Sunday, May 3, 2020

भारतीय मूल के डॉक्टर ने कहा- कमजोर खानपान का वायरस से होने वाली मौतों से सीधा संबंध, भारतीय अपनी आदत जल्द सुधार लें May 03, 2020 at 02:49AM

भारत, अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश इस वक्त कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे हैं। ऐसे में भारतीय मूल के ब्रिटिश डॉक्टर (कार्डियोलॉजिस्ट) ने भारतीयों को तुरंतअल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (पैकेज्ड फूड) छोड़ने की सलाह दी है। उनका दावा है कि कोविड-19 से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण कमजोर खानपान है। कोरोना से मोटे लोगों को ज्यादा खतरा हो सकता है।

डॉ. असीम मल्होत्रामूलरूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। वे ब्रिटेन में नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के फ्रंटलाइन डॉक्टरों में शामिल हैं। इन दिनों कोरोनासे लड़ाई में जीवन शैली बदलने के बारे में जागरुकता फैला रहे हैं। डॉ. असीम ने कहा, ‘‘भारत में जीवनशैली सें जुड़ीं बीमारियांज्यादा हैं। खासकर टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग। ये तीन तरह की बीमारी कोविड-19 के लिए बहुत खतरनाक हैं और ये बीमारियांज्यादावजन होने से आती हैं।’’

‘‘अमेरिका समेत यूरोप के देशों में कोरोना से ज्यादा मौतें हुई हैं। इसका एक कारण यह भी है कि यहां जीवनशैली स्वस्थ रखने वाली नहींहै। इसे जानते सब हैं, लेकिन कहना कोई नहीं चाहता है। ब्रिटेन और अमेरिका में 60 प्रतिशत से अधिक वयस्क लोग ज्यादावजन वाले हैं।अमेरिका में 8 में से एक ही आदमी मेटाबॉलिकली स्वस्थ होता है। इसका मतलब यह है कि उसका बल्ड प्रेशर सामान्य है और वजन भी उचित है। केवल खानपान सुधारकर कुछ हफ्तों में ही मेटबॉलिज्म सही कर सकते हैं।’’

टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों को 10 गुना ज्यादा खतरा
साइंस जर्नल ‘नेचर’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तिकेकोरोना संक्रमित होने से मौत का खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। डॉ. असीम ने चेतावनी दी है कि टाइप-2 डायबिटीज के लिए दी जाने वाली दवाएं जीवनकाल बढ़ाने और मौत के जोखिम को कम करने में बहुत कम फायदा पहुंचाती हैं। इनका साइड इफेक्ट भी होता है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मेरे कहने का ये मतलब नहीं है कि दवा लेनी बंद कर दी जानी चाहिए, लेकिन जीवन शैली में बदलाव कर स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है।

भारतीय लोग ऐसा भोजन तुरंत छोड़ दें
डॉ. असीम ने अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स (पैकेज्ड फूड) को छोड़ने के लिए कहा है। इस तरह के फूड में सुगर, स्टार्च, खराब ऑयल और फूड को सुरक्षित बनाए रखने के लिए डाले गए केमिकल से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ब्रिटेन में खाद्य पदार्थों का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा पैकेज्ड फूड ही है। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय लोगों को सलाह देना चाहता हूं कि तुरंत ही इस तरह के खाने को छोड़ देना चाहिए।

कार्बोहाइड्रेड का ज्यादा सेवन भी खतरनाक
डॉ. असीम ने कहा कि भारत के खानपान में कार्बोहाइड्रेट का बहुत ज्यादा सेवन होता है। कार्बोहाइड्रेट के ज्यादा सेवन से ग्लूकोज और इंसुलिन बढ़ता है,जिससेब्लड प्रेशर, टाइप-2 डायबिटीज और दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता है। गेहूं और चावल के आटे में भी बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट होता है।



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डॉ. असीम मल्होत्रा ने बताया कि अमेरिका और यूरोपीय देशों में पैकेज्ड फूड की वजह से ही 60 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क लोग अधिक वजन वाले हैं।

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