Thursday, January 9, 2020

अमेरिका बोला- रक्षा मामलों में भारत-रूस के ऐतिहासिक रिश्ते, हम इन्हें खराब किए बिना साथ काम करना चाहेंगे January 08, 2020 at 08:54PM

न्यूयॉर्क. अमेरिका ने कहा है कि वह भारत और रूस के ऐतिहासिक रिश्तों के बावजूद नई दिल्ली पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका ऐसा रास्ता निकालना चाहता है, जिससे रक्षा मामलों में भारत की रूस पर निर्भरता से कोई फर्क न पड़े और हम दोनों देश साथ काम जारी रखें।

भारत ने दिसंबर 2018 में रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का समझौता किया था। अमेरिका ने उस वक्त भारत को प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी। हालांकि, अब तक ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारी ने कहा कि नई दिल्ली ने मॉस्को से समझौता किया है उसका यह मतलब नहीं कि हमने उसे कोई छिपी हुई छूट दो रखी है। हालांकि, प्रतिबंध लगाने से पहले हर मामले को अलग तरह से देखा जाएगा। वॉशिंगटन नहीं चाहता कि भारत की रक्षा क्षमताएं कहीं से भी कमजोर हों।

अफसर ने कहा कि काट्सा के तहत लगने वाले प्रतिबंध किस पर लग रहे हैं, इस पर भी विचार होता है। इस मामले में हमारे पास कई विकल्प मौजूद हैं। इसलिए हम भारत को इन प्रतिबंधों से बचाने के लिए रास्ता निकालना चाहते हैं। अमेरिकी संसद ने 2017 के रक्षा बजट में भारत को प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा दिया था।

तुर्की पर हो चुकी कार्रवाई
अफसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “आप देख सकते हैं अमेरिका दुश्मनों से समझौता करने वालों पर कैसी कार्रवाई कर रहा है। हमने अपने नाटो पार्टनर तुर्की को भी एस-400 खरीदने के लिए कड़ा संदेश दिया है।” अमेरिका ने हाल ही में रूस से रक्षा समझौता करने के लिए तुर्की को लॉकहीड मार्टिन के एफ-35 फाइटर जेट बेचने पर रोक लगाई थी।

काट्सा कानून के तहत प्रतिबंध लगा सकता है अमेरिका
दरअसल, अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है, लेकिन अमेरिका और भारत का रक्षा व्यापार बीते समय में काफी बढ़ा है। इसके चलते वह भारत पर प्रतिबंध लगाने से बचना चाहता था।

क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम?
एस-400 मिसाइल सिस्टम 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा। एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है। भारत ने सिस्टम के लिए 5 अरब डॉलर में समझौता किया। इसमें से 80 करोड़ की पहली किश्त रूस को दी जा चुकी है।



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US on India-Russia relation: US said India shares historical relationship with Russia; we would like to work together without spoiling them.

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