गलवान हिंसक झड़प के बाद लगातार बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं के बीच मंगलवार को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत होगी है। यह बैठकलाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल में भारत की तरफचुशुल में होगी।इससे पहले एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि दोनो देशों के बीच हर हफ्ते बैठक की तैयारी है। बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अलावा सैन्य कमांडर भी शामिल होंगे।
चीन मारे गए अपने सैनिकों की चर्चा नहीं कर रहा
यह बैठक डब्ल्यूएमसीसी (वर्किंग मेकेनिज्म फॉर काउंसिलेशन एंड कोऑर्डिनेशन) के तहत होगी। पिछले हफ्ते भी डब्ल्यूएमसीसी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक हुई थी। सूत्रों के मुताबिक इस दौरान चीन ने 15 जून को गलवान वैली पर हुई हिंसक झड़प के दौरान मारे गए अपने सैनिकों की कोई चर्चा नहीं की। हालांकि, भारत पहले ही अपने शहीद हुए सैनिकों की संख्या बता चुका है, लेकिन चीन अभी तक चुप्पी साधे है।
इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं, चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने का अनुमान है।
भारत ने कहा था- चीन नए ढांचे बनाना बंद कर दे
गलवान झड़प और सीमा पर मौजूदा हालात के मद्देनजर भारत ने चीन को 26 जून को दो-टूक संदेश दिया था। भारत ने कहा है कि सीमा पर जैसे हालात थे, उन्हें बदलने की चीन की कोशिश का असर द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा। उसकी प्रतिक्रिया होगी। चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने कहा कि हालात को सुधारने के लिए चीन के पास अब केवल एक ही रास्ता है, वो नए ढांचे खड़े करना बंद कर दे।
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