Wednesday, May 20, 2020

एकांत के लिए 7500 रु. प्रति घंटे के हिसाब से कमरे ले रहे लोग; घरवालों से दूर रहने के लिए इस्तेमाल कर रहे May 20, 2020 at 02:38PM

कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन या क्वारैंटाइन में फंसे अमेरिकी अब एकांत की तलाश में हैं। इसके लिए वे प्रति घंटे के हिसाब से 7500 रुपए तक कमरे का किराया चुका रहे हैं।विभिन्न कामों के लिए बड़े-बड़े ब्रांड्स की सेवाएं ले चुके लोग अब प्राइवेसी के लिए इस ऐप से मदद ले रहे हैं।

कई लोग तो सिर्फ घर वालों से कुछ घंटों के लिए दूर रहने के लिए इस सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें ग्लोब ऐप सबसे मशहूर है, जिसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इस ऐप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को, मियामी जैसे इलाकों में हो रहा है।

भीड़-भाड़ से बचने के लिए कमरे किराए पर ले रहे

लोग पत्नी के दफ्तर की वीडियो मीटिंग के दौरान उसे प्राइवेसी देने, रूम पार्टनर को आराम देने, दफ्तर के दौरान फ्रेश होने या आराम करने, भीड़-भाड़ से बचने और यहां तक कि परिवार से कुछ समय तक दूर रहने के लिए भी इन कमरों को किराए पर ले रहे हैं। इसके तहत लोग अपने आस-पास के इलाकों या वॉकिंग डिस्टेंस पर मौजूद अपार्टमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं।

कोई भी कमरा रातभर के लिए नहीं दिया जाता

इसके लिए आपको ऐप पर अपनी जरूरत बतानी होती है। साथ ही यह भी बताना होता है कि आपको बुखार, खांसी या कोरोना नहीं है। इसके अलावा शरीर का मौजूदा तापमान लेकर थर्मामीटर की फोटो भी अपलोड करनी होती है। इसके बाद आपको रूम उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन कोई भी कमरा रात भर के लिए नहीं दिया जाता।

ब्रिटनी ने फ्यूचर प्लानिंग के लिए कमरा किराए पर लिया

32 साल की ब्रिटनी गायन बताती हैं,‘मैं ब्रुकलिन में अपने बॉयफ्रेंड से शादी करने वाली हूं। ऐसे में हमने भविष्य की प्लानिंग के लिए 2 घंटे के लिए कमरा किराए पर लिया था। इससे क्वारैंटाइन की मुसीबत से भी छुटकारा मिला।’

ऐसे ही वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी की छात्रा बताती हैं,‘मैं अपने एंटी-बैक्टीरियल वाइप्स लेकर रूम पर गई थी। सबसे पहले दरवाजे की नॉब, लाइट स्विच और अपार्टमेंट को सैनिटाइज किया, उसके बाद 45 मिनट तक महत्वपूर्ण काम और कॉल किए। एक घंटा जमकर आराम किया। यह वाकई बेहतरीन अनुभव है।’

नौकरीपेशा लोगों के लिए शुरू किया गया था ऐप
ग्लोब ऐप को दो दोस्त 30 साल के इमैन्युएल बाम्फो और 36 साल के एरिक झू ने जून 2019 में शुरू किया था। इसे नौकरीपेशा लोगों के लिए शुरू किया गया था, ताकि शहर में घर से दूर या दफ्तर में रहने के दौरान कुछ देर आराम के लिए जगह दे सकें। लेकिन,कोरोना काल में लोग एकांत के लिए इन कमरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लोग एक घंटे के लिए करीब 7500 रुपए तक चुका रहे हैं।



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आपको ऐप पर अपनी जरूरत बतानी होती है। साथ ही यह भी बताना होता है कि आपको बुखार, खांसी या कोरोना नहीं है।

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