Monday, February 10, 2020

ट्रम्प के भारत दौरे से पहले फैसला, हिंद-प्रशांत क्षेत्र को चीन के प्रभाव से बचाने के लिए 10 हजार करोड़ रु. प्रस्तावित February 10, 2020 at 06:46PM

वॉशिंगटन. ट्रम्प प्रशासन ने वित्त वर्ष 2021 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए 1.5 अरब डॉलर (करीब 10 हजार करोड़ रु.) प्रस्तावित किए हैं। व्हाइट हाउस ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम हिंद-प्रशांत क्षेत्र को चीन के बुरे प्रभाव से बचाने और उसकी स्वतंत्रता तय करने के लिए उठाया गया है।

व्हाइट हाउस ने बजट में इस खर्च का प्रस्ताव रखते हुए कहा, “हिंद-प्रशांत क्षेत्र जहां दुनिया की करीब आधी जनसंख्या और सबसे तेज उभरती अर्थव्यवस्थाएं मौजूद हैं, उसकी सुरक्षा अमेरिका के हितों लिए अहम है। बजट के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर 1.5 अरब डॉलर खर्च किए जाएंगे। यह फंडिंग अलग-अलग देशों में लोकतांत्रिक कार्यक्रम शुरू करने, सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने, आर्थिक शासन सुधारने और अर्थव्यवस्था के विकास में मदद करेगी।”

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनकर्ज से बचाने के लिए भी प्रस्ताव

इस पूरे बजट में से 3 करोड़ डॉलर (करीब 21 करोड़ रुपए) क्षेत्र के बारे में चीन की तरफ से फैलाए गए प्रोपेगंडा और गलत जानकारी का मुकाबला करने के लिए खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा 80 करोड़ डॉलर (करीब 5700 करोड़ रुपए) इस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर डेवलपमेंट के लिए खर्च किए जाएंगे। ताकि यहां मौजूद देशों को चीन के महंगी और लुटेरी कर्ज नीतियों का विकल्प दिया जा सके।

बजट प्रस्ताव में पेंटागन ने आरोप लगाया है कि चीन लगातार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूद देशों की स्वायत्ता का उल्लंघन करने में जुटा है। इसके साथ ही वह दूसरे देशों में बेल्ट एंड रोड कार्यक्रम के तहत निवेश कर अपना नियंत्रण बढ़ाना चाहता है। पेंटागन के मुताबिक, उसका रक्षा विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस) लगातार दूसरे देशों के साथ मजबूत साझेदारी बनाने में जुटा है। भारत के साथ मिल कर डीओडी सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है। इसी के तहत दोनों देशों ने ‘टाइगर ट्रायंफ’ नौसैन्य अभ्यास शुरू किए हैं।



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