अमेरिका ने हॉन्गकॉन्ग में लागू किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का कड़ा विरोध किया है। कहा है कि वह चुपचाप नहीं बैठेगा और किसी भी परिस्थिति में चीन को हॉन्गकॉन्ग पर मनमाना कानून लागू कर उसकी आजादी छीनने नहीं देगा। वहीं, चीन ने विदेशी आलोचकों से कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है, कोई और इसमें टांग न अड़ाए।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा, “चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने हॉन्गकॉन्ग पर मनमाना और कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है। इससे हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता और आजादी खत्म हो जाएगी। इससे चीन की उपलब्धि भी नष्ट हो जाएगी।”
हॉन्गकॉन्ग के लोग बहुत कुछ हासिल कर सकते: अमेरिका
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, हॉन्गकॉन्ग ने दुनिया को दिखाया है कि स्वतंत्र चीनी लोग बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। हॉन्गकॉन्ग दुनिया में एक सफल अर्थव्यवस्था होने के साथ ही विभिन्नताओं वाला समाज होने जैसी मिसाल भी पेश करता है। इससे पहले अमेरिका ने हॉन्गकॉन्ग को डिफेंस इक्विपमेंट और टेक्नोलॉजी के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा की है।
हॉन्गकॉन्ग की स्वतंत्रता खतरे में
चीन की संसद ने मंगलवार को विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को पास कर दिया। इस कानून के खिलाफ हॉन्गकॉन्ग समेत दुनियाभर में आक्रोश है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों ने कानून का विरोध किया है। कहा जा रहा है कि चीन हॉन्गकॉन्ग पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए यह कानून लागू कर रहा है। आलोचकों का कहना है कि कानून से हॉन्गकॉन्ग की स्वतंत्रता खतरे में आ जाएगी।
हॉन्गकॉन्ग के लोग अब प्रोटेस्ट नहीं कर सकेंगे
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) के मुताबिक, इस कानून को नेशनल पीपुल्स कांग्रेस स्टैंडिंग कमेटी ने सभी सदस्यों की सहमति से पास किया। कानून के तहत हॉन्गकॉन्ग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध करने जैसी गतिविधियों के लिए दोषी व्यक्ति को अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान होगा।
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