अमेरिका और चीन के रिश्ते बेहद तल्ख दौर में पहुंचते जा रहे हैं। मंगलवार रात ह्यूस्टन स्थित चीनी कॉन्स्युलेट में हजारों डॉक्यूमेंट्स जलाए गए। इसके कुछ घंटे बाद अमेरिका ने चीन से 72 घंटे के अंदर इस कॉन्स्युलेट को बंद करने को कहा। इसकी जानकारी चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दी। अखबार के एडिटर ने इसे पागलपन करार दिया।
क्या हुआ था कॉन्स्युलेट में
मंगलवार रात करीब 8 बजे (लोकल टाइम) ह्यूस्टन के चीनी कॉन्स्युलेट के पिछले हिस्से में आग की लपटें और धुआं उठता दिखाई दिया। आसपास के लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दी। चंद मिनट में इनकी टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। लेकिन, इन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। कुछ देर बाद आग शांत हो गई।
वीडियो में क्या दिखा
कॉन्स्युलेट के नजदीक एक बिल्डिंग में रहने वाले व्यक्ति ने घटना का ऊपर से वीडियो बनाया। इसमें साफ नजर आ रहा है कि फायबर की कैरेट्स में दस्तावेज लाए जा रहे हैं। इन्हें आग में डाला जा रहा है। इसके कुछ ही देर बाद पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की टीमें यहां पहुंचती हैं। करीब रहने वाले लोग भी आ जाते हैं। किसी को अंदर नहीं जाने दिया जाता। कॉन्स्युलेट भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं देती।
शक क्या है
सोशल मीडिया पर शक जताया जा रहा है कि ये संवेदनशील दस्तावेज थे, इसलिए इन्हें जलाया गया। दोनों देशों के तल्ख होते रिश्तों और चीनी सरकार की हरकतों को देखते हुए इन आरोपों में सच्चाई भी हो सकती है। अगर, आग गलती से भी लगी तो फायर डिपार्टमेंट की टीम को इसे बुझाने के लिए अंदर क्यों नहीं आने दिया गया। अमेरिका ने भी सख्त रुख अपनाया। 72 घंटे में चीन को कॉन्स्युलेट बंद करने के आदेश दिए। शुक्रवार शाम चार बजे तक कॉन्स्युलेट बंद करनी होगी।
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