अमेरिका और चीन के रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है। डोनाल्ड ट्रम्प के मुताबिक, अमेरिका अब चीन के कुछ और डिप्लोमैटिक मिशन यानी दूतावास बंद कर सकता है। ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन ने ह्यूस्टन में चीनी कॉन्स्युलेट शुक्रवार शाम चार बजे तक बंद करने के आदेश दिए हैं। अमेरिका का आरोप है कि यहां मंगलवार रात कुछ संवेदनशील दस्तावेज जलाए गए थे।
दूसरी तरफ, चीन ने अमेरिका के इस कदम को गलत और भड़काने वाला करार दिया। उसने कहा कि वो जल्द ही इस हरकत का जवाब देगा।
ट्रम्प ने क्या कहा
बुधवार शाम व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रम्प से चीन के बारे में सवाल किया गया। उन्होंने कहा, “जहां तक कॉन्स्युलेट बंद करने का सवाल है तो हम अमेरिका में दूसरी जगहों पर भी ऐसा कर सकते हैं।” इसके पहले ट्रम्प चीन पर कोरोनावायरस महामारी न रोकने का आरोप लगा चुके हैं। ट्रम्प ने सोमवार को कहा था- चीन चाहता तो आसानी से संक्रमण रोक सकता था। लेकिन, उसने ऐसा नहीं किया क्योंकि वो दुनिया की मजबूरी का फायदा उठाने की साजिश रच रहा था।
अब दो कॉन्स्युलेट बंद
ह्यूस्टन के बाद अमेरिका ने टेक्सॉस में भी चीनी कॉन्स्युलेट बंद करने के आदेश दिए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने इस बारे में एक बयान जारी किया। ऑर्डर की एक कॉपी चीन को भेजी जा चुकी है। बयान में कहा गया- पिछले कुछ साल में चीन के कॉन्स्युलेट अमेरिका में जासूसी करते पाए गए हैं। इसके अलावा भी गैर कानूनी चीजें की जाती रही हैं। अमेरिका इन्हे सहन नहीं कर सकता।
चीन की धमकी
दो कॉन्स्युलेट बंद होने के बाद चीन ने अमेरिका को जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा- यह कदम सियासी वजहों से उठाया गया है। हम इसकी निंदा करते हैं। हम इसका उचित जवाब देंगे। अमेरिका को फौरन अपना आदेश वापस लेना चाहिए। माना जा रहा है कि चीन अब अमेरिका का वुहान स्थित कॉन्स्युलेट बंद कर सकता है। वुहान वही शहर है जहां से कोरोनावायरस दुनिया में फैला।
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