Tuesday, June 16, 2020

भारत आज 8वीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जाएगा, पाकिस्तान ने कहा- यह खुशी की नहीं, चिंता की बात June 16, 2020 at 06:42PM

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का 8वीं बार अस्थाई सदस्य बनने के लिए तैयार है। पाकिस्तान ने इस पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह खुशी की नहीं, बल्कि चिंता की बात है। विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा कि यूएनएससी का अस्थाई सदस्य बनने का भारत का इरादा पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है। खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों को। इसके कारण कश्मीरियों को उनके अधिकारों से वंचित कर उनका दमन किया जाता रहा है। भारत के अस्थाई सदस्य बनने से कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। पाकिस्तान भी सात बार अस्थाई सदस्य रह चुका है।

नागरिकता कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को टारगेट किया

कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद के महासचिव को और इस्लामिक सहयोग संगठन को कश्मीरियों के गंभीर स्थिति को लेकर सूचित करते रहे हैं। कश्मीरियों ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटायाजाना स्वीकार नहीं किया। कोरोनावायरस के समय भी वहां अवैध तलाशी अभियान जारी है। इसके साथ ही नागरिकता कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है।

‘भारत पाकिस्तानी अधिकारियों को कश्मीर में आमंत्रित करे’

कुरैशी ने कहा कि भारत के विस्तारवादी एजेंडों के कारण पड़ोसी देश असुरक्षित हैं। उनकी हरकतों के चलते चीन, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका सभी खतरे में हैं। कुरैशी ने कहा कि यह गलत धारणा है कि कश्मीरी उनके साथ हैं। अगर उन्हें ऐसा लगता है तो वे खुद मुजफ्फराबाद आएं और देख लें कि कितने कश्मीरी उनसे सहमत हैं। भारतीय मंत्री को भी पाकिस्तानी अधिकारियों को कश्मीर के हालातों को देखने के लिए वहां आमंत्रित करना चाहिए।

उधर, भारत के अस्थाई प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने उम्मीद जताई कि भारत के अस्थाई सदस्य बनने के साथ ही वसुधैव कुटुंबकम का मार्ग प्रशस्त होगा। 1 जनवरी से भारत का कार्यकाल शुरू होगा।

सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन स्थाई सदस्य देश हैं। वहीं 10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी गई है। इनमें बेल्जियम, कोट डी-आइवरी डोमिनिकन रिपब्लिक, गिनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका और भारत के नाम शामिल हैं।

अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल का
अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल के लिए होता है। इसके लिए यूएनएससी पांच स्थाई सदस्यों की सीटों को छोड़कर हर साल पांच अस्थाई सदस्यों के लिए चुनाव कराती है।

निर्विरोध चुना जाना तय
एशिया प्रशांत देशों में भारत एक मात्र ऐसा देश है जिसका निर्निरोध चुना जाना तय है। भारत को समर्थन देने वाले एशिया पैसिफिक देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, इंडोनेशिया, ईरान, जापान, किर्गिस्तान, मलेशिया, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, सीरिया, तुर्की, यूएई और वियतनाम शामिल हैं।



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भारतीय प्रतिनिधि ने कहा- अस्थाई सदस्य बनने के साथ ही वसुधैव कुटुंबकम का मार्ग प्रशस्त होगा। (फाइल फोटो)

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