Saturday, October 17, 2020

Singapore's face scan plan sparks privacy fears October 17, 2020 at 05:38PM

Singapore will become the world's first country to use facial verification in its national ID scheme, but privacy advocates are alarmed by what they say is an intrusive system vulnerable to abuse. This biometric check will do away with the need to remember a password or security dongle when performing many everyday tasks, its creators say.

France to rally in solidarity after beheading of teacher October 17, 2020 at 05:05PM

The beheading of history teacher Samuel Paty in a Paris suburb Friday has sparked outrage in France and memories of a wave of Islamist violence in 2015 sparked by caricatures of the Prophet Mohammed published by the satirical magazine Charlie Hebdo.

Trump sets hectic campaign pace; Biden stays home October 17, 2020 at 05:14PM

Addressing a rally in Muskegon, Michigan, Trump focused on US culture war themes, telling a large cheering crowd that the Democrats wanted to "erase American history, purge American values and destroy the American way of life."

Trump blasts Michigan guv; rally goers chant 'lock her up October 17, 2020 at 05:09PM

बिलावल भुट्टो बोले- विपक्ष की रैली में फौज का नाम लेने के लिए इमरान ने मजबूर किया; पीएम बोले- नवाज मुल्क को तबाह करना चाहते हैं October 17, 2020 at 05:19PM

पाकिस्तान की सियासत में फौज को पहली बार घसीटा जा रहा है। शुक्रवार को विपक्षी गठबंधन की रैली में कई फौजी जनरलों और आर्मी चीफ पर आरोप लगाए गए थे। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसकी निंदा की। इस पर विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो ने सफाई दी। कहा- इमरान को विपक्ष पर आरोप लगाने का कोई हक नहीं है। वे सिलेक्टेड पीएम हैं और उनकी वजह से फौज पर आरोप लग रहे हैं। इमरान ने ही विपक्ष को फौज का नाम लेने के लिए मजबूर किया है।

हम नाम नहीं लेना चाहते थे
इमरान ने शनिवार को कहा- विपक्ष फौज और उसके जनरलों का नाम लेकर घटिया सियासत कर रहा है। उनके इस आरोप का जवाब कुछ घंटे बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने दिया। बिलावल ने कहा- विपक्षी गठबंधन कभी फौज या उसके जनरलों का नाम सियासत में इस्तेमाल नहीं करना चाहता। लेकिन, इमरान कभी इलेक्टेड पीएम नहीं थे। वे सिलेक्टेड पीएम हैं। और इसी वजह से फौज का नाम सियासी मामलों में घसीटा जा रहा है। हालांकि, बिलावल ने माना कि ऐसा नहीं होना चाहिए। कहा- हम भी मजबूर हैं।

पोलिंग स्टेशन्स में आर्मी क्यों
‘द डॉन’ अखबार से बातचीत में बिलावल ने कहा- हमें भी दुख है कि सियासी जलसों में फौज या आर्मी चीफ का नाम घसीटा जा रहा है। लेकिन, यह मजबूरी में उठाया गया कदम है। जिस देश में लोकतंत्र हो, वहां पोलिंग स्टेशन्स के अंदार फौजियों का क्या काम? इमरान हर भाषण में कहते हैं कि फौज उनके साथ है। इसका क्या मतलब है? फौज का काम मुल्क की हिफाजत करना है या इमरान का एजेंडा पूरा करना। उसे सरकार की कठपुतली नहीं बनना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो मुल्क में तानाशाही आ जाएगी।

अब कराची में रैली
गुजरांवाला में मेगा रैली के बाद अब विपक्ष कराची में यही करने जा रहा है। इसके लिए तमाम तैयारियां दोनों तरफ से की जा रही हैं। सरकार और फौज इसे नाकाम करना चाहते हैं। विपक्ष के हजारों कार्यकर्ता कराची की सड़कों और पार्कों में पहुंच चुके हैं। गुजरांवाला की रैली में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आरोप लगाया था कि इमरान को फौज सत्ता में लाई। उन्होंने आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा पर दो साल पहले अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाया था। नवाज ने कहा था- इस मुल्क में दो सरकारें चल रही हैं। एक इमरान की और दूसरी बाजवा की।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
फोटो शुक्रवार को गुजरांवाला में हुई रैली की है। इसमें विपक्ष के तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे। यहां बिलावल और नवाज की बेटी मरियम ने भी भाषण दिए थे।

#ImwithSanna trends after Finnish PM trolled for low-cut coat October 17, 2020 at 05:01PM

Teen asked pupils to identify French teacher before beheading him October 17, 2020 at 03:32PM

Mexico’s defence minister for 6 yrs & patron of drug cartel October 17, 2020 at 03:18PM

Saudi allows citizens to perform prayers in Al-Haram Mosque October 17, 2020 at 04:43PM

Saudi Arabia allowed its citizens and residents inside the kingdom to perform prayers in one of the most holy religious sites in Islam, Al-Haram mosque in Mecca, for the first time in seven months, state television reported early on Sunday.

Belarusians prepare to march despite police threat to open fire October 17, 2020 at 04:38PM

Belarusian protesters are due to stage a new march on Sunday against strongman Alexander Lukashenko in defiance of authorities' threat to open fire in an increasingly dangerous standoff between the opposition and the regime.

डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा- चीन के इशारों पर काम करते हैं बाइडेन, हमारी सरकार ने चीन को माकूल जवाब दिया October 17, 2020 at 04:24PM

अमेरिका में तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले आखिरी दौर का प्रचार अभियान जारी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनको चुनौती दे रहे डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। ट्रम्प ने शनिवार शाम मिशिगन के मस्केन में रैली की। यहां कहा- डेमोक्रेट्स और बाइडेन का इतिहास बताता है कि वे चीन को कितना महत्व देते हैं। इस बात के ठोस सबूत हैं कि वे चीन के लिए काम करते हैं। हमने चीन को हर मुद्दे पर माकूल जवाब दिया है।

चीन बड़ा मुद्दा
ट्रम्प ने कहा- इस बात को कौन नहीं जानता कि चीन कभी डब्ल्यूटीओ का मेंबर नहीं बन सकता था। लेकिन, ओबामा और बाइडेन की दौर में हमने उसे इस संगठन में आने का मौका दिया। आज वो अमेरिका के लिए नई परेशानियां खड़ी कर रहा है। बाइडेन ने कभी चीन की हरकतों का विरोध नहीं किया। यही ओबामा भी करते थे। मेरी सरकार ने चीन के खिलाफ अब तक के इतिहास के सबसे सख्त कदम उठाए। उसने जो महामारी फैलाई है, उसके लिए चीन को अमेरिका कभी माफ नहीं करेगा।

चोरी की तकनीक
मिशिगन में हजारों फैक्ट्रियां हैं। यहां मिडल क्लास वोटर्स ज्यादा हैं। ट्रम्प ने इन्हें ही साधने की कोशिश की। कहा- चीन ने हर तरह की चोरी की। हमारी नौकरियां तक चुराईं। बाइडेन तो नींद में रहते हैं। मैंने 47 महीनों में वो कर दिखाया जो बाइडेन 47 साल में भी नहीं कर पाए। अगर उनकी नीतियां लागू हुईं तो अमेरिका में सामाजिक सुरक्षा ही खत्म हो जाएगी। वो चाइना वायरस का विरोध तक नहीं करते।

प्रचार के दौरान ट्रम्प ने मीडिया के एक हिस्से पर आरोप लगाया कि वो कोरोनावायरस पर गलतबयानी कर लोगों को गुमराह करने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा- हम ऐसी खबरों पर नजर रख रहे हैं। लोगों को भी चाहिए कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।

स्कूल खुलने चाहिए
अमेरिकी कांग्रेस की पहली महिला सदस्य इल्हान उमर का जिक्र करते हुए ट्रम्प ने कहा- वो हमारे देश से प्यार नहीं करतीं। उन्होंने प्रतिबंधों का समर्थन किया। क्या हम देश को बंद कर दें। ऐसा नहीं हो सकता। हम चाहते हैं कि स्कूल खुलें लेकिन डेमोक्रेट्स इसका विरोध करते हैं।

दूसरी रैली भी की
मिशिगन के बाद ट्रम्प विस्कॉन्सिन के जेन्सविले पहुंचे। यहां रैली में मौजूद लोगों की तादाद काफी ज्यादा थी। यहां उन्होंने कहा- क्या चीनी वायरस की वजह से सब कुछ बंद कर देना चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता। मैं चाहता हूं और हमने ये किया भी है कि इकोनॉमिक एक्टिविटीज चलती रहें। कोरोना पर बहुत जल्द काबू पा लिया जाएगा। खास बात ये है कि ट्रम्प की इस रैली में ज्यादातर लोगों ने न तो मास्क लगाए और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया।

कानून व्यवस्था की बात
विस्कॉन्सिन में पिछले दिनों अश्वेत युवक जैकब ब्लैक की हत्या का जिक्र करते हुए ट्रम्प ने एक बार फिर सख्त रुख दिखाया। कहा- हिंसा करने वालों को किसी भी कीमत पर कानून के सामने लाया जाएगा। सड़कों पर जो हुआ, उससे निपटने में हम सक्षम हैं। बाइडेन और कमला हैरिस कानून और व्यवस्था को मजाक समझ रहे हैं। हम ऐसा माहौल कैसे बना सकते हैं जहां पुलिस अपराधियों के खिलाफ सख्ती दिखाने में ही डरने लगे। बाइडेन चाहते हैं कि देश में इतने रिफ्यूजी आ जाएं कि यहां हमारे लोगों को रहने ही जगह न मिले।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump slams Biden says he works for China; Here's New York Times (NYT) Opinion On US Election 2020

ट्रम्प का दोबारा राष्ट्रपति चुना जाना अमेरिका के लिए बेहद घातक साबित होगा, वे राष्ट्रपति बनने के लिए लायक नहीं October 17, 2020 at 03:02PM

डोनाल्ड ट्रम्प यह कार्यकाल अमेरिका के लिए देश और विदेश में घातक साबित हुआ। उन्होंने अपने पावर्स का गलत इस्तेमाल किया और राजनीतिक विरोधियों को उनके वाजिब हक नहीं दिए। कुछ ऐसी चीजें भी कीं, जिनका असर पीढ़ियों तक दिखेगा। जनता के हितों से ज्यादा अपने कारोबारी और राजनीतिक फायदे को ध्यान में रखा। अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी और उनकी आजादी का सम्मान नहीं किया। सही बात तो ये है कि वो इस पद के लायक ही नहीं हैं।

आलोचना होती रहेगी
ट्रम्प के कार्यकाल के दौरान भी हम नस्लवाद और बंटवारे की नीतियों की आलोचना करते रहे। हमने हर बार और हर मौके पर उनकी बंटवारे वाली नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। वे अपने ही देश के लोगों के खिलाफ बोलते रहे और हमने हमेशा इसका विरोध किया। ये बात सही है कि सीनेट ने राष्ट्रपति को ताकत के बेजा इस्तेमाल और बाधा डालने का कसूरवार नहीं ठहराया। लेकिन, हमने इस बात की कोशिश जारी रखी कि उनके राजनीतिक विरोधी ट्रम्प के खिलाफ गुस्से को बैलट बॉक्स तक पहुंचाने में कामयाब हों।

तीन नवंबर टर्निंग पॉइंट होगा
तीन नवंबर को चुनाव होगा। और यह दिन टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। बहुत साफ तौर पर कहें तो यह चुनाव देश का भविष्य निर्धारित करेगा। इसके जरिए नागरिकों को वह रास्ता मिल सकता है, जिस पर वे चलना चाहते हैं। अमेरिका के नागरिकों ने ट्रम्प के चार साल के पहले कार्यकाल को झेला। अगर वे फिर चार साल के लिए चुने जाते हैं तो अमेरिका के लिए इससे बुरा कुछ नहीं होगा।

खतरा बन रहे हैं ट्रम्प
वोटिंग के लिए लोग लाइन में लगे हैं। इस दौर में भी ट्रम्प डेमोक्रेटिक प्रॉसेस को तबाह करने की कोशिश कर रहे हैं। वो उन परंपराओं को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं जो उनके पहले के राष्ट्रपति ने बनाईं। शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण से इनकार कर रहे हैं। वे दावा करते हैं कि चुनाव तभी सही होगा जब उनकी जीत होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे सत्ता की जंग को अदालतों और सड़कों तक ले जाएंगे। अब यह मौका है जब अमेरिका इस गुस्से को रोक सकते हैं।

देश के लिए फिट नहीं हैं ट्रम्प
इन हालात में हम देश को यह फिर याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि ट्रम्प देश के नेता के तौर पर फिट नहीं हैं। उनके पिछले कार्यकाल में हिंसा, भ्रष्टाचार और सत्ता से खिलवाड़ हुआ। क्लाइमेट चेंज, इमीग्रेशन, महिला अधिकार और नस्लवाद जैसे मुद्दों पर उनका रिकॉर्ड देखिए। इन मुद्दों पर सुधार के लिए जरूरी है कि ट्रम्प अब सत्ता में न रहें। अगर वे हार भी जाते हैं तो नुकसान की भरपाई में कई साल लग जाएंगे। वे अमेरिकी इतिहास के सबसे खराब राष्ट्रपति साबित हुए। चार साल में देश की ज्यादातर दिक्कतें इसलिए हल नहीं हो पाईं क्योंकि सबसे बड़ी दिक्कत ही राष्ट्रपति थे।

पर्यावरण पर कुछ नहीं किया
पर्यावरण के मुद्दे पर ट्रम्प चुप रहे। इस मुद्दे पर किसी से सहयोग नहीं किया। इमीग्रेशन पर उनकी कोई नीति ही नहीं थी। हेल्थ केयर पर जो बराक ओबामा के कार्यकाल में हुआ, उस बिल को ही उन्होंने बदल दिया। ये भी अब तक नहीं बताया कि इसकी जगह क्या नया करेंगे। लाखों अमेरिकी बेरोजगार हो गए। वे आम आदमी की बात करते हैं लेकिन काम अमीरों के लिए करते हैं। नॉर्थ कोरिया के किम जोंग उन और रूस के पुतिन जैसे लोगों के साथ नजर आते हैं। चीन से मुकाबले के नाम पर लाखों अमेरिकियों का टैक्स दांव पर लगा दिया लेकिन बदले में अब तक कुछ हासिल नहीं हुआ।

महामारी पर काबू पाने में नाकाम
महामारी के इस दौर में यह साबित हो गया कि नेता के तौर पर ट्रम्प नाकाम हैं। लोगों की जान बचाने के बजाए वे इसे पब्लिक रिलेशन प्रॉब्लम बता रहे हैं। कोरोना के खतरे को नजरअंदाज किया और नतीजा सामने है। खुद भी संक्रमित हुए। वायरस की रोकथाम या इस पर काबू पाने के पहले ही इकोनॉमिक एक्टिविटीज को शुरू करने पर जोर दे रहे हैं। बेरोजगारों की तादाद बढ़ रही है, लेकिन ट्रम्प को इसकी फिक्र नहीं है। वायरस अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।

नतीजों पर अभी से चिंता क्यों
अभी चुनाव नहीं हुआ है। लेकिन, ट्रम्प वोटिंग को लेकर महीनों पहले से सवाल खड़े कर रहे हैं। वे मेल इन बैलट में फ्रॉड की आशंका जताते हैं और खुद इसी तरीके से वोटिंग करते हैं। रिचर्ड निक्सन और रोनाल्ड रीगन के दौर में भी सत्ता का गलत इस्तेमाल हुआ। बुश और क्लिंटन के दौर में भी बड़ी गलतियां हुईं। लेकिन ट्रम्प आगे निकल गए। उन्होंने अपनी राष्ट्रपति के तौर पर ली गई शपथ का भी पालन नहीं किया। अमेरिकी संविधान को नहीं माना। अब मतदाताओं की बारी है कि वे पिछले चुनाव में की गई गलतियों को सुधारें।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Donald Trump American Democracy Vs Second World War; Here's New York Times (NYT) Opinion On US Election 2020

अमेरिका में एक दिन में 68 हजार मामले, लंदन में प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन; दुनिया में 3.99 करोड़ केस October 17, 2020 at 02:59PM

दुनिया में संक्रमितों का आंकड़ा 3.99 करोड़ से ज्यादा हो गया है। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 करोड़ 98 लाख 75 हजार 358 हो चुकी है। मरने वालों का आंकड़ा 11.14 लाख के पार हो चुका है। ये आंकड़े https://ift.tt/2VnYLis के मुताबिक हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को यहां 68 हजार नए मामले सामने आए। लंदन में लोग प्रतिबंध लगते ही सड़कों पर उतर आए।

लंदन में विरोध प्रदर्शन
बोरिस जॉनसन सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए नए प्रतिबंधों का ऐलान किया। लंदन में इसके खिलाफ शनिवार को विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए। हालांकि, पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों की तादाद काफी कम थी और इनमें से ज्यादातर नशे में थे। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि यूरोप में बिगड़ते हालात को देखते हुए सख्ती के अलावा अब कोई उपाय नहीं बचा है। ब्रिटेन के कई हिस्सों में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है। यहां सभी बार, पब और रेस्टोरेंट्स अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं।

अमेरिका में संक्रमण खतरनाक स्तर पर
शु्क्रवार को अमेरिका में करीब 68 हजार नए मामले सामने आए। जुलाई के बाद यह एक दिन में संक्रमण का सबसे बड़ा आंकड़ा है। राष्ट्रपति चुनाव अब महज दो हफ्ते दूर है। ऐसे में बढ़ते मामले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुश्किलों में इजाफा कर सकते हैं। इसके पहले 31 जुलाई को 68 हजार मामले सामने आए थे। अगस्त और सितंबर में मामले कम हुए थे। लेकिन, अक्टूबर में संक्रमण की दूसरी लहर सामने आई। पिछले हफ्ते औसतन यहां 55 हजार मामले रोज मिले। सितंबर की तुलना में यह 60 फीसदी ज्यादा है।

अमेरिका में संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए कई जगह लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। हैलोवीन से संबंधित प्रोग्राम भी फिलहाल टाले जा रहे हैं।

यूरोपीय देशों में दहशत
यूरोपीय देशों में संक्रमण की दूसरी लहर घातक साबित हो रही है। फ्रांस में तो परेशानी बेहद ज्यादा है। यहां तीन हफ्ते में करीब चार लाख नए संक्रमित पाए गए हैं। हालात ये हैं कि अस्पतालों में 70 फीसदी आईसीयू फुल हैं। पहली बार देखा गया है कि युवा भी वायरस की चपेट में आ रहे हैं। पेरिस समेत देश के 9 बड़े शहरों में रात का कर्फ्यू लगाया जा चुका है। चेक रिपब्लिक, बेल्जियम, जर्मनी, इटली और नीदरलैंड्स में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इटली सरकार ने साफ कर दिया है कि हालात को काबू में रखने के लिए हर तरह के उपाय किए जाएंगे। सरकार ने लोगों से भी सहयोग मांगा है।

पेरिस के एक अस्पताल के मेडिकल स्टोर में मौजूद स्टाफ। फ्रांस में तीन हफ्ते में चार लाख से ज्यादा नए केस सामने आए। देश के अस्पतालों के करीब 70 फीसदी अस्पतालोें में आईसीयू फुल हैं। 9 शहरों में रात का कर्फ्यू लगा दिया गया है।

विरोध के बाद राहत
इजराइल में नेतन्याहू सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। सरकार ने संक्रमण पर काबू पाने के लिए देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन लगाया है, लेकिन लोग इसका पालन करने को तैयार नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजराइल के कई शहरों में लोगों ने लॉकडाउन के खिलाफ प्रदर्शन किए। इन लोगों का आरोप है कि मार्च के बाद से उनकी जिंदगी पर बुरा असर पड़ा है। कुछ सामाजिक संगठनों ने कहा है कि सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा देश के लोगों पर फोड़ना चाहती है। सरकार ने दबाव में कुछ राहत देने का फैसला किया है। कुछ उपायों की घोषणा आज की जा सकती है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
लंदन में संक्रमण रोकने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। शनिवार को कुछ लोगों ने इसके विरोध में हंगामा किया और बाद में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। ब्रिटेन सरकार ने संक्रमण से निपटने के लिए तीन चरणों का प्लान तैयार किया है। इसे थ्री टियर प्लान कहा गया है।

PM Ardern's Labour Party wins New Zealand election October 16, 2020 at 11:30PM

New Zealand Prime Minister Jacinda Ardern's Labour Party overwhelmingly won the country's general election on Saturday, her opponent Judith Collins said. With a quarter of the vote still to be counted, Labour has 49 per cent of the vote and its ally the Green Party has 7.6 per cent, with Collins' National Party holding 27 per cent.

US businesswoman says did have affair with UK PM Johnson: Daily Mail October 16, 2020 at 10:42PM

White House rejects Putin response to US arms control offer October 16, 2020 at 10:12PM

Austria's daily virus cases surge past 2,000 to new record October 16, 2020 at 10:00PM

Biden email episode illustrates risk to Trump from Giuliani October 16, 2020 at 09:36PM

Ex-Pak PM accuses country’s army chief of toppling his govt October 16, 2020 at 09:52PM

Sharif was speaking via video link from London to a gathering of tens of thousands of people organised by opposition parties to kick-off a countrywide protest campaign in the eastern city of Gujranwala aiming to oust Khan's government. "Gen Qamar Javed Bajwa, you packed up our government, which was working well, and put the nation and the country at the alter of your wishes," Sharif told the gathering - the largest since the 2018 elections.

Won't stop calling for human rights in China: Trudeau October 16, 2020 at 09:27PM

Dark deja vu for European economy as virus cases rise October 16, 2020 at 09:14PM

Jacinda Ardern takes early lead in NZ 'Covid election' October 16, 2020 at 09:00PM

Prime Minister Jacinda Ardern was on track to achieve an unprecedented outright majority in New Zealand's general election Saturday after campaigning on her success handling the Covid-19 pandemic. With 10 percent of the vote counted, Ardern's centre-left Labour Party was on 49.9 percent, which would give it 64 seats in the 120-member parliament.