Wednesday, February 19, 2020

आतंकवाद के खिलाफ भारत, चीन और अमेरिका साथ- एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा पाकिस्तान February 19, 2020 at 04:26PM

पेरिस. आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करने वाले पाकिस्तान का साथ उसके सदाबहार दोस्त चीन ने भी छोड़ दिया है। पेरिस में चल रही एफएटीएफ की मीटिंग में चीन ने भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूरोपीय देशों का साथ दिया। इन सभी देशों ने एक सुर में पाकिस्तान से कहा कि उसे टेरर फंडिंग और आतंकी सरगनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी ही होगी। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से सामने आई।
अब यह तय हो चुका है कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा। इसकी औपचारिक घोषणा आज यानी गुरुवार को की जा सकती है।

जून में फिर होगी समीक्षा
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की अगली बैठक जून में होगी। इसमें पाकिस्तान सरकार द्वारा टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी सरगनाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई की गहन समीक्षा होगी। यानी अगले चार महीने पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा। अगर इस दौरान उसने एफएटीएफ की मांगों को पूरा नहीं किया तो वो ग्रे से ब्लैक लिस्ट में आ जाएगा।

चीन ने चौंकाया
पाकिस्तान को लेकर चीन का नया कदम हैरान करने वाला है। एफएटीएफ की अब तक हुई हर मीटिंग में चीन ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने की मांग की थी। इस बार उसने ऐसा नहीं किया। माना जा रहा है कि चीन पर अमेरिका और भारत के साथ ही यूरोप और खाड़ी देशों खासकर सऊदी अरब का दबाव था। एकमात्र तुर्की ऐसा देश था जिसने पाकिस्तान का पक्ष लिया और उसे ग्रे लिस्ट से बाहर किए जाने की मांग की।

मोदी और जिनपिंग के बीच बनी थी सहमति
पिछले साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे। महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी बातचीत हुई थी। मुलाकात के बाद जारी साझा बयान में कहा गया था- आतंकवाद इस क्षेत्र के लिए सामूहिक खतरा है। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। भारत और चीन के एशिया के दो बड़े देश हैं। भारत ने हर मंच से आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद की है। पिछले साल यूएन में सिर्फ मलेशिया और तुर्की ने पाकिस्तान का कश्मीर मुद्दे पर समर्थन किया था।

अब दबाव ज्यादा होगा
एफएटीएफ की इस मीटिंग के बाद पाकिस्तान पर दबाव बहुत ज्यादा होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, संगठन ने उसे 13 प्वॉइंट्स का एक्शन प्लान दिया है। इसे हर हाल में जून तक पूरा करना होगा। अगली बैठक में इसकी गहन समीक्षा होगी। अगर एफएटीएफ पाकिस्तान की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता तो उसका ब्लैक लिस्ट होना लगभग तय हो जाएगा। पाकिस्तान को अपने यहां मौजूद आतंकी सरगनाओं पर भी सख्त और पारदर्शी कार्रवाई करनी होगी।



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पाकिस्तान सरकार को जून में एफएटीएफ के समक्ष आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। (फाइल)

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