Thursday, December 19, 2019

जयशंकर ने कहा- ट्रम्प प्रशासन जो अखबार में पढ़ रहा था, मैंने उससे ज्यादा स्पष्ट तस्वीर पेश की December 19, 2019 at 08:47PM

वॉशिंगटन. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संसद के उच्च सदन (सीनेट) में फॉरेन रिलेशन कमेटी के सामने नागरिकता संशोधन कानून पर अपना पक्ष रखा। जयशंकर ने कहा, “ट्रम्प सरकार ने मुझसे नागरिकता संशोधन कानून पर अपना नजरिया पेश करने के लिए कहा। उनके अफसर जो अखबार में पढ़ रहे थे, मैंने कानून की उससे भी स्पष्ट तस्वीर उनके सामने पेश की।” भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 बैठक में नेताओं के बीच नागरिकता कानून पर बातचीत नहीं हुई।

‘भारत अपने सहयोगी चुनने के लिए आजाद’

जयशंकर के मुताबिक, सीनेट में अमेरिका के वीजा नियमों और काट्सा (व्यापार प्रतिबंध) कानून पर भी चर्चा हुई। अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर व्यापारिकप्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है। जयशंकर ने इसके खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए कहा, “भारत कई अलग-अलग देशों से अपने हथियार खरीदता है। हमने हमेशा इस मामले में लचीलापन रखा है। हम अपने सहयोगी चुनने के लिए आजाद हैं। इसलिए लोगों को समझने की जरूरत है कि हमारी जरूरतें क्या हैं।”

ट्रम्प ने जयशंकर-राजनाथ से मिलने के लिए प्रोटोकॉल तोड़ा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से जयशंकर और राजनाथ की मुलाकात पहले से तय नहीं थी। हालांकि, दोनों नेता राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे।ट्रम्प ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए दोनों नेताओं के साथ ओवल ऑफिस में करीब 30 मिनट तक बैठककी।आमतौर पर राष्ट्राध्यक्ष दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष के साथ ही बैठक करते हैं। अमेरिका में इससे पहले करीब 15 साल पहले राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने तत्कालीन विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा को व्हाइट हाउस में बैठक के लिए आमंत्रित किया था।

विदेश मंत्री ने ट्रम्प के सामने भारतीय प्रोफेशनल्स के लिए एच-1बी वीजा के मुद्दे पर बात की। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के लिए एच-1बी वीजा की अहमियत समझाते हुए कहा कि अमेरिका को भारत से आने वाली प्रतिभाओं को नहीं रोकना चाहिए, क्योंकि यह आर्थिक सहयोग के लिए अहम है। यह दोनों देशों के बीच कूटनीतिक पुल के तौर पर काम करता है।वीजा के बदले नियमों का भारतीयों परप्रभाव नहीं पड़ना चाहिए और कोई भी बेवजह का कानून उन्हें रोकने के लिए नहीं बनाया जाना चाहिए।

भारतीय सांसद से मुलाकात रद्द, जयशंकर बोले- मिलने की जरूरत नहीं थी
जयशंकर ने सीनेट में चर्चा के बाद मीडिया से बातचीत की। यहां उनसे भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल के साथ बैठक रद्द करने पर सवाल किया गया। दरअसल, जयपाल ने कुछ ही दिन पहले अमेरिकी संसद में कश्मीर में प्रतिबंध हटाने को लेकर प्रस्ताव पेश किया था। वॉशिंगटन पोस्ट ने 2+2 मीटिंग से ठीक पहले रिपोर्ट में कहा था कि भारत के लिए कश्मीर संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए भारतीय विदेश मंत्रालय ने जयपाल से मुलाकात रद्द करने का फैसला किया।

इसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि जम्मू-कश्मीर के हालात पर सांसद प्रमिला जयपाल की रिपोर्ट ठीक थी। सरकार कश्मीर में क्या कदम उठा रही है, उन्हें इसकी समझ नहीं है। इसलिए मुझे उनसे मिलने की कोई जरूरत महसूस नहीं हुई।



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वॉशिंगटन में भारत-अमेरिका 2+2 बैठक के दौरान राजनाथ सिंह और एस जयशंकर।

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