Sunday, April 19, 2020

पहले मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर ब्रूनो ने कहा- मैं आज भी सोचता हूं, उसने हमें सबसे दूर कर दिया... April 19, 2020 at 07:39AM

इटली में पहले कोरोना मरीज का इलाज करने वाले डॉ. रफेल ब्रूनो सैन माटेओ हॉस्पिटल में इंफेक्शन डिसीज विभाग के प्रमुख हैं। पेरिस में रहते हैं। पहले मरीज को उन्होंने पेशेंट-1 नाम दिया है। डॉ. ब्रूनो आज भी उसके और भविष्य की दुनिया के बारे में सोच रहे हैं।

डॉ. ब्रूनो ने बताया- इटली में कोरोना का पहला मरीज 38 साल का था, जो दक्षिणी मिलान के कोडोग्नो से आया था। उसमें फ्लू जैसे लक्षण थे। उसकी हालत तेजी से बिगड़ रही थी। हमने टेस्ट किए और 20 फरवरी को वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। अगले कुछ दिनों कोडोग्नो और आसपास के इलाकों में लॉकडाउन हो गया औऱ उसके अगले कुछ हफ्तों में पूरे इटली में यह जानलेवा वायरस फैल गया।

डॉ. ब्रूनो कहते हैं कि मैंउस मरीज का पूरा नाम नहीं बता सकता, इसलिए उसे पेशेंट-1 कहूंगा। हालांकि, उसका पहला नाम माटिया था। कुछ हफ्ते वेंटिलेटर में रहने के बाद वह 22 मार्च को घर भी चला गया। उसने हमें सिखाया कि जानलेवा बीमारी से कैसे ठीक हुआ जाता है। जब वह हॉस्पिटल में था, तो उसके पिता कोविड-19 से गुजर गए। उसकी पत्नी, जो 8 माह के गर्भ से थी, वह भी पॉजिटिव पाई गई। बाद में वह भी ठीक हो गई।

जीवन और मृत्यु, दर्द और राहत की कहानी

उन्होंने कहा किआधिकारिक रूप से इटली में कोरोना लाने वाला मरीज 25 जनवरी को जर्मनी से आया था, लेकिन मैं दोनों को पेशेंट वन और पेशेंट जीरो कहूंगा। माटिया ठीक जरूर हो गया, लेकिन मैं उससे जु़ड़े अनुभव को पाथोस की कहानी की तरह लेता हूं, जिसमें जीवन-मृत्यु और दर्द-राहत एक-दूसरे से जुड़े थे। आज जब मैं पेरिस के अपने अपार्टमेंट में उस पेशेंट-1 के बारे में सोचता हूं तो लगता है कि उसने हमें ये तो सिखाया कि बीमारी से उबरना कैसे है, लेकिन उसने उन लोगों से दूर भी कर दिया, जिन्हें हम प्यार करते हैं। अब हम आगे रहकर किसी की भी मदद करने से हिचकिचाएंगे, उनसे दूर रहना चाहेंगे। न चाहते हुए भी ये अब हमारी आदत बन जाएगी। असल में, यही वो कीमत है जो हमें चुकानी होगी।



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इटली में पहले कोरोना मरीज का इलाज करने वाले डॉ. रफेल ब्रूनो सैन माटेओ हॉस्पिटल में इंफेक्शन डिसीज विभाग के प्रमुख हैं।

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