Sunday, October 11, 2020

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार विपक्ष की आर्मी को चुनौती, नवाज और बिलावल ने कहा- इमरान को फौज और जनरल बाजवा सत्ता में लाए October 10, 2020 at 07:45PM

पाकिस्तान में सेना को चुनौती देने हिम्मत किसी ने नहीं की, सत्ता ने भी नहीं। लेकिन बदलते वक्त के साथ फौज ही सबसे ज्यादा निशाने पर है। उसे सियासी पार्टियां सीधे चुनौती भी दे रही हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के युवा अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी काफी वक्त से यह काम कर रहे थे। लेकिन, अब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी उनके साथ आ गए हैं। इसके अलावा मौलाना फजल-उर-रहमान भी फौज पर तंज कसने मे पीछे नहीं हैं। खास बात ये है कि इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए ये तीनों ही साथ भी आ चुके हैं।

बिलावल ने की शुरुआत
2018 में इमरान खान प्रधानमंत्री बने। तभी से उन पर आरोप लग रहे हैं कि वे फौज के जरिए कुर्सी तक पहुंचे। बिलावल दो साल से अपने भाषणों इस बात को दोहराते आ रहे हैं। अब नवाज की पार्टी (पीएमएल-एन) भी इसी रास्ते पर चल रही है। विपक्ष एकजुट होकर इमरान सरकार को गिराने के लिए सड़कों पर उतर चुका है। सरकार एक के बाद एक विपक्षी नेताओं को जेल में डाल रही है। नवाज ने पिछले दिनों विपक्ष की संयुक्त रैली को लंदन से संबोधित किया। कहा- फौज ने पिछले चुनाव में धांधली की। इसकी वजह से लोगों का उस पर भरोसा टूटा। इमरान से उतनी दिक्कत नहीं है, जितनी फौज की गलत हरकतों से है। उसे सियासत से दूर होना होगा। फौज के साथ ही नवाज ने आईएसआई पर भी तंज कसे।

तीन बार पीएम रहे नवाज
नवाज 1993 में पहली बार पीएम बने। तब राष्ट्रपति ने फौज के इशारे पर उन्हें हटाया। 1999 में जब वे फिर प्रधानमंत्री बने तो परवेज मुशर्रफ ने सत्ता हथिया ली। देश में फौजी हुकूमत आई। 2017 में कोर्ट और फौज ने इमरान के आंदोलन के नाम पर उन्हें हटाया। नवाज को तीनों बार सत्ता सेना की वजह से खोनी पड़ी। अब वे इस परेशानी को खत्म करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने में कामयाब हो रहे हैं।

फौज से टकराने को तैयार बिलावल
बिलावल भुट्टो ने फौज को सीधे चेतावनी दी है कि वो सियासी मामलों से दूर रहे। उन्होंने पिछले दिनों धमकी दी कि अगर फौज सरकार का समर्थन बंद नहीं करती तो विधानसभाओं और संसद से सभी चुने हुए प्रतिनिधि इस्तीफा दे देंगे। बिलावल ने कहा- मुझे समझ नहीं आता कि पोलिंग बूथ के अंदर और बाहर फौजियों की तैनाती क्यों की गई है। गिलगित-बाल्तिस्तान को पांचवां राज्य बनाने पर हमें आपत्ति नहीं, लेकिन ये काम संसद की बजाए फौज क्यों कर रही है।

11 पार्टियां और एक बैनर
20 सितंबर को पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों ने एक गठबंधन बनाया। इसके जरिए वे सरकार गिराने के लिए तीन चरणों में आंदोलन कर रही हैं। इसे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नाम दिया गया है। बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। जनवरी 2021 में इस्लामाबाद तक मार्च निकाला जाएगा। बिलावल और नवाज इमरान को ‘सिलेक्टेड प्राइम मिनिस्टर’ कह रहे हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
पाकिस्तानी फौज और उसके मुखिया जनरल बाजवा पर आरोप हैं कि उन्होंने 2018 के आम चुनाव में इमरान खान की सीधे तौर पर मदद की। (फाइल फोटो)

No comments:

Post a Comment