Monday, June 15, 2020

फेक न्यूज का असर उदारवादियों से ज्यादा रूढ़िवादियों पर; ईरान में मिथेनॉल पीने से 700 लोगों की मौत हुई, कई दावे गलत निकले June 15, 2020 at 01:56PM

राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके में कोरोना संक्रमण के डर से आयकर अपर आयुक्त शिवराज सिंह (56) ने एसिड जैसी काेई जहरीली चीज पीकर खुदकुशी कर ली। पुलिस के मुताबिक, रविवार शाम घर के पास ही कार में एसिड पीने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

उनके पास सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने खुद काे काेराेना हाेने का डर जाहिर किया। साथ ही यह भी लिखा कि वेनहीं चाहते कि उनकी वजह से उनके परिवार वाले परेशान हाें। इसके अलावा बताया गया है कि वह पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे।

दुनिया में फेक न्यूज या गलत सूचना का पहला प्रकोप नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फरवरी में कोविड-19 को लेकर घोषित किए "इन्फोडेमिक" दुनिया में फेक न्यूज या गलत सूचना का पहला प्रकोप नहीं है। ऐसा पहले भी होता रहा है। 14वीं सदी में प्लेग और उसके इलाज को लेकर झूठे दावों की वजह से कई लोगों की जान गई थी। कई डॉक्टर्स और लोगों ने दावा किया था कि सीवर में नहाने या बैठे रहने, पुराना गुड़ या शिरा खाने और आर्सेनिक खाने से प्लेग ठीक हो जाता है। इसे कई लोगों ने सच मान लिया और जान गंवा बैठे। वह भी एक तरह की फेक न्यूज ही थी, जैसा मौजूदा वक्त में होता है।

इंटरनेट बकवास बातों को तेजी से दुनिया भर में फैला देता है

14वीं सदी और वर्ष 2020 के बीच एक बड़ा अंतर इंटरनेट है, जो बकवास बातों को तेजी से दुनिया भर में फैला देता है। चौंकाने वाली बात यह है कि फेक न्यूज उदारवादियों से ज्यादा रूढ़िवादियों को प्रभावित कर रही है। इसका उदाहरण ईरान में देखने को मिला। अल्कोहल पीने से कोरोना ठीक होने की अफवाह पर मिथेनॉल पीने से 700 लोगों की मौत हो गई।

अमेरिका में कई लोग और यहां तक कि 44% रिपब्लिकन ये मान बैठे थे कि माइक्रोसॉफ्ट प्रमुख बिल गेट्स वैक्सीन के बहाने लोगों में चिप लगा देंगे। ब्रिटेन में 5जी से संक्रमण की अफवाह चली, तो 90 से ज्यादा फोन टॉवर नष्ट कर दिए गए। चार महाद्वीपों के 28 देशों में गैलप इंटरनेशनल की स्टडी में पता चला कि दुनिया के 58% लोगों ने यह मान लिया था कि कोरोना जानबूझकर फैलाया गया है।

प्लेडेमिक नाम की फिल्म की क्लिप, जिसमें लोग मरते दिख रहे थे, उसे भी लोगों ने असली मान लिया। इसे एक हफ्ते में 80 लाख व्यू मिले।

ट्रम्प, जकरबर्ग के दावे भी गलत निकले: मार्क जकरबर्ग ने ब्लीच से कोरोना ठीक होने का दावा किया था, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किटाणुनाशक के इंजेक्शन से ठीक होने का दावा किया था। दोनों गलत साबित हुए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The impact of fake news on conservatives more than liberals, putting a chip in Bill Gates' people, Trump-Zuckerberg's claims also come true

No comments:

Post a Comment