भारतीय मूल के नागरिकों ने शुक्रवार रात न्यूयॉर्क के टाइम्स स्कवायर में चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया। खास बात ये है कि इसमें ताइवान और तिब्बती मूल के अमेरिकी नागरिक भी शामिल हुए। इन सभी ने चीन विरोधी बैनर और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही बायकॉट चीन के नारे लगाए।
15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 43 सैनिक और अफसर मारे गए थे। हालांकि, चीन ने इसे अब तक इसे कबूल नहीं किया।
संक्रमण का डर भी नहीं
चीन के खिलाफ इन लोगों में गुस्से का आलम यह था कि इन्होंने संक्रमण संबंधी चेतावनी के बावजूद चीन विरोधी प्रदर्शन किया। हाल के कुछ दिनों में अमेरिका के कई दूसरे शहरों में भी चीन विरोधी प्रदर्शन देखने मिले हैं। इस दौरान लोगों के हाथों में भारत, ताइवान और तिब्बत के झंडे भी थे। यहां कुछ लोगों ने चीन के प्रोडक्ट्स का बायकॉट भी शुरू कर दिया है।
चीन के कारोबार को चोट पहुंचाना जरूरी
टाइम्स स्कवायर पर हुए प्रदर्शन में शामिल कई लोगों ने कहा कि चीन में बनी चीजों का बायकॉट किया जाना जरूरी है। इन लोगों के मुताबिक, अगर चीन से निपटना है तो सबसे पहले उसके आर्थिक हितों पर लगाम लगानी होगी। भारतीयों के संगठन अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमेटी के प्रेसिडेंट जगदीश शेवानी ने कहा- चीन ने भारतीय सैनिकों पर हमला करके अपना असली चेहरा दिखा दिया है। सिर्फ भारत ही नहीं वो कई देशों को परेशान कर रहा है।
चीन में मुस्लिम भी परेशान
जगदीश ने कहा- चीन खुद अपने देश के नागरिकों के लिए भी मुसीबत बनता जा रहा है। वहां के शिनजियांग प्रांत में उईगर मुस्लिमों के अधिकार छीन लिए गए हैं। प्रदर्शन में शामिल तिब्बती नागरिकों ने कहा कि चीन की वजह से उनकी संस्कृति खतरे में पड़ गई है। हजारों लोगों को जेल रखा गया है। तिब्बती नेता दोर्जी तेस्तेन ने कहा- हम भारत और अमेरिका से अपील करते हैं कि वो चीन का मुकाबला करें। चीन पर वक्त रहते काबू पाना जरूरी है।
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