Tuesday, September 1, 2020

भारत ने कहा- सोशल मीडिया पर झूठ फैला रहा है पाकिस्तान; फेसबुक ने पाकिस्तान के 103 पेज और 78 ग्रुप्स हटाए September 01, 2020 at 05:24PM

पाकिस्तान से भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया जा रहा है। भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है। स्टेनफोर्ड इंटरनेट ऑब्जरवेट्री (एसआईओ) की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि हुई है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने एक ट्वीट में इस रिपोर्ट को शेयर किया है। ट्वीट में कहा गया- पाकिस्तान से भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चलाया जा रहा है। गलत जानकारी और खबरें चलाई जा रही हैं।
फेसबुक ने भी पाकिस्तान से हो रही इन हरकतों पर सख्त रुख अपनाया। वहां के कई अकाउंट और ग्रुप्स के साथ पेज भी हटा दिए गए हैं।

भारत ने क्या कहा?
यूएन में भारत के परमानेंट मिशन के ट्विटर हैंडल पर कहा गया- भारत की छवि खराब करने के लिए प्रोपेगंडा चला जा रहा है। यहां फेक न्यूज और गलत जानकारियां हैं। एसआईओ की यह रिपोर्ट पढ़नी चाहिए कि किस तरह जानबूझकर ये गलत प्रचार किया जा रहा है। दुनिया के सामने सच्चाई आ चुकी है।

एसआईओ की रिपोर्ट में क्या?
एसआईओ ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि पाकिस्तान से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर किस तरह की गलत जानकारियां दी जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक- 31 अगस्त 2020 को फेसबुक ने पाकिस्तान से ऑपरेट हो रहे 103 पेज, 78 ग्रुप्स और 453 अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया। फेसबुक ने एसआईओ को 28 अगस्त को इस बारे में कुछ जानकारी दी थी। इसके बाद एसआईओ ने इसकी जांच की।

सच्चाई सामने आई
रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान से कैसे भारत विरोधी नेटवर्क काम कर रहा है। भारत सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना और सरकार का विरोध करने वाले लोगों को भी निशाना बनाया जाता है। कई पेज और ग्रुप्स ऐसे हैं जो आईएसआई, सेना और सत्तारूढ़ पार्टी पीटीआई की तारीफ करने के लिए ही क्रिएट किए गए हैं। अप्रैल 2019 में भी फेसबुक ने इस तरह के कई अकाउंट सस्पेंड किए थे। इनका संबंध आईएसआई से पाया गया था। पाकिस्तान के कुछ नेता भी इन ग्रुप्स से जुड़े हुए हैं।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
स्टेनफोर्ड इंटरनेट ऑब्जरवेट्री की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर गलत जानकारियां दी जा रही हैं।- प्रतीकात्मक

No comments:

Post a Comment