Thursday, June 4, 2020

China backs down on US flight restrictions after Trump retaliates June 04, 2020 at 06:51PM

China has backed down on a ban on flights by US airlines after President Donald Trump's administration retaliated by threatening to block carriers from that country flying into America.

लैंसेट जर्नल ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर रिसर्च वापस ली; इस दवा से कोरोना मरीजों की मौत का खतरा बढ़ने का दावा किया था June 04, 2020 at 06:40PM

मेडिकल रिसर्च जनरल लैंसेट ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) दवा से जुड़ी विवादित स्टडी (रिसर्च पेपर) को वापस ले लिया है। इस स्टडी को एनालिसिस करने वाली फर्म सर्जिस्फीयर ने इंडिपेंडेंट इवैल्यूऐशन के लिए पूरे डेटा देने से मना कर दिया। स्टडी में दावा किया गया था कि कोरोना संक्रमित मरीजों को एचसीक्यू देने से उनकी मौत का रिस्क बढ़ सकता है।

लैंसेट ने कहा- डेटा की गारंटी नहीं ले सकते
दुनियाभर के 100 से ज्यादा रिसर्चर ने स्टडी की सच्चाई के लिए डब्ल्यूएचओ और दूसरी संस्थाओं से जांच करवाने कीमांग की थी। लैंसेट ने कहा है कि नए डेवलपमेंट के बाद हम प्राइमरी डेटा सोर्स की गारंटी नहीं ले सकते, इसलिए स्टडी वापस ले रहे हैं।

डब्ल्यूओएचओ ने एचसीक्यू का ट्रायल रोका था
लैंसेट की स्टडी के आधार पर पिछले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के मरीजों पर एचसीक्यू का ट्रायल रोक दिया था। हालांकि, कुछ दिन बाद ही फिर से ट्रायल शुरू करने की परमिशन दे दी।

लैंसेट की स्टडी में क्या था?
22 मई को पब्लिश स्टडी में कहा गया था कि कोरोना के मरीजों को एचसीक्यू देने से उनको जान का जोखिम बढ़ सकता है। इस दवा के गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। खासतौर से दिल की धड़कन असामान्य (एबनॉर्मल) हो सकती है। कोरोना के मरीजों को इसदवा से कोई फायदा नहीं होता। सैकड़ों अस्पतालों में भर्ती 96 हजार मरीजों के रिकॉर्ड के आधार पर ये दावा किया गया था।



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22 मई को पब्लिश लैंसेट की स्टडी में कहा गया था कि हाइड्रॉक्लीक्लोरोक्वीन दवा से गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

683 दिन बाद ईरान की कैद से रिहा हुआ अमेरिकी नागरिक; ट्रम्प ने कहा- शुक्रिया, अब डील भी हो सकती है June 04, 2020 at 05:51PM

अमेरिका के पूर्व नौसैनिक माइकल व्हाइट को ईरान ने गुरुवार को रिहा कर दिया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्हाइट की रिहाई पर खुशी जताई। कहा- ईरान का शुक्रिया। हमारे बीच अब डील भी मुमकिन है। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वो किस डील की बात कर रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि ईरान में अब भी तीन अमेरिकी कैद हैं। ट्रम्प उनकी रिहाई से संबंधित डील की बात कर रहे हैं या दोनों देशों की न्युक्लियर डील की।
व्हाइट को 2018 में ईरान के शहर मशहाद से गिरफ्तार किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, माइकल वहां अपनी महिला मित्र से मिलने गए थे। व्हाइट परिवार के प्रवक्ता के मुताबिक, माइकल ईरान में 683 दिन कैद रहे।

व्हाइट घर आ रहे हैं...
गुरुवार को जैसे ही व्हाइट के रिहा होने की पुष्टि हुई, ट्रम्प ने एक बयान जारी किया। उनका ट्वीट भी आया। कहा, “मैंने कुछ देर पहले माइकल व्हाइट से फोन पर बातचीत की है। वो ईरान की जेल से रिहा होने के बाद फिलहाल ज्यूरिख में हैं। जल्द ही वो अपने घर अमेरिका पहुंच जाएंगे।”

ईरान से डील?
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिकी नागरिकों की रिहाई में अपनी सरकार की पीठ भी थपथपाई। कहा, “मेरे राष्ट्रपति बनने के बाद अब तक हम 40 अमेरिकी नागरिकों को रिहा कराकर देश वापस लाए हैं। ईरान का शुक्रिया। यह साबित करता है कि हमारे बीच डील भी हो सकती है।”

दोनों देशों के बीच सहमति
अमेरिका और ईरान के बीच कैदियों की रिहाई पर सहमति बनी है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के नागरिकों को रिहा किया है। ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा, “मुझे खुशी है कि डॉक्टर माजिद ताहेरी और माइकल व्हाइट जल्द ही परिवार से मिल सकेंगे। प्रोफेसर सिरोस असगरी भी बुधवार को रिहा किए जा चुके हैं। यह सभी कैदियों के मामले में हो सकता है। अमेरिका में बंदी सभी ईरानी नागरिकों को रिहा किया जाना चाहिए।”

विवाद की जड़
ईरान और अमेरिका के बीच 2015 में न्युक्लियर डील हुई। इसमें कुछ शर्तों के साथ ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम स्थगित करने पर तैयार हो गया। 2018 में ट्रम्प प्रशासन ने यह डील रद्द कर दी। कहा- ईरान समझौते के बावजूद परमाणु कार्यक्रम जारी रखे हुए है। ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए गए। तब से दोनों देशों के रिश्ते ज्यादा खराब हो गए। अब भी तीन अमेरिकी ईरान की कैद में हैं।



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गुरुवार को रिहाई के बाद स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख पहुंचे माइकल व्हाइट (बाएं) ने अमेरिका के विशेष प्रतिनिधी ब्रायन कुक से मुलाकात की। इस दौरान उनके हाथ में राष्ट्रीय ध्वज था। शुक्रवार रात व्हाइट वॉशिंगटन पहुंच जाएंगे।

China's Tiananmen Square 'slaughter' not forgotten: White House June 04, 2020 at 05:21PM

"The Chinese Communist Party's slaughter of unarmed Chinese civilians was a tragedy that will not be forgotten," said President Trump's press secretary Kayleigh McEnany. China's leadership has never provided a death toll from the crackdown, in which hundreds if not thousands are believed to have been killed, and has sought to suppress all public mention of the episode.

39 new virus cases in South Korea, most in Seoul June 04, 2020 at 05:49PM

UK vaccine summit calls for freely available virus vaccine June 04, 2020 at 05:24PM

The United Nations and the International Red Cross and Red Crescent Movement have urged that "a people's vaccine'' be developed for Covid-19 that would be freely available to everyone. Thursday's vaccine summit hosted by Britain raised $8.8 billion, exceeding its target, for the vaccines alliance GAVI, which says the funds will be used to vaccinate about 300 million children.

'Get your knee off our necks!': George Floyd mourned in Minneapolis June 04, 2020 at 04:16PM

Celebrities, musicians and political leaders gathered in front of George Floyd's golden casket Thursday for a fiery memorial service for the man whose death at the hands of police sparked global protests, with a civil rights leader declaring it is time for black people to demand, "Get your knee off our necks!"

Trump issues memorandum to protect US investors from Chinese companies June 04, 2020 at 04:38PM

It is wrong and dangerous for China to benefit from US capital markets without complying with critical protections that investors rightfully deserve, President Donald Trump said on Thursday as he issued a memorandum to protect American investors from Chinese companies.

US lawmakers, Trump campaign condemn vandalisation of Gandhi statue June 04, 2020 at 04:32PM

The vandalisation of Mahatma Gandhi's statue in Washington DC is disrespectful and such incidents do not bring people together, top US lawmakers have said.

पेरू में मौतों का आंकड़ा 5 हजार के पार, न्यूयॉर्क के गवर्नर ने कहा- प्रर्दशनकारी कोरोना टेस्ट कराएं; दुनिया में अब तक 66.97 लाख संक्रमित June 04, 2020 at 03:55PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 66 लाख 97 हजार 573 हो गया है। कुल 32 लाख 44 हजार 386 लोग स्वस्थ हुए। 3 लाख 93 हजार 117 लोगों की मौत हो चुकी है। छोटे से देश पेरू में संक्रमण और मौतों का आंकड़ा अब डब्ल्यूएचओ के लिए भी परेशानी का सबब बनता जा रहा है। यहां अब तक पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने तमाम उपाय किए हैं लेकिन, ये कारगर साबित होते नहीं दिखे। अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन जारी हैं। न्यूयॉर्क के गवर्नर ने कहा है कि प्रर्दशन में हिस्सा लेने वाले लोगों को कोरोना टेस्ट कराना चाहिए।

कोरोनावायरस : 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देश

देश

कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए
अमेरिका 19,24,051 1,10,173 712,252
ब्राजील 6,15,870 34,039 2,74,997
रूस 4,41,108 5,384 2,04,623
स्पेन 2,87,740 27,133 उपलब्ध नहीं
ब्रिटेन 2,81,661 39,904 उपलब्ध नहीं
इटली 2,34,013 33,689 1,61,895
भारत 2,26,713 6,363 1,08,450
जर्मनी 1,84,923 8,736 1,67,800
पेरू 1,83,198 5,031 76,228
तुर्की 1,67,410 4,630 1,31,778

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पेरू : रोज बढ़ता खतरा
गुरुवार को यहां 137 लोगों की मौत हुई। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 5 हजार 031 हो गया। संक्रमण के नए मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं। 24 घंटे में 4 हजार 284 नए मामले सामने आए। अब कुल आंकड़ा एक लाख 83 हजार 198 हो गया है। लैटिन अमेरिका में ब्राजील के बाद पेरू ही सबसे ज्यादा प्रभावित है। सरकार ने कई उपाय किए हैं लेकिन, अब तक इनसे ज्यादा फायदा नहीं हुआ। इसकी वजह यह कि यहां लोगों ने लॉकडाउन का गंभीरता से पालन नहीं किया। अब डब्ल्यूएचओ की एक टीम यहां दौरा करने वाली है।

अमेरिका : प्रर्दशनकारी टेस्ट कराएं
अमेरिका में संक्रमण का सबसे ज्यादा असर न्यूयॉर्क राज्य पर पड़ा है। मुश्किल तब और बढ़ गई जब अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन हुए। ये अब भी जारी हैं। इनमें ज्यादातर लोगों ने मास्क नहीं पहने। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो बिल्कुल नहीं हुआ। अब गवर्नर एंड्रू क्यूमो ने कहा है कि विरोध प्रर्दशन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों को टेस्ट कराना चाहिए। क्यूमो के मुताबिक, करीब 30 हजार लोगों को टेस्ट कराना चाहिए। प्रशासन इसके लिए नियम भी बना सकता है।

इंग्लैंड : नया नियम
बोरिस जॉनसन सरकार ने साफ कर दिया है कि 15 जून से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को मास्क लगाना जरूरी होगा। हालांकि, इसमें बच्चों, बुजुर्गों या सांस की बीमारी वाले लोगों को दूर रखा गया है। ब्रिटेन के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर ग्रांट शेपर्स के मुताबिक, संक्रमण कम करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि लोग खुद जिम्मेदारी समझें। शेपर्स ने कहा कि जिन ट्रेनों को बंद किया गया था वो 15 जून से फिर शुरू की जा सकती हैं। इसके अलावा बस सर्विस भी फिर शुरू की जाएगी। इन सभी साधनों में सरकार के वॉलेंटियर्स तैनात किए जाएंगे।

अमेरिका : खतरा टला नहीं
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी सीडीसी के मुताबिक, अगर दम तोड़ने वालों की यही रफ्तार रही तो 27 जून तक अमेरिका में मरने वालो का आंकड़ा एक लाख 27 हजार से ज्यादा हो जाएगा। सीडीसी का यह आंकलन 20 संस्थानों के शोध पर आधारित है। हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आने वाले हफ्तों में संक्रमण और मौत का आंकड़ा कम भी हो सकता है।



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लैटिन अमेरिकी देश पेरू में मरने वालों का आंकड़ा गुरुवार को पांच हजार से ज्यादा हो गया। इस छोटे से देश में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। अब डब्ल्यूएचओ की एक टीम यहां दौरा करने वाली है।

अमेरिका, चीन, इटली हो या भारत, जहां वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा, वहां कोरोना का असर भी सबसे घातक June 04, 2020 at 02:43PM

दुनिया की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं की रिसर्च से जाहिर हुआ है कि जहां वायु प्रदूषण ज्यादा है, वहां कोरोना ज्यादा जानलेवा रहा है। भारत में भी यही ट्रेंड देखा गया है। यहां मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, पुणे उन बड़े शहरों में है जहां वायु प्रदूषण सबसे अधिक है। यहां देश के करीब 40% संक्रमण के मामले मिले। यहां कोरोना से मृत्यु दर 3.85% है, जो देश के औसत 2.8% से अधिक है। हाल ही में छत्तीसगढ़ के राज्य स्वास्थ्य संसाधन केंद्र की स्टडी में यही नतीजे सामने आए हैं।

अमेरिकाः जो इलाके ज्यादा प्रदूषित वहां 15% मृत्यु दर रही
हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन से पता चलता है कि अमेरिका में जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है, वहां कोरोना से मृत्यु दर 15% रही। यानी जो व्यक्ति 2.5 पीएम के उच्च स्तर के प्रदूषित इलाके में कई दशक से रह रहा है, उसे कोरोना होने पर मौत की आशंका 15% बढ़ जाती है। स्टडी के अनुसार, कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका के कई इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर 1 क्यूबिक मीटर में 13 माइक्रोग्राम रहा। यह अमेरिकी औसत 8.4 से बहुत अधिक है। अगर मैनहट्‌टन में एक माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर कम प्रदूषण कण होते, तो शायद 248 मौतें कम होतीं।

चीनः 120 शहरों में संक्रमण के मामले क्योंकि प्रदूषण ज्यादा
कोरोना के जन्मस्थल माने जाने वाले चीन की बात करें, तो यहां के 120 शहरों के प्रदूषण स्तर को शोधकर्ताओं ने कोविड महामारी फैलने से जोड़ा है। यहां 1 क्यूबिक मीटर में 10 माइक्रोग्राम कणों की बढ़त देखने को मिली, जिसके चलते संक्रमण के पॉजिटिव मामलों में वृद्धि हुई। यह कोई पहली बार नहीं है कि जब वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों को प्रदूषण से जोड़कर देखा जा रहा है। 2003 में चीन के सार्स के मरीजों पर हुए एक शोध में यही कहा गया था। उसके मुताबिक, यदि मरीज उच्च स्तर के प्रदूषण वाले इलाकों में रहते, तो मरने वालों की संख्या में 84% की बढ़ोतरी होती।

इटली: उत्तरी इटली सबसे ज्यादा प्रदूषित, यहां मृत्युदर 12%
उत्तरी इटली के लोम्बार्डी और एमिलिया रोमाग्ना इलाके में मृत्यु दर बाकी इटली (4.5%) की तुलना में 12% थी। इसकी प्रमुख वजहों में एक प्रदूषण भी है। रिसर्च के अनुसार, हवा से फैले छोटे कणों ने वायरस फैलाया। इटली के अन्य स्थानों की तुलना में पीओ घाटी में प्रदूषण अधिक है। शोधकर्ताओं ने एक अन्य रिसर्च का हवाला देते हुए कहा है कि इंफ्लूएंजा, सांस नली को प्रभावित करने वाले अन्य वायरस और चेचक वायु कणों के सहारे फैले हैं। लिहाजा, मानव संपर्क के अलावा प्रदूषण में कमी भी वायरस के फैलाव को रोकने का एक रास्ता हो सकता है।



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मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, पुणे उन बड़े शहरों में है जहां वायु प्रदूषण सबसे अधिक है।

रिपोर्ट में दावा- कोरोना का संक्रमण नहीं रोक सकती मलेरिया की दवा; अमेरिका, कनाडा के शोधकर्ताओं के दावे ट्रम्प से अलग निकले June 04, 2020 at 02:43PM

मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना का संक्रमण नहीं रोक सकती। यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा और कनाडा के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी में यह दावा किया है। यह स्टडी 821 लोगों पर की गई। ये लोग कोरोना मरीजों के संपर्क में रहे थे। इनमें स्वास्थ्यकर्मी और उनके परिजन आदि शामिल हैं। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर यह पहला बड़ा क्लीनिकल ट्रायल माना जा रहा है।

यह ट्रायल अमेरिका और कनाडा प्रशासन की मदद से किया गया। इसे इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कहते रहे हैं कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से संक्रमण रोका जा सकता है, इसलिए वह इसका सेवन करते हैं।

शोधकर्ताओं की टीम के प्रमुख डॉ. डेविड आर बोलवारे ने कहा कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन संक्रमण रोकने में प्रभावी नहीं है। जिन लोगों पर स्टडी की गई वे कोरोना मरीजों से 6 फीट से कम दूरी पर कम से कम 10 मिनट तक रहे थे। इन लोगों ने मास्क और फेस शील्ड भी नहीं लगाया था।

खुलासा: व्हाइट हाउस बोला- ट्रम्प ने 2 हफ्ते ली मलेरिया की दवा, बुरा प्रभाव नहीं पड़ा

व्हाइट हाउस के डॉक्टरों की टीम ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2 हफ्ते तक मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन ली थी। टीम ने इस दौरान उनके स्वास्थ्य पर करीबी नजर रखी। टीम के सदस्य डॉ. सीन कॉनले ने कहा कि राष्ट्रपति स्वस्थ हैं। उन पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है। उनकी स्वास्थ्य स्थिति में मामूली बदलाव है। उनका एक पाउंड वजन बढ़ा हैजबकि कोलेस्ट्रॉल लगातार कम हो रहा है।

फैसला: ट्रम्प प्रशासन ने वैक्सीन कैंडिडेट के लिए 5 कंपनियों का चयन किया

ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना के वैक्सीन कैंडिडेट के लिए 5 कंपनियों का चयन किया है। ये कंपनियां मॉडेर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, मर्क, फाइजर और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ग्रुप हैं। ट्रम्प चाहते हैं कि देश में कोरोना वैक्सीन जल्द से जल्द बने। इसके लिए मॉडेर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ग्रुप को 16610 करोड़ रु. सरकारी फंड मिल चुका है। अमेरिका में कोरोना के 19,02,779 मामले आए हैं। जबकि 1,09,159 मौतें हुई हैं।

सफलता: मरीज की एंटीबॉडी से बनाई कोरोना की दवा, ट्रायल शुरू

अमेरिका की एली लिली कंपनी ने दावा किया है कि उसने ठीक हो चुके कोरोना मरीज की एंटीबॉडी से दवा बनाई है। इससे अन्य कोरोना मरीज ठीक हो सकते हैं। इस दवा का ट्रायल शुरू हो गया है। इसे एलवाई- सीओवी 555 नाम दिया गया है। एली लिली कंपनी ने इसे बनाने में सेल्लेरा बायोलॉजी कंपनी की मदद ली है।

इससे पहले मार्च में दोनों कंपनियों में करार हुआ था। ट्रायल के पहले चरण में दवा की सुरक्षा और उसे अस्पताल में भर्ती मरीजों के सहन करने की क्षमता का पता लगाया जाएगा। ट्रायल सफल रहा तो जल्द ही इसे बाजार में लाएंगे। मरीज से ब्लड सैंपल लेने के मात्र 3 महीने के अंदर यह दवा तैयार की गई है।

इससे कोरोना के स्पाइक प्रोटीन की संरचना को निष्क्रिय किया जा सकता है। साथ ही इससे कोरोना शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं तक नहीं पहुंच सकेगा, न ही इन्हें नुकसान पहुंचाएगा।

अमेरिका से रूस पहुंचे वेंटिलेटर

अमेरिका से 200 वेंटिलेटर रूस पहुंचे। रूस में कोरोना के 4,41,108 केस आए हैं। जबकि 5,384 मौतें हुई हैं।



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शोधकर्ताओं की टीम के प्रमुख डॉ. डेविड आर बोलवारे ने कहा कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन संक्रमण रोकने में प्रभावी नहीं है।

एक मीटर से कम डिस्टेंसिंग पर खतरा 13%, दूरी बढ़ने पर 5 गुना कम हो जाएगा June 04, 2020 at 02:43PM

कोरोनावायरस से दुनिया भर में 65 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि 3.88 लाख से ज्यादा की मौत हो चुकी है। दुनिया भर में लॉकडाउन के बाद जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है, क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था के लिए अनलॉक बेहद जरूरी है।

अब हमें कोरोना के साथ ही जीना सीखना पड़ेगा, क्योंकि यह कितना लंबा चलेगा, कुछ तय नहीं है। ऐसे में सावधानी ही सबसे बेहतर उपाय है, जिसे अपनाकर हम संक्रमण का खतरा कम कर सकते हैं। इसका ताजा उदाहरण लैंसेट में छपी हालिया रिपोर्ट है, जिसके मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और आंखों-चेहरे को बचाकर हम संक्रमण का खतरा कई गुना घटा सकते हैं।

बिना मास्क संक्रमण के चांस 17%, मास्क से 6 गुना कम होंगे

लैंसेट में दुनिया भर में कोरोनावायरस और संक्रमण को लेकर हुए 172 अध्ययनों के मेटाडेटा का गहन विश्लेषण किया गया है। इसके मुताबिक सोशल डिस्टेसिंग अगर एक मीटर से कम हो तो संक्रमण का खतरा 13% रहेगा, जबकि दो लोगों के बीच का अंतर एक मीटर से कम होने पर खतरा 5 गुना तक घटकर 2.6% रह जाएगा। ऐसा ही मास्क लगाने और न लगाने की स्थिति में और आंखों की सुरक्षा से जुड़े मामले में भी होगा।



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Distancing at less than one meter will reduce the risk by 13%, increasing the distance by 5 times

अनलॉक के बाद छात्रों की निगेटिविटी को दूर करने की कोशिश; कार परेड, गिफ्ट, मूवी, वीडियो कॉलिंग जैसे तरीके अपना रहे शिक्षक June 04, 2020 at 02:43PM

कोरोनावायरस के बीच सबकुछ अनलॉक हुआ, तो स्कूल भी खुल गए हैं। कई बच्चे नर्सरी या अन्य स्कूल की पढ़ाई पूरी कर बड़ी क्लास या दूसरी जगह जा रहे हैं। लेकिन, यह साल वैसा नहीं है, जैसा हमेशा होता था। ऐसे में अमेरिका के टीचर्स ऐसे बच्चों के बीच से नकारात्मकता मिटाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें विदाई देने के लिए अलग-अलग रोचक तरीके आजमा रहे हैं, ताकि इस मौके को यादगार बनाया जा सके।

शिकागो की किंडरगार्टन टीचर मैडी यॉम बच्चों के लिए गिफ्ट और गुडी बैग बना रही हैं। इसके अलावा स्कूल टीचर्स ने छात्रों को कार परेड के जरिए यादगार विदाई दी। वे कार से उनके घरों तक पहुंचे और डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कार से ही उन्हें हैलो, बाय कहा।

एक स्कूल ने बच्चों और उनके परिवार के लिए मेमोरी नाम की मूवी बनाई, जिसे वीडियो कॉलिंग के जरिए सभी को दिखाया गया। बच्चों को एक मेमोरी बॉक्स भी दिया गया, जिसमें खिलौने, बीच बॉल्स और अन्य गिफ्ट रखे हुए थे।

सैन डियागो में असीसी कैथोलिक स्कूल की टीचर कैटरिना वेडेलीच कहती हैं, "मैं बच्चों को सकारत्मक बनाए रखने की कोशिश कर रही हूं। उन्हें बताया कि आगे की जिंदगी कैसी रहने वाली है और हमें कैसे जीना है।"फिलाडेल्फिया में 530 बच्चों वाले स्कूल की प्रिंसिपल लॉरेन जॉय ओवरटन कहती हैं, "हम डिजिटल मूविंग अप सेलिब्रेशन करेंगे। हर बच्चेको बोलने का मौका मिलेगा। यह पहले से रिकॉर्ड होगा।" कैलिफोर्निया के क्रॉसरोड स्कूल की टीचर एबी च्यू ने निगेटिविटी दूर करने के लिए बच्चों से अपने साथियों को चिट्ठी लिखने को कहा है।"

टेक्सास की टीचर सिखा रहीं- जिंदगी हो या विचार, आगे बढ़ते रहो
टेक्सास के वुडविले में टीचर कोर्टनी जोंस बच्चों को जिंदगी भर कुछ सीखने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने बच्चों को स्टेशनरी, कलर, नोटबुक, पेंसिल के आकार का पौधा दिया है। वे कहती हैं, "मैंने बच्चों को सिखाया है कि जिंदगी हो, या विचार...यात्रा करते रहो। ताकि वे यह समझें कि जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ते रहना महत्वपूर्ण है।"



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टीचर्स बच्चों को विदाई देने के लिए अलग-अलग रोचक तरीके आजमा रहे हैं, ताकि इस मौके को यादगार बनाया जा सके।

Prince Charles says he feels 'lucky' after coronavirus recovery June 04, 2020 at 02:42AM

The 71-year-old heir to the British throne, who tested positive for coronavirus at the end of March before going into self-isolation at his Birkhall home on Queen Elizabeth II's Scotland estate, said his illness had made him even more determined to "push and shout" for a rebuild of the planet.

जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद भड़की हिंसा से देश में गृहयुद्ध जैसे हालात, हजारों निर्दोषों के घर-कारोबार बर्बाद June 04, 2020 at 02:36AM

अमेरिका के मिनियापोलिस में 41 साल के मूर का रेस्टारेंट जल कर खाक हो गया। 24 घंटे बाद भी वहां से धुआं उठ रहा है। रोते हुए मूर कहते हैं, ‘अब मुझे न्याय चाहिए।’ ये है अमेरिका, जहां स्वतंत्रता और न्याय को सबसे ऊपर माना जाता है। ऐसे मूर तो यहां हजारों होंगे, जिनका कारोबार जल कर खाक हो गया है।

मेहनतकश लोग अब न्याय मांग रहे हैं, तो इसमें उनका क्या कसूर? जॉर्ज फ्लायड की मौत के विरोध में न्याय के लिए संघर्ष अगर शांतिपूर्ण होता, तो ज्यादा ठीक होता, लेकिन उसके कारण हुई हिंसा ओर लूट में हजारों लोगों का कारोबार चौपट हो गया, घर बर्बाद हो गए। इस घटना के आठ दिन बाद भी यहां कारोबारी शाम होते ही सहम जाते हैं और दुकानें जल्द ही बंद कर घर चले जाते हैं। कोरोनावायरस संक्रमण के दौर में लगी बंदिशों में छूट के बाद भी कई लोगहिंसा के कारण बिजनेस शुरू नहीं कर पा रहे।

देश भर में 9300 लोगों की धरपकड़
फ्लायड की मौत के विरोध में अमेरिका में सड़कों पर उतरे करीब 9300 प्रदर्शनकारियों की धरपकड़ की गई है। कई शहरों में कर्फ्यू होने के बाद भी यूएस नेशनल गार्ड की मौजूदगी में लोग विरोध कर रहे हैं। कई स्थानों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। इसके चलते अकेले मिनियापोलिस में 170 से अधिक व्यवसाय नष्ट हो गए। इसके अलावा न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स जैसे प्रमुख शहरों में महंगी दुकानें लगभग ध्वस्त हो गईं। लाखों डॉलर का नुकसान हुआ।

आठ दिन बाद भी विरोध-प्रदर्शन जारी
भेदभाव किसी भी तरह से उचित नहीं है। अमेरिका में श्वेत-अश्वेत के बीच रंगभेद है। ये दो अलग-अलग प्रजातियां हैं। गोरे मूल रूप से यूरोपीय देशों से आए थे और अश्वेत अफ्रीकी देशों से। इन दोनों के रंग, रूप, बोली और सोच सभी बहुत अलग हैं। इसलिए दोनों के बीच एक अंतर होना स्वाभाविक है। इस अंतर ने दोनों के बीच खाई पैदा कर दी है। इसी का नतीजा है कि ऐसी घटनाएं हुई हैं, लेकिन आज एक चिंगारी आंदोलन की आग बनकर पूरे अमेरिका में फैल गई है।

लगता है कि अमेरिका में अब बदलाव तय है
हर व्यक्ति को समान अधिकार के साथ जीने का हक है। सिर्फ रंग के कारण किसी व्यक्ति की पहचान करना मानवीय नहीं है। बीसवीं सदी में आदमी को काम से पहचाना जाना चाहिए। रूढ़िवादी विचारों की अवहेलना करनी चाहिए। ये सभी मांगें जायज हैं, लेकिन इन्हें शांति से किया जाना चाहिए। जिस तरह से अब लाखों लोग आंदोलन में शामिल हो रहे हैं, उससे यही लगता है कि अब बदलाव तय है।

सेना सड़कों पर उतरी तो यह शर्मनाक होगा
इस घटना के मद्देनजर, एक और समूह कहर बरपा रहा है, अमेरिका में तोड़फोड़ के साथ जनता को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है। इसके लिए अमेरिकी सेना को सड़कों पर उतरना पड़े, यह शर्म की बात है। दंगों को रोकने के लिए हजारों पुलिस तैनात की गई है, जिससे देश में गृहयुद्ध के हालात पैदा हो गए हैं।

प्रदर्शनकारियों में लुटेरे शामिल हो गए हैं
न्यूयॉर्क शहर में, विरोध-प्रदर्शनों के सिलसिले में सोमवार रात और मंगलवार सुबह 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार ये सभी लुटेरे और चोर हैं। ह्यूस्टन से 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया। लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनकारियों ने भारी तबाही मचाई। तोड़फोड़, लूटपाट, पत्थरबाजी, आगजनी और स्केटबोर्ड के साथ स्ट्रीट लाइट्स को तोड़ दिया गया। यहां एक हजार से अधिक गिरफ्तारियां हुईं।अब देखना यह है कि जिनके व्यवसाय को भारी नुकसान हुआ है, इंश्योरेंस उनकी कितनी मदद कर सकता है।

उम्मीद की जानी चाहिए कि सोने की नगरी अमेरिका बहुत ही जल्द अपने मूल स्वरूप में आ जाए। लोग जितना अपनी मातूभूमि को चाहते हैं, उतनी ही इज्जत अपनी कर्मभूमि को भी देते हैं। “God Bless America”

(यह ग्राउंड रिपोर्ट अमेरिका के डेलावर से रेखा पटेल ने भास्कर के लिए तैयार की है। रेखा ने कई किताबें लिखी हैं। पिछले 20 सालों से वे कई मैगजीन और न्यूज पेपर से जुड़ी हुईहैं।)



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यह तस्वीर लॉस एंजिल्स में हो रहे प्रदर्शन की है। अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की मौत 25 मई को हुई थी। पुलिस ऑफिसर पर उनकी गर्दन पैर से दबाने का आरोप है। इसी घटना के विरोध में ही अमेरिका मंे प्रदर्शन हो रहे हैं।

भारतीय मूल के राहुल ने पुलिस से बचाने के लिए 60 प्रदर्शनकारियों को रातभर घर में पनाह दी, सोशल मीडिया पर हीरो का दर्जा मिला June 04, 2020 at 02:10AM

अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारतीय मूल के राहुल दुबे सोशल मीडिया पर हीरो बने हुए हैं। दुबे ने सोमवार को 60 प्रदर्शनकारियों को पूरी रात अपने घर में जगह देकर उन्हें गिरफ्तारी से बचाया। दुबे के घर रुकने वाले लोग सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ कर रहे हैं, लेकिन दुबे का कहना है कि उन्होंने कोई बड़ा काम नहीं किया।

अपनी मर्जी से गेट खोला था: दुबे
दुबे के घर में शरण लेने वाले एक प्रदर्शनकारी ने वीडियो शेयर कर इस दावे को गलत बताया कि लोग जबरन दुबे के घर में घुस रहे थे। खुद दुबे ने भी कहा है कि उन्होंने अपनी मर्जी से गेट खोला था। दुबे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जो लोग घर में आए वे एक-दूसरे के लिए भी अजनबी थे। पहले एक घंटे में हम सभी एक-दूसरे को संभालते रहे। बाद में सभी लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर बताने लगे कि वे कहां हैं?

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राहुल ने लोगों को खाना भी खिलाया
दुबे ने रात को दरवाजा खोला तो देखा कि पुलिस प्रदर्शनकारियों पर मिर्च स्प्रे और आंसू गैस छोड़ रही थी। लोगों को पुलिस से बचाने के लिए दुबे ने अपने घर में आने की छूट दे दी। दुबे ने बताया कि पुलिस ने उनके घर के दरवाजे तक लोगों का पीछा किया था। लोग कह रहे हैं कि राहुल ने उन्हें खाना और पानी दिया, मोबाइल चार्ज करने दिए और सुरक्षित रखा।

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अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू
पुलिस की ज्यादती से जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में अमेरिका में 10 दिन से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। 40 शहरों में कर्फ्यू लगा हुआ है। इस बीच एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जॉर्ज की मौत के आरोपी चारों पुलिस अफसरों के खिलाफ थर्ड डिग्री मर्डर के बाद अब और भी धाराएं लगाई जाएंगी। अफ्रीकी-अमेरिकी अश्वेत जॉर्ज को सांस लेने में दिक्कत होने के बाबजूद पुलिस अफसर ने उसकी गर्दन को घुटने से दबाए रखा। इससे जॉर्ज की मौत हो गई थी।



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राहुल दुबे (बाएं) का कहना है कि उन्होंने कोई बड़ा काम नहीं किया, सिर्फ जरूरतमंदों की मदद की।

भारी बहुमत से नेशनल एंथम लॉ बिल पास, चीन की मनाही के बावजूद मनाई गई थियानमेन नरसंहार की बरसी June 04, 2020 at 01:48AM

हॉन्गकॉन्ग विधायिका ने गुरुवार को नेशनल एंथम कानून को भारी बहुमत से पास कर दिया। इस कानून के तहत चीन के राष्ट्रगान का विरोध करने वाले पर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। उसको तीन साल की जेल और जुर्माना भरना पड़ेगा। इसी बीच हॉन्गकॉन्ग में थियानमेन नरसंहार की याद में होने वाले कार्यक्रम पर भी पाबंदी लगा दी गई है। इसके लिए कोरोना फैलने का भी बहाना बनाया है। हालांकि, इसके बावजूद हॉन्गकॉन्ग के लोगों ने कैंडिल मार्च निकालकर बरसी मनाई।

चीन की सरकार ने हाल ही में हॉन्गकॉन्ग में नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है। जिसके चलते चीन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करना देशद्रोह माना जाएगा।

पक्ष में 41 और विरोध में एक वोट पड़ा
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक विधान परिषद में एंथमबिल के पक्ष में 41 और विरोध में एक वोट पड़ा। यह कार्यवाही भीद्वेषपूर्ण रही। बिल पेश होने पर लोकतंत्र समर्थकों ने शोर मचाया तो उन्हें बाहर निकाल दिया गया। एक सदस्य ने दुर्गंध वाला स्प्रे छिड़कर कार्यवाही बाधित करने की भी कोशिश की।

1989 में हुआ था थियानमेन नरसंहार
हॉन्गकॉन्गके नागरिक हर साल थियानमेन नरसंहार की बरसी मनाते रहे हैं। वे इस मौके पर कैंडल मार्च निकालते हैं। इस बार लोगों को बरसी मनाने और उन्हें प्रदर्शन करने से रोकने के तीन हजार सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए हैं। चीन की राजधानी बीजिंग के थियानमेन स्क्वॉयर पर साल 1989 में लोकतंत्र आंदोलन हुआ था। चीन ने प्रदर्शन को दबाने के लिए लोकतंत्र समर्थकों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए टैंक चढ़ा दिए थे और हजारों लोगों को गोलियों से मरवा दिया था। इस घटना में कितने लोगों की जान गई, इसका आजतक नहीं पता चल सका।

हॉन्गकॉन्गके लोगों ने कहा था कि बरसी जरूर मनाएंगे
हॉन्गकॉन्गके कई लोगों ने पहले ही कहा था कि वे किसी भी तरह थियानमेन नरसंहार की बरसी मनाएंगे। इसके बाद हॉन्गकॉन्ग में कुछ जगहों पर कैंडल मार्च भी निकाले गए। हालांकि, कुछ लोगों को लगता है कि यह आखिरी बार है जब वे बरसी मना रहे हैं। अब आगे थियानमेन स्क्वॉयर की घटना को याद नहीं किया जा सकेगा। नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद इस तरह के आयोजन मुश्किल होंगे। माना जा रहा है कि चीन अब ऐसी घटनाओं से सख्ती से निपटेगा और हांगकांग के लोग जिस आजादी को जीते आ रहे हैं, वह छिन जाएगी।



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हॉन्गकॉन्ग के विक्टोरिया पार्क में थियानमेन नरसंहार की 31 बरसी पर कैंडल मार्च में भाग लेते लोग।

Pentagon-Trump clash breaks open over military and protests June 03, 2020 at 11:50PM

Earthquake of 6.5 magnitude hits Indonesia June 04, 2020 at 12:05AM

MQM chief Altaf Hussain urges Pentagon to cut military aid to Pakistan June 03, 2020 at 10:24PM

प्राइमरी स्कूल के 40 छात्रों और शिक्षकों पर सुरक्षाकर्मी ने चाकू से हमला किया, पुलिस ने आरोपी को मौके से गिरफ्तार किया June 03, 2020 at 10:25PM

चीन के एक स्कूल में सुरक्षाकर्मी ने 40 छात्रों और शिक्षकों पर चाकू से हमला कर उन्हें घायल कर दिया। चीन की सरकारी मीडिया ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। यह घटना गुआंग्सी प्रांत के एक स्कूल की है। पुलिस के मुताबिक, घटना का कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। सुरक्षाकर्मीको मौके से गिरफ्तार कर लिया गया है।

पिछले कुछ सालों से चीन के कई हिस्सों में असंतुष्ट लोगों द्वारा चाकूबाजी की घटनाएं बढ़ गई हैं। हमलावर अपना गुस्सा निकालने के लिए सार्वजनिक परिवहन या मुख्य रूप से किंडरगार्टन और प्राथमिक स्कूलों को निशाना बनाते रहते हैं।

2019 में एक स्कूल में 8 छात्रोंकी हत्या हुई थी

इससे पहले सितंबर 2019 में चीन के एक प्राइमरी स्कूल में एक व्यक्ति ने चाकू से हमला कर आठ छात्रों की हत्या कर दी थी। वहीं, दो अन्य जख्मी हो गए थे। वह व्यक्ति चाकू से अपनी प्रेमिका की आंख बाहर निकालने की कोशिश में आठ साल जेल में बिता चुका था।

2018 में एक घटना में हमलावर ने 9 छात्रों की हत्या कर दी थी

पिछले साल अप्रैल में हुनान प्रांत एक एक स्कूल में भी चाकू से हमला किया गया था, जिसमें दो छात्रों की मौत हो गई थी। वहीं,जनवरी2019 में एक युवक ने एक स्कूल में हथौड़ा से हमला कर20 बच्चों को घायल कर दिया था। इससे पहले 2018में शानक्सी प्रांत केमिडिल स्कूल के बाहर एक हमलावर ने नौ छात्रों की हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि वह इसी स्कूल का एक पूर्व छात्र था, जिसने बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था।



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सुरक्षाकर्मी को घटनास्थल से ही गिरफ्तार कर लिया गया।

साइबेरिया में पावर प्लांट से 20 हजार टन डीजल का रिसाव, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इमरजेंसी की घोषणा की June 03, 2020 at 09:35PM

रूस के साइबेरिया में बुधवार को एक पावर प्लांट के स्टोरेज से लगभग 20 हजार टन डीजल का रिसाव हो गया। इसे देखते हुए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यहां इमरजेंसी की घोषणा कर दी। यह पावर प्लांट मास्को से 2 हजार 900 किमी दूर नोर्लिस्क शहर में है।यहां से डीजल बहकर अंबरनाया नदी में पहुंच गया। अंबरनाया नदी का पानी एक झील से मिलता है, जिसका पानी दूसरी नदियों से होते हुएआर्कटिक सागर तक पहुंचता है।ईंधन को नदी में फैलने से रोकने की कोशिश शुरू की गई है।

तेल का रिसाव शुक्रवार को हुआ। इसकी जानकारी दो दिन बाद मिलने पर पुतिन अधिकारियों पर नाराज हुए। जिसपावर प्लांटसे ईंधन का रिसाव हुआ है वह नोर्लिस्क निकिल की एक इकाई है। यह निकेल औरपैलैडियम धातुका उत्पादन करने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनियों में शामिल है।

पावर प्लांट से क्यों हुआ ईंधन का रिसाव

कंपनी नोर्लिस्क निकिल ने कहा है कि डीजल का रिसाव होने के बारे में समय से और सही ढंग से जानकारी दे दी गई थी। फ्यूल टैंक और पावर प्लांट में लगेएक पिलर के धंसने से तेल रिसना शुरू हुआ। यह प्लांट पर्माफ्रॉस्टमिट्‌टी पर बना है। मौसम गर्म होने के साथ यह पिघलने लगती है। यही वजह है कि प्लांट में लगा पिलर धंसने लगा। पर्माफ्रॉस्ट उस जमीन को कहते हैं, जो कम से कम दो साल से जीरो डिग्री सेल्सिसय तापमान पर हो।

तेल रिसाव से 350 वर्ग किमीका इलाका प्रभावित

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के विशेषज्ञों के मुताबिक, इस घटना से करीब 350 वर्ग किमीका इलाका प्रदूषित हुआ है। यह अंबरनाया नदी के बड़े हिस्सेमें फैला चुका है। ऐसे में इसकी सफाई काफी मुश्किल होगी। इससे मछलियों और अन्य जल संसाधनों पर बुरा असर पड़ेगा। इससे 98.13 करोड़ रुपएका नुकसान होने का अनुमान है।



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डीजल का रिसाव शुक्रवार को हुआ। घटना की जानकारी 2 दिन बाद देने पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अफसरों पर नाराज हुए। -फाइल फोटो

Pakistan surpasses China in Covid-19 cases; infections surges to 85, 246 June 03, 2020 at 08:13PM

Pakistan on Thursday surpassed China, the first epicentre of the coronavirus, after a record 4,688 new cases were registered during the last 24 hours to take the tally to 85,246.