Saturday, May 2, 2020

लॉकडाउन से दुनियाभर में घरेलू हिंसा 20% बढ़ी, 114 देशों में 4.4 करोड़ महिलाएं पाबंदियों के चलते गर्भनिरोधक उपायों का इस्तेमाल नहीं कर सकी हैं May 02, 2020 at 02:22PM

रिसर्च डेस्क.एक तरफ जहां कोरोनावायरस के चलते दुनिया की बड़ी आबादी घरों में कैद है। वहीं, दूसरी ओर लॉकडाउन के चलते परिवारों में कलह बढ़ गई है। यूएन पॉपुलेशन फंड(यूएनपीएफ) के मुताबिक दुनियाभर में लॉकडाउन की वजह से घरेलू हिंसा में 20% फीसदी का इजाफा हुआ है। अनुमान है कि सिर्फ पाबंदियों के चलते इस साल दुनियाभर में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ मामले आ सकते हैं। इन नए आंकड़ों ने अगले दशक में महिलाओं की बेहतर जिंदगी की उम्मीदों भरी तस्वीर काे धुंधला कर दिया है।

  • 1.3 करोड़ लोगों का बाल विवाह हो सकता है

यूएनपीएएफ के मुताबिक पिछले तीन महीने में दुनियाभर में 4.4 करोड़ महिलाएं पाबंदियों के चलते गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल नहीं कर सकी हैं। यह महिलाएं 114 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहती हैं। इसके चलते करीब 10 लाख अनचाही प्रेग्नेंसी होंगी। इसके अलावा शोधकर्ताओं का कहना है कि पाबंदियों के चलते अगले 10 साल में 53 लाख लड़कियों की समय से पहले शादी हो सकती है। 1.3 करोड़ लोगों का बाल विवाह हो सकता है। इससे बाल विवाह के खिलाफ चल रहे तमाम कार्यक्रम भी बाधित होंगे।

  • 64 देशों में 5,000 से अधिक क्लीनिक बंद हो गए हैं

इंटरनेशनल प्लान्ड पैरेंटहुड फेडरेशन के मुताबिक कोरोना के चलते 64 देशों में 5,000 से अधिक क्लीनिक बंद हो गए हैं। मैरी स्टॉप्स इंटरनेशल ने अनुमान जताया है कि पाबंदियों के चलते दुनिया में 30 लाख अनचाही प्रेग्नेंसी हो सकती हैं। तकरीबन 27 लाख असुरक्षित गर्भपात हो सकते हैं। 11,000 से ज्यादा गर्भावस्था से संबंधित मौतें हो सकती हैं।


लॉकडाउन बढ़ा तो हर तीन महीने में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ अतिरिक्त मामले सामने आएंगे

  • यूएनपीएफकी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नातालिया कानेम के मुताबिक यह आकलन दुनियाभर से मिले आंकड़ों पर आधरित है। हर देश के प्रशासन ने बताया है कि कोविड-19 और लॉकडाउन के चलते घरेलू हिंसा के मामलों में इजाफा हुआ है।
  • इन आंकड़ों का यूएनपीएफ और उसके पार्टनर एवेनिर हेल्थ, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ने विश्लेषण किया। इससे निकलकर आया कि पिछले 3 महीने में संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 सदस्य देशों में घरेलू हिंसा के मामले पहले से 20% बढ़ गए हैं।
  • शोधकर्ताओं ने अनुमान जताया है कि यदि दुनियाभर में आगे भी लॉकडाउन बढ़ाया जाता है तो हर तीन महीने में घरेलू हिंसा के 1.5 करोड़ अतिरिक्त मामले सामने आ सकते हैं। इससे यूएन के घरेलू हिंसा के रोकथाम कार्यक्रम पर भी असर पड़ना तया है। यूएन ने 2030 तक ऐसे मामलों में दो तिहाई तक कमी लाने का लक्ष्य रखा है।


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