Sunday, August 16, 2020

राजधानी मिंस्क में राष्ट्रपति लुकाशेंको के इस्तीफे की मांग के साथ 2 लाख लोग सड़कों पर उतरे, रूस ने कहा- हम बेलारूस को सैन्य मदद देने को तैयार August 16, 2020 at 07:39PM

बेलारूस में एक हफ्ते पहले चुनावों में जीत हासिल करने वाले राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। राजधानी मिंस्क में रविवार को करीब 2 लाख लोगों ने सड़कों पर उतरकर उनके इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि लुकाशेंकों ने चुनावों में धांधली कर सत्ता हासिल की है। यहां बीते सात दिनों से लुकाशेंकों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। अब तक दो प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है और हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इस हफ्ते दो बार लुकाशेंको से फोन पर बात की है। उन्होंने लुकाशेंको को मदद का भरोसा दिलाया है। पुतिन ने कहा है कि हम जरूरत पड़ने पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत बेलारूस को सैन्य मदद करने के लिए तैयार हैं। देश पर बाहर से दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि, यह नहीं बताया कि आखिर यह दबाव कहां से बनाया जा रहा है।

लुकाशेंकों का आरोप- नाटो मेरी सरकार गिराने की कोशिश में

लुकाशेंको बेलारूस में 20 साल से ज्यादा समय से राष्ट्रपति हैं। उन्हें बेलारूस का आखिरी तानाशाह भी कहा जाता है। अपने खिलाफ प्रदर्शन तेज होने के बाद लुकाशेंको ने नाटो( नार्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गनाइजेशन) पर अपनी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। लुकाशेंको ने कहा है कि नाटो मेरी सरकार गिराना चाहता है। इसने बेलारूस की सीमा से सटे जगहों पर अपने तोप और फाइटर जेट तैनात किए हैं। हालांकि, नाटो ने इस बात से इनकार किया है। नाटो ने कहा है कि बेलारूस के घटनाक्रम पर हमारी नजर है लेकिन, हमारी सेना की तैयारियों से जुड़े दावे बेबुनियाद हैं।

यूरोप के आखिरी तानाशाह कहे जाते हैं लुकाशेंको

रूस की पश्चिमी सीमा से सटा बेलारूस 25 अगस्त 1991 को सोवियत संघ से अलग होकर आजाद देश बना था। इसके बाद संविधान बना और जून 1994 को पहला राष्ट्रपति चुनाव हुआ। राष्ट्रपति बने अलेक्जेंडर लुकाशेंको। 1994 से लेकर अब तक पांच बार चुनाव हो चुके हैं। राष्ट्रपति अभी भी लुकाशेंको ही हैं। लुकाशेंको को एक डिक्टेटर यानी तानाशाह के तौर पर देखा जाता है। उन पर हर बार चुनावों में गड़बड़ी कराने के आरोप लगे हैं।

क्यों बेलारूस का साथ दे रहे पुतिन

रूस में ईंधन पहुंचाने वाली पाइपलाइन बेलारूस से होकर गुजरती है। रूस बेलारूस को नाटो के खिलाफ अपना बफर जोन मानता है। रूस नहीं चाहता कि उसकी बेलारूस पर पैठ कम हो। अगर देश में लुकाशेंको की सत्ता पलट होती है तो रूस को नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही रूस और बेलारूस के बीच आपसी मदद के समझौते भी हुए हैं। माना जा रहा है कि इन वजहों से ही पुतिन लुकाशेंको और बेलारूस का साथ दे रहे हैं।

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बेलारूस की राजधानी मिंस्क में रविवार को राष्ट्रपति लुकाशेंकों के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग। प्रदर्शनकारी लाल और सफेद रंग का झंडा लहराते नजर आए।

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