफ कानून बना रखे हैं
केवल 20 राज्यों ने मकान खाली कराने के खिलाफ कानून बना रखे हैं। सिर्फ कनेक्टीकट और हैम्पशायर ने हर तरह के कदम उठाने पर रोक लगाई है। बेनफर का कहना है, कुछ राज्यों ने ही सभी तरह की रोक लगा रखी है। अलास्का, मैरीलैंड सहित कुछ राज्यों में किराएदार को सबूत देना पड़ता है कि उनकी आर्थिक तंगी का कोविड-19 से संबंध है। कोलोरेडो, ओहायो ने खाली कराने की कार्रवाई स्थानीय प्रशासन पर छोड़ दी है। अरकंसास में अदालत ऐसे मामलों में फैसला करती हैं।

कनेक्टीकट में किराएदार को किराया चुकाने के लिए समय दिया जाता है
कई स्थानों में शैरिफ कोविड-19 प्रकोप से पहले मंजूर किए गए मामलों में खाली कराने की कार्रवाई कर रहे हैं। कनेक्टीकट में किराएदार को रोक खत्म होने के बाद भी किराया चुकाने के लिए कुछ समय दिया जाता है। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में हाउसिंग का अध्ययन करने वाली एलिएजा दुराना कहती हैं, एक बार अदालतों के खुलने के बाद मकान खाली कराने के मामलों की बाढ़ आ जाएगी। मकान मालिकों का कहना है, उनकी माली हालत भी खराब है। बड़ी संख्या में लोग किराया नहीं दे रहे हैं। ओरलैंडो जैसे शहरों में समूची इमारतों में बेरोजगार लोग रहते हैं। नेशनल अपार्टमेंट एसोसिएशन के सीईओ बॉब पिनेगर बताते हैं, थीम पार्क जैसी जगहों पर तो सभी लोग बेरोजगार हो चुके हैं।

कानून को लेकर कई राज्यों में भ्रम

  • मार्च की तुलना में अप्रैल में किराया न चुकाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी।
  • मकान खाली कराने के नियमों से कई राज्यों में भ्रम की स्थिति बनी और विवाद भी बढ़ने लगे हैं।
  • कुछ किराएदार नोटिस मिलने के बाद विवाद से बचने के लिए फौरन मकान खाली कर देते हैं।
  • ओरलैंडो समेत कुछ बड़े शहरों में कई बिल्डिंग के पूरे किराएदार बेरोजगार हो चुके हैं।
  • वकीलों के पास जबरिया मकान खाली कराने के मामले आ रहे हैं।
  • किराएदारों को कोरोना वायरसके कारण आर्थिक तंगी होने का सबूत देना पड़ता है।

((टाइम और टाइम लोगो रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क हैं। इनका उपयोग अनुबंध के तहत किया गया है।)



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हाउसिंग वकीलों ने बताया कि देशभर में ऐसे मामलों की बाढ़ आ गई है। जिन लोगों ने किराया नहींं चुकाया है, मकान मालिक उन्हें जबरदस्ती बाहर कर देते हैं।

मरीज घर बात कर सकें, इसलिए स्मार्टफोन तक दान दे रहे हैं लोग April 25, 2020 at 03:02PM

जेमी दुचार्मे.अमेरिका में न्यूयॉर्क सहित कई शहरों में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों और उनके परिजनके बीच संपर्क कराने के लिए स्मार्टफोन और टेबलेट जैसे गैजेट्स जुटाने का अभियान चल रहा है। भारतीय मूल के दो भाइयों सहित कई कंपनियां इस मुहिम में शामिल हैं। मार्च में न्यूयॉर्क शहर की नर्सों के लिए टेबलेट जुटाने का अभियान शुरू किया गया था। ये नर्स वीडियो कॉल के जरिये मरीजों की उनके परिजनसे बातचीत कराती हैं। यह सुविधा उन लोगों के बहुत काम आई है, जिनके पास स्मार्ट फोन या चार्जर नहीं थे।


गिफ्ट भेजने वाली कंपनी लूप एंड टाई की सीईओ रोडेल कहती हैं कि हमें अहसास हुआ कि कंपनी मरीजों और उनके प्रियजनों के बीच वीडियो कॉल कराने के लिए अस्पतालों को टैबलेट, स्मार्ट फोन भेज सकती है।

एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने यह काम हाथ में लिया

रोडेल और एक दर्जन से अधिक महिलाओं की टीम ने इस काम को हाथ में लिया। ये महिलाएं एक-दूसरे से पहले कभी नहीं मिली थीं। उन्होंने कंपनियों से टैबलेट दान करने की अपील की। कुछ अन्य गैजेट्स की खरीद के लिए इंटरनेट पर गोफंडमी अभियान शुरू किया। अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक उन्हें डोनेशन के जरिये 4500 डिवाइस मिल चुके थे।

भारतीय मूल के दो भाइयों ने जुटाए 250 स्मार्टफोन
भारतीय मूल के दो भाइयों- सनी संधू और मनराज सिंह भी दान में मिले स्मार्ट फोन से लोगों को जोड़ने का अभियान चला रहे हैं। वे 250 स्मार्ट फोन जुटा चुके हैं। संधू ने अपने भाई के साथ मिलकर मरीजों को उनके परिवार के लोगों से जोड़ने के लिए स्मार्टफोन जुटाना शुरू किए। उन्होंने मेडिकल छात्रों के साथ मिलकर बाल्टीमोर, न्यूयॉर्क, बोस्टन और वाशिंगटन, फिलाडेल्फिया सहित कई शहरों में यह मुहिम चलाई है।

मेडिकल छात्रों ने भी अभियान शुरू किया

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सैनफ्रांसिस्को के मेडिकल छात्रों ने कोविड-19 के समय कनेक्टिवटी नामक अभियान की शुरुआत की है। वे डोनेशन में मिली 25 टेबलेट के माध्यम से मरीजों के लिए वीडियो कॉल कराते हैं।



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कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सैनफ्रांसिस्को के मेडिकल छात्रों ने कोविड-19 के समय कनेक्टिवटी नामक अभियान की शुरुआत की है।

जापान का वह द्वीप जो दुनिया के लिए चेतावनी बनकर उभरा; दोबारा लौटी संक्रमण की लहर, दूसरे दौर में अब 80% मामले बढ़े April 25, 2020 at 01:58PM

अबिगेल लियोनार्डो.जापान के उत्तरी द्वीप होकाइडू ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के अगले दौर में विश्व के सामने एक सबक रखा है। वहां संक्रमण फैलने के बाद जल्द कार्रवाई की गई। तीन सप्ताह का लॉकडाउन घोषित हुआ। लेकिन, गवर्नर ने प्रतिबंध हटाने में जल्दबाजी की। इसके बाद संक्रमण की दूसरी लहर तो और अधिक गंभीर हो गई है। लिहाजा, 26 दिन बाद फिर लॉकडाउन करना पड़ा है। होकाइडू मेडिकल एसोसिएशन के चेयरमैन डॉ. कियोशी नगासे मानते हैं, ‘अब मुझे पछतावा है। हमें इमरजेंसी नहीं हटानी थी’।

होकाइडू, जापान में लॉकडाउन घोषित करने वाला पहला क्षेत्र था
होकाइडू में 31 जनवरी को सालाना स्नो फेस्टिवल में 20 लाख लोग जुड़े थे। वहां बड़ी संख्या में चीनी पर्यटक आए थे। फेस्टिवल की शुुुरुआत में डॉक्टरों ने वुहान, चीन से आई महिला में कोरोना वायरस के लक्षण देखे थे। कई अन्य चीनी पर्यटक बीमार पड़े। जल्द ही वायरस फैल गया। 28 फरवरी को गवर्नर ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी।उस समय तक 66 मामले सामने आए थे। स्कूल, कॉलेज, कारोबार बंद हो गए। 50 फूड प्रोसेसिंग कंपनियां दिवालिया हो गईं। डेयरी इंडस्ट्री तबाह हो गई। होकाइडू, जापान में लॉकडाउन घोषित करने वाला पहला क्षेत्र था। देश में बहुत देर से इमरजेंसी की घोषणा की गई है।

18 मार्च को प्रतिबंध हटाए गए, लोग सड़कों पर उमड़ पड़े

मार्च के मध्य में स्थिति सुधरने लगी थी। 18 मार्च को प्रतिबंध हटा लिए गए। होकाइडू मेंं लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। रेस्त्रां, कैफे, बाजारों में भीड़ होने लगी। टोक्यो,ओसाका और अन्य इलाकों से लोग आने लगे। जल्द ही संक्रमण तेजी से दोबारा फैलने लगा। 14 अप्रैल को दोबारा इमरजेंसी लगाना पड़ी। पहला लॉकडाउन हटाने के बाद एक माह से कम समय में मामले 80% तकबढ़ गए। बुधवार तक होकाइडू में 495 मामले सामने आ चुके थे। अब यहां निश्चिंतता का माहौल फिर चिंता में बदल गया है।

दुनिया को लॉकडाउन हटाने से पहले यह सबक सीखना चाहिए
होकाइडू यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय राजनीति के वाइस डीन काजुटो सुजूकी कहते हैं, ‘होकाइडू से दुनियाभर के नेताओं को लॉकडाउन हटाते समय सबक सीखना चाहिए। संक्रमण के पहले दौर पर काबू पाने के बाद आप निश्चिंत नहीं हो सकते हैं’। विशेषज्ञों का कहना है, स्थानीय व्यवसायियों के दबाव और संक्रमण की दर में गिरावट से उपजी निश्चिंतता की गलत धारणा के कारण पाबंदियां जल्द हटा ली गई थीं।

जापान में दो सप्ताह से मामले दोगुने हुए

53 लाख की आबादी का होकाइडू पहाड़ों के सौंदर्य और खेती, मछलीपालन के लिए जाना जाता है। यह घनी आबादी के शहरी इलाकों वाले जापान के मुख्य द्वीप होंशू से बहुत अलग है। होंशू में टोक्यो, ओसाका जैसे बड़े शहर हैं। जापान में अब भी अन्य देशों की तुलना में कोविड-19 के मामले (लगभग 13 हजार) कम हैं। लेकिन, पिछले दो सप्ताहों में वहां मामले दोगुने हुए हैं।



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होकाइडू, जापान में लॉकडाउन घोषित करने वाला पहला क्षेत्र था। देश में बहुत देर से इमरजेंसी की घोषणा की गई है।

अमेरिकी राज्य के गवर्नर ने किया खुलासा: न्यूयॉर्क में कोरोनावायरस के सुपर कैरियर बने बस-मेट्रो, हजारों मौतों के बाद भी ये चल रहे April 25, 2020 at 01:51PM

(मोहम्मद अली).न्यूयॉर्क ने संभवतः कोरोनावायरस के विनाशकारी प्रसार का कारण खोज लिया है। बसें, कैब और मेट्रो जैसी सर्विस ने इस बीमारी को फैलाने में सुपर कैरियर की भूमिका निभाई है। न्यूयॉर्क में वायरस क्यों इतनी तेजी से फैला और इसे रोकने में क्या चूक रही, इस पर यहां के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो बताते हैं कि इस वायरस को लेकर सामने आई नई जानकारी चौंकाने वाली है।

इसके मुताबिक, कोरोनावायरस 3 घंटे तक हवा में रह सकता है। मेट्रो, ट्रेनों और बसों के डिब्बों की सतहों और सीटों पर 3 दिन तक जीवित रहने में सक्षम है। यह जानकारी न्यूयॉर्क के लोगों के लिए बड़े झटके की तरह है क्योंकि यहां मेट्रो, कैब और ट्रेन में लोग अभी तक सफर कर रहे हैं।

महामारी की दूसरी लहर भी उठेगी- क्यूमो

क्यूमो का अनुमान है कि फिलहाल यह चक्र रुकने वाला नहीं है। महामारी की दूसरी लहर भी उठेगी। शुक्रवार को 24 घंटे में 34,736 टेस्ट किए गए, यह संभवतः दुनिया में किसी एक राज्य में एक दिन में किए गए सर्वाधिक टेस्ट हैं। न्यूयॉर्क में 3 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। अब तक यहां 17 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं। अमेरिका में संक्रमित लोगों की संख्या करीब 9.31 लाख, मृतकों की तादाद 52,000 से ज्यादा है।

यहां पूर्ण लॉकडाउन नहीं रहा, वायरस के प्रभाव की सीमा नहीं

क्यूमों ने बताया कि भारत की तरह अमेरिका में कभी भी पूर्ण लॉकडाउन नहीं रहा। इसलिए वायरस के प्रभाव की कोई सीमा नहीं है। यहां बसें और मेट्रो सर्विस अभी तक चल रही हैं। मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि वायरस के प्रसार में यह बड़े कारणों में से एक हो सकता है। वे कहते हैं कि रेग्युलर सैनेटाइजेशन के बिना ऐसे वायरस को खत्म नहीं किया जा सकता। यह वायरस उन लोगों से भी फैल सकता है, जिनमें इसके कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। ऐसे में इसे रोकने में अधिकारियों का काम और मुश्किल भरा हो जाता है।

प्रशासन अब नई साफ-सफाई प्रक्रियापर काम कर रहाहै

न्यूयॉर्क प्रशासन अब नई साफ-सफाई प्रक्रिया और डिसइंफेक्टिंग प्रोटोकॉल पर काम कर रहाहै।ताजा जानकारी बताती है कि न्यूयॉर्क परिवहन विभाग, मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी (एमटीए) महामारी की चपेट में क्यों आया। इस विभाग के 84 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। 3,500 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसके अतिरिक्त 3,368 कर्मचारियों को घर पर ही रहने को कहा गया है।एमटीए के प्रवक्ता ने कहा कि हमने साफ-सफाई के तरीके बदले हैं। हम हमारे स्टेशनों और मेट्रो के उच्च स्पर्श क्षेत्रों को दिन में दो बार कीटाणुरहित कर रहे हैं। हर 72 घंटे में सर्विस टीम को बदल रहे हैं।


उधर, अमेरिका के जॉर्जिया, ओक्लाहोमा, अलास्का राज्यों ने लॉकडाउन पर ढील देनी शुरू कर दी है। इसके बाद यहां कई दुकानें खुलीं। हालांकि, अब भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे लॉकडाउन में ढील देने की जल्दबाजी न करें।



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तस्वीर अमेरिका के जॉर्जिया प्रांत की है। यहां हेयर सैलून, ब्यूटी पॉर्लर खुल गए हैं।

दुनिया में ताइवान की बढ़ती साख से चीन परेशान, प्रतिबंधों की धमकी दे रहा; 2.40 करोड़ की आबादी वाला देश अमेरिका, इटली को मास्क दान कर रहा April 25, 2020 at 01:48PM

जेवियर सी हर्नांडेज/क्रिस हॉर्टन.दुनियाभर के तमाम देशों में जब लॉकडाउन है। ऐसे वक्त में करीब 2.40 करोड़ की आबादी वाले ताइवान में बेसबॉल गेम सीजन जारी है। यह छोटा सा आइलैंड महामारी के बीच दूसरे देशों की मदद करने के लिए भी आगे आया है। अमेरिका, इटली जैसे देश ताइवान से ‘मेड इन ताइवान’ लिखे मास्क प्राप्त कर रहे हैं।

अमेरिका और यूरोप के अधिकारियों ने ताइवान द्वारा एक करोड़ से ज्यादा मास्क दान करने पर तारीफ की है। बिल गेट्स, बारबरा स्ट्रीसेंड जैसे बिजनेसमैन, सेलेब्स और राजनेताओं ने कोरोना से लड़ाई में ताइवान की काफी तारीफ कर रहे हैं।

वैश्विक महामारी के बीच दुनिया में ताइवान की साख बढ़ रही

ताइवान में कोरोनावायरस के अब तक 429 मामले आए हैं। 275 ठीक हो चुके हैं। जबकि 6 लोगों की जान जा चुकी है। वैश्विक महामारी के बीच दुनिया में ताइवान की साख बढ़ रही है। इससे चीन परेशान हो रहा है और ताइवान पर प्रतिबंधों की धमकी दे रहा है।


चीन नेआर्थिक सजा देने की धमकी दी

महामारी के बीच भी चीन ताइवान के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है। वो लगातार ताइवान के तटीय इलाकों में अपने युद्धपोत भेज रहा है। इससे पहले चीन के कुछ समीक्षकों ने आर्थिक सजा देने की भी धमकी दी है। चीनी अधिकारियों ने आरोप लगाए हैं कि ताइवान वैश्विक संगठनों में अपनी भागीदारी के लिए राजनीतिक दांव-पेंच लगा रहा है।

चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में हुई कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह हरकत कभी सफल नहीं होगी। ताइवान में भी कुछ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि बीजिंग आइलैंड के साथ व्यापार पर कड़ी पाबंदियां लगाएगा।



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ताइवान की ओर से भेजे गए ‘मेड इन ताइवान’ मेडिकल इक्विपमेंट।

अमेरिका में भूख का संकट बढ़ा, अब स्वयंसेवक तक कम पड़े; कई लोग अपने जीवन में पहली बार फूड बैंक जा रहे हैं April 25, 2020 at 01:44PM

एबी वेसोलिस.1964 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन द्वारा शुरू की गई फूड बैंक योजना से अमेरिका में कोरोना संकट के दौरान लाखों लोगों को सहारा मिला है। यह योजना गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए है। लेकिन, बेरोजगारी बढ़ने और कारोबार ठप पड़ने के कारण कई लोग जीवन में पहली बार फूड बैंक से खाने-पीने का सामान लेने के लिए मजबूर हैं।

4500 से ज्यादा लोगों को दो सप्ताह का खाने का सामान दिया गया

कई स्थानों पर खाना लेने के लिए सैकड़ों कारों की कतार लगती है। राइट स्टेट यूनिवर्सिटी, फुटबॉल स्टेडियम में डेटन फूडबैंक ने इमरजेंसी भोजन वितरण सेंटर शुरू किया है। वहां 21 अप्रैल को 4500 से ज्यादा लोगों को दो सप्ताह का खाने का सामान जैसे चिकन कटलेट, छोले, खीरा, अंडे, प्रोटीन शेक, आलू, चावल और तरबूज दिए गए।

कुछ सेंटरों पर हर दिन 1200 तक कारें खाना लेने आ रही हैं
पिछले सप्ताह 44 लाख लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए दावा किया था। इस तरह 14 मार्च के बाद अब तक दो करोड़ 60 लाख से अधिक दावे दाखिल किए जा चुके हैं। इस कारण लोग फूड बैंक का रुख कर रहे हैं। थ्री स्केवयर फूड बैंक, लास वेगास ने कुछ सप्ताह पहले जब भोजन वितरण का नया सिस्टम शुरू किया तो उसे हर दिन प्रत्येक सेंटर पर 200 से 250 कारें आने का अनुमान था। अब कुछ सेंटरों पर हर दिन 1200 तक कारें खाना लेने आ रही हैं। सेंट्रल टेक्सास फूड बैंक की ट्रेविस काउंटी सेंटर में भोजन लेने वालों की संख्या 207% बढ़ी है।

कोविड संक्रमण के बाद डोनेशन में मिलने वाले सामान में कमी आई
फूड बैंक सरकारी मदद के अलावा स्वयंसेवी संगठनों और दानदाताओं के दान से चलते हैं। कोविड संक्रमण के बाद डोनेशन में मिलने वाले सामान में कमी आई है। ग्रेटर शिकागो फूड बैंक ने बताया कि उसे गैर सरकारी स्रोतों से मिलने वाले सामान में मार्च 2019 की तुलना में 30% गिरावट आई है। फूड बैंकों में काम करने वाले स्वयंसेवकों की संख्या भी घटी है। 65 साल से अधिक आयु के लोगों के अधिक संख्या में बीमार पड़ने के कारण सेंटरों में स्वयंसेवकों की कमी हो गई है।



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फूड बैंक सरकारी मदद के अलावा स्वयंसेवी संगठनों और दानदाताओं के दान से चलते हैं। कोविड संक्रमण के बाद डोनेशन में मिलने वाले सामान में कमी आई है।

Covid-19: Sri Lanka extends curfew in high risk districts till May 4 April 25, 2020 at 03:56AM

Sri Lanka on Saturday extended the nationwide curfew in four high risk districts, including Colombo, till May 4 to stem the spread of the deadly coronavirus in the country, President Gotabaya Rajapaksa's office announced, a day after the Island nation recorded the highest number of 49 infections in a single day.

सऊदी अरब में अब सजा के तौर पर कोड़े मारने पर रोक, इसकी जगह जुर्माना या कैद होगी April 25, 2020 at 03:17AM

सऊदी अरब में अब कोड़े मारने की सजा पर रोक लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सजा के तरीके पर टिप्पणी की थी। अब यहां कोड़े मारने की सजा को जेल या जुर्माने में बदला गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार,सऊदी अरब में दुनिया में सबसे ज्यादा मानवाधिकारों का हनन किया जाता है। शुक्रवार को जारी निर्देशको किंग सलमान और उनके बेटे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ओर से मानवाधिकार सुधारों को विस्तार देने के लिए उठाया गया कदम माना रहा है।

सऊदी अरब, अमेरिका का सहयोगी देश है और यहीं पर इस्लाम की शुरुआत हुई थी। सऊदी में वहाबी सुन्‍नी मुस्लिम नियमों का कड़ाई से पालन किया जाता है। यहां के कानून कायदों पर मौलवियों का कंट्रोल है।

2015 में आया था कोड़े की सजा का आखिरी मामला
सऊदी अरब में 2015 में कोड़े की सजा का आखिरी मामला सामने आया था। यहां एक ब्लॉगर रईफ बदावी को पब्लिक के सामने कोड़े मारने की सजा सुनाई गई थी। दरअसल, बदावी पर अपनी वेबसाइट ‘‘सऊदी लिबरल नेटवर्क” पर इस्लाम का अपमान करने, साइबर क्राइम के आरोप थे। जून 2012 में बदावी को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 10 साल कैद और एक हजारकोड़े मारने की सजा दी गई थी। बदावी की सजा की अमेरिका और दुनियाभर के मानवाधिकार संस्थाओं ने निंदा की थी।

मानवाधिकार कार्यकर्ता की हो गई मौत
सऊदी अरब की जेल में शुक्रवार कोमानवाधिकार कार्यकर्ता की स्ट्रोक से मौत हो गई। उनके साथी कार्यकर्ताओं का कहना था कि उनकी तबीयत खराब थी और अधिकारियों ने कोई इलाज नहीं कराया।

क्राउन प्रिंस ने अपनाई हैं कई उदारवादी नीतियां
क्राउन प्रिंस लमान ने सऊदी अरब में कई उदारवादी नीतियां अपनाई हैं। उन्होंने 2018 में देश में महिलाओं को कार चलाने की अनुमति दी थी। इसे सऊदी का एतिहासिक क्षण बताया गया था। उनकी कई कोशिशों को सराहा गया है, लेकिन मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले में उन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी है। वॉशिंगटन पोस्ट केपत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद उन पर गंभीर आरोप लगे हैं।2019 में तुर्की के सऊदी दूतावास में खशोगी कीहत्या कर दी गई थी।



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सऊदी अरब के किंग सलमान (बाएं) और उनके बेटे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान। (फाइल)

Italy to ease lockdown on May 4, give free masks April 25, 2020 at 03:06AM

स्पेन की बुजुर्ग ने पांच साल की उम्र में स्पेनिश फ्लू को हराया था, अब 107 साल की उम्र में फिर संक्रमण को मात दी April 25, 2020 at 02:22AM

स्पेन में कोरोनावायरस को हराकर एक 107 साल की बुजुर्ग ठीक हुईं हैं। खास बात यह है कि वेजब पांच साल की थीं तो स्पेनिश फ्लू को भी मात दी थी। स्पेन के इंग्लिशअखबार ओलिव प्रेसके मुताबिक, बुजुर्ग का नाम एना डेल वैले है।माना जा रहा है कि वह कोरोना से ठीक होने वाली दुनिया की सबसे ज्यादा उम्र की बुजुर्ग हैं।

अखबार के मुताबिक, एना के साथ 60 लोग और संक्रमित हुए थे। अब वे ठीक हो चुकी हैं। उनका जन्म अक्टूबर 1913 में हुआ था। जब वह पांच साल की थीं, तबवेस्पेनिश फ्लू की चपेट में आईथीं और ठीक भी हुईं।जनवरी 1918 से दिसंबर 1920 तक स्पेनिश फ्लूका प्रकोप रहा था। इस महामारी से दुनिया की एक तिहाई आबादी (50 करोड़ लोग) खत्म हो गई थी।
अखबार में बताया गया कि स्पेनिश फ्लू को मात देने के 102 साल बाद एना ने कोरोनावायरस से भी लड़ाई जीत ली है। अन्‍य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, स्‍पेन में 101 साल की दो और बुजुर्ग महिलाओं ने कोविड-19 पर जीत हासिल की है। ओलिव प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एना का मामला किसी करिश्‍मे से कम नहीं।एना की बहूपाकुई सांचेज ने अस्‍पताल का शुक्रिया अदा किया है। उन्‍होंने कहा कि एना की उम्र ज्यादा होने की वजह से डॉक्टरों ने बहुत संभलकर काम किया। एना अब ठीक हैं। वेवाकर की मदद से चलती हैं और खुद से खाना भी खाती हैं।

स्पेन में अब तक 22 हजार 524 लोगों की मौत
अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले स्पेन में ही हैं। यहां अब तक 22 हजार 524 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब दो लाख 20 हजार लोग संक्रमित है। अभी तक 92 हजार 355 लोग ठीक भी हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार को 367 लोगों की मौत हुई। 21 मार्च के बाद यह एक दिन में होने वाली सबसे कम मौते हैं।



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1913 में पैदा हुईं एना को पांच साल की उम्र में स्पेनिश फ्लू हो गया था। 102 साल बाद वे कोरोना की चपेट में आ गईं। दोनों महामारियों से जीतीं।

Virus death toll in Europe tops 120,000 April 25, 2020 at 02:11AM

The new coronavirus has killed more than 120,00 people in Europe with more than three quarters of those fatalities in Italy, France, Spain and Britain, according to an AFP tally on Saturday 1100 GMT using official figures.

Nepal halts all flight operations until May 15 April 25, 2020 at 01:58AM

The Nepal government on Saturday restricted the operation of international and domestic flights until May 15 as a precautionary measure against the spread of the coronavirus pandemic, an official said.

Nearly 4,000 Sri Lankan Navy personnel quarantined after 60 tested positive for Covid-19: Report April 25, 2020 at 01:21AM

Five years after quake, academic institutions await reconstruction in Nepal April 25, 2020 at 01:15AM

WHO warns against idea of 'immunity passports' April 25, 2020 at 01:01AM

Rouhani says Iran watches US closely, but won't start conflict April 25, 2020 at 12:33AM

Iranian President Hassan Rouhani's comments, which come at a time of rising tension between Washington and Tehran, were made during a telephone call to Qatar's Emir Sheikh Tamim bin Hamad al-Thani, Iranian state media reported.

फ्रांसीसी शोधकर्ताओं का दावा- निकोटीन से कोरोना का इलाज संभव, स्मोकिंग करने वालों की तुलना में नॉन स्मोकर्स में संक्रमण का खतरा ज्यादा April 24, 2020 at 08:49PM

पेरिस. कोरोना महामारी को फैले तीन महीने से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक इसके रोकथाम के लिए कोई टीका या दवा की खोज नहीं हो पाई है। दुनियाभर के शोधकर्ता वैक्सीन टेस्ट में जुटे हैं। इस बीच फ्रांसीसी शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि स्मोकिंग करने वालों की तुलना में कोरोना का संक्रमण नॉन स्मोकर्स (धूम्रपान न करने वाले) में तेजी से फैलता है। इसलिए कोरोना वायरस की रोकथाम में निकोटीन (तंबाकू में पाए जाने वाला एक तत्व) एक अहम हथियार साबित हो सकता है। शोधकर्ता फ्रांस सरकार की अनुमति से निकोटीन पर शोध भी करना चाहते हैं।
पेरिस स्थित पीटीई-सल्पेतिरेयर अस्पताल में 11 हजार कोरोना पॉजिटिव मरीजों के अध्ययन में पाया गया कि 8.5 प्रतिशत मरीज जो स्मोर्कस हैं, उनका इम्यून सिस्टम धूम्रपान न करने वाले मरीजों से थोड़ा बेहतर है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा है कि इसका मतलब यह नहीं कि वे लोगों को धूम्रपान करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। क्योंकि स्मोकिंग अपने आप में एक घातक समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में 50% बीमारी धूम्रपान से होती हैं।

  • एक्सपर्ट्स क्याकहते हैं-

निकोटीन कोरोना वायरस को शरीर की अन्य कोशिकाओं तक पहुंचने में रोक सकता है
अध्ययन की समीक्षा करने वाले प्रसिद्ध फ्रांसीसी न्यूरोबायोलॉजिस्ट जीन-पियर शेेंजेक्स ने सुझाव दिया है कि निकोटीन कोरोना वायरस को शरीर की अन्य कोशिकाओं तक पहुंचने से रोक सकता है। निकोटीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने की प्रक्रिया को भी धीमा कर सकता है, जो कोविड-19 संक्रमण का सबसे गंभीर पक्ष है। जीन कहते हैं कि उन्होंने पीचेई-सल्पेतिरेयर अस्पताल में भर्ती 480 रोगियों की केस स्टडी पढ़ी है, उसके मुताबिक निकोटीन कोरोना वायरस से उन लोगों की रक्षा करने में ज्यादा सक्षम है, जो धूम्रपान नहीं करते हैं। इस बात का प्रमाण ऐसे पता चला कि रिसर्च टीम ने 480 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 350 गंभीर लक्षण वाले मरीजोें को अस्पताल में ही एडमिट किया, जबकि कम गंभीर लक्षण वाले मरीजों को घर भेज दिया। इसमें पाया गया कि अस्पताल में एडमिट मरीजों में 4.4 प्रतिश लोग नियमित धूम्रपान करने वाले थे, जिनकी औसत आयु 65 वर्ष थी। वहीं, घर भेजे जाने वाले मरीजों की औसत उम्र 44 वर्ष थी और उसमें 5.3% धूम्रपान करने वाले थे। मरीजों की उम्र और लिंग को ध्यान में रखते हुए शोधकर्ताओं ने पाया कि 40 प्रतिशत मरीज 44-53 आयु वर्ग वाले थे, इसमें से 8.8 प्रतिशत स्मोर्कस थे, बाकी 65-75 वर्ष आयु वाले मरीज थे। उल्लेखनीय है फ्रांस में धूम्रपान करने वालों की कुल संख्या आबादी में लगभग 25.4% है।

  • रिसर्च के नतीजेआने बाकी-

शोध का सत्यापन अंतिम चरण में, सरकार की अनुमति के बाद क्लिनिकल टेस्ट किया जाएगा
न्यूरोबायोलॉजिस्ट जीन-पियर शेेंजेक्स ने कहा है कि ‘अभी तक की जो केस स्टडी सामने आई है, उसके मुताबिक निकोटीन वाकई कोरोना के रोकथाम में मुख्य भूमिका निभा सकती है। जो लोग हर दिन धूम्रपान करते हैं, उनमें सामान्य लोगों की तुलना में कोविड-19 के गंभीर संक्रमण विकसित होने की संभावना बहुत कम होती है। हालांकि, अभी हमारा शोध सत्यापन के अंतिम चरण में है। स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद हम निकोटीन पैच का क्लिनिकल टेस्ट करेंगे। इसके अंतर्गत कुछ फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता और कोविड-19 वायरस वाले मरीजों की गहन देखभाल करने वालों को निकोटीन पैच दिए जाएंगे। इसके बाद ही हमारी टीम अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचेगी’

  • इससे पहले की रिपोर्ट-

मार्चमें न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित चीनी रिपोर्ट भी इसी ओर इशारा करती है

मार्च महीने के अंत में ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित एक चीनी अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि होती है। इसमें भी बताया गया था कि चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित 1,000 लोगों में से केवल 12.6% धूम्रपान करने वाले थे, जबकि चीन में धूम्रपान करने वालों की संख्या लगभग 28% है। यह फैक्ट इस बात की ओर इशारा करता है कि नॉन स्मोकर्स में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता है।



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France COVID-19 Research Latest Updates on Nicotine In Coronavirus Cases

कश्मीरी आतंकियों को अफगानिस्तान भेज रही आईएसआई; काबुल गुरुद्वारे हमले में शामिल आतंकी ने नाम गलत बताया था April 24, 2020 at 09:28PM

यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (ईएफएसएएस) के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पड़ोसी देशों में आतंकी भेज रही है। इसी थिंक टैंक ने कुछ दिन पहले खुलासा किया था कि काबुल में पिछले दिनों हुए गुरुद्वारे हमले में भी आईएसआई का ही हाथ था। अफगानिस्तान की सिक्योरिटी एजेंसी एनडीएस ने हमले के आरोप मेंअब्दुल्ला ओरकजई उर्फअसलम फारुकी को 19 साथियों के साथ गिरफ्तार कियाथा।

फारुकी आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल का सरगना है। एनडीएस के मुताबिक, वो पाकिस्तान के खैबर पख्तूूनख्वा में रह रहा है। फारुकी के साथ गिरफ्तार एक आतंकी नेपूछताछ मेंनाम गलत बताकर जांच एजेंसी को गुमराह करने की कोशिश की थी।

फारूकी के आईएसआई से संबंध

एनडीएस ने बताया कि फारुकी के हक्कानी नेटवर्क और लश्कर-ए-तैयबा से गहरे रिश्ते हैं। पूछताछ में उसने माना कि क्षेत्रीय खुफिया एजेंसी से भी उसके संबंध हैं। इसका सीधा मतलब आईएसआई से था। हक्कानी नेटवर्क और आईएसआई के रिश्ते कई बार सार्वजनिक हो चुके हैं।

सही नाम तक नहीं बताया
ईएफएसएएस नेे आतंकियों के कश्मीर कनेक्शन पर भी बड़ा खुलासा किया। इसकेे मुताबिक, फारुकी के साथ अली मोहम्मद नाम का आतंकी पकड़ा गया। वो इस्लामाबाद में रहता है।

कड़ाई से पूछताछ में इसने अपना सही नाम एजाज अहमद अहंगर बताया। वो मूल रूप से श्रीनगर का रहने वाला है। वहां आईएस आतंकियों की भर्ती करता था। एजाज अलकायदा के लिए भी काम कर चुका है। श्रीनगर में उसे 1990 में गिरफ्तार किया गया था।छूटने के बाद वो पहलेबांग्लादेश फिर पाकिस्तान चला गया।

आईएसआई ने दी पनाह

एजाज जब पाकिस्तान पहुंचा तो आईएसआई ने उसे इस्लामाबाद में ठहराया। इसके बादखैबर पख्तूनख्वा के मीरनशाह भेज दिया। यह क्षेत्र अफगानिस्तान से लगा हुआ है। यहां वो आईएसजेके के लिए काम करने लगा।रिपोर्ट के मुताबिक, 1990 में जब अफगानिस्तान से सोवियत सेनाएं चली गईं तब पाकिस्तान ने तमाम आतंकियों को अफगानिस्तान से जम्मू-कश्मीर भेज दिया। लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना और भारत में उसकी आतंकी गतिविधियां इसके उदाहरण हैं।


एक-एक आतंकी के संपर्क में है पाकिस्तान
यूरोपियन थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, एजाज की गिरफ्तारी से साबित होता है कि पाकिस्तान की हर आतंकी पर पकड़ है। वो सिर्फ आतंकी संगठनों को ही नहीं, एक-एक आतंकी को आदेश देता है। यही वजह है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) जैसे वॉचडॉग पाकिस्तान की बहुत पैनी निगरानी नहीं कर पाते।


टेरर वॉच लिस्ट से आतंकियों के नाम हटाए
हाल ही में न्यूयॉर्क की एक रेग्युलेटरी टेक्नोलॉजी कंपनी ‘कस्टेलम. एआई’ ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान ने अपनी टेटर वॉच लिस्ट से हजारों आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। इसमें मुंबई हमले का मास्टर माइंड और लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी भी शामिल था। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में पाकिस्तान की टेरर वॉच लिस्ट में 7600 आतंकियों के नाम थे। 18 महीनों में ये घटकर 3800 हो गए हैं। मार्च की शुरुआत से अब तक करीब 1800 नाम हटाए जा चुके हैं। इन नामों को हटाने की वजह भी नहीं बताई गई।



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पाकिस्तान ने अपनी टेटर वॉच लिस्ट से मुंबई हमले के मास्टर माइंड जकी उर रहमान लखवी समेत हजारों आतंकियों के नाम हटा दिए थे। (प्रतीकात्मक)

Coronavirus: Pakistan government asks people to follow guidelines while visiting mosques during Ramzan April 24, 2020 at 10:53PM

The government on Friday extended the countrywide partial lockdown till May 9, while leaving the extent of the restrictions to the discretion of provinces. However, Prime Minister Imran Khan again opposed the total lockdown as it would badly hurt the poor. The country's coronavirus tally touched 11,940 on Saturday after 785 more patients were diagnosed with Covid-19 during the last 24 hours.

Saudi Arabia abolishes flogging as punishment April 24, 2020 at 11:02PM

Saudi Arabia has abolished flogging as a punishment, the supreme court announced, hailing the latest in a series of "human rights advances" made by the king and his powerful son. Court ordered floggings in Saudi Arabia- sometimes extending to hundreds of lashes have long drawn condemnation from human rights groups. The Saudi supreme court said the latest reform was intended to "bring the kingdom into line with international human rights norms against corporal punishment".

लोगों को मास्क पहनकर नहीं दिखा पाए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा, सोशल साइट्स पर वीडियो वायरल April 24, 2020 at 10:06PM

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वे बार-बार कोशिश करने के बावजदू मास्क पहनने में कामयाब नहीं हो सके।दरअसल, रामफोसा ने देश में अगले महीने से लॉकडाउन की घोषणा की है। अपने भाषण में उन्होंने लोगों कोघर में रहने और बाहर निकलने पर मास्क पहनने की सलाह दी। भाषण के आखिर मेंवे लोगों कोमास्क पहनकर दिखाना चाहते थे। लेकिन, मास्क का साइज छोटा होने के कारण वहउनके कानों से बार-बार निकल रहा था। रामफोसा ने इसे मुंह की जगह आंखों पर रखकर बांधने की कोशिश भी की, लेकिन नाकामयाब रहे। राष्ट्रपति का वीडियो वायरल होने पर सोशल मीडिया साइट्स पर हैशटेग मास्कऑनचैलेंज और साइरिलमास्कचैलेंज ट्रेंड करने लगा है।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामफोसा देश में लॉकडाउन की घोषणा करते हुए, इसी भाषण के आखिर में वे मास्क पहनकर दिखाना चाहते थे।


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मास्क पहनने में नाकामयाब रहने पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने राष्ट्रपति रामफोसा का मजाक उड़ाया, वहीं कई ने उन्हें मास्क पहनने के फनी टिप्स दिए।