Sunday, July 19, 2020

250 सीटों के लिए 1600 उम्मीदवार मैदान में, राष्ट्रपति असद की बाथ पार्टी को जीत मिलने की उम्मीद July 19, 2020 at 01:05AM

सीरिया में रविवार को संसदीय चुनाव के लिए सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू हुई। 250 सीटों के लिए 1600 से ज्यादा उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। 2011 में विवाद शुरू होने के बाद देश में यह तीसरा संसदीय चुनाव है। पहले अप्रैल में चुनाव कराने का ऐलान किया गया था, लेकिन महामारी की वजह से इसे टाल दिया गया।

पहली बार उन इलाकों में भी वोटिंग हो रही है जो देश के कब्जे में दोबारा आए हैं। इनमें दमिश्क के पास घौटा और इडलीब राज्य शामिल हैं। यहां पर पहले विद्रोहियों का कब्जा था। अभी भी देश के कई ऐसे इलाके ऐसे हैं जहां पर सरकार का कब्जा नहीं है।
वोटिंग से पहले दो धमाके हुए
सरकारी न्यूज एजेंसी साना के मुताबिक, वोटिंग से पहले शनिवार कोराजधानी दमिश्क में दो धमाके हुए। इनमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक घायल हो गया। वोटिंग को देखते हुए यहां बीते कुछ दिनों से सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

राष्ट्रपति असद की पार्टी को जीत मिलने की उम्मीद

इस इलेक्शन में कई पार्टियों के उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि,राष्ट्रपति बशर-अल- असद की बाथ पार्टी और इसके गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टियों का पलड़ा भारी रहने की उम्मीद है। असद पिछले 20 साल से देश के राष्ट्रपति हैं। सीरिया के चुनावी विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादातर विपक्षी पार्टियां ऐसी हैं जाे इलेक्शन का बायकॉट कर रही हैं। वहीं, कुछ ऐसी भी हैं जो असद के पक्ष में हैं और बस खानापूर्ति के लिए चुनाव लड़ रही हैं।

पिछली बार 2016 में हुआ था चुनाव

पिछली बार सीरिया में 2016 में चुनाव में हुआ था। अमेरिका और रूस कीसीरिया में संघर्षविराम पर सहमति बनने के कुछ घंटों बाद इसका ऐलान किया गया था। इसमें राष्ट्रपति असद की बाथ पार्टी ने 250 सीटों में से 200 सीटें जीतीं थीं। बाकी सीटों परस्वतंत्रउम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। 2012 में ऐसे समय में संसदीय चुनाव हुआ था जब सीरिया में गृह यद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई थी।

गृह युद्ध के लिए असद को ठहराया जाता है जिम्मेदार

असद ने 2000 में अपने पिता हाफेज़ अल असद की जगह ली थी। हालांकि,देश में भ्रष्टाचार और असद शासन की नीतियों से लोग नाराज थे। 2011 में सीरिया के दक्षिणी शहर दाराआ में लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू हुआ। इसके एक साल के अंदर ही यहां कई विद्रोही गुट बन गए और देश गृह युद्ध की चपेट में आ गया। बाद में अमेरिका,रूस, सऊदी अरब और ईरान जैसे देशों को इसमें दखल देना पड़ा।



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सीरिया के अलेप्पो शहर में शनिवार को वोटिंग शुरू होने से पहले स्ट्रांग रूम में रखे गए बैलेट बॉक्स को देखता कर्मचारी। यहां रविवार को संसदीय चुनाव के लिए वोटिंग हुई।

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