Thursday, March 12, 2020

डिप्रेशन-चिंता वाली महिलाओं के बच्चों पर भी असर संभव, आ सकती है मदद न करने और खुद को कम आंकने की भावना March 12, 2020 at 12:44PM

न्यूयॉर्क.भले ही वह कहती नहीं, यहां तक ​​कि अपनी चिंताओं को भी नहीं जताती, लेकिन मुझे पता है कि मेरी मां मेरी गलतियों की वजह से दु:खी, निराश या डिप्रेशन में हैं। जो बच्चे अपनी मां की मानसिक स्थिति को लेकर इस तरह के विचार रखते हैं या ऐसा महसूस करते हैं, वो खुद भविष्य में डिप्रेशन या चिंता का शिकार हो सकते हैं। यहां तक कि उनमें दूसरों की मदद न करने, असफलता और खुद को दूसरों से कम आंकने की भावना भी पनप सकती है। यह खुलासा न्यूयॉर्क की सदर्न मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की रिसर्च में हुआ है। इसे फैमिली साइकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

बच्चे नकारात्मक विचारों की तरफ चले जाते हैं

रिसर्च की लीड ऑथर और एसएमयू में साइकोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. क्रिस्टिना कोरोस कहती हैं- जो बच्चे इस दोष को अपने ऊपर लेते हैं, वे नकारात्मक विचारों की तरफ चले जाते हैं। ऐसे में उन्हें पॉजीटिव उपचारों और दखल से फायदा पहुंचाया जा सकता है। हालांकि डिप्रेशन के उच्च स्तर वाली माताओं को इस जोखिम का सामना करना पड़ सकता है कि उनके बच्चे भी भविष्य में डिप्रेशन और चिंता का शिकार हो सकते हैं। रिसर्च के दौरान माताओं से भी यह आकलन करने के लिए भी कहा गया कि क्या उन्होंने अपने बच्चों में निराशा और घबराहट के लक्षण महसूस किए हैं। ज्यादातर महिलाओं ने हां में जवाब दिया। वहीं बच्चों को चार छोटे-छोटे सर्वे पूरा करने के लिए कहा गया।

विफलता और खुद को दूसरों से कम आंकने की भावना बढ़ना

डॉ. कोरोस कहती हैं- यदि बच्चे अपनी माताओं के संकेतों को समझकर व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह महसूस करते हैं, तो वे अपनी मां की स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास कर सकते हैं। भले ही प्रयास कोई तय तरीकों से न किए गए हो। लेकिन दूसरी तरफ बच्चे में असहयोग, विफलता और खुद को दूसरों से कम आंकने की भावना भी आ सकती है।

20-20 सवाल पूछे, 88% महिलाओं में मिले डिप्रेशन के लक्षण

रिसर्च के दौरान 13 साल से कम उम्र के बच्चों और महिलाओं से करीब 20-20 सवाल पूछे गए। इनके जो जवाब मिले उसके विश्लेषण के बाद करीब 88% महिलाओं में डिप्रेशन और चिंता के लक्षण पाए गए। इनमें से करीब 12% महिलाओं में तो डिप्रेशन काफी बड़े स्तर पर देखने को मिला। उनसे पूछे गए चुनिंदा सवाल ये थे - काम करने में मन नहीं लगता। अपनी सभी इच्छाओं को त्याग दिया है। किसी भी विशिष्ट काम को करने की इच्छा खत्म हो गई है। उनसे सिर्फ हां या ना में जवाब देने के लिए कहा गया था।



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प्रतीकात्मक फोटो।

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