Monday, February 3, 2020

घर में रहकर काम करने वालों में बढ़ता है अकेलापन और अवसाद; युवाओं में यह समस्या ज्यादा : स्टडी February 03, 2020 at 12:34PM

वॉशिंगटन.वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने के चलन की वजह से लोगों में अकेलेपन की समस्या बढ़ती जा रही है। यह दावा अमेरिका में जारी किए गए लोनलीनेस इंडेक्स में किया गया है। इसमें कहा गया है कि घर में बैठकर काम करने की वजह से लोगों का आना-जाना कम होता है और वे ऑफिस से दूर बैठकर काम करते हैं।

2019 में 61%
इंडेक्स के मुताबिक 2018 में यह संख्या 54% थी जो 2019 में बढ़कर 61% पर पहुंच गई। सर्वे के दौरान 10, 200 लोगों से 20 सवाल पूछे गए थे। इन के जवाब यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और लॉस एंजेलिस यूनिवर्सिटी की लोनलीनेस स्केल के आधार पर जांचे गए। इंडेक्स के अनुसार औसतन एक अमेरिकी जिंदगी में करीब 90 हजार घंटे काम करते हुए बिताता है। इसमें बड़ा हिस्सा घर से काम करने का होता है। यह समस्या पुरानी पीढ़ी के बजाय युवाओं में ज्यादा मिली है। करीब 48% युवाओं ने कहा कि वे अकेलेपन से जूझ रहे हैं। जबकि वरिष्ठ लोगों में यह आंकड़ा 28% ही है।


स्टडी का नेतृत्व करने वाली कंपनी सिग्ना का कहना है कि तकनीक का बढ़ता उपयोग, ज्यादा गैजेट और हमेशा काम करने की संस्कृति की वजह से लोग तनाव महसूस कर रहे हैं और उन्हें आराम करने के लिए कम समय मिल रहा है। वे सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताते हैं। दोस्तों और परिवार को टाइम देना कम कर देते हैं। इसके अलावा युवाओं में अकेलेपन के बढ़ने का एक कारण सोशल मीडिया का लगातार इस्तेमाल भी है।

रिपोर्ट के अनुसार, जो सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, उनके अकेले रहने की आशंका ज्यादा होती है। सोशल मीडिया का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने वाले 70% यूजर्स ने अकेलेपन की शिकायत की, जो एक साल पहले 53% ही थी। सोशल मीडिया कम इस्तेमाल करने वालों में से 51% ने कहा कि वे अकेलापन महसूस करते हैं।



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Loneliness and depression increase among those working at home; This problem is more in youth: study

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