यूरोपीय यूनियन, ब्रिटेन और खाड़ी देशों के बाद अब मलेशिया ने भी पाकिस्तान के पायलटों पर बैन लगा दिया है। सीएएएम ने शुक्रवार देर रात जारी बयान में कहा- पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस यानी पीआईए के बारे में जो जानकारी सामने आई है, उससे हम चिंतित हैं। इन पायलटों को हम इसी वक्त से बैन कर रहे हैं।
सीएएएम के सीईओ कैप्टन चेस्टर वू ने कहा- हम इस मामले पर नजर रख रहे थे। पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने खुद संसद में माना है कि देश के 40% पायलटों के लाइसेंस फर्जी हैं। पाकिस्तान के 107 पायलट्स फॉरेन एयरलाइंस कंपनियों में काम करते हैं।
पैसेंसर सेफ्टी सबसे पहले
मलेशिया एविएशन अथॉरिटी ने बयान में आगे कहा- पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी के बारे में जो बातें आ रही हैं, उनके बारे में गंभीरता से सोचना जरूरी है। हाल के दिनों में कई देशों ने पीआईए और इसके पायलट्स पर बैन लगाया है। हम भी फौरन इनकी उड़ानों पर रोक लगा रहे हैं। हम अपने स्तर पर भी कुछ पायलटों के लाइसेंस की जांच करेंगे।
मुस्लिम देशों ने भी बैन लगाया
कुवैत, ईरान, जॉर्डन, यूएई जैसे देश पहले ही पीआईए और पाकिस्तानी पायलटों को बैन कर चुके हैं। इसके बाद वियतनाम और ब्रिटेन ने भी यही फैसला किया। अब इस लिस्ट में मलेशिया भी शामिल हो गया है।
कहां से शुरू हुआ बवाल
22 मई को कराची में पीआईए का प्लेन क्रैश हुआ। 25 जून को इसकी जांच रिपोर्ट संसद में पेश हुई। एविएशन मिनिस्टर ने कहा- हादसा पायलट्स की गलती से हुआ। वो कोरोना पर चर्चा में मशगूल थे। पीआईए में 860 पायलट हैं। 262 के लाइसेंस फर्जी होने का शक है। इनके उड़ान भरने पर रोक लगा दी गई है। दिवालिया होने की कगार पर खड़ी पीआईए की मुश्कलें अब बढ़ती जा रही हैं।
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