पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के चार स्पेशल असिस्टेंट्स के पास दोहरी नागरिकता है। इसका खुलासा खुद सरकार ने किया है। इनकी प्रॉपर्टीज और नागरिकता की जानकारी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड की गई है। इस खुलासे के बाद विपक्ष ने सरकार के रवैये पर सवाल उठाए हैं। दूसरी तरफ, सरकार ने सफाई में कहा है कि उसने कुछ भी छिपाने की कोशिश नहीं की है।
इमरान के 20 सलाहकार
पाकिस्तान सरकार ने बताया है कि प्रधानमंत्री के 20 सलाहकार हैं। इनमें से 19 नॉन इलेक्टेड यानी वे लोग हैं जो चुनकर नहीं आए। चार स्पेशल असिस्टेंट्स ऐसे हैं जिनके पास पाकिस्तान के अलावा एक और देश की नागरिकता है।
इनके पास दोहरी नागरिकता
नदीम बाबर : पेट्रोलियम मामलों के सलाहकार। अमेरिकी नागरिकता भी है।
सैयद जुल्फिकार अब्बास बुखारी : विदेशी मामलों के सलाहकार। ब्रिटेन की सिटीजनशिप भी है।
शहजाद कासिम : पावर सेक्टर मामलों के सलाहकार। अमेरिकी नागरिकता भी है।
तानिया एस. अरदौस : डिजिटल मामलों की सलाहकार। कनाडा की भी नागरिकता है।
इन तीन के पास रेसीडेंस परमिट
शहबाज गिल : राजनीतिक सलाहकार। अमेरिका में अस्थायी निवास का परमिट।
मोईद यूसुफ : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार। अमेरिका के अस्थायी नागरिक।
नदीम अफजल गोंदल : संसदीय मामलों के सलाहकार। कनाडा के अस्थायी नागरिक।
विपक्ष ने क्या कहा?
नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो की पार्टी ने इस खुलासे पर सरकार को घेरा। पीएमएल-एन के सांसद मुख्तार आसिफ ने कहा- ये किस तरह के प्रधानमंत्री और किस तरह की सरकार है। अगर देश के मुखिया के चार सलाहकार दो देशों के नागरिक हैं तो इससे क्या मुल्क खतरे में नहीं पड़ जाएगा। ये देश की सुरक्षा पर बड़ा खतरा है। पीपीपी की सांसद शेरी रहमान ने कहा- अगर कोई विदेशी सांसद नहीं बन सकता तो देश के प्रधानमंत्री का विशेष सलाहकार कैसे हो सकता है।
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