चीन ने आर्थिक मोर्चे पर भी भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ रखा है। वह 2,848 वस्तुओं पर नॉन-टैरिफ बैरियर लगाता है। इसके चलते ये वस्तुएं चीन नहीं भेजी जा सकतीं। जबकि, भारत में 433 वस्तुओं के आयात पर ही बैरियर हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, विश्व व्यापार संगठन के नियमाें की वजह से कोई भी देश तय दर से अधिक टैरिफ नहीं लगा सकता। आयात कम करने के लिए ज्यादातर देश दो नॉन टैरिफ बैरियर लगाते हैं।
नाॅन टैरिफ बैरियर लगाने में भारत एशिया में सबसे पीछ
बैरियर | चीन | द. कोरिया | जापान | थाईलैंड | भारत |
टीबीटी | 1516 | 1036 | 917 | 809 | 172 |
एसपीएस | 1332 | 777 | 754 | 360 | 261 |
कुल | 2848 | 1813 | 1671 | 1169 | 433 |
चीन से स्टील उत्पाद के आयात पर एंटी डम्पिंग ड्यूटी लगाई
भारत ने चीन, वियतनाम और कोरिया से स्टील के कुछ उत्पादों के आयात पर एंटी डम्पिंग ड्यूटी लगाई है। इसका मकसद इन देशों से हो रहे सस्ते आयात से घरेलू निर्माताओं को बचाना है। तीनों देशों से आने वाले स्टील के फ्लैट रोल्ड प्रोडक्ट, एल्युमिनियम और जिंक की कोटिंग वाले रोल पर 5 साल के लिए एंटी डम्पिंग ड्यूटी लगाई गई है। इसकी रेंज 13.07 डॉलर प्रति टन से लेकर 173.1 डॉलर प्रति टन तक है।
वाणिज्य मंत्रालय की जांच विंग डीजीटीआर ने जांच में पाया था कि तीनों देश इन उत्पादों को बेहद कम दाम में भारत भेज रहे हैं। इस तरह होने वाली डम्पिंग से घरेलू निर्माताओं के हित प्रभावित हो रहे हैं। वैश्विक व्यापार के नियमों के अनुसार घरेलू निर्माताओं को बराबरी का मौका उपलब्ध करवाने के लिए कोई भी देश ऐसे उत्पादों पर एंटी डम्पिंग ड्यूटी लगा सकता है।
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