मंगलवार सुबह अगवा किए गए पाकिस्तानी जर्नलिस्ट मतीउल्लाह जेन देर रात सुरक्षित घर लौट आए। अब तक यह साफ नहीं हो सका कि जेन को किसने और क्यों किडनैप किया था, और फिर किन शर्तों पर उन्हें रिहा किया गया। मतीउल्लाह की किडनैपिंग से बवाल हो गया था। कुछ विदेशी डिप्लोमैट्स ने भी उनकी फौरन सुरक्षित रिहाई की मांग की थी।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अगवा किए जाने वाले दिन ही जेन को सुप्रीम कोर्ट में एक अहम गवाही देनी थी। यह मामला इमरान खान सरकार के खिलाफ चल रहा है।
कैसे हुआ था अपहरण
मंगलवार सुबह करीब 9 बजे मतीउल्लाह इस्लामाबाद के एक सरकारी स्कूल पहुंचे थे। यहां करीब 10 लोग अचानक उन पर हमला बोल देते हैं। इनमें से कुछ फौजी वर्दी तो कुछ सिविल ड्रेस में थे। जेन को एक ब्लैक कार में डालकर ये लोग गायब हो जाते हैं। स्कूल के गेट पर लगे सीसीटीवी फुटेज में घटना कैद हो जाती है। हालांकि, फुटेज बहुत साफ नहीं थे।
दबाव में सरकार
जेन के अगवा होने की खबर के साथ ही हर तरफ विरोध होना शुरू होता है। न्यायपालिका और राजनीति तो अपनी जगह कनाडा के एम्बेसडर तक ट्वीट करते हैं। सरकार पर दबाव बढ़ जाता है। दबे सुरों में ही सही, लेकिन इसे सेना और आईएसआई की साजिश बताया जाता है।
जेन पर तवज्जो क्यों
इसको लेकर अलग-अलग दावे हैं। लेकिन, दो पर फोकस ज्यादा है। पहला केस जस्टिस ईसा से जुड़ा है। उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से शिकायत में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की कुछ अंदरूनी बातें लीक की जा रही हैं और उनकी इमेज खराब की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के बाद जेन को कोर्ट की अवमानना का आरोपी बनाया। जस्टिस ईसा के कुछ फैसलों पर इमरान सरकार ने नाखुशी जाहिर की थी। जेन को इसी मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में गवाही के लिए पेश होना था।
सरकार और फौज से दुश्मनी
सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें हैं कि फौज और सरकार से जुड़ी कुछ खास जानकारियां मतीउल्लाह के पास थीं। किडनैपिंग के वक्त उन्होंने अपना मोबाइल फेंक दिया था। लेकिन, एक किडनैपर ने इसे फौरन उठा लिया। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने होम सेक्रेटरी और तमाम आला अधिकारियों से कहा था- जर्नलिस्ट जल्द और सुरक्षित रिहा होना चाहिए। वरना आपको नतीजे भुगतने होंगे।
हर जगह विरोध
विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने जेन के जल्द रिहाई की मांग की। संसद में मामला उठा। विपक्षी सांसद शेरी रहमान ने कहा- सरकार बताए कि जेन को किसने, क्यों और किसके कहने पर अगवा किया। वो ऐसे क्या राज जानते हैं? इमरान सरकार चुप रही। शहबाज शरीफ ने कहा था- अगर जेन को कुछ हुआ तो प्रधानमंत्री इमरान खान जिम्मेदार होंगे। इमरान के घोर विरोधी मौलान फजल-उर-रहमान ने कहा- यह सरकार के इशारे पर हुआ। कनाडा और जर्मनी के राजदूतों ने भी ट्वीट किए।
फिर, नाटकीय रिहाई
जियो न्यूज के मुताबिक, मंगलवार रात 11 बजे जेन को इस्लामाबाद के सुनसान इलाके फतेह जंग में छोड़ा गया। उनका फोन वापस नहीं किया गया है। यहां से वह घर पहुंचे। अब तक उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें किन लोगों ने और क्यों अगवा किया था। मुल्क के नामी टीवी एंकर मीर मो. अली खान ने कहा- आईएसआई के खिलाफ आवाज उठाने का खामियाजा मतीउल्लाह को भुगतना पड़ा। जर्मन वेबसाइट और रेडियो डॉयचे वेले ने कहा- जेन ने सरकार और फौज के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसलिए, उन्हें अगवा किया गया। बुधवार को जेन ने रिहाई के लिए किए गए प्रयासों और समर्थन के लिए कई लोगों का शुक्रिया अदा किया।
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