Monday, January 20, 2020

खाने और दवाओं की कमी से शेरों में कुपोषण, वजन गिरा; इन्हें बचाने के लिए आम लोग फंड जुटा रहे January 20, 2020 at 05:27PM

खार्तूम. अफ्रीकी देश सूडान में खाने और दवाओं की कमी का असर इंसानों के साथ जानवरों पर भी पड़ने लगा है। राजधानी खार्तूम में स्थित अल-कुरैशी चिड़ियाघर में कमी का असर ऐसा पड़ाकि यहां 5 नर और मादा शेर कुपोषण का शिकार हो गए। आलम यह है कि इनकी हड्डियां तक झलकने लगी हैं। बताया गया है कि इनका वजन शेरों के औसत वजन से दो-तिहाई तक गिर चुका है। सोशल मीडिया पर हाल ही में इन शेरों की फोटोवायरल हुईं। इसके बाद कार्यकर्ताओंऔर आम लोगों ने शेरों के इन हालात पर आवाज उठाई है।

सूडान में इस वक्त सूडान एनिमल रेस्क्यू हैशटैग ट्रेंड हो रहा है। फेसबुक पर एक्टिविस्ट उस्मान सालिह ने लिखा, “जब मैंने इन शेरों को पार्क में देखा, तो उनकी हड्डियां शरीर से बाहर झांक रही थीं। मैं मददगार लोगों और संस्थानों से इनकी मदद की अपील करता हूं।” उनके इस पोस्ट के बाद से ही लोगों ने मांग की है कि शेरों को किसी ऐसी जगह भेजा जाए, जहां इनका पालन-पोषण ठीक ढंग से हो सके।

शेरों के लिए जेबखर्च से खाना खरीद रहे कर्मचारी
चिड़ियाघर का प्रबंधन खार्तूम नगरपालिका की तरफ से देखा जाता है। हालांकि, यह व्यवस्था भी प्राइवेट फंडिंग के जरिए चलती हैयानी आम लोगों के दान से। इस वक्त सूडान अर्थव्यवस्था के सबसे खराब दौर से जूझ रहा है। यहां विदेशी मुद्रा भंडार खात्मेकी कगार पर है और खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में चिड़ियाघर प्रबंधन जानवरों की देखभाल भी नहीं कर पा रहा है। पार्क के मैनेजर इसामेलुद्दीन हज्जार के मुताबिक, “खाना हमेशा मौजूद नहीं रहता, इसलिए कई बार हमें खुद के पैसों से शेरों को खाना खिलाना पड़ता है।”

कुपोषित शेरों को देखने के लिए उमड़ी भीड़
सोशल मीडिया पर शेरों की बिगड़ती हालत को देखने के बाद रविवार को भारी मात्रा में दर्शक चिड़ियाघर पहुंचे। न्यूज एजेंसी के फोटोग्राफर के मुताबिक, 5 में से एक शेर को रस्सी से बांधा गयाऔर ड्रिप के जरिए ग्लूकोज दिया गया, क्योंकि उसे डिहाइड्रेशन हुआ था। उनके बाड़ों के पास खराब मीट के टुकड़े पड़े थे। पार्क के अधिकारियों के मुताबिक, चिड़ियाघर कीखराब हालत से ही ज्यादातर जानवरों की सेहत पर असर पड़ा।



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सामान्य वजन की तुलना में इन शेरों का वजन दो तिहाई तक गिर गया।
आम लोग जेबखर्च से शेरों के खाने का इंतजाम कर रहे।
शेरों के बेहतर पालन-पोषण के लिए बाहर भेजने की अपील की जा रही है।

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