Thursday, January 23, 2020

9/11 हमले में सऊदी सरकार पर संदेह; 19 साल से साजिशकर्ता का नाम नहीं बता रही है अमेरिकी सरकार January 23, 2020 at 06:20PM

वॉशिंगटन (न्यूयॉर्क टाइम्स से टीम गोल्डन, सेबेस्टियन रोटेला). अमेरिका के न्याय विभाग ने सऊदी अरब के उस अधिकारी के नाम का 19 साल बाद भी खुलासा नहीं किया है, जिसके 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला करने वाले अल-कायदा के आतंकियों से संबंध थे। इस हमले में मारे गए लाेगाें के परिजनाें ने व्हाइट हाउस पर फिर एक बार दबाव बनाना शुरू कर दिया है। अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि इस अधिकारी का नाम उजागर होने से सऊदी सरकार की सच्चाई सामने आ जाएगी।

एफबीआई के बीच नहीं बनी सहमति

एफबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह व्यक्ति उन तीन सऊदी अधिकारियों में से एक है, जो हमलावरों को सहायता पहुंचाने के लिए अमेरिका पहुंचे थे। इस नाम का खुलासा न होने की एक वजह एफबीआई के बीच ही सहमति न बन पाना है। एफबीआई में शीर्षस्थ अधिकारियों के बीच नाम के खुलासे काे लेकर मतभेद हैं। एक वर्ग का कहना है कि नाम जाहिर कर देना चाहिए, जबकि दूसरे समूह का कहना है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा काे खतरा हाेगा।

सऊदी शहजादे पर बेजोस का फोन हैक करने का आरोप

दरअसल, 9/11 हमले के साजिशकर्ता के नाम के खुलासे की मांग इसलिए मौजूं हो गई है, क्योंकि दो दिन पहले सऊदी शहजादे मोहम्मद बिन सलमान पर एक ब्रिटिश अखबार ने आरोप लगाया था कि उन्होंने वॉट्सएप के जरिए अमेजन के मालिक जेफ बेजोस का फोन हैक कर उनका डेटा भी चुरा लिया था। इस हैकिंग के 5 महीने बाद ही वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या भी कर दी गई थी। इसके पहले 2010 में हमलों की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कुछ हमलावरों को सऊदी अधिकारियों से धन मिला था। इनमें से दो सऊदी खुफिया अधिकारी थे। ये दोनों अधिकारी फहाद अल-थुमैरी और उमर-अल-बायूमी उस समय अमेरिका में सऊदी अरब दूतावास में तैनात थे। तीसरे का नाम गुप्त रखा गया। इस शख्स का ताल्लुक सऊदी के शाही परिवार से है। 9/11 के हमले में करीब 3,000 लोग मारे गए थे और पीड़ित परिवारों ने सऊदी अरब सरकार पर मुआवजे के लिए केस किया है।

पीड़ितों ने कहा- न्याय की लड़ाई को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ न जोड़ा जाए
पीड़ित परिवारों का कहना है कि उन्हें हर बार आश्वासन ही दिया जा रहा है। पहले बुश फिर ओबामा और अब ट्रम्प प्रशासन। हमारी न्याय की लड़ाई को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ न जोड़ा जाए। इधर, खुद राष्ट्रपति ट्रम्प कह चुके हैं कि नाम की घोषणा की जाएगी। लेकिन वक्त नहीं बताया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि हम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को भी ध्यान में रख रहे हैं।



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9/11 के हमले में करीब 3,000 लोग मारे गए थे।

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