Monday, February 17, 2020

एफएटीएफ की पाकिस्तान को नाम लिए बिना चेतावनी- कुछ जगहों पर आतंकी संगठनों को मदद मिल रही, कार्रवाई होगी February 17, 2020 at 06:26PM

नई दिल्ली.टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को बिना नाम लिए चेतावनी दी है। संस्था ने कहा कि दुनिया के कुछ देश अब भी अवैध तरीकों से जुटाई गई रकम के जरिए आतंकी संगठनों का समर्थन कर रहे हैं। पेरिस में फिलहाल एफएटीएफ की बैठक चल रही है। इसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाकर ब्लैक लिस्ट में रखे जाने पर फैसला होगा।

एफएटीए ने सोमवार को बयान जारी कर कहा, “आतंकी फंड जुटाने के लिए कई नए तरीके अपना रहे हैं। वे सोशल मीडिया के जरिए नए फॉलोवर्स की पहचान कर रहे हैं और अपनी फंडिंग और अन्य सुविधाएं जुटाने के रास्ते बना रहे हैं। एफएटीएफ ने टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए कड़े मानक लागू किए हैं। ताकि आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे संगठनों के पैसे जुटाने पर असर पड़े। हालांकि, अब भी कई आतंकी संगठन अवैध गतिविधियों के जरिए फंड जुटाने में लगे हैं। एफएटीएफ लगातार नए पेमेंट के तरीकों की पहचान कर अवैध लेनदेन रोकने में जुटा है।”

एफएटीएफ के फैसले से पहले पाकिस्तान के झूठे दावे शुरू

पाकिस्तान ने एफएटीएफ के फैसले से पहले ही आतंकियों पर कार्रवाई और उनके भाग जाने के झूठे दावे शुरू कर दिए हैं। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान आर्मी की कैद से गायब हो गया है। पाकिस्तान की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) पार्टी के प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने एफएटीएफ की बैठक से पहले मसूद अजहर के गायब होने पर चिंता जाहिर की और पाकिस्तान की नीयत पर सवाल खड़े किए।

पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आतंक से जुड़े दो मामलों में 11 साल जेल की सजा सुनाई थी। यह कदम एफएटीएफ की बैठक से ठीक 4 दिन पहले आया था। पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एफएटीएफ को जानकारी दी कि उसके यहां छिपे 16 आतंकियों में से 7 को मारा जा चुका है। जो 9 बचे हैं, उन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। पाकिस्तान खुद को ब्लैक लिस्ट से बचाने के लिए लगातार इस तरह के झूठे दावे करने में जुटा है।

एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था
एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था। साथ ही ब्लैक लिस्ट से खुद को बचाने के लिए 27 सूत्रीय एक्शन प्लान सौंपा था। अगर संस्था को लगता है कि पाकिस्तान ने एक्शन प्लान को सही तरीके से लागू नहीं किया है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।



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आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्ट होने का खतरा। (फाइल)

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