अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोनावायरस को लेकर चीन पर एक और बेहद गंभीर आरोप लगाया है। ट्रम्प ने कहा- इसमें कोई शक नहीं कि कोरोनावायरस चीन से आया। वो चाहता तो इसे रोक सकता था। उसे यही करना भी चाहिए था। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया।
ट्रम्प ने फरवरी में ही आरोप लगाया था कि कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर की लैब से निकला। अप्रैल और इसके बाद उन्होंने अपने यह आरोप दोहराए थे।
चीन संक्रमण रोकना ही नहीं चाहता था
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रम्प चीन को लेकर काफी सख्त दिखे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने साफ कहा, “इसमें कोई शक नहीं कि कोरोनावायरस चीन से ही निकला। उन्हें इसे बाहर नहीं निकलने देना चाहिए था। इसे वहीं रोक लेना था। और चीन यह काम आसानी से कर सकता था। लेकिन, वे इसे रोकना नहीं चाहते थे। इसका नतीजा अब दुनिया देख रही है।”
अमेरिका के पास सबूत
ट्रम्प पहले भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि वायरस वुहान के लैब से निकला और अमेरिका के पास इसके सबूत हैं। उन्होंने फिर इसी बात को दोहराया। कहा, “हम कुछ और रिपोर्ट्स का इंतजार कर रहे हैं। आज ये वायरस यूरोप, अमेरिका और पूरी दुनिया को चपेट में ले चुका है। चीन में ट्रांसपेरेंसी जैसी कोई चीज नहीं है। ये किसी के लिए अच्छी बात नहीं हो सकती।”
फ्रांस और मिस्र के राष्ट्रपति से चर्चा
मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रम्प ने बताया कि कुछ देर पहले उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी से बातचीत की है। ट्रम्प ने कहा, “इस हफ्ते मैंने दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत की है। महामारी से निपटने में हम सब साथ हैं। दुनिया के जिन देशों को जरूरत है, हम उन्हें वेंटीलेटर्स दे रहे हैं।”
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