अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नेएच-1बी वीजा समेत विदेशियों को जारी होने वाले कई रोजगार वीजा को निलंबित रखने का समय बढ़ा दिया। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि 31 दिसंबर तक विदेशियों को ग्रीन कार्ड जारी नहीं होगा। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा प्रवासियों ने अमेरिकी को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में मदद की और देश कोतकनीकके क्षेत्र में अव्वल बनाया।
उन्होंने कहा कि प्रवासीकर्मचारियोंकी वजह से ही गूगल आज इस मुकाम पर है। मैंसरकार के इमिग्रेशन से जुड़े फैसलों से निराश हूं। हम प्रवासियों के साथ खड़े रहेंगे और उन्हें हर तरह के मौके उपलब्ध करवाने के लिए काम करते रहेंगे।
एच-1बी वीजा का दुरुपयोग रोकने का निर्देश
ट्रम्प ने एच-1 बी वीजा का दुरुपयोग रोकने का भी निर्देश दिया है। अगर कोई वीजा से जुड़े नियमों का पालन नहीं करतातो अमेरिका का लेबर डिपार्टमेंट उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। हालांकि फूड इंडस्ट्री, मेडिकल और कुछ अन्य क्षेत्रों के लिए वीजा जारी करने को मंजूरी दी जासकती है। इस साल अप्रैल में एच-1 बी वीजा जारी करने की प्रक्रिया 60 दिन के लिए निलंबित की थी।
बेरोजगारी बढ़ने का कारण किया गया फैसला
अमेरिका में महामारी के कारण बेरोजगारी दर अचानक बढ़ गई है। इसका असर कम करने और अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां बचाने के लिए यह फैसला किया गया है। फिलहाल यह प्रतिबंध अस्थाई है। इस पर आगे कोई फैसला अमेरिका वीजा प्रणाली में सुधार करने के बाद लिया जाएगा। दूसरे देशों से ट्रांसफर किए जाने वाले कर्मचारियों को जारी होने वाले एल-1 वीजा पर भी रोक लगाई गई है।
नएनियमों का 5 लाख नौकरियोंपर असर होगा
ट्रम्प प्रशासन मंगलवार को एच-1 बी वीजा के साथ ही एच-4, एच-2बी, जे और एल वीजा जारी करने पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं। ट्रम्प ने कहा कि ऐसे वीजा के लिए लॉटरीसिस्टम को तुरंत बंद किया जाए। अमेरिकी सरकार ने कहा कि वीजा से जुड़ी नई पाबंदियों से इस साल के अंत तक 5 लाख 25 हजार नौकरियों पर असर होगा। अमेरिका में संक्रमण फैलने सेअब तक 30 लाखसे ज्यादा लोगों की नौकरियां गई हैं।
भारत पर असर पड़ेगा
एच-2बी वीजा को छोड़कर अन्य सभी वीजा के सस्पेंड होने का असर भारतीयों पर पड़ेगा। एच-2बी वीजा खासतौर पर मैक्सिको के प्रवासियोंके काम आता है। अमेरिका में हर साल 10 लाख कर्मचारी दूसरे देशों से आते हैं। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि बेरोजगारी की दर इतनी ज्यादा है कि इन कर्मचारियों को वीजा देने का कोई कारण नहीं है।
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