Saturday, January 4, 2020

बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 53 की मौत; क्लाउड सीडिंग से बारिश रोकने की कोशिश, 1.70 लाख लोगों ने आश्रय गृहों में शरण लिया January 03, 2020 at 11:04PM

जकार्ता. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में बारिश रोकने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए बादलों में केमिकल इंजेक्ट करने के लिए दो विमानों को भेजा गया है।नए साल की पूर्व संध्या से हो रही भीषण बारिश के कारण जकार्ता और आसपास के जिलों में बाढ़ और भूस्खलन की समस्या हो गई है। आपदा से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है। 1 लाख 70 हजार लोगों ने आश्रय गृहों में शरण लिया है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, बादलों को जकार्ता पहुंचने से पहले ही कृत्रिम बारिश कराने की योजना है। उधर, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने जकार्ता से दबाव कम करने के लिए देश की राजधानी बोर्नियो द्वीप पर ले जाने की घोषणा की है। जकार्ता में आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है।

आश्रय गृहों में साफ पानी की कमी

राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के प्रवक्ता अगुस विबोवो ने शनिवार कोकहा कि बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालोंकी संख्या बढ़ सकती है। हम अभी और शव खोजने में लगे हैं। एक शरणार्थी ने कहा कि हमें आश्रय गृहों में साफ पानी की बेहद जरूरत है।

घरों में कीचड़ भरे

अधिकारियों ने कहा कि लोगों के घरों में कीचड़ भर गए हैं। सड़कों पर पानी भरा हुआ है। सैकड़ों जिलों में बिजली काट दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हेपेटाइटिस-ए, डेंगू बुखार और अन्य बीमारियों से लोगों को बचाने के लिए 11 हजार स्वास्थ्य कर्मियों और सैनिकों को लगाया गया है। वे लोगों को दवा, स्वच्छता किट और भोजन वितरित करने में लगे हैं।

2013 में बाढ़ से 15 लोग मारे गए थे
इससे पहले 2013 में बाढ़ से जकार्ता में करीब 15 लोग मारे गए थे। वहीं, 2007 में आई भीषण बाढ़ में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।



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जकार्ता में पिता, बेटी और बेटे के साथ सुरक्षित स्थान पर जाता परिवार।

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