Thursday, June 4, 2020

रिपोर्ट में दावा- कोरोना का संक्रमण नहीं रोक सकती मलेरिया की दवा; अमेरिका, कनाडा के शोधकर्ताओं के दावे ट्रम्प से अलग निकले June 04, 2020 at 02:43PM

मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना का संक्रमण नहीं रोक सकती। यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा और कनाडा के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी में यह दावा किया है। यह स्टडी 821 लोगों पर की गई। ये लोग कोरोना मरीजों के संपर्क में रहे थे। इनमें स्वास्थ्यकर्मी और उनके परिजन आदि शामिल हैं। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर यह पहला बड़ा क्लीनिकल ट्रायल माना जा रहा है।

यह ट्रायल अमेरिका और कनाडा प्रशासन की मदद से किया गया। इसे इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कहते रहे हैं कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से संक्रमण रोका जा सकता है, इसलिए वह इसका सेवन करते हैं।

शोधकर्ताओं की टीम के प्रमुख डॉ. डेविड आर बोलवारे ने कहा कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन संक्रमण रोकने में प्रभावी नहीं है। जिन लोगों पर स्टडी की गई वे कोरोना मरीजों से 6 फीट से कम दूरी पर कम से कम 10 मिनट तक रहे थे। इन लोगों ने मास्क और फेस शील्ड भी नहीं लगाया था।

खुलासा: व्हाइट हाउस बोला- ट्रम्प ने 2 हफ्ते ली मलेरिया की दवा, बुरा प्रभाव नहीं पड़ा

व्हाइट हाउस के डॉक्टरों की टीम ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2 हफ्ते तक मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन ली थी। टीम ने इस दौरान उनके स्वास्थ्य पर करीबी नजर रखी। टीम के सदस्य डॉ. सीन कॉनले ने कहा कि राष्ट्रपति स्वस्थ हैं। उन पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है। उनकी स्वास्थ्य स्थिति में मामूली बदलाव है। उनका एक पाउंड वजन बढ़ा हैजबकि कोलेस्ट्रॉल लगातार कम हो रहा है।

फैसला: ट्रम्प प्रशासन ने वैक्सीन कैंडिडेट के लिए 5 कंपनियों का चयन किया

ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना के वैक्सीन कैंडिडेट के लिए 5 कंपनियों का चयन किया है। ये कंपनियां मॉडेर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, मर्क, फाइजर और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ग्रुप हैं। ट्रम्प चाहते हैं कि देश में कोरोना वैक्सीन जल्द से जल्द बने। इसके लिए मॉडेर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ग्रुप को 16610 करोड़ रु. सरकारी फंड मिल चुका है। अमेरिका में कोरोना के 19,02,779 मामले आए हैं। जबकि 1,09,159 मौतें हुई हैं।

सफलता: मरीज की एंटीबॉडी से बनाई कोरोना की दवा, ट्रायल शुरू

अमेरिका की एली लिली कंपनी ने दावा किया है कि उसने ठीक हो चुके कोरोना मरीज की एंटीबॉडी से दवा बनाई है। इससे अन्य कोरोना मरीज ठीक हो सकते हैं। इस दवा का ट्रायल शुरू हो गया है। इसे एलवाई- सीओवी 555 नाम दिया गया है। एली लिली कंपनी ने इसे बनाने में सेल्लेरा बायोलॉजी कंपनी की मदद ली है।

इससे पहले मार्च में दोनों कंपनियों में करार हुआ था। ट्रायल के पहले चरण में दवा की सुरक्षा और उसे अस्पताल में भर्ती मरीजों के सहन करने की क्षमता का पता लगाया जाएगा। ट्रायल सफल रहा तो जल्द ही इसे बाजार में लाएंगे। मरीज से ब्लड सैंपल लेने के मात्र 3 महीने के अंदर यह दवा तैयार की गई है।

इससे कोरोना के स्पाइक प्रोटीन की संरचना को निष्क्रिय किया जा सकता है। साथ ही इससे कोरोना शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं तक नहीं पहुंच सकेगा, न ही इन्हें नुकसान पहुंचाएगा।

अमेरिका से रूस पहुंचे वेंटिलेटर

अमेरिका से 200 वेंटिलेटर रूस पहुंचे। रूस में कोरोना के 4,41,108 केस आए हैं। जबकि 5,384 मौतें हुई हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
शोधकर्ताओं की टीम के प्रमुख डॉ. डेविड आर बोलवारे ने कहा कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन संक्रमण रोकने में प्रभावी नहीं है।

No comments:

Post a Comment