Thursday, September 24, 2020

पीओके के एक्टीविस्ट सज्जाद ने कहा- पाकिस्तान हमारे साथ जानवरों जैसा बर्ताव बंद करे, अपनी जमीन पर देशद्रोही जैसा सलूक किया जा रहा है September 24, 2020 at 08:22PM

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में लोगों की स्थिति जानवरों से भी बदतर हो चुकी है। गुरुवार रात जिनेवा में यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल (यूएनएचआरसी) की बैठक के दौरान यह दर्द पीओके एक्टिविस्ट प्रोफेसर सज्जाद राजा ने दुनिया के सामने रखा। राजा ने सीधे तौर पर पाकिकस्तान की सरकार और फौज को निशाने पर लिया। कहा- पाकिस्तान हमारे साथ जानवरों जैसा सलूक फौरन बंद करे।

अपने ही घर में बेगाने हो गए
सज्जाद के भाषण के दौरान यूएनएचआरसी में बिल्कुल खामोशी छा गई। भाषण के दौरान राजा इतने भावुक हो गए कि उनके आंसू निकल पड़े। राजा ने कहा- हम इस संगठन से अपील करते हैं कि वो पाकिस्तान को हमारे साथ जानवरों की तरह बर्ताव करने से रोके। पाकिस्तान ने पीओके इलेक्शन एक्ट 2020 लागू करके हमारे सभी संवैधानिक अधिकार छीन लिए हैं। पीओके में रहने वाले लोगों के पास अब राजनैतिक और नागरिक अधिकार भी नहीं बचे। हमें अपने ही घर में बेगाना बना दिया गया है। राजा नेशनल इक्विलिटी पार्टी के चेयरमैन भी हैं।

हमारा कसूर क्या है
राजा ने भाषण में आगे कहा- हम अपनी जमीन पर रहते हैं। हमारे घर और परिवार हैं। लेकिन, अपने ही घर में हमसे घुसपैठियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है। पाकिस्तान आर्मी ने राजनैतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है। विरोध करने पर लोगों को कत्ल कर दिया जाता है। हजारों लोग गायब कर दिए गए हैं। टारगेट किलिंग्स की जा रही हैं।

ब्रेनवॉश कर रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तानी फौज और सरकार के दमन को राजा ने दुनिया के सामने खोलकर रख दिया। कहा- सरहद के दोनों तरफ (भारत और पाकिस्तान) युवाओं का ब्रेनवॉश किया जा रहा है। उन्हें प्रॉक्सी वार में हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। सबको मालूम है कि पाकिस्तान में टेरर कैम्प अब भी चल रहे हैं। पाकिस्तान अब गिलगित-बाल्टिस्तान को अगर राज्य बनाने की कोशिश कर रहा है।



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प्रोफेसर सज्जाद राजा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रहने वाले हैं। गुरुवार रात जिनेवा में उन्होंने पाकिस्तान की असली चेहर दुनिया के सामने फिर उजागर किया। भाषण के दौरान वे दो बार रोने लगे।

Trump infuses politics into his choice for the SC September 24, 2020 at 07:55PM

Even before justice Ruth Bader Ginsburg's death last week, the President had tried to use likelihood of more Supreme Court vacancies to his political advantage. Now, as he closes in on a decision on her likely replacement, Trump has used the vacancy to appeal to battleground-state voters and as a rallying cry for his conservative base.

सुप्रीम कोर्ट की दिवंगत जज को श्रद्धांजलि देने पहुंचे ट्रम्प, लोगों ने नारेबाजी कर उनसे वापस जाने को कहा September 24, 2020 at 06:18PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को गुरुवार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। ट्रम्प दिवंगत महिला जज रूथ बादेर गिन्सबर्ग को श्रद्धांजलि देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। पत्नी मेलानिया भी साथ थीं। इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने राष्ट्रपति के विरोध में नारेबाजी की। इन लोगों ने कहा- ट्रम्प को हराने के लिए वोट दें।

जस्टिस गिन्सबर्ग का 18 सितंबर को निधन हो गया था। उनके निधन के बाद ट्रम्प सुप्रीम कोर्ट में नई महिला जज की नियुक्ति करना चाहते हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी और उसके उम्मीदवार जो बाइडेन इसका विरोध कर रहे हैं। बाइडेन का कहना है कि चुनाव में बहुत कम दिन बचे हैं। लिहाजा, नए जज की नियुक्ति अब नई सरकार को ही करना चाहिए।

मास्क लगाकर श्रद्धांजलि देने पहुंचे ट्रम्प
आमतौर पर ट्रम्प फेस मास्क नहीं लगाते। कोरोनावायरस के दौर में भी उन्होंने मास्क लगाने का मजाक उड़ाया। शुरुआती दौर में कोरोनावायरस को मामूली फ्लू बताया। लेकिन, गुरुवार को जब वे जस्टिस गिन्सबर्ग के अंतिम दर्शन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो चेहरे पर नीले रंग का मास्क था। पत्नी मेलानिया भी मास्क में नजर आईं। ज्यादातर लाल रंग की पसंदीदा टाई लगाने वाले ट्रम्प ने नीली यानी ब्लू टाई लगाई थी। राष्ट्रपति काफी देर तक गिन्सबर्ग के ताबूत के पीछे खड़े रहे। इस दौरान काफी देर तक उन्होंने आंखें भी बंद रखीं।

नारेबाजी क्यों हुई
ट्रम्प और मेलानिया श्रद्धांजलि समारोह के दौरान शांत खड़े थे। कुछ दूरी पर मौजूद लोग इसी दौरान नारेबाजी करने लगे। उन्होंने कहा- वोट देकर ट्रम्प को हटाओ। दरअसल, नारेबाजी की एक वजह यह बताई जाती है कि जस्टिस गिन्सबर्ग ने अंतिम वक्त में कहा था कि उनकी जगह नए जज की नियुक्ति नए राष्ट्रपति और नई सरकार को करनी चाहिए। हालांकि, गिन्सबर्ग की इस कथित अंतिम इच्छा का कोई सबूत नहीं है।

ट्रम्प कह रहे हैं कि वे जल्द ही नए जज की नियुक्ति करेंगे। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में 9 जज होते हैं। किसी अहम फैसले के वक्त अगर इनकी राय 4-4 में बंट जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक हो जाता है। और चूंकि जज राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त होता है तो माना ये जाता है कि वो सरकार के पक्ष में ही फैसला देगा। लोग इसीलिए ट्रम्प द्वार नए जज की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं।

मैंने कुछ नहीं सुना
जिस जगह ट्रम्प और मेलानिया खड़े थे, और जहां नारेबाजी हुई। इन दोनों जगहों में काफी दूरी थी। लिहाजा, लोगों की आवाज राष्ट्रपति सुन पाए या नहीं, यह नहीं कहा जा सकता। बाद में जब राष्ट्रपति से मीडिया ने पूछा कि आपने नारेबाजी सुनी थी क्या? जवाब में उन्होंने कहा- नहीं, मैं कुछ नहीं सुन पाया। हो सकता है कि नारेबाजी सिर्फ मीडिया ने सुनी हो।

व्हाइट हाउस ने निंदा की
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैली मैकेनी ने नारेबाजी की निंदा की। कहा- राष्ट्रपति वहां जस्टिस गिन्सबर्ग को श्रद्धांजलि देने गए थे। इस तरह के कार्यक्रम में सियासी नारेबाजी करने वाले लोगों की मैं निंदा करती हूं। ये गलत तरीका है। कुछ देर बाद ट्रम्प ने एक बार फिर साफ कर दिया कि वे गिन्सबर्ग की जगह महिला जज की नियुक्ति जरूर करेंगे और बेहद जल्द।

दो पूर्व राष्ट्रपति भी इन हालात का सामना कर चुके हैं
ट्रम्प पहले राष्ट्रपति नहीं हैं जिनकी इस तरह के समारोहों में हूटिंग हुई हो। बिल क्लिंटन 1993 में वियतनाम वॉर मेमोरियल के एक कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे थे, तब उन्हें भी लोगों की नाराजगी और नारेबाजी का सामना करना पड़ा था। रोनाल्ड रीगन जब कैनेडी सेंटर में बोल रहे थे तब उनका भी इसी अंदाज में विरोध हुआ था।



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गुरुवार को वॉशिंगटन में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के बाहर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पत्नी मेलानिया ट्रम्प। यहां राष्ट्रपति के खिलाफ लोगों ने नारेबाजी की।

स्टूडेंट्स, जर्नलिस्ट्स और रिसर्चर्स के लिए वीजा टाइम लिमिट तय करेगा अमेरिका, चीन के लोगों को वीजा के गलत इस्तेमाल से रोकने की तैयारी September 24, 2020 at 05:28PM

अमेरिका में जल्द ही वीजा संबंधी नए नियम लागू हो सकते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन के इसके लिए नया प्रस्ताव तैयार किया है। छात्र, शोधकर्ताओं और पत्रकारों के लिए वीजा कैटेगरी में टाइम लिमिट भी तय किए जाने का प्रस्ताव है। आसान भाषा में समझें तो नए वीजा जारी करते समय ही तय हो जाएगा कि कोई व्यक्ति कितने दिन अमेरिका में कानूनी तौर पर रह सकता है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नए वीजा प्रस्ताव में नेशनल सिक्योरिटी के मुद्दे को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई है।

नए प्रस्ताव में किसी खास देश के लिए नियम तो नहीं हैं, लेकिन चीनी मूल के लोग इसका गलत इस्तेमाल न कर पाएं, इसका जरूर ध्यान रखा गया है।

फिलहाल तीन कैटेगरी के लिए प्रस्ताव
नए वीजा प्रस्ताव में फिलहाल तीन कैटेगरीज को ही शामिल किया गया है। ये हैं- स्टूडेंट्स (एफ), जर्नलिस्ट्स (जे) और रिसर्चर्स (आर)। अप्रवासियों को अपनी तरफ से यह बताना होगा कि वे कितने दिन कानूनी तौर पर अमेरिका में रहना चाहते हैं। इसके बाद संबंधित विभाग उस पर विचार करेगा।

चार साल से ज्यादा का वीजा नहीं होगा
वीजा एप्लीकेंट्स यानी वीजा के लिए आवेदन करने वालों को इसके बारे में पहले की तुलना में ज्यादा विस्तार से जानकारी देनी होगी। प्रस्ताव के मुताबिक, किसी भी हाल में किसी भी व्यक्ति को इन तीन कैटेगरीज में चार साल से ज्यादा का वीजा जारी नहीं किया जा सकेगा। होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट उन देशों के लोगों पर नजर रखेगा जो पहले टाइम लिमिट क्रॉस कर चुके हैं।

क्या है मकसद
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अमेरिकी सरकार के नए प्रस्ताव का मकसद वीजा नियमों और इमीग्रेशन पॉलिसी को बेहतर बनाना है। साथ ही उन लोगों को पहचान करना भी है जो वीजा नियमों का गलत इस्तेमाल करते हैं। इसमें एक खास बात है। अगर कोई व्यक्ति ऐसे देश से आता है जिसे अमेरिकी सरकार आतंकवाद का समर्थक मानती है तो उसकी वीजा अवधि दो साल से कम की जा सकती है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद छात्रों को 60 के बजाए 30 दिन में ही देश छोड़ना होगा। पिछले साल स्टूडेंट्स कैटेगरी में 10 लाख एडमिशन प्रपोजल आए थे।



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फोटो मैसाचुसेट्स की चेस्टनट यूनिवर्सिटी की है। अमेरिकी सरकार स्टूडेंट, जर्नलिस्ट्स और रिसर्चर कैटेगरी के लिए वीजा नियमों बदलाव करने जा रही है। इसके लिए नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। (फाइल)

विदेश मंत्रालय ने कहा- एलएसी पर मौजूदा स्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश नहीं होने देंगे; चीन ने डोकलाम के पास परमाणु बॉम्बर और क्रूज मिसाइल तैनात किए September 24, 2020 at 05:19PM

सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन के बीच अगले राउंड की बातचीत जल्द हो सकती है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि डिसएंगेजमेंट एक मुश्किल (कॉम्प्लेक्स) प्रोसेस है, इसके लिए दोनों तरफ से सहमति के साथ आगे बढ़ने की जरूरत होगी। मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि अब इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि एलएसी पर मौजूदा स्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिश नहीं हो पाए।

चीन ने भारतीय सीमा से 1150 किमी दूर हथियार तैनात किए
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव को कम करने के लिए आर्मी और डिप्लोमेटिक लेवल पर भले ही बातचीत चल रही हो, लेकिन चीन पीठ पीछे चाल चलने से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने भूटान से लगे डोकलाम के पास अपने एच-6 परमाणु बॉम्‍बर और क्रूज मिसाइल को तैनात किया है। चीन इन हथियारों की तैनाती अपने गोलमुड एयरबेस पर कर रहा है, जो भारतीय सीमा से सिर्फ 1150 किलोमीटर दूर है।

सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन के कॉर्प्स कमांडर अब तक 6 बार मीटिंग कर चुके हैं। कोर कमांडरों की बैठक के बाद भले ही दोनों पक्ष एलएसी पर मौजूदा स्थिति को बनाए रखने की कोशिश में हैं, लेकिन भारत सतर्क है। भारतीय सेना ने तय किया है चीन के पीछे हटने के साफ संकेत मिलने तक पैंगॉन्ग की ऊंची पहाड़ियों पर हमारे जवान डटे रहेंगे।

दूसरी तरफ विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि भारत और चीन एक अजीब (अन्प्रेसिडेन्टिड) स्थिति में हैं। इस बीच सीमा विवाद एक बड़ा मुद्दा है। यह बात अहम है कि दोनों देश एक-दूसरे की जरूरतों को भी समझते हैं। भारत-चीन को मिलकर समाधान तलाशना चाहिए। विदेश मंत्री ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में ये बात कही।

ट्रम्प ने फिर मदद का ऑफर दिया, नोबेल पर नजर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा, "मैं जानता हूं कि भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर मुश्किल में हैं, लेकिन उम्मीद है कि वे विवाद सुलझा लेंगे। इसमें हम कोई मदद कर सकें तो अच्छा लगेगा।"

कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रम्प की नजर शांति के नोबेल प्राइज पर है। इसलिए, वे भारत-चीन के मामले में दखल का ऑफर एक बार रिजेक्ट होने के बाद फिर से दोहरा रहे हैं। नॉर्वे की संसद के एक सदस्य ने ट्रम्प को नोबेल के लिए नॉमिनेट किया है। यूएई और इजरायल के बीच डिप्लोमेटिक रिश्तों में मदद करने की वजह से ट्रम्प के नाम का प्रपोजल रखा गया है।



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भूटान से लगे डोकलाम के पास चीन अपने गोलमुड एयरबेस पर हथियारों की तैनाती कर रहा है। (फाइल फोटो)

Judge says US must defend or delay TikTok app store ban by Friday September 24, 2020 at 04:52PM

No meetings with Pak military, Sharif warns party members September 24, 2020 at 04:48PM

Rio postpones world-famous carnival over Covid-19 September 24, 2020 at 04:16PM

"We came to the conclusion that the event had to be postponed. We just can't do it in February. The samba schools won't have the time or financial and organizational resources to be ready for February," Jorge Castanheira, the president of the group that organizes the event, the Independent League of Rio de Janeiro Samba Schools (LIESA), told journalists.

अमेरिका के बड़े बैंक महिलाओं को सौंपने लगे अपने शीर्ष पद की जिम्मेदारी, लेकिन फाइनेंशियल इंडस्ट्री के शीर्ष पदों पर अभी भी है पुरुषों का दबदबा September 24, 2020 at 04:10PM

अमेरिका के बड़े बैंक अब अपने शीर्ष पद की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपने लगे हैं। हाल में सिटी ग्रुप से जेन फ्रैजर को माइकल कॉर्बैट की जगह अपना चीफ एग्जीक्यूटिव नियुक्त किया है। वह अगले साल फरवरी से यह पद संभालेंगी। इसी के साथ फ्रैजर वॉल स्ट्रीट के बड़े बैंकों में से एक की कमान संभालने वाली पहली महिला प्रमुख बन जाएंगी।

जेपी मॉर्गन चेस के पूर्व सीनियर एग्जीक्यूटिव, हेदी मिलर ने इस घटनाक्रम पर अपनी टिप्पणी में कहा है कि महिलाओं को शीर्ष पदों की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। फ्रैजर का सिटी ग्रुप के प्रमुख के तौर पर चुना जाना एक सही कदम है। हालांकि अब भी फाइनेंशियल इंडस्ट्री के शीर्ष पदों पर अभी भी पुरुषों का दबदबा है।

वैसे अमेरिकी कंपनियों में कुछ ही महिलाएं सीईओ बन पाई हैं और महिलाएं कंपनियों के बोर्ड से बहुत दूर हैं। बिजनेस मैगजीन फॉर्च्यून 500 जो रेवेन्यू के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनियों की रैंकिंग जारी करती है। इनमें सिर्फ 37 में महिलाएं प्रमुख हैं और यह इनकी अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।

फाइनेंस के क्षेत्र में तकरीबन 40 फीसदी महिलाएं

फाइनेंस के क्षेत्र में जहां तकरीबन 40 फीसदी महिलाएं काम कर रही हैं, इनमें कुछ ही महिलाएं ऐसी हैं जो शीर्ष पदों तक पहुंची हैं। 61 साल की मार्गरेट कीन देश की एक प्रमुख एक देश की एक प्रमुख कंज्यूमर फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी सिंक्रोनी की 29 नवंबर 2005 से सीईओ हैं।

वहीं, 65 साल की बेथ एलाइन मूनी अमेरिका के टॉप-20 बैंकों में शुमार कीकॉर्प का एक मई 2011 से सफलतापूर्वक संचालन कर रही हैं। फिर भी, फॉर्च्यून 500 कंपनियों में शामिल 91 फाइनेंस कंपनियों में से सिर्फ सात में एक महिला बॉस है। जब जेन फ्रेजर अगले साल जब सिटी ग्रुप के चीफ एक्जीक्यूटिव का पद संभालेंगी, उस समय वह एक महिला सीईओ के साथ अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा बैंक होगा।

मैरी बारा जनरल मोटर्स की पहली सीईओ

हालांकि किसी महिला को सीईओ नियुक्त करने में किसी बड़े बैंक की तुलना में एक प्रमुख कार निर्माता कंपनी आगे रही है। 58 साल की मैरी बारा जनरल मोटर्स की पहली सीईओ हैं। वे 15 जनवरी 2014 से बतौर सीईओ कंपनी की कमान संभाल रही हैं। लेकिन हो सकता है जेन फ्रेजर वॉल स्ट्रीट के किसी बैंक के शीर्ष पद पर रहने वाली अकेली महिला न रह पाएं, क्योंकि अटकलें हैं कि बैंक ऑफ अमेरिका की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर कैथी बेसेन्ट अमेरिका के चौथे बड़े बैंक वेल्स फारगो के शीर्ष पद के लिए उम्मीदवार हो सकती हैं।



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जेन फ्रैजर अगले साल फरवरी से सिटी बैंक के चीफ एक्जीक्यूटिव का पद संभालेंगी। -फाइल फोटो

मैक्सिको में मरने वालों का आंकड़ा 75 हजार से ज्यादा हुआ, फ्रांस में सरकार ने सख्त कदम उठाए; दुनिया में 3.24 करोड़ केस September 24, 2020 at 04:03PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.24 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 39 लाख 19 हजार 032 से ज्यादा हो चुकी है। अब तक 9 लाख 87 हजार 156 मौतें हो चुकी हैं। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। लैटिन अमेरिकी देश मैक्सिको में कोरोनावायरस से मरने वालों का आंकड़ा 75 हजार के पार हो गया। इस छोटे से देश में इतनी मौतें डब्ल्यूएचओ को भी हैरान कर रही हैं।

मैक्सिको : एक दिन में 490 लोगों की मौत
मैक्सिको सरकार संक्रमण की दूसरी लहर रोकने में अब तक नाकाम साबित हुई है। गुरुवार को यहां 490 लोगों की मौत संक्रमण के चलते हुई। इस छोटे से देश में अब तक 75 हजार 439 लोगों की मौत हो चुकी है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। इतना ही नहीं गुरुवार को करीब 5500 नए मामले भी सामने आए। संक्रमितों का आंकड़ा 7 लाख 15 हजार 457 हो गया है। बुधवार को यहां 601 लोगों की मौत हुई थी जबकि 4683 नए केस सामने आए थे। डब्ल्यूएचओ ने मैक्सिको में इतनी तेजी से बढ़ते संक्रमण पर विचार के लिए शनिवार को मीटिंग बुलाई है।

फिनलैंड : स्निफर डॉग्स करेंगे संक्रमितों की पहचान
हेलसिंके एयरपोर्ट पर फिनलैंड सरकार ने संक्रमितों की पहचान के लिए स्निफर डॉग्स तैनात कर दिए हैं। इसके लिए इस डॉग यूनिट को स्पेशल मेडिकल ट्रेनिंग दी गई है। जानकारी के मुताबिक, ये स्निफर डॉग यूनिट 10 मिनट में 100 फीसदी सही तरीके से संक्रमितों की पहचान कर सकेगी। फिलहाल, इस यूनिट को यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंके की देखरेख में ट्रायल के तौर पर तैनात किया गया। कुछ दिनों बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। अगर नतीजे सही रहे तो यह प्रॉसेस जारी रहेगा। बता दें कि इसके पहले ये स्निफर डॉग यूनिट मलेरिया और कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों की पहचान कर चुकी है।

एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को एक कपड़ा दिया जाएगा। इससे वे अपना गला और चेहरा पोछेंगे। कपड़े को एक बॉक्स में रखा जाएगा। एक अलग बूथ में डॉग हैंडलर इस बॉक्स को कई अन्य बॉक्स के साथ रखेगा। डॉग इसमें से कोरोनावायरस वाले बॉक्स की पहचान करेगा। एक बार में एक डॉग एक बॉक्स की पहचान करेगा।

फिनलैंड के हेलसिंके एयरपोर्ट पर फिनलैंड सरकार ने संक्रमितों की पहचान के लिए स्निफर डॉग्स तैनात कर दिए हैं। इसके लिए इस डॉग यूनिट को स्पेशल मेडिकल ट्रेनिंग दी गई है।

फ्रांस में टकराव
फ्रांस सरकार ने देश के टूरिस्ट प्लेस मार्सिले में बार और रेस्टोरेंट्स बंद करने का आदेश दिया था। लेकिन, स्थानीय प्रशासन ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। यहां कारोबारियों के संगठन ने इसे सामूहिक सजा बताते हुए कहा कि इससे शहर की पहचान और सम्मान पर असर पड़ेगा। हेल्थ मिनिस्टर ओलिवर वेरन ने कहा- देश में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। एक बार फिर अस्पताल फुल होते जा रहे हैं। लिहाजा, सख्त कदम उठाने होंगे। लेकिन, इन कदमों का विरोध तेज हो गया है।

फ्रांस सरकार ने देश के टूरिस्ट प्लेस मार्सिले में बार और रेस्टोरेंट्स बंद करने का आदेश दिया था। लेकिन, स्थानीय प्रशासन ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। (फाइल)

कनाडा : दूसरी लहर शुरू हो चुकी है
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर चल रही है। बुधवार को जारी बयान में ट्रूडो ने कहा- यह कहना सही नहीं है कि वायरस की दूसरी लहर शुरू होने वाली है। मैं साफ तौर पर बताना चाहता हूं कि हमारे देश में इसकी दूसरी लहर शुरू हो चुकी है। कनाडा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने बुधवार को बताया कि देश में एक लाख 47 हजार मामले सामने आ चुके हैं। बुधवार को 19 नए मामले सामने आए। सितंबर की शुरुआत से अब तक 20 हजार मामले सामने आ चुके हैं। पिछले हफ्ते ही 7500 मामले सामने आए।



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मैक्सिको को यहां 490 लोगों की मौत संक्रमण के चलते हुई। इस छोटे से देश में अब तक 75 हजार 439 लोगों की मौत हो चुकी है। (फाइल)

रिपब्लिकन सीनेटर्स की जांच में बाइडेन और उनका बेटा बेगुनाह पाए गए, करप्शन के सबूत नहीं मिले September 24, 2020 at 02:41PM

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन और उनके बेटे रॉबर्ट हंटर बाइडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच हुई। दोनों बेगुनाह पाए गए। खास बात ये है कि यह जांच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर्स ने की। एक मामला यूक्रेन की कंपनी से जुड़ा था। इसमें हंटर काम कर चुके हैं। आरोप है कि जो बाइडेन ने उप राष्ट्रपति रहते हुए इस कंपनी के गलत कामों को दबा दिया था। हालांकि, रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर्स की जांच में वे बेगुनाह पाए गए।

रॉबर्ट ने फायदा नहीं उठाया
हंटर पर आरोप था कि पिता के उप राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने उनके नाम का बेजा इस्तेमाल आर्थिक लाभ कमाने के लिए किया। हंटर बुरिस्मा होल्डिंग्स नाम की एक यूक्रेनियन कंपनी से जुड़े थे। इस पर करप्शन के आरोप लगे थे। मामले की जांच होमलैंड सिक्योरिटी और फाइनेंस से जुड़ी सीनेट कमेटी ने की। बुधवार को इसने 87 पेज की रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया है कि सीनियर बाइडेन के खिलाफ पद के गलत इस्तेमाल के कोई सबूत नहीं मिले हैं। गवाहों ने भी इन आरोपों को खारिज कर दिया।

सबूत न होने की बात खुद ही मान ली
सीनेट पैनल के चेयरमैन रॉन जॉनसन ने रिपोर्ट में थोड़ा सियासी रंग जरूर डाल दिया। कहा कि सीनियर बाइडेन उपराष्ट्रपति के तौर पर अपने काम को सही तरीके से अंजाम नहीं दे पाए। रिपोर्ट जारी होने के काफी पहले ही जॉनसन ने एक इंटरव्यू में माना था कि जांच में कुछ विस्फोटक नहीं मिला। जॉनसन और उनके सहयोगी चार्ल्स ग्रेसले ने स्टेट डिपार्टमेंट से बाइडेन और उनके बेटे की ट्रांजेक्शन रिपोर्ट्स तलब की थीं।

सवाल इसलिए भी उठे
रिपोर्ट का एक हिस्सा कहता है- हंटर बाइडेन जिस वक्त यूक्रेन की कंपनी के बोर्ड में थे, तब उन्हें अमेरिकी सीक्रेट सर्विस की तरफ से सिक्योरिटी कवर मुहैया कराया जा रहा था। ये इसलिए था क्योंकि उनके पिता उप राष्ट्रपति थे। ओबामा प्रशासन ये जानता था कि बाइडेन के बेटे बुरिस्मा कंपनी के बोर्ड में हैं और इसके चलते सरकार यूक्रेन पर नीतियों को सही तरीके से लागू नहीं कर पा रही थी। बाइडेन के चुनाव प्रचार से जुड़े एक प्रवक्ता टिम मुर्टाग कहते हैं- ट्रम्प कैम्पेन दावा कर रहा था कि बहुत बड़ी धांधली हुई है। इसकी रकम सात अंकों में हो सकती है। चीन और रूस का नाम भी लिया जा रहा था। राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा बताया जा रहा था। ऐसा तो कुछ नहीं हुआ और न जांच में ये बातें सामने आईं।

अपने हिसाब से दलीलें दे रहे हैं रिपब्लिकन
इस मामले की रिपोर्ट सामने आने के बाद रिपब्लिकन उन हिस्सों का ही जिक्र कर रहे हैं, जिनमें मामूली गलतियां बताई गई हैं। 10 लोगों की गवाही हुई थी। इसमें साफ हो गया कि बाइडेन और उनके बेटे ने अमेरिकी नीतियों का उल्लंघन नहीं किया। डेमोक्रेट्स कहते हैं- बाइडेन या उनके बेटे ने अमेरिका की फॉरेन पॉलिसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। कमेटी के चेयरमैन जॉनसन ने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया। इसके जरिए वे ट्रम्प को फायदा पहुंचाना चाहते हैं।

क्या अमेरिकी हितों को नुकसान हुआ
रिपोर्ट में एक मुद्दे को उठाया गया है। इसके मुताबिक, हंटर के बुरिस्मा बोर्ड में रहने से अमेरिकी डिप्लोमैट्स के सामने मुश्किलें खड़ी हो गईं थीं। 2015 और 2016 के दौरान स्टेट डिपार्टमेंट के अफसरों ने यूक्रेन को लेकर बनाई गई पॉलिसी में इसका जिक्र किया था। आरोप है कि जूनियर बाइडेन के वजह से अफसर यूक्रेन के खिलाफ एंटी करप्शन मामले में सख्त रवैया नहीं अपना सके।

डेमोक्रेट्स अब इस मामले की जांच बंद करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस मामले में रूस का हाथ हो सकता है। हालांकि, सीनेट कमेटी के चेयरमैन अपनी रिपोर्ट को निष्पक्ष बताते हैं। इस मामले को लेकर रिपब्लिकन भी एकमत नहीं हैं। सीनेटर मिट रोमनी कहते हैं- यह सब सियासी ड्रामा है। जनता के पैसे का इस्तेमाल राजनीतिक हित साधने में किया जाना गलत है। टैक्सपेयर्स का पैसा राजनीतिक विरोधियों की इमेज खराब करने में इस्तेमाल करना सही नहीं है।



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डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन बुधवार को डेलावेयर में थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की। इसी दिन सीनेट की एक कमेटी ने बाइडेन और उनके बेटे पर लगे आरोपों पर रिपोर्ट भी जारी की थी।

EU says Lukashenko is not legitimate Belarus president September 23, 2020 at 11:35PM

President Alexander Lukashenko is not the legitimate president of Belarus, the European Union said on Thursday, saying his abrupt swearing-in on Wednesday went directly against the will of the people.

Israel tightens second lockdown as virus cases soar September 23, 2020 at 10:43PM

The Cabinet voted to close all nonessential businesses, including open-air markets. Prayers and political demonstrations would be limited to open spaces and no more than 20 people, and participants would not be able to travel more than a kilometer (0.6 miles) from home for either.

HK activist Joshua arrested for 2019 illegal assembly September 23, 2020 at 10:22PM

Hong Kong police arrested prominent democracy activist Joshua Wong on Thursday for participating in an unauthorised assembly in October 2019 and violating the city's anti-mask law, according to a post on his official Twitter account. The arrest of Wong, aged 23, comes around 6 weeks after media tycoon Jimmy Lai was detained on suspicion of colluding with foreign forces.

Pak govt files money laundering case against Shahbaz Sharif September 23, 2020 at 08:35PM

Nobel winners to get $110,000 raise as prize money increased September 23, 2020 at 08:34PM

Winners of the prestigious Nobel prizes this year will receive an extra 1 million crowns ($110,000), the head of the foundation said. Prize money will increase to 10 million crowns this year. "The decision has been made due to the fact that our costs and capital are in a stable relation in a completely different way than previously," the head of the Nobel Foundation said.

Probe of gang rape case that shocked Egypt ensnares many September 23, 2020 at 08:58PM

Those hopes were quickly dispelled after authorities detained possible witnesses and some of their acquaintances, who could face separate charges under the country's vague morality laws. A media campaign has targeted both potential witnesses and the alleged perpetrators.