Friday, September 4, 2020

अमेरिकी एनएसए ने कहा- चुनाव प्रभावित करने के लिए चीन ने बड़ा प्रोग्राम बनाया, उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे September 04, 2020 at 06:21PM

अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर रॉबर्ट ओब्रायन के मुताबिक, चीन अमेरिका की राजनीति और खासतौर पर राष्ट्रपति चुनाव को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने की तैयारी कर रहा है। ओब्रायन ने साजिश शब्द का इस्तेमाल तो नहीं किया, लेकिन ये जरूर साफ कर दिया कि चीन के इस खेल में रूस और ईरान भी शामिल हैं।

2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को जीत मिली थी। तब रूस पर आरोप लगे थे कि उसने चुनाव को न सिर्फ प्रभावित किया बल्कि ट्रम्प की मदद की।

अमेरिकी एनएसए ने क्या कहा
मीडिया से बातचीत के दौरान रॉबर्ट ने कहा- इंटेलिजेंस कमेटी ने चुनाव के बारे में कई बातें साफ कर दी हैं। सबसे पहले चीन का नाम आता है। उसने हमारे चुनाव को प्रभावित करने के लिए सबसे बड़ा प्रोग्राम बनाया है। वो अमेरिका की राजनीति पर असर डालना चाहता है। इसके बाद ईरान और रूस का नाम आता है। ये तीन देश हैं जो हमारे चुनाव में रुकावट डालना चाहते हैं।

नतीजे भी भुगतने होंगे
ब्रायन ने कहा- हमारी राजनीति और चुनाव को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर सायबर एक्टीविटीज कर रहा है। लेकिन, मैं बात और साफ कर दूं। अमेरिका इस बारे में सब जानता है और हमने इससे निपटने की पुख्ता तैयारियां की हैं। हम इस तरह की साजिशों को नाकाम करने में सक्षम हैं।
एनएसए ने कहा- हम पहले भी साफ तौर पर चीन, रूस और ईरान को चेतावनी दे चुके हैं। आज फिर दे रहे हैं कि अगर उन्होंने अमेरिकी सियासत या चुनाव में दखलंदाजी तो उन्हें इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।

चीन को लेकर विदेश नीति फेल
एक सवाल के जवाब में रॉबर्ट ने कहा- 40 साल से हम चीन को लेकर सही विदेश नीति नहीं बना सके। इसका खामियाजा उठा रहे हैं। हमने उसकी मिलिट्री की हरकतों को लेकर आंखें बंद रखीं। वो हमारे आईपी एड्रेस और बिजनेस सीक्रेट चुराता रहा। आज हमारे दोस्तों और अपने पड़ोसियों को धमका रहा है। ट्रम्प ने चीन को लेकर बेहद सख्त रवैया अपनाया। चीन हमारी तरह बनना चाहता है। इसमें कोई दिक्कत नहीं। लेकिन, वहां मानवाधिकारों की हालत देखिए, कितनी खराब है। एफबीआई के डायरेक्टर भी कह चुके हैं चीन ने इतिहास की सबसे बड़ी बौद्धिक चोरी की है।

इतना सख्त बयान क्यों
दरअसल, अगस्त में यूएस नेशनल काउंटर इंटेलिजेंस एंड सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग हुई थी। इसके डायरेक्टर विलियम ईवानिना ने तब कहा था- चीन चाहता है कि डोनाल्ड ट्रम्प यह चुनाव हार जाएं। जबकि, रूस बिडेन की जीत नहीं चाहता। हालांकि, सार्वजनिक तौर पर विलियम ने दोनों ही देशों के खिलाफ कोई सबूत नहीं दिए थे। उन्होंने ईरान पर भी साजिश में शामिल होने के आरोप लगाए थे। हालांकि, रूस ने बयान जारी कर सभी आरोप खारिज कर दिए थे।



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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर रॉबर्ट ओब्रायन। ओब्रायन के मुताबिक- चीन ने अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए एक बड़ा प्रोग्राम बनाया है। (फाइल)

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