अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान अब भी आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। बुधवार को यह रिपोर्ट संसद के सामने पेश की गई। इसके मुताबिक, अफगानिस्तान में हमलों के लिए जिम्मेदार तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन जारी है। यहां हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन खुलेआम काम कर रहे हैं।
अफगानिस्तान और भारत को खतरा
‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेरेरिज्म 2019’ में कहा गया है- पिछले साल पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों को मिलने वाली फंडिंग और इन्हें काबू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। फरवरी में आतंकी गुटों ने भारत के पुलवामा में बड़ा हमला किया था। पाकिस्तान अब तक उन टेरर ग्रुप्स के खिलाफ सख्ती दिखाने में नाकाम रहा है जो भारत और अफगानिस्तान के लिए खतरा हैं।
एक्शन प्लान पर काम करे पाकिस्तान
रिपोर्ट में आगे कहा गया है- 2015 में पाकिस्तान ने आतंकियों पर कार्रवाई के लिए एक्शन प्लान बनाया था। इसमें कहा गया था कि हर संगठन को खत्म किया जाएगा। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर दिखावे की कार्रवाई हुई। लेकिन, जैश के सरगना मसूद अजहर और साजिद मीर अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। इनकी हिफाजत सरकार ही कर रही है।
मदरसों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं
पाकिस्तान में मदरसों का कट्टरता का गढ़ माना जाता रहा है। रिपोर्ट में इसका जिक्र है। इसके मुताबिक- 2015 के एक्शन प्लान में कहा गया था कि मदरसों पर सरकार नजर रखेगी। इनके लिए नियम बनाए जाएंगे। लेकिन, हकीकत यह है कि अब तक कई मदरसों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं किया गया। मदरसे ये भी नहीं बताते कि उन्हें फंडिंग कहां से मिलती है। यहां जो विदेशी आते हैं, उनके वीजा और बाकी जांच भी नहीं की जाती।
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