पीआईए (पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस) के 150 पायलटों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी गई है। यह जानकारी इस सरकारी एयरलाइंस कंपनी ने खुद दी है। आरोप है कि इन पायलट्स के लाइसेंस फर्जी हैं। 22 मई को कराची में हुए प्लेन क्रैश की जांच रिपोर्ट बुधवार को संसद में पेश की गई। इस दौरान एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने कुछ हैरान कर देने वाले खुलासे किए।
खान के मुताबिक, पीआईए में 860 पायलट हैं। इनमें से 262 ऐसे हैं जिन्होंने पायलट बनने के लिए परीक्षा ही नहीं दी।
नेताओं के दबाव में नौकरी मिली
खान ने कराची प्लेन क्रैश की रिपोर्ट पेश करते हुए साफ तौर पर कहा- पीआईए में पायलटों के अपॉइंटमेंट सियासी दबाव और दखल के आधार पर होते रहे हैं। फरवरी 2019 में इसकी जांच शुरू हुई। इसमें पाया गया कि 262 पायलटों ने नौकरी पाने के लिए एग्जाम में अपनी जगह किसी और व्यक्ति को भेज दिया। इन पायलट्स के पास जरूरी फ्लाइंग एक्सपीरिएंस भी नहीं था। मुल्क की यह बदकिस्मती है कि एविएशन सेक्टर में भी सियासतदान दखल देते हैं।
अब एक्शन
पीआईए के प्रवक्ता अबदुल्ला खान ने पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ से कहा- हमने 150 पायलट्स के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। इनके लाइसेंस नकली होने का शक है। कुछ और पायलट्स के लाइसेंस की जांच चल रही है। अगर ये दोषी पाए गए तो फौरन बर्खास्त किए जाएंगे।
हालांकि, ये जांच कितनी कारगर होगी, ये कहा नहीं जा सकता। 2018 में एक क्रैश के बाद भी जांच कमेटी बनी थी। इसकी रिपोर्ट का रिपोर्ट भी आई लेकिन कार्रवाई क्या हुई, इसकी जानकारी नहीं है।
कराची प्लेन क्रैश के लिए पायलट जिम्मेदार थे
खान ने बुधवार को संसद में कहा था- कराची में पिछले महीने क्रैश हुए एयरक्राफ्ट में कोई टेक्निकल फॉल्ट नहीं था। क्रैश के लिए पायलट, केबिन क्रू और एटीसी जिम्मेदार थे। क्रैश के पहले पायलट कोरोनावायरस पर चर्चा कर रहे थे। इसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास है।इस क्रैश में 8 केबिन क्रू समेत 97 लोग मारे गए थे। 2 लोग बच गए थे। सरकारी एयरलाइंस में 40% पायलट्स के पास फर्जी लाइसेंस हैं।
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