Saturday, April 18, 2020

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा- संकट का समय लोगों को इनोवेशन के लिए तैयार करेगा, आगे का रास्ता बनाएगा April 18, 2020 at 04:49PM

(नेंसी गिब्स)दुनियाभर में फैली कोविड-19 महामारी ने टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है। इस समय सरकारों और नागरिकों ने गूगल से मदद मांगी है। टाइम मैग्जीन ने गूगल, यूट्यूब की मूल कंपनी अल्फाबेट के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचई से लंबी बातचीत की है। पिचई महामारियों के संबंध में भविष्य की स्थितियों को लेकर आशान्वित हैं। वे मानते हैं हर संकट लोगों में क्रिएटिविटी बढ़ाता है। स्थितियों से निपटने के नए तरीके खोजे जाते हैं। पिचई से हुई बातचीत के अंश।

सवाल-कई इनोवेटर और आपका कहना है कि संकट से इनोवेशन बढ़ता है। मौजूदा दौर में क्या स्थिति है?
जवाब- डॉट कॉम कंपनियों के ढहने से ठीक पहले गूगल की शुरुआत हुई थी। उसका निर्माण अभावों के दौर में हुआ है। इससे हमें समस्याओं को सुलझाने और बाधाओं का सामना करने की प्रेरणा मिली। चाहे वह डिस्टेंस लर्निंग हो या डिलीवरी हो- हमने कठिनाइयों को हल किया है। मैं सोचता हूं यह समय लोगों को क्रिएटिव तरीके से सोचने और आगे का रास्ता निकालने के लिए तैयार करेगा।

सवाल- ऐसा लगता है, इस समय अल्फाबेट और अन्य टेक कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ रहा है। दूसरी परिस्थितियों में इन कंपनियों के बीच होड़ रहती है?
जवाब- जब मैं दूसरी कंपनियों के प्रमुखों से बात करता हूं तो साफ समझ में आता है कि यह स्थिति हम सबसे बहुत विराट है। हम पहले ही एक साथ काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए बच्चों के शोषण पर हमारे बीच तालमेल है। इसलिए हम कोरोना वायरस के मामले में भी उस रास्ते पर चल रहे हैं।

सवाल- आपने स्मार्टफोन पर कांटेक्ट ट्रेसिंग सॉफ्टवेयर के लिए एपल से भागीदारी का एलान किया है। यह कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की जानकारी देगा। इस टेक्नोलॉजी से भविष्य में बीमारी का फैलाव रुक सकता है। लेकिन, प्राइवेसी भी जुड़ी है। इसका क्या होगा?
जवाब- प्राइवेसी की बात है तो यूजर को उपयोग करने से पहले मंजूरी देनी पड़ेगी। यह पारदर्शी है। लोग इसका उपयोग करने या ना करने का निर्णय ले सकते हैं। एपल और गूगल के पास कोई व्यक्तिगत जानकारी या लोकेशन का डेटा नहीं आएगा।

सवाल- हम गलत सूचनाओं के समय में रह रहे हैं। इनका अधिकतर प्रसार ऑनलाइन है। कोविड-19 के बारे में ऐसी जानकारियों की प्रतिस्पर्धा वास्तविक और सही खबरों से है। इससे कैसे लड़ेंगे?
जवाब- मेरे लिए विश्वसनीय संस्थाओं और स्रोतों का समर्थन करना हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। वैसे, इस समय यह आसान है क्योंकि लोग समझते हैं कि सही क्या है। वैज्ञानिकों, संबंधित अधिकारियों से सही तथ्यों तक पहुंचने में मदद मिलती है।

सवाल-गूगल, यूट्यूब सहित प्रमुख प्लेटफार्म को कंटेंट की निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है। इस वक्त मानवीय एनालिस्ट घर से काम कर रहे हैं। क्या इससे गलत जानकारी का आगे निकलना आसान नहीं हुआ है?
जवाब- यह जोखिम तो है। हम पहले गूगल, यूट्यूब पर स्वास्थ्य संस्थाओं, समाचार माध्यमों जैसे अधिकृत स्रोतों से खबरों को प्राथमिकता देते रहे। हमने कुछ समय तक कोरोना वायरस पर विज्ञापनों की अनुमति नहीं दी क्योंकि हम कंटेंट को नियंत्रित करने की अपनी क्षमता के प्रति आश्वस्त नहीं थे। लेकिन अब हम घर से बेहतर तरीके से काम करने की प्रक्रिया को शुरू कर चुके हैं, इसलिए अब हम लोगों की बात सुनते हैं। आपको जनता को बोलने का अवसर देना पड़ेगा।

सवाल-इस महामारी ने स्थानीय समाचार माध्यमों को प्रभावित किया है। उनकी मदद का क्या तरीका हो सकता है?
जवाब- हम उनकी मदद के लिए कुछ कार्यक्रमों पर काम कर रहे हैं। दरअसल, स्थानीय स्तर पर स्वस्थ और निष्पक्ष पत्रकारिता को सहारा देने की जरूरत है।

सवाल-अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की थी कि गूगल लोगों को टेस्टिंग साइट जानने में मदद के लिए सिस्टम बना रहा है। फिर खबरें आई कि गूगल को ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है। क्या हुआ था?
जवाब- हम कोविड-19 से संबंध में स्क्रीनिंग, टेस्टिंग सहित बहुत जानकारी दे रहे हैं। इसलिए हमने इसे अच्छे तरीके से जुड़ने के मौके के बतौर लिया है।

सवाल-क्या यह चिंता का विषय नहीं है कि व्यवसाय जगत से एेसी भूमिकाएं निभाने के लिए कहा जा रहा है जो पहले सरकारों के दायरे में आती थीं?
जवाब- कोविड-19 से निपटने में टेक्नोलॉजी और टेक कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकती हैं। हम यह काम करना भी चाहते हैं। मैं इसेबहुत बड़ी बात नहीं मानता हूं। सबकीभूमिकाएं बहुत स्पष्ट हैं। संकट में नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सरकारों और सरकारी स्वास्थ्यसंगठनों की है।

सवाल-गैलप-नाइट के ताजा सर्वे के अनुसार 77% अमेरिकी यकीन करते हैं कि अल्फाबेट जैसी टेक कंपनियां बहुत अधिक ताकतवर हो गई हैं। आप क्या सोचते हैं?
जवाब- पिछले कुछ वर्षों में बड़ी कंपनियों की बहुत ज्यादा तरक्की हुई है। लिहाजा, यह समय इसकी जांच-परख करने का है। जहां तक मैं सोचता हूं, एक कंपनी के रूप में हमें सुनिश्चित करना होगा कि हम समाज के लिए क्या अच्छा कर रहे हैं। क्या हम कंपनियों की, स्कूलों की और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं की सहायता करते हैं। हमें इस परीक्षा से बार-बार गुजरना होगा।

सवाल-कोविड-19 से शारीरिक खतरे की बहुत बात चल रही है। क्या मानसिक स्वास्थ्य का भी संकट है। खासतौर से आपके कर्मचारियों के बीच क्या ऐसा है?
जवाब- जब मैं बैठकें करता हूं या मुझे कर्मचारियों के ई-मेल मिलते हैं तब देखता हूं कि लोग अलग-थलग और अकेले हैं। वे परिवार के कुछ सदस्यों के प्रभावित होने और उनसे मुलाकात नहीं कर पाने के कारण परेशान हैं। हम कहते हैं कि वायरस ने समूची मानवता को प्रभावित किया है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि उसने कुछ लोगों पर अधिक प्रभाव डाला है। खासकर अमेरिका में अफ्रीकियों पर। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य का मामला तो इससे जुड़ा है। हमें इस पर ध्यान देना पड़ेगा।

सवाल-यह संकट हमारे काम करने के तरीकों को कितना बदलेगा? क्या बहुत लोग दूर बैठकर काम करेंगे?
जवाब- घर से अच्छे तरीके से काम करना इसलिए संभव हो सका है क्योंकि हम पहले आमने-सामने काम कर चुके हैं। हमने बुनियाद तैयार कर ली है।हमें इस बुनियाद को आगे भी तैयार करने की जरूरत पड़ेगी। यह मानव स्वभाव का हिस्साहै। हम चीजों को अधिक लचीलेपन से करसकेंगे। लोगों को आने-जाने में कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसका परिवार परभी विपरीत असर पड़ता है। हमें इसका बेहतर हल खोजना होगा।

सवाल-हर किसी के पास घर पर टेक्नोलॉजी और इंटरनेट नहीं है। इससे कुछ कामगारों और छात्रों को नुकसान है। हम इस अंतर को कैसे दूर कर सकते हैं?
जवाब- हम इस संबंध में कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। जहां तक अमेरिका का सवाल है तो हमें ग्रामीण इलाकों और गरीबों तक इंटरनेट और दूरसंचार सेवा मुहैया कराना चाहिए।

सवाल-संकट के इस समय में कौन सी बात उम्मीद पैदा करती है?
जवाब- हमारे पास सबसे शक्तिशाली संसाधन सामूहिक कार्रवाई है। यह वाकई काम कर रही है। कुछ कसर तो है पर पहले से अधिक तालमेल बढ़ा है। हम भावी महामारियों को कैसे रोक सकते हैं? हम जलवायु परिवर्तन का हल कैसे निकाल सकते हैं? हम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर कैसे काबू पा सकते हैं? ये सब मुद्दे हमें किसी तरह एक-दूसरे से जोड़ेंगे। इससे मुझे अगली पीढ़ी के लिए उम्मीद बंधती है।
(टाइम और टाइम लोगो रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क हैं। इनका उपयोग अनुबंध के तहत किया गया है।)



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सुंदर पिचई ने कहा, 'यह समय हमें भविष्य में आने वाली महामारियों का सामना करने में सक्षम बनाएगा। हम कई चुनौतियां का मिल-जुलकर मुकाबला कर सकेंगे। यह सब अगली पीढ़ी के लिए अच्छे संकेत हैं।'

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