Wednesday, January 22, 2020

बेजोस फोन हैक मामले पर विशेषज्ञों ने कहा- विरोधियों को लगातार निशाना बना रहे प्रिंस सलमान, उनकी जांच जरूरी January 22, 2020 at 06:26PM

रियाद/न्यूयॉर्क. अमेजन के मालिक जेफ बेजोस के फोन हैक मामले में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की जांच की मांग की है। यूएन एक्सपर्ट्स का कहना है कि बेजोस का फोन हैक एक गंभीर मसला है और इसलिए पूरे मामले की तुरंत जांच होनी चाहिए। इसके अलावा विपक्षियों को लगातार निशाना बनाने के लिए प्रिंस सलमान पर भी जांच बिठाने की मांग की गई है।

क्या है बेजोस के फोन हैक होने का मामला?
एक दिन पहले ही ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि 2018 में अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के मालिस जेफ बेजोस के फोन पर सऊदी प्रिंस के पर्सनल वॉट्सऐप नंबर से मैसेज भेजा गया था। इस मैसेज में कई ऐसी वायरस फाइलें थीं, जिनसे बेजोस का फोन हैक हो गया। गार्जियन के मुताबिक, इस बात का खुलासा डिजिटल फॉरेंसिक एनालिसिस की रिपोर्ट में हुआ है। इसमें पाया गया कि एक वीडियो की वजह से बेजोस के फोन की सिक्योरिटी टूट गई थी।

सूत्रों ने दावा किया है कि 1 मई 2018 को बेजोस और प्रिंस सलमान के बीच काफी बातें हुई थीं। इसी बीच प्रिंस सलमान के अकाउंट से खराब फाइल बेजोस के अकाउंट में भेजी गई। बताया गया है कि दोनों के बीच बातों के कुछ ही घंटों के अंदर बेजोस के मोबाइल से काफी अहम डेटा खुफिया तरीके से निकाल लिया गया। अभी यह साफ नहीं है कि जिन फाइल्स को निकाला गया, उसमें क्या था। इस खुलासे के बाद से ही माना जा रहा है कि सऊदी प्रिंस निजी तौर पर बेजोस की जानकारी निकालने में शामिल रहे।

एक्सपर्ट्स के प्रिंस सलमान पर आरोप?
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की अधिकारी मिस कैलामार्ड और मिस्टर काए ने कहा, “हमारे पास जो जानकारी है, इससे लगता है कि बेजोस की जासूसी में क्राउन प्रिंस खुद ही शामिल थे। प्रिंस सलमान सऊदी अरब पर वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्टिंग को चुप कराना नहीं तो कम से कम प्रभावित रखना चाहते थे।”

खशोगी की हत्या से जुड़े प्रिंस सलमान के तार

दोनों ने आगे कहा, “नए आरोपों से एक पैटर्न का भी खुलासा होता है कि किस तरह विपक्षियों को निशाना बनाकर उनकी जासूसी हो, जो कि सऊदी अफसरों के लिए कूटनीतिक तौर पर फायदेमंद साबित हो। एक्सपर्ट्स ने बेजोस के फोन हैकिंग मामले को सीधे तौर पर वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या से जोड़ा है। उन्होंने कहा कि खशोगी का फोन भी उसी वक्त हैक हुआ था, जब बेजोस का फोन हैक हुआ। जमाल खशोगी सऊदी अरब के बड़े आलोचक पत्रकारों में से थे। बेजोस का फोन हैक (1 मई 2018) होने के ठीक 5 महीने बाद 2 अक्टूबर 2018 को उनकी तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में हत्या कर दी गई थी।



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यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने बेजोस की फोन हैकिंग के तार वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार खशोगी की हत्या से जोड़े।

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