Tuesday, January 7, 2020

सीमा पार करने वाले ईरानी-अमेरिकियों से पूछताछ, निजी जानकारियां मांगी; ईरान-इराक की स्थिति पर निजी विचार पूछा जा रहा January 07, 2020 at 04:19PM

वॉशिंगटन. अमेरिकी हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत होने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। इसका असर अब अमेरिका में रहने वाले ईरानियों पर भी हो रहा है। ईरानी अमेरिकी महिला नेगा हेकमती ने सोमवार को बताया कि वॉशिंगटन स्टेट में प्रवेश से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें अपने ऑफिस ले जाकर करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। यहां तक की ईरान और इराक के स्थिति पर भी निजी विचार देने के लिए कहा जा रहा है।

हेकमती ने वॉशिंगटन से डेमोक्रेटिक सांसद प्रमिला जयपाल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया, ‘‘ अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पार करने के समय कस्टम अधिकारी ईरानियों को निशाना बना रहे हैं। हमसे निजी जानकारियां मांगी जा रही है। फेसबुक अकाउंट्स की डिटेल्स, माता-पिता के नाम, उनकी जन्म तिथि पूछी जा रही है। इस दौरान मेरे बच्चे बेहद डर गए थे। वे चिंतित थे। वे सो नहीं पा रहे थे, क्योंकि उन्हें डर था कि हमें जेल भेज दिया जाएगा। मैं भी डरी हुई थी। यह सही नहीं है। मेरे बच्चों को ऐसी चीजों का अनुभव नहीं करना चाहिए। वे अमेरिकी नागरिक हैं।’’

दोनों देशों के बीच तनाव का खामियाजा ईरानी-अमेरिकियों को भुगतना पड़ रहा
उनके पति माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उनसे इसकी भी जानकारी ली गई कि कभी उनके पति ने ईरानी सेना में भी काम किया है या नहीं। हेकमती उन ईरानी-अमेरिकी में शामिल हैं जिन्हें अमेरिका में प्रवेश के दौरान पकड़ा गया था। अप्रवासन मामलों के जानकार मानते हैं कि ईरान-अमेरिका के बीच तनाव का खामियाज उन ईरानी नागरिकों को भुगतना पड़ सकता है जो अमेरिका आना चाहते हैं।

वॉशिंगटन-स्टेट ऑफ द काउंसिल ऑन द अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस के कार्यकारी अध्यक्ष माशिह फौलादी ने कहा कि लोग आठ से 11 घंटे तक इंतजार करते रहे। अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पर सीमा पार करने वाले सभी ईरानियों से उनके परिवार के सदस्यों के नाम लिखवाए गए, ईमेल देने के लिए कहा गया, सोशल मीडिया की जानकारी ली गई।’’

ईरानी-अमेरिकियों को रोके जाने क निर्देश नहीं दिए गए
सीएनएन के मुताबिक, सोमवार को कर्मचारियों को भेजे गए एक संदेश में यूएस कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन फोर्स ने दोहराया कि ईरानी-अमेरिकियों को रोके जाने या उन्हें हिरासत में लेने के निर्देश नहीं दिए गए थे। अधिकारियों को वहां सतर्क रहने और स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए कहा गया था। होमलैंड सिक्युरिटी विभाग (डीएचएस) के कार्यवाहक सचिव चाड वुल्फ ने कहा कि डीएचएस हाल के तनाव के माहौल को देखते हुए सतर्कता के साथ काम कर रहा है।

सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि अधिकारियों ने ईरानी-अमेरिकियों को हिरासत में लिया है और अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया है। इस पर कस्टम विभाग ने कहा कि शनिवार की शाम को ब्लेन, वॉशिंगटन पोर्ट पर प्रवेश के लिए लोगों को दो-दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। क्योंकि हॉलीडे सीजन में कई स्टाफ छुट्टी पर थे। विभाग ने उन रिपोर्टों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि ईरानियों से उनके राजनीतिक विचार पूछे जा रहे हैं।

सेकंडरी निरीक्षण के लिए लोगों से पूछताछ की जाती है: पूर्व अधिकारी
नेशनल ईरानियन अमेरिकन काउंसिल (एनआईएसी) के नीति निदेशक रयान कोस्टेलो के अनुसार, इस मामले को लेकर की गई शिकायत की गई है, जिसकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग समीक्षा कर रहा है। वहीं, पूर्व अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा के कमिश्नर गिल किरलिकोव्स्के ने कहा कि कस्टम एंड बॉर्डर प्रटेक्शन में सेकंडरी निरीक्षण के लिए लोगों को एक तरफ ले जाकर पूछताछ की जाती है। पूछताछ का यह मतलब नहीं है कि उनका अमेरिका में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।

वॉशिंगटन के गवर्नर ने स्थिति को चिंताजनक बताया
वॉशिंगटन के गवर्नर जे. इंसली ने इस स्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने एक बयान में कहा- हम कभी नहीं भूल सकते कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी-अमेरिकियों को वॉशिंगटन राज्य में हिरासत में लिया गया था। उनके संवैधानिक और नागरिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया था। यह भय और विभाजन का नया युग नहीं बन सकता। जयपाल ने सोमवार को कहा कि उनका कार्यालय इस मामले को देख रहा है।

सुलेमानी की मौत के बाद से ईरान-अमेरिका में तनाव
बीते हफ्ते से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश के बाद शुक्रवार (3 जनवरी) को इराक की राजधानी बगदाद में एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला किया गया था, जिसमें ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। इसके बाद से ही पश्चिम-एशिया में तनाव का माहौल है। दोनों देशों के नेताओं के बीच बयानबाजी जारी है। इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमले भी किए गए, जिसे लेकर अमेरिकी ने भी चेतावनी जारी की है।



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वॉशिंगटन में डेमोक्रेटिक सांसद प्रमिला जयपाल (बाएं) के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईरानी-अमेरिकन नेगा हेकमती।

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