Saturday, April 25, 2020

अमेरिका में भूख का संकट बढ़ा, अब स्वयंसेवक तक कम पड़े; कई लोग अपने जीवन में पहली बार फूड बैंक जा रहे हैं April 25, 2020 at 01:44PM

एबी वेसोलिस.1964 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन द्वारा शुरू की गई फूड बैंक योजना से अमेरिका में कोरोना संकट के दौरान लाखों लोगों को सहारा मिला है। यह योजना गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए है। लेकिन, बेरोजगारी बढ़ने और कारोबार ठप पड़ने के कारण कई लोग जीवन में पहली बार फूड बैंक से खाने-पीने का सामान लेने के लिए मजबूर हैं।

4500 से ज्यादा लोगों को दो सप्ताह का खाने का सामान दिया गया

कई स्थानों पर खाना लेने के लिए सैकड़ों कारों की कतार लगती है। राइट स्टेट यूनिवर्सिटी, फुटबॉल स्टेडियम में डेटन फूडबैंक ने इमरजेंसी भोजन वितरण सेंटर शुरू किया है। वहां 21 अप्रैल को 4500 से ज्यादा लोगों को दो सप्ताह का खाने का सामान जैसे चिकन कटलेट, छोले, खीरा, अंडे, प्रोटीन शेक, आलू, चावल और तरबूज दिए गए।

कुछ सेंटरों पर हर दिन 1200 तक कारें खाना लेने आ रही हैं
पिछले सप्ताह 44 लाख लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए दावा किया था। इस तरह 14 मार्च के बाद अब तक दो करोड़ 60 लाख से अधिक दावे दाखिल किए जा चुके हैं। इस कारण लोग फूड बैंक का रुख कर रहे हैं। थ्री स्केवयर फूड बैंक, लास वेगास ने कुछ सप्ताह पहले जब भोजन वितरण का नया सिस्टम शुरू किया तो उसे हर दिन प्रत्येक सेंटर पर 200 से 250 कारें आने का अनुमान था। अब कुछ सेंटरों पर हर दिन 1200 तक कारें खाना लेने आ रही हैं। सेंट्रल टेक्सास फूड बैंक की ट्रेविस काउंटी सेंटर में भोजन लेने वालों की संख्या 207% बढ़ी है।

कोविड संक्रमण के बाद डोनेशन में मिलने वाले सामान में कमी आई
फूड बैंक सरकारी मदद के अलावा स्वयंसेवी संगठनों और दानदाताओं के दान से चलते हैं। कोविड संक्रमण के बाद डोनेशन में मिलने वाले सामान में कमी आई है। ग्रेटर शिकागो फूड बैंक ने बताया कि उसे गैर सरकारी स्रोतों से मिलने वाले सामान में मार्च 2019 की तुलना में 30% गिरावट आई है। फूड बैंकों में काम करने वाले स्वयंसेवकों की संख्या भी घटी है। 65 साल से अधिक आयु के लोगों के अधिक संख्या में बीमार पड़ने के कारण सेंटरों में स्वयंसेवकों की कमी हो गई है।



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फूड बैंक सरकारी मदद के अलावा स्वयंसेवी संगठनों और दानदाताओं के दान से चलते हैं। कोविड संक्रमण के बाद डोनेशन में मिलने वाले सामान में कमी आई है।

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