Monday, June 22, 2020

भारत के पीएम ने चीन पर आरोप लगाने का आधार ही खत्म किया, राष्ट्रवादियों की संतुष्टि के लिए शब्दों से खेल रहे: ग्लोबल टाइम्स June 22, 2020 at 01:32AM

लद्दाख की गलवान वैली में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन का सरकारी मीडिया भारत को ही दोषी बनाने पर आमादाहै। इस बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के बयान ने चीन पर आरोप लगाने का नैतिक आधार ही खत्म कर दिया। यह बयान तनाव कम करने में बहुत मददगार होगा।

मोदी ने सर्वदलीय बैठक में बयान दिया था कि न तो कोई हमारी सीमा में घुसा और न ही किसी ने हमारी पोस्ट पर कब्जा किया। इसके साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने 40 चीनी सैनिकों के मारे जानेके बारे में कहा कि मोदी सरकार अपनी जनता को संतुष्ट के लिए ऐसा बोल रही है। चीन भी नहीं चाहता कि यह संघर्ष और बढ़े, इस वजह से चीन अपनी तरफ से हताहत हुए सैनिकों की संख्या नहीं बता रहा है। चीन के मरने वाले सैनिकों की संख्या 20 से कम है। अगर हम संख्या बताएंगेतो भारत फिर से दबाव में आ जाएगा।


ग्लोबल टाइम्स के 8 प्वॉइंट

  • भारत के अंदर राष्ट्रवाद की भावना तेजी से बढ़ी है और चीन के खिलाफ तेजी से विरोध बढ़ा है। भारत को घर में उठ रहे राष्ट्रवाद को शांत करना चाहिए।
  • भारतसरकार की ओर से सेना को किसी भी तरह की कार्रवाई की छूट मिलने पर कहा कि मोदी अपने देश के राष्ट्रवादियों और कट्टरपंथियों को संतुष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
  • मोदी अपने देश की जनता को खुश करने के लिए शब्दों के साथ खेल रहे हैं। वास्तव में वह अपनी सेना को एक और संघर्ष की इजाजत नहीं दे सकते। चीन कीक्षमता भारत से न केवल सैन्य मामलों में बेहतर है, बल्कि अंतरराष्ट्रीयस्तर पर भी चीन का प्रभाव ज्यादा है।
  • ऐसे मौके पर भारत में राष्ट्रवाद भड़कना आम बात है। हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान और दूसरे पड़ोसियों का मामला होता तो दबाव में भारत कुछ कदम उठाता, लेकिन जब चीन की बात आती है तो सब बदल जाता है।
  • ग्लोबल टाइम्स ने भारतीय अर्थशास्त्री स्वामिनाथन अय्यर का बयान भी छापा कि चीन सैन्य और आर्थिक क्षेत्र में भारत से पांच गुना ज्यादा है। उसने लिखा- अगर फिर से संघर्ष होता है तो भारत को 1962 की तुलना में पांच गुना ज्यादा अपमानित होना पड़ेगा।
  • भारत के अंदर से कई तर्कसंगत आवाजें भी आई है,जो मोदी को चीन के मोर्चे पर पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलतियों को नहीं दोहराने के लिए कह रही हैं।
  • भारत के सुरक्षाबल दूसरे देशों से खरीदे गए हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। इस वजह से वे एक-दूसरे के साथ कॉर्डिनेट नहीं कर पाते। उनके सैनिक अनुशासन हीन हैं। वे अपनी ही पनडुब्बी और हेलिकॉप्टरउड़ा देते हैं।
  • संघर्ष हुआ तो चीन अपने क्षेत्र को आसानी से बचा लेगा और जीतने के बाद भी भारतीय इलाके पर दावा नहीं करेगा, लेकिन यह लड़ाई भारत को बहुत प्रभावित करेगी। भारत की वैश्विक स्थितिऔर अर्थव्यवस्थादशकों पीछे चली जाएगी।


Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
यह फोटो 5 सितंबर 2017 की है। चीन के फूजियान प्रांत में ब्रिक्स समिट में भारत के प्रधानमंत्री मोदी पहुंचे थे। यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उभरते हुए बाजार पर बातचीत हुई थी। -फाइल फोटो

No comments:

Post a Comment