Sunday, May 17, 2020

भारत समेत 62 देशों ने काेरोना पर निष्पक्ष जांच की मांग की, वर्ल्ड हेल्थ एसेम्बली की 73 वीं बैठक में प्रस्ताव पेश किया जाएगा May 17, 2020 at 05:04PM

ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन यूनियन (ईयू) कोरोना ने महामारी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के जवाब की निष्पक्ष जांच की मांग की है। भारत समेत 62 देशों ने इसका समर्थन किया है। वर्ल्ड हेल्थ एसेम्बलीकी73 वीं बैठक में इससे जुड़ा एक प्रस्ताव रखा जाएगा। यह बैठक आज से शुरू होगी। प्रस्ताव में कोरोना को रोकने के लिए किए गए डब्ल्यूएचओ के कामों और इसके लिए तय की गई समय सीमा की भी जांच करने की मांग की गई है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि जांच में सदस्य देशों को शामिल किया जाए। इन देशों कीसलाह से जांच के लिए मौजूदा प्रणाली के साथ एक चरणबद्ध प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। महामारी से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए गए काम सेक्या अनुभव हासिल हुए इसकी समीक्षा की जानी चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया डब्ल्यूएचओ के कामों की जांच मांग करने वाला पहला देश

ऑस्ट्रेलिया पहला ऐसा देश है जिसने यह जांच करने की मांग की थी कि कोरोना दुनिया भर में कैसे फैला। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मैरिसे पेन ने पिछले महीने की यह मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि महामारी फैलने की जांच से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अगली महामारी को बेहतर ढंग से रोकने और अपने लोगों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। मुझे लगता है कि डब्ल्यूएचओ को कोरोना फैलने की जांच की इजाजत देना शिकारी को शिकार की रखवाली सौंपने जैसा लगता है।

किन देशों ने किया प्रस्ताव का समर्थन
यूरोपियन यूनियन के समर्थन के साथ पेश किए गए जांच प्रस्ताव का समर्थन करने वाले प्रमुख देशों में जापान, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, ब्राजील और कनाडा शामिल हैं। वर्ल्ड हेल्थ एसेम्बली की बैठक इस बार कोरोना को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। भारत की ओर से इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धधन शामिल होंगे। इस बैठक के दो दिन बाद ही 22 मई काे डब्ल्यूएचओ के एक्सक्यूटिव बोर्ड की बैठक होगी।



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चेन्नई से असम के नौगांव पहुंचने पर एक युवक का स्वैब लेते स्वास्थ्य कर्मी। भारत कोरोना पर डब्ल्यूएचओ के दिशा निर्देशों का पालन कर रहा है। हालांकि, वर्ल्ड हेल्थ एसेम्बली की बैठक से से पहले इसने कोरोना पर डब्ल्यूएचओ की ओर से किए गए कामों की जांच की मांग करने वाले प्रस्ताव का समर्थन किया है।

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